छोटा बच्चा , परवरिश और मां की भूमिका
बच्चा घर में नई खुशियां और नई रौनक लेकर आता है पर आज की भागती दौडती जिंदगी में जहां एकल परिवार होने लगे हैं मम्मी का दायित्व और भी ज्यादा बढ गया है और उसे देना पडता है पूरा समय अपने बच्चे को…. ऐसे में बच्चे के साथ साथ अपनी देखभाल भी कैसे करे और क्या क्या दिक्कतें आती हैं …इसी पर है ये लेख…
मेरी एक परिचित को बहुत समय से देखा नही था तो सोचा कि उसके घर जाकर मिल आती हूं उसके दस महीने का बेबी है. घर गई तो वो उसके कपडे धो रही थी. जितनी वो अस्त व्यस्त थी उतना ही उसका घर भी फैला हुआ था.
अपने फैले हुए कमरें की ओर देख कर बोली कि बेटा सारा दिन काम में ही लगाए रखता है समय ही नही मिलता. जब सोता है तभी फटाफट काम निबटाती हूं अचानक बेबी के रोने की आवाज आई और वो फिर उसके साथ जुट गई.
कच्ची नींद में उठा था तो थपकी देने पर वो सो गया पर मेरी परिचित रो पडी. बोली दीदी क्या करुं.
सारी सोशल लाईफ, दोस्त, सहेलियां सब खत्म हो गए. मानो मेरी पहचान ही नही रही. बच्चे की वजह से आना जाना सब बंद सा हो गया. पहले का समय कितना अच्छा था नौकरी करती थी तैयार हो कर घर से निकलती. फिल्म जाती. खूब घूमती, कभी डिनर, कभी हिल स्टेशन, अब बस घर, घर और घर..कितनी बैडोल भी हो गई हूं पहले वजन कितना कम था अब तो पुराने कोई कपडे नही आते.. अपने साथ वाली सहेलियों को देख कर तनाव हो जाता है कि…
मैने उसे प्यार से समझाया कि ऐसा कुछ नही है.. ऐसे परेशान नही होते.. सबसे पहले तो मां बनना कितने सौभाग्य की बात है. उसके लिए हमेशा भगवान का शुक्रगुजार होना चाहिए और रही बात अपनी तो हम अगर चाहें तो अपने लिए समय जरुर निकाल सकती हैं.
आजकल नेट है ना सभी से जुडे रहने के लिए उसे स्टार्ट करवा लो और जब भी समय मिले उसे देख लिया उसमें ना सिर्फ मनोंरंजन होगा बल्कि बच्चे के बारे में भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा…
परवरिश
और हां, खुद की दूसरों से तुलना करना बंद करो.. बहुत कुछ तुम्हारे पास भी ऐसा है जो उनके पास नही होगा… इसलिए अपने परिवार में मस्त रहो…
अपने लिए समय निकालो बेबी जब सो रहा हो तो योगा कर लिया ताकि ना सिर्फ शरीर फिट रहे बल्कि इससे वजन में भी फर्क पडेगा वैसे डाक्टर ज्यादा बेहतर बता पाएगी कि कौन सा योग बेहतर रहेगा..
मैनें ये भी महसूस किया कि वो सारा काम खुद ही कर रही थी तो मैने उसे कहा कि अगर पूरे दिन के लिए न सही पर एक दो धंटे के लिए भी कोई आया घर पर रखो लोगी तो मदद भी हो जाएगी और अपने खुद के लिए समय निकाल पाओगी
अपने साथ साथ पति का भी ख्याल रखना बहुत जरुरी है. जब ऑफिस से वापिस आएं तो उन्हें भी समय देने की बहुत जरुरत है. ऐसे न हो बच्चे की वजह से तनाव हो लडाई हो…!! उसने माना कि घर पर अक्सर झगडा रहने लगा है पर वो ख्याल रखेगी…
(तस्वीर गूगल से साभार)
मैने समझाया कि अपनी हॉबी पर भी समय देने की जरुरत है …मुझे पता है कि उसे लिखने का बहुत शौक था.. वो बोली ये कहा करने देगा … मैने सुझाया कि बच्चे पर ही डायरी या ब्लॉग लिखना शुरु कर दो. हर महीने क्या क्या बदलाव और क्या क्या सीखता है बच्चा…मैने घडी देखी … अरे बाप रे बहुत देर हो गई.. अब चलती हूं पर घर कब आ रही हो … शायद वो मेरी बात समझ चुकी थी इसलिए मुस्कुराती हुई बोली बहुत जल्दी आऊंगी आपके घर … !!
मैने उसके गाल थपथपाए और घर लौटते हुए यही सोच रही थी कि अगर परेशानी है तो समाधान भी है बस जरुरी है उसे समझने की … और सहन शक्ति रखने की …
कृपया ध्यान दे – बच्चों की परवरिश कैसे करें भी जरुर सुनें
वैसे आप क्या सोच रहे हैं ..
Photo by marina.shakleina
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