गुस्सा अच्छा है
पता नही अकसर लोग कहते मिलते जाते हैं कि गुस्सा नही करना चाहिए. गुस्सा सेहत के लिए अच्छा नही होता वगैरहा वगैरहा. पर गुस्सा तो अच्छा है. सच में, बहुत अच्छा है.
अब घर की ही बात करें तो घर पर कई बार आपको लगता होगा कि आज चपाती बहुत मुलायम बनी है जोकि अकसर नही बनती है या आज कपडे बहुत साफ धुले है जोकि अक्सर साफ नही धुलते.ये सब गुस्से की ही महिमा है कि गुस्सा आटा गूंथते समय या कपडे धोते समय निकाला जाता है और नतीजा हमारे सामने होता है.
गुस्सा करने से सेहत अच्छी रहती है वो इसलिए कि जब हमे बहुत ज्यादा गुस्सा आता है तब खाना खाने का मन नही करता.मुहँ फुला कर चुपचाप लेट जाते है.एक तरह से उपवास ही हो जाता है. हाँ, पानी जरुर ज्यादा पी लेते है. भई, किसी तरह पेट तो भरना ही है ना.
एक बात और कि शांति बहुत हो जाती हैं.सास बहू या पति पत्नी सब चुप हो जाते है. यहाँ तक की टीवी भी बंद कर दिया जाता है नाराजगी दिखाने के लिए गुस्से में.
नाखूनो की कटाई हो जाती है क्योकि गुस्से मे हम अपने नाखूनो को चबाने लगते है.
हाँ, गुस्से मे भगवान का नाम बहुत लिया जाता है कि भगवान के नाम पर अब बस चुप करो . ओम शांति.गुस्सा जाने के बाद खुद पर हंसी बहुत आती है वो भी अच्छी बात है. सबसे बडी बात जब तक आग हमारे सीने मे नही होगी हम जीत नही पाएगे. अगर किसी ने चैंलज कर दिया को तुम डाक्टर या पत्रकार किसी कीमत पर नही बन सकते. बस यही बात एक आग बन जाती है और गुस्से मे ही सही हम वो बन कर दिखाते है.. अब आप को गुस्सा आ रहा है कि लेख अच्छा नही लगा तो आप इस पर कमेंट लिखेग़ें फिर मैं उसका जवाब दूंगी फिर आप दुबारा लिखेगें इसी बहाने आपका लेखन भी सुधर जाएगा और आप टवीटर या फेसबुक पर लिख कर जाने माने कमेंटेटर बन सकते हैं …तो सोचना क्या गुस्सा अच्छा है ना…
कैसा लगा आपको ये गुस्सा … मेरा मतलब ये लेख … जरुर बताईगा 🙂 और अगर इसी को लेकर आपके अपने अनुभव हो जो हमसे सांझा करना चाहे तो भी आपका स्वागत है …