पति, पत्नी, एवरेस्ट और चांटा
दिन पहले खबर पढी थी कि पाकिस्तान में काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी सीआईआई ने अपने महिला संरक्षण विधेयक में एक अजीबो-गरीब प्रस्ताव दिया है। यदि पत्नियां अपने पति की अवज्ञा करती हैं तो पाकिस्तानी पति उनकी थोड़ी सी पिटाई कर सकते हैं।
आईआई ने सुझाव दिया है कि अगर महिला हिजाब नहीं पहनती है, तब भी उसकी पिटाई की इजाजत दी जानी चाहिए। इसके अलावा अपरिचितों से लगाव रखने और इतनी ऊंची आवाज में बात करने कि कोई अपरिचित उसे सुन ले तो भी उसकी हल्की पिटाई होनी चाहिए। पत्नी अगर पति से बिना पूछे दूसरों को पैसे देती है तो भी पति को पिटाई की इजाजत मिलनी चाहिए..
पाकिस्तान की संस्था ने महिलाओं की सुरक्षा पर पेश विधेयक में कहा- पत्नी बात नहीं माने तो पीट सकते हैं | Jansatta
मैं सोच ही रही थी कि इस पर अपनी क्या प्रतिक्रिया लिखू तभी एक इस पुरानी खबर पर नजर चली गई और मैं चुप हूं … आप भी पढिए किसलिए !!
कई बार बहुत बाते मिसाल बन जाती हैं एक ऐसी ही मिसाल बने ये हरियाणा के दम्पति …इन्होंने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने में सफलता हासिल की है। ऐसा कारनामा करने वाला यह पहला भारतीय जोड़ा है बात 30मई 2011 की है.
ऐवरेस्ट पर एक हरियाणा के दम्पंति ने परचम लहराया. बहुत खुशी हुई और जान कर हैरानी भी हुई कि पत्नी जोकि कांटेबल है जब चढाई के दौरान वो घबरा गई तो उसने वापिस जाने की जिद ठान ली ऐसे मे उसके पति ने उसे जागरुक करने के लिए एक थप्पड रसीद कर दिया और उसी की बदौलत वो चढी और चोटी पर झंडा फहराया.
बेशक ये थप्पड सफलता का थप्पड साबित हुआ पर जिस तरह से हम पिटाई की निंदा करते हैं क्या इस पिटाई की भी निंदा की जानी चाहिए या तारीफ …
स्कूली दिनो मे भी हमे डंडा या थप्पड मारते टीचर अभी तक याद है.कई बार मार जरुरी हो जाती है पर आजकल समय बदल गया है.अब तो हाथ उठाते ही नौकरी से ही निकाल देते है तो कही कोई एवरेस्ट पर ही जीत हासिल कर लेता है !!!