रक्तदान
एक गाँव में आग लगी. सभी लोग उसको बुझाने में लगे हुए थे. वहीँ एक चिड़िया अपनी चोंच में पानी भरती और आग में डालती. फिर भरती और फिर आग में डालती. एक कौवा डाल पर बैठा उस चिड़िया को देख रहा था. कौवा चिड़िया से बोला, “अरे पागल तू कितनी भी मेहनत कर ले, तेरे बुझाने से ये आग नहीं बुझेगी.” उस पर चिड़िया विनम्रता से बोली,”मुझे पता है मेरे बुझाने से ये आग नहीं बुझेगी. लेकिन जब भी इस आग का ज़िक्र होगा, तो मेरी गिनती कम से कम आग बुझाने वालों में तो होगी ”
अक्सर बहुत लोग हमे भी कहते है कि लोगो मे ‘”रक्तदान” के प्रति जागरुकता न के बराबर है आप कितने भी प्रयास कर लो कोई फायदा नही … मैं उन्हे इसी प्रेरक कहानी का उदाहरण देती हूं… एक उम्मीद, एक विश्वास के साथ कम से कम प्रयास तो कर रहे हैं.
रक्तदान करके किसी की जिंदगी बचाना बहुत पुण्य का काम है. वैसे कुछ अन्य बातो का ख्याल रख कर भी हम रक्तदान अभियान मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. जैसाकि अगर महिलाओ की बात करे तो अक्सर उनका खून कम होता है यानि वो एनीमिक होती है. अगर वो अपने शरीर का अपने खान पान का ख्याल रखें तो उन्हे रक्त की जरुरत ही नही होगी और समस्या भी नही होगी.
वही दूसरी तरफ रक्तदान के बारे मे बहुत भ्रांतियां होती है जो हमे रक्तदान करने से रोकती है अगर उन्हे दूर कर लिया जाए तो हम बजाय रक्तदान न करने के दूसरो को इसके प्रति प्रेरित ही करेंगे.
वही अगर ब्लड बैंक भी अगर लोगो की भावनाओ को समझ कर उनके साथ पूरा सहयोग करे तो भी हम रक्तदान के लिए आगे जरुर आएगें. कुल मिला कर सभी को जागरुक होने की आवश्यकता है!!! पर फिर भी रक्तदान करने वाला हमेशा ही महान था, है और रहेगा इसलिए “जय रक्तदाता” !!
ऐसा भी होता है…..
आज एक मित्र ने बताया कि किसी को एमरजैंसी मे रक्त की जरुरत थी. एक सज्जन को पता चला तो बिना समय व्यर्थ गवाए वो रक्त देने दौडे चले आए. रक्त देने के बाद जब वो बाहर आए तो उस मित्र ने उनकी फोटो खीचने की इच्छा जाहिर की इस पर उन सज्जन ने कहा कि वो जिस मकसद से आए हैं वो पूरा हो गया है और मुस्कुराते बिना फोटो करवाए चले गए.वही एक जानकार तो ऐसे हैं जो रक्तदान करने आए और उस समय कोई फोटोग्राफर नही था तो वो नाराज होकर चले गए.
ऐसे में, निस्वार्थ भावना के बारे मे जान कर बहुत अच्छा लगा अन्यथा आज कल तो चाहे हम कुछ करे या ना करें टीवी पर या अखबार मे आने की होड मे पता नही क्या क्या कर जाते है और जो खबरो की सुर्खियां नही बनता उसे हम कुछ समझते भी नही है जबकि दिखावा सही नही है..!! है ना
किसी ने बहुत सही कहा है कि भले ही मेरे पास डाक्टरी डिग्री नही है पर इंसानियत की डिग्री जरुर है. मैं रक्तदाता हूं. कई बार इस तरह के स्लोगन या पोस्टर कुछ ना कुछ सोचने पर जरुर मजबूर कर देते हैं. बेशक, बहुत लोग ( खासकर महिलाए) रक्तदान नही कर पाती पर अपने भाषण, स्लोगन या पोस्टर के जरिए हम किसी के विचारो को बदल जरुर सकते हैं. रक्तदान करना किसी को नया जीवन देना बहुत भलाई का काम है.
रक्तदान The Top 100 Selfless Selfies!