स्वतंत्रता दिवस 2014
स्वतंत्रता दिवस से पहले एक सहेली का मैसेज आया कि वो मुझे स्वतंत्रता दिवस पर सबसे पहले मुबारक दे रही है. मैं सोचने लगी कि स्वंतंत्र होना बेशक गर्व का विषय है हम भाग्यशाली हैं पर आज के समय को देखते हुए मन भारी सा हो रहा है खासतौर पर हम महिलाओ की सुरक्षा उनकी स्वतंत्रता को तो मानो एक ग्रहण सा लग गया है. पढने और नौकरी करके ह्म जितना खुद को आजाद महसूस करवाना चाह्ती थी उसका उलट ही होता जा रहा है. चारो तरफ बंदिशे लगनी शुरु हो गई.
वही वटस अप पर एक अन्य संदेश आया कि अगर आपको सही मायनों में अपने देश से प्यार है तो राष्ट्रीय ध्वज को अपनी प्रोफाईल पिक्चर बनाओ ?? अरे !!! ये क्या बात हुई !!! क्या वाकई मात्र तस्वीर बदलने से अच्छे दिन आ जाएगें वैसे पिक्चर बदलने की बजाय अगर एक जुट हो कर ठोस कदम उठाए तो शायद वो 15 अगस्त की मह्त्ता को ज्यादा प्रतिबिम्बित करेगा.
Photo by Internet Archive Book Images
इसी बीच नेट पर कुछ खट्टी मीठी खबरे को मिली.
स्वतंत्रता दिवस से जुडी कुछ अजीबो गरीब खबरे : विभिन्न कार्यक्रमो में दो तीन जगह तिरंगा ही उल्टा फहरा दिया गया.
स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष मे बांटे गए लड्डूओ से कानपुर के स्कूल के 300 बच्चे और मुम्बई के 37 डाक्टर बीमार पडे.
मुम्बई मे एक राजनीतिक पार्टी ने बडे बडे होर्डिंगस में स्वतंत्रता दिवस की जगह गणतंत्र दिवस की बधाई दे डाली.
हैदराबाद के तेलंगाना के करीम नगर मे एक महिला ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान चप्पल से अध्यक्ष की इसलिए पिटाई कर् डाली कि उसने उन्हे निमंत्रण नही भेजा था.
केरल के कोल्लम मे प्राईवेट स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान वंदे मातरम ही नही बजने दिया गया.
भारी मन के साथ मैने नेट ही बंद कर दिया !!
स्वतंत्रता दिवस