बीफ
बीफ
जिस तरह से बीफ की खबर ब्रीफ में दिखाई जा रही है … दिल बैठा जा रहा है. चाहे न्यूज चैनल हो या नेता सब अपनी अपनी टीआरअपी बढाने में जुटे है और बेचारी गौ माता पूरी तरह से घबराई हुई है …
ABP News
सवाल उठता है कि क्या बीफ और गौ मांस एक ही शब्द है या फिर इसके जो मायने लगाये जा रहे हैं वो गलत हैं. अगर ठेठ अंग्रेजी संदर्भ में देखें, तो कैंब्रिज डिक्शनरी के मुताबिक बीफ का मतलब होता है मवेशी यानी गाय का मांस. वैसे भी अगर वैश्विक संदर्भ में देखें, तो बीफ को गाय, बैल, सांढ़, बछड़े या बछिया के मांस को परिभाषित करने के लिए ही उपयोग में लाया जाता है. ऐसे में भारत से बड़े पैमाने पर बीफ का निर्यात कैसे होता है, जिसका हवाला दे रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और इसी बहाने हमला कर रहे हैं केंद्र की सरकार पर और उसके अगुआ मोदी पर, ये याद दिलाते हुए कि लोकसभा चुनावों के पहले मोदी खुद पिंक रिवोल्यूशन के नाम पर यूपीए की तत्कालीन सरकार पर हमला बोल चुके हैं.
दरअसल जब भारत में हम बीफ शब्द का इस्तेमाल करते हैं और खास तौर पर निर्यात के संदर्भ में, तो इसका मतलब गाय, बैल, सांढ, बछिया या बछड़े के मांस के निर्यात से नहीं होता, बल्कि इसका अर्थ होता है भैंस के निर्यात से. इस तथ्य की तरफ इशारा खुद केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस कर किया. सीतारामन के मुताबिक, भारत से गाय, बैल, सांढ, बछिया या बछड़े के मांस का निर्यात नहीं होता, बल्कि भैंस के मांस का निर्यात होता है. इसी भैंस के निर्यात को आम आदमी तो ठीक, खुद मीडिया भी बीफ एक्सपोर्ट कह देता है, जिसका अर्थ ये लगा लिया जाता है कि भारत से गौ मांस का निर्यात होता है. अगर हम विविध राज्यों के कानूनों को देखें, तो कुछ राज्यों को छोड़कर ज्यादातर राज्यों में गौ हत्या पर प्रतिबंध है. ऐसे में भला गौ मांस का निर्यात कैसे हो सकता है. यहां तक कि भैंसों के मांस का जो निर्यात होता है, उसमें उनकी हड्डियां तक नहीं होती हैं, सिर्फ और सिर्फ बोनलेस भैंस मांस का निर्यात होता है. Read more…