Take Care
अभी कुछ देर पहले मणि मेरे घर खीर ले कर आई … अरे वाह खीर !!!! किस खुशी में … वो बोली कि जब पिछ्ले दिनों वो छुट्टियों में बाहर चले गए थे तो पौधे सूख गए थे. एक को तो बचा नही पाई थी पर एक पौधे को उसने बचा लिया. उसकी खूब देखभाल की सुबह दोपहर शाम पानी दिया और आज सुबह उसमे फूल खिला है. उसी खुशी में खीर … मैने उसकी आखों मे झिलमिलाती खुशी देखी.
सच, हम अक्सर पौधो के मामले मे सुस्त हो जाते हैं अगर उन्हे लगाया है तो पानी देना तपती गर्मी से बचाना भी हमारा ही फर्ज है. घर की सुंदरता बढाने के साथ साथ वो हमारे अच्छे दोस्त भी है. अगर आप भी बचा सकते हैं तो किसी को मुरझाने से बचा लिजिए… Take Care of plants …
पर्यावरण को सुरक्षित रखने के बहुत लोग अपने अपने तरीके से संदेश देते हैं … कोई टीवी पर, कोई नाटिका के माध्यम से तो कोई गीत गाकर तो कोई समाचार पत्र मे माध्यम से जनता को प्रेरित करते हैं …
दैनिक भास्कर ने भी एक अभियान छेडा
बरसात के इस मौसम में अपने नाम का पौधा लगाएं।
औषधीय पौधा लगाएंगे तो और भी उत्तम होगा।
एक पौधा हमारे लिए माध्यम बनेगा, अपने बचपन को फिर से जीने का।
मा नसून ने दस्तक दे दी है। फिलहाल इसने तेजी नहीं पकड़ी है। मगर पूरी उम्मीद है कि कुछ देर से ही सही, घटाएं जमकर बरसेंगी।
हर वर्ष की तरह, इस बार भी दैनिक भास्कर समूह अपने करोड़ों पाठक परिवारों के साथ मिलकर आज से पौधरोपण अभियान की शुरुआत कर रहा है। यही तो सही समय है, जब हमारे द्वारा लगाए गए पौधे धरती की गोद में आसानी से पल-बढ़ सकते हैं।
आइए, आज हम एक नई परंपरा की शुरुआत भी करते हैं। बरसात के इस मौसम में हम अपने नाम का एक पौधा लगाते हैं। और फिर उसकी देखभाल उतने ही प्यार से करें, जैसी हमारे बड़े हमारी करते थे। यकीन मानिए, जब हम रोज सुबह अपने नाम के इस पौधे को देखेंगे तो हमारे चेहरे पर कुछ वैसी ही मासूम मुस्कुराहट होगी, जैसी बचपन में हुआ करती थी। वह पौधा हमारे लिए माध्यम बनेगा, अपने बचपन को फिर से जीने का।
ऐसा हम अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए करें। परिवार का प्रत्येक सदस्य अपने नाम का एक पौधा लगाए। यदि भास्कर के करोड़ों पाठक अपने नाम का एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल करें, तो हम पर्यावरण को हराभरा करेंगे ही, आने वाली पीढ़ियों को अपने नाम की अनमोल विरासत भी देंगे।
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