ऐसा भी होता है
कई बार कुछ ऐसी बात हो जाती है जो भुलाए नही भुलती. हमेशा हमारे दिमाग में ताजा रहती है.
बहुत समय बाद एक व्यक्ति से मिलना हुआ. पहले तो पहचान नही पाई पर जब याद आया तो हम दस मिनट तक हंसते ही रहे… !!! हंसते ही रहे !!! असल में हुआ ये था कि बहुत समय पहले हम किसी शादी में गए थे. वहां बहुत रश था. खाना बहुत देर से सर्व हुआ इस करके वहां बहुत भीड थी…
किसी तरह मैं भी टेबल तक पहुंची तो प्लेट खत्म हो चुकी थी इसलिए एक तरफ किनारे पर खडी प्लेट की इंतजार कर ही रही थी तभी देखा एक व्यक्ति ने प्लेट में तो खाना डाल लिया पर चमच्च नही मिला. काफी देर इधर उधर देखने के बाद उन्होने सब्जी में रखा बडा चमच्च( करछा) (सर्विंग स्पून) उठा लिया और उसी से दाल खाने लगे क्योकि मैं वही खडी थी और पहले तो बहुत कंट्रोल किया कि हंसी न आए पर हंसी छूट ही गई. जिस तरह से वो इतने बडे चमच्च से दाल खा रहे थे … ह हा हा !!!
वो भी समझ गए पर अपनी मजबूरी इशारे से बताई और खाने में जुटे रहे तभी और प्लेट भी आ गई और मैं भी खाना डालने लगी. अब जब दाल ले पास पहुंची तो उसका चमच्च नही था … !!!वो व्यक्ति जो खाना खा चुके थे उन्होने मेरी दिक्कत समझी और खुद खाना खाकर मुझे चमच्च देने के लिए पूछा पर मैने मुस्कुरा कर मना कर दिया … आज इतने समय बाद, आज वही चमच्च वाले जानकार मिले और बीती बातें ताजा हो गईं …!!! वो समय वो अंजाने थे पर अब मैं उनका अनुभव जानना चाह रही थी कि इतने बडे चमच्च से खाना खाया कैसे ??
मुझे लगता है कि ऐसी मजेदार बातें हम सभी के साथ होती है इसलिए अगर आप भी अपनी बातें शेयर करेंगें तो बहुत अच्छा लगेगा …
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