( गूगल से साभार तस्वीर )
अरविंद जी की सफाई
आंख उठा कर भी न देखू जिससे मेरा दिल न मिले ,रस्मी तौर पर हाथ मिलाना मेरे बस की बात नही …
आज जब केजरीवाल जी की नीतीश जी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान लालू जी से मिलन के बारे में सफाई आई तो बस यही बात मन में आई कि केजरीवाल जी ये हम सभी ने देखा कि पहल लालू जी ने ही की थी पर … पर … पर आपको विरोध करना चाहिए था आपने विरोध क्यों नही किया …!! देखिए दो बातें हो सकती थी या तो आप कार्यक्रम में जाते ही नही…. और अगर जाते तो दूरी बना कर रखते पर आप गए भी और भाई चारा_गी से खुद को रोक नही पाए या लालू जी नही रोक पाए और जबरदस्ती कर ली .. बहुत लोगों के दिल टूटे. जिनका मेरी तरह रहा सहा विश्वास बचा हुआ था वो भी अब डगमगा गया है क्योकि आम आदमी पार्टी पार्टी जिस लक्ष्य को लेकर सिर उठा कर चली थी अब वही सिर उठ नही रहा और अन्य पार्टियों के इस प्रश्न का सामना करने में असमर्थ हैं. कितनी लडाई करे और किस किस से लडाई करें कि अरविंद जी ने सही किया गले मिलकर … इसलिए अब यही बोलना पडता है कि हम कभी आम आदमी पार्टी में “थे” अब तो यही सोच है कि कोई सोच नही है बस दुख है और सिर्फ दुख है.
अब आप कुछ भी कहिए कोई भी सफाई दीजिए या ना दीजिए कोई फर्क नही पडता… क्योकि हमारी सोच तो कुछ इस तरह की है कि” आंख उठा कर भी न देखू जिससे मेरा दिल न मिले रस्मी तौर पर हाथ मिलाना मेरे बस की बात नही”
Leave a Reply