हरियाणा में जाट आरक्षण
जाट आरक्षण हिंसक होता जा रहा है कही रास्ता बंद , कही स्कूल बंद तो कही इंटरनेट सेवाए बंद कर दी गई है
बात ज्यादा पुरानी नही है जब हमारे हरियाणा में बेटी बचाओं बेटी पढाओ अभियान सुर्खियों में था और बेहद सराहा भी गया क्योकि गांव की सबसे ज्यादा पढी लिखी लडकियों ने 15 अगस्त को झंडा फहराया फिर बात आई सैल्फी की… बेटी के साथ सैल्फी लेने का अभियान भी बहुत सराहा गया. जिसका जिक्र हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी अपनी मन की बात मे किया . उसके बाद बात आई पंचायत चुनाव की … बेहद खुशी यह देख कर हुई कि गांव की महिलाए बढ चढ कर आगे आई और मिसाल कायम की …
मुझे याद है जब कुछ साल पहले जब Zee news की रिपोर्टिंग करने या स्वच्छता अभियान के लिए गांव में जाती तो महिला सरपंच होने के बावजूद भी सरपंच की भूमिका उनके पति ही सम्भालते थे और महिला सरपंच की भूमिका मात्र खाना परोसने और आवभगत करने की ही होती … मैने सोचा था कि एक बार महिला सरपंच शपथ ले लें फिर गांव में जाकर देखूंगी कि क्या हाल है महिलाओं का और फिर एक लेख लिखूगी… यह सब दिमाग में चल ही रहा था कि अचांक एक बार फिर आरक्षण का मुद्दा उठ खडा हुआ… और देखते ही देखते उसने हरियाणा को अपनी चपेट मे ले लिया. रोहतक, जीन्द , भिवानी से देखते देखते आरक्षण की आग फैलने लगी और आज कुछ देर पहले एक खबर ने सन्न कर दिया.
हरियाणा में जाट आंदोलन के चलते प्रदर्शनकारियों ने एक एंबुलेंस रोकी ..और बहुत देर तक आंदोलनकारियों से बहस होने पर भी एंबुलेंस को जाने “नही “दिया गया. हे भगवान !! ये हो क्या रहा है… ना जाने इस मरीज की क्या हालत होगी सोच कर ही …. !!! ये तो मात्र एक उदाहरण है ऐसे न जाने कितने उदाहरण हो रहे होंगें ..कल एक मित्र ने दिल्ली से आना था वो आ ही नही पाए. एक विवाह कार्यक्रम को रद्द किया गया. परीक्षा को पोस्टपोन किया गया.
कुछ जिलों में मामले की गम्भीरता को देखते हुए स्कूल बंद कर दिए गए. रोहतक में रहने वाले एक जानकार को अपने ही ऑफिस पहुंचने में तीन धंटे लग गए क्योकि जगह जगह जाम कर रखा था और पुलिस और आन्दोलनकारियों की भिंडत भी हो रही थी..
बेहद दुखद है एक आम आदमी का जीना बेहाल हो गया है कही जेनयू का आंदोलन तो कही जाट आरक्षण…वैसे देखा जाए तो इसमें हम सभी कही न कही जिम्मेदार हैं क्योंकि वोट तो हम ही देकर नेता चुनते हैं और नेता के लिए आरक्षण जैसे मुद्दे वोट बैंक के लिए सर्वप्रिय होते हैं .. उन्हें लोगों के दुख से कोई सरोकार नही…!!
क्या इन धटनाओं से सबक लेते हुए क्या हम जागेंगें …क्या चैन से सोने के लिए हम जागेंगें या … बैचेन ही रहेंगें और ये सब ऐसे ही चलता रहेगा !!! जरा नही बहुत सोचने की दरकार है !!!
हरियाणा में जाट आरक्षण लेख के बारे में आपके क्या विचार हैं जरुर बताईएगा …
Leave a Reply