Ego
let the ego go….
कुछ लोगो मे इतना “इगो” भरा होता है कि बस ..!!! अरे!! क्या हो गया अगर बच्चे से या अपने से छोटे से कुछ सीखना पड रहा है! मेरी सहेली मणि को अपने नए मोबाईल के काफी फीचर इस्तेमाल करने नही आते थे तो उसने अपने बेटे से सीखने शुरु कर दिए हालाकि बहुत डांट भी पडी अपने बच्चे से कि क्या आपको एक बार मे समझ नही आता पर वो मैदान मे डटी रही और आज उसे बार बार किसी से पूछ्ने नही जाना पडता.ठाठ से इसे इस्तेमाल करती है अब.
वही एक महाशय है उन्होने बैंक की नौकरी इसलिए छोड दी कि बैंक मे कम्प्यूटर का इस्तेमाल करना जरुरी हो गया था. बहुत सीनियर पोस्ट पर थे इसलिए एक इगो थी कि कैसे सीख ले अपने से छोटो से कि क्या समझेगे वो कि उन्हे ये भी नही आता !!! बस छोड दी नौकरी. मेरे विचार से नए जमाने से कदम ताल मिलाना है तो अपने “अहम” को छोडना ही होगा… इन बातो मे कुछ नही रखा…
वैसे आप तो ऐसे बिल्कुल नही होंगें … अगर हैं तो … !!!!
Ego
let the ego go..