प्रेरक प्रसंग – प्रेरक प्रसंग हो या कहानियां हमेशा हमें प्रेरित करतीं हैंं और हम इन्हें पढ कर बहुत कुछ सीख पाते हैं कई बार वो समाज के लिए आईने का भी काम करती हैं इसलिए ऐसे सकारात्मक प्रेरक प्रंसग पढते रहना चाहिए..
प्रेरक प्रसंग – प्रेरक लघु कहानियां
एक आदमी ने अपनी पत्नी के मरने के बाद दूसरी शादी की और अपने पांच साल के बेटे से पूछा कि उसे अपनी नई माँ कैसी लगी। इस पर बेटा मासूमियत से बोला कि मेरी पहली माँ झूठी थी, पर नई माँ सच्ची हैं।
इस पर पिता हैरान हुए और पूछा कि वो ऐसे कैसे कह सकता है। इस पर बेटा बोला जब मैं शरारत करता था, तो पहले वाली माँ नाराज होकर कहती थी कि ठहर जा तू, मैं तुझे खाना ही नही दूंगी, पर थोड़ी ही देर में लाड़-प्यार कर और पुचकार गोद में बैठा कर खाना खिला देती थी;
नई माँ भी कई बार नाराज होकर कहती है कि तुझे खाना नहीं दूंगी, पर वो सच्ची है। वो वाकई में खाना नहीं देती, आज दो दिन हो गए मुझे खाना खाए हुए।
प्रेरक प्रसंग – प्रेरक लघु कहानियां
एक स्कूल मे सांस्कृतिक कार्यक्रम होना था. एक बच्चे का बहुत मन था कि वो भी उसमे हिस्सा ले.
उसकी मम्मी भी चाह्ती थी . टीचर ने बच्चो को ओडिशन के लिए बुलाया.
बच्चे ज्यादा थे और कार्यक्रम कम थे
खैर, वह दिन भी आ गया.
सभी बच्चे अपने अभिभावकों के साथ पहुंचे. एक बंद हॉल में टीचर बच्चों का आडिशन ले रहे थे. बाहर बैठे माता पिता परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे थे.
थोडी देर बाद बच्चे कुछ बच्चे चहकते हुए और बाक़ी चेहरा लटकाए हुए, बाहर आए. वो बच्चा दौड़ता खुश होता हुआ अपनी मां के पास आया. मां बच्चे को देख कर खुश हुई और सोचा कि बच्चा खुश बाहर आया है जरुर वो भी किसी मे हिस्सा ले रहा होगा.
तभी बच्चा बोला ‘जानती हो मां, क्या हुआ?’ मां ने चेहरे पर अनजानेपन के भाव बनाए और उसी मासूमियत से बोली, ‘नही , पता नही आप बताओ क्या हुआ???
बच्चा उत्साह से बोला, ‘टीचर ने सभी से अभिनय कराया. वो जो रोल चाहता था, वह तो किसी और बच्चे को मिल गया. लेकिन जानती हो, उसकी भूमिका तो नाटक के किरदारों से भी बड़ी मजेदार है।’
मां को बड़ा आश्चर्य हआ कि ऐसा क्या रोल मिला है । बच्चा बेहद उत्साहित होकर बोला, ‘अब मैं ताली बजाने और साथियों का उत्साह बढ़ाने का काम करूंगा”
प्रेरक प्रसंग हमेशा प्रेरित ही करते हैं 🙂
असफलता एक चुनौती – Monica Gupta
‘मंजिल मिले ना मिले, ये तो मुकदर की बात है हम कोशिश भी ना करे ये तो गलत बात है.. 🙂 ” असफलता एक चुनौती है. सहजता और मजबूत इरादों से हमें इस चुनौती का डट कर मुकाबला करना चाहिए . पहले परीक्षा और अब नतीजों का महीना आया. बहुत छात्र पास हुए बहुत अच्छे अंक से पास हुए तो वही बहुत छात्र फेल भी हुए. सफलता और असफलता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जहां सफलता हमें बहुत कुछ सीखा जाती हैं वही असफलता भी हमे उससे भी कही ज्यादा सीखा कर जाती है बशर्ते हम दिल छोटा न करे और अपनी सोच नकारात्मक न रखें. एकाग्रता बढाए और सबसे ज्यादा जरुरी समय के मह्त्व को समझना है. कार्य करते रहें और जी जान से करते रहें. हाल ही मैं मैने अपनी बात आप तक रखने के लिए नेट पर बहुत सर्च किया और ऐसी ऐसी बाते पता चली जो आपका मनोबल बढाएगी आप खुद भी मान जाएगें कि फिर हम क्यो नही … कम भी किसी से कम नही असफलता एक चुनौती – Monica Gupta
सुविचार – Monica Gupta
सुविचार पता है !!!! जिंदगी मे दो चीजो को handle करना बहुत मुश्किल है सफलता और असफलता को !!! read more at monicagupta.info
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