नाजुक है रिश्ता
चार महीने पहले एक जानकार की शादी हुई थी. तब किसी कारण से जा नही पाए. कल पता लगा कि वो अपने घर आई हुई है तो सोचा कि आज मिल ही आती हूं. मणि को फोन कर ही रही थी कि साथ चलते हैं इतने में वो घर ही आ गई.. जब मैने उससे कहा तो वो बोली कि नही जाना उनके घर क्योकि वो लड कर आ गई है और सुनने मे यही आया है कि वो कभी वापिस नही जाएगी अब !! अरे !! मैने कहा ये क्या बात हुई .. !! अभी समय ही कितना हुआ है शादी को और इतनी जल्दी ऐसा निर्णय लेना !!! मुझे याद है कि शायद शहर की सबसे महंगी शादी थी वो … और दहेज का तो पूछो ही मत ऐसे में झगड कर घर वापिस आ जाना ???
फिर मेरी और मणि की इसी विषय पर बात हुई कि आखिर इतनी जल्दी क्यो अलगाव की नौबत आ रही है.. मणि का कहना था कि जो लडकी आज खुद कमाती है आत्मनिर्भर है शायद इसलिए वो दब कर नही रहना चाह्ती या अगर बात दब कर रहने की ना भी हो बराबरी की हो और शायद हमारा पुरुष समाज स्वीकार नही कर पा रहा हो या शायद दोनों की ईगो का टकराव हो या पैसा हो या … हमारी बहस अभी भी जारी है शायद आप कोई कारण बता सकें कि क्यो हो रहे हैं विवाह के तुरंत बाद अलगाव… ??