कभी भी हिम्मत न हारना
जिंदगी में आगे बढना है तो हिम्मत न हारना.
कल मेरी एक जानकार फेसबुक पर अपने लाईक्स और कमेंटस को लेकर बहुत दुखी थी और बता रही थी कि शायद वो ही अच्छा नही लिख पा रही इसलिए लोग पसंद नही करते …और लाईक और कमेंट नही करते … इसलिए उसे लिखना बंद कर देना चाहिए
मुझे उसे ज्यादा समझाने की जरुरत इसलिए नही पडी क्योकि एक ताजा उदाहरण मेरे सामने था.. मैने उसे बताया कि एक जानकार है उन्होनें दिन रात दिन मेहनत की और इतना अच्छा किया कि एक इतिहास ही बना दिया और फिर भी लाईक और कमेंट नही मिले तो क्या वो मेहनत करना छोड दें …
जानकार ने कहा कि नही बिकुल नही … मेहनत करते रह्नी चाहिए … पर कौन है वो जिन्होने इतिहास बनाया… मैने कहा कि कल सुबह रियो पैरालंपिक में हमारे देश के मरियप्पन थांगावेलू ने ऊंची कूद में गोल्ड जीत कर इतिहास बना दिया और इसी खेल में वरुण भाटिया को कांस्य पदक मिला…
यकीनन एतिहासिक है ये दोनो खिलाडी दिव्यांगों के लिए एक आशा की किरण बन कर आए है पर हैरानी इस बात की मेरी इस पोस्ट पर कमेंट एक भी नही मिला और लाईक भी 20 के आसपास है … जब उन्हें पता चलेगा कि किसी का कमेंट ही नही था मोनिका की पोस्ट पर तो क्या वो खेलना छोड देंगें और क्या ऐसी पोस्ट पर जब मुझे कोई कमेंट नही मिलता तो क्या मुझे भी ऐसी पोस्ट लिखना बंद कर देना चाहिए … सीधी सी बात है
मैने तो यही सबक सीखा है कि जिंदगी में अगर हमें कुछ करना है तो बहरे और अंधे बन जाना चाहिए यानि कोई कुछ बोले या न बोले या फिर कोई देख रहा है या नही सब अनसुना और अनदेखा कर देना चाहिए और बस बढते रहना चाहिए… !!
वो हैरान थी कि गोल्ड मैडल मिलने के बावजूद भी किसी ने कमेंट में बधाई तक देने की जरुरत नही समझी तो वो किस खेत की मूली है और मुझे thanks कहती हुई उठ गई कि अब वो फेसबुक पर लिखने जा रही है और लिखती रहेगी चाहे कमेंट मिले या न मिले….
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