अच्छी सेहत के लिए क्या करें- मन में बहुत बार प्रश्न उठता है तो इसका सीधा सा जवाब है कि उपवास करें . उपवास हौव्वा नही उपवास का महत्व बहुत है. उपवास करने से शरीर में पैदा हुई टॉक्सिन, पसीने आदि के रूप में बाहर निकल जाती हैंं और भीतर की सफई हो जाती है.
अच्छी सेहत के लिए क्या करें – उपवास का महत्व
अच्छी सेहत के लिए क्या करें और अगर हमें कोई उपवास रखने को कहे तो सब से पहले हमारे मन मे कुछ बातें आती हैं जैसा कि हाय राम मर गए … कुछ नही खाना … कैसे होगा … उपवास को तनाव बना लेते हैं कैसे जीएगें जैसा कि करवा चौथ का व्रत है कुछ लोग जहां निर्जला रहना तनाव समझते हैं जबकि कुछ परिवार ऐसे भी हैं जंहा पत्नी को देख कर पति भी व्रत रखते हैं और पत्नी की तरह ही निर्जल रहते हैं. … कुछ लोग उपवास एक एक दिन पूर्व खूब खाते हैं भर पेट नही बल्कि ओवर ईटिंग ही कर लेते हैं कि अगले दिन खाने को कुछ नही मिलेगा जबकि ये सोच भी सही नही है.
क्या है उपवास -उपवास का अर्थ
भोजन के बिना कुछ समय तक रहना उपवास कहलाता है. उपवास यानि व्रत पूर्ण या आंशिक हो सकता है और तरह-तरह का हो सकता है. यह बहुत छोटी अवधि से लेकर महीनों तक का हो सकता है। इस के बहुत रूप हैं। हमारे देश में त्योहारों के चलते भी ढेरों उपवास रखे जाते हैं
जैसाकि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर उपवास धार्मिक होता है करवा चौथ हो या अहोई अष्टमी, एकादशी, हो या संक्रांति ऐसे ही पर्वों के दिनों पर भी किया जाता है.
उपवास भी बहुत तरह से होता है. कुछ निर्जल उपवास होते हैं। इनमें दिनभर कुछ खाया पिया नही जाता अगर हम उपवास का अर्थ खाने पर कंट्रोल समझते हैं तो ये सही नही है… !!
आजकल राजनीतिक उपवास भी किए जाते हैं जिन्हें “अनशन” कहते हैं।
पर आज हम अनशन रुपी उपवास की बात नही करेंगें बल्कि उपवास की बात करेंगें जोकि शरीर के लिए बेहद लाभकारी है ..
उपवास का महत्व क्या है
उपवास से तन , मन और चेतन के सभी दोष व विकार दूर होकर सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त होता है.
उपवास रखने से शरीर में रोग विरोधी ताकत बढ़ती है। मांसपेशियों, मस्तिष्क, जननेन्द्रिय आदि को अतिरिक्त ऊर्जा प्राप्त होती है। विचारों में भी शुद्धता आती है। स्मरण शक्ति बढ़ती है। शरीर में स्फूर्ति आने पर कार्य करने की क्षमता बढ़ती है।
उपवास में कुछ दिनों तक शारीरिक क्रियाएं संचित कार्बोहाइड्रेट पर, फिर विशेष संचित वसा पर और अंत में शरीर के प्रोटीन पर निर्भर रहती हैं।
कई बार हम खुशी से व्रत नही रखते अगर उपवास रखें खुशी खुशी रखें जोर जबरदस्ती से किया गया उपवास फल नही देता … वही कई बार हम उपवास रखने बाद उसे खोलते हैं तो भरपेट बेहतर खा लेते है ये भी सही नही है उपवास खोलने के बाद कुछ भी खाए पर कम कम और धीरे धीरे अन्यथा पेट में गैस बनने व अन्य दिक्कतें हो सकती हैं.
ये बात भी प्रमाणित हो चुकी है कि जो लोग सप्ताह में एक बार उपवास रखते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा बढ जाती है.. शरीर की एक तरह से सफाई भी हो जाती है… इतना ही नही बीमार होने के बाद उपवास को सबसे अच्छा इलाज माना गया है।
आयुर्वेद में बीमारी को दूर करने के लिए शरीर के विषैले तत्वों को दूर करने की बात की जाती है और ये उपवास करने से इन्हें शरीर से निकाले जा सकते हैं इसीलिए ‘लंघन्म सर्वोत्तम औषधं’ यानी उपवास को सर्वश्रेष्ठ औषधि माना जाता है.
तो हैं आप तैयार उपवास रखने के लिए…
जहां व्रत रखने वाला व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण रखना सीख जाता है वही दूसरी और बहुत सारी बीमारियां मात्र उपवास से ही ठीक हो जाती है…
व्रत रखने से आत्मशक्ति और आत्मविश्वास को बल मिलता है और जीवन के प्रति हमारा दृष्टिकोण सकारात्मक हो जाता है.
व्यर्थ के वाद-विवाद और झगड़ों से बचा जा सकता है
वजन तो कम होता ही है यानि शरीर की चर्बी तो कम होती ही है वही दूसरी ओर त्वचा भी चमकदार हो जाती है…
अच्छी सेहत के लिए क्या करें आपको कैसा लगा … जरुर बताईएगा ??
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नीरज पारीक says
धन्यवाद ।।