एकादशी का व्रत , छ्बीलें और हमारी मानसिकता
आज एकादशी है और बाजार में खूब छ्बीलें लगी हुई हैं भाग भाग कर लोगो को पानी पिलाया जा रहा है बहुत अच्छी बात है पर जिस तरह से झूठे गिलास सडक पर बिखरे पडे थे … अच्छा नही लगा … अरे भई पानी पिलाओ पर सडक के बीचों बीच खडे होकर जबरदस्ती से पानी पिलाना … कार रोक रोक कर पानी पिलाना … और भी कोई सफाई का ख्याल नही … चाहे शर्बत हो या ठंडाई सब पी कर गिलास सडक पर फेंक कर चलते बनते हैं …
पानी पिलाना वाकई में पुण्य का काम है पर सफाई से तो पिलाओ … सिर्फ अपनी खबर मीडिया में देने के लिए उतावले हुए जाना भी सही नही है छबील का पानी खत्म होते ही सब अपने अपने रास्ते … और रह जाते हैं जगह जगह पडे गिलास कुछ दिन तक सडक की शोभा बढाएगें..
ये कैसी मानसिकता है क्या गंदगी फैला कर हम धर्म कर्म को सार्थक बना सकते हैं.
how to do nirjala ekadashi vrat 2016
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी (16 जून 2016- गुरुवार ) निर्जला एकादशी के रूप में मनाई जाती है। इस दिन श्रद्धालु भीषण गर्मी में बिना जल ग्रहण किए व्रत करेंगे।
निर्जला एकादशी का व्रत करने के लिये दशमी तिथि से ही व्रत के नियमों का पालन आरंभ हो जाता है। इस एकादशी में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इस दिन गौ दान करने का भी विशेष महत्व होता है। read more at patrika.com
(तस्वीर गूगल से साभार )
इतना ही नही कई बार कुछ कुछ लोग प्रशाद भी बांटते हैं और कई बार देखा है कि प्रशाद भी सडक पर गिरा होता है काला चना और रोटी लोगो के पैर के नीचे आ रहे होते हैं ..
तीज त्योहार मनाना अच्छा है बहुत अच्छा है पर उसे सफाई से मनाना और भी ज्यादा सुखद है ..
एकादशी का व्रत , छ्बीलें और हमारी मानसिकता पर आपके क्या विचार हैं जरुर बताईएगा ..
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