हे भगवान – ऐसा भी होता है
कृपया ध्यान देँ
जान बची तो लाखों पाये… हे भगवान !! आज तो मैं नॉन वेज non veg खाते खाते बची..
असल में, हुआ क्या कि मणि को अपनी आंटी के घर जाना था तो वो मुझे भी अपने साथ ले गई. आंटी ने हमें कहा कि खाना खा कर जाना. मटर के चावल बना रही हूं.. मटर के चावल सुनते ही मणि से कंट्रोल नही हुआ और मुझे फोर्स किया कि दस मिनट रुक जाते है तो खा कर चलेगें..
जल्दी बनाने के चक्कर में हम भी किचन मे चले गए. मणि सलाद काटने लगी और मैं आंटी के पास खडी होकर बातें करने लगी गई. आंटी ने चावल भिगोए और मटर भूनने लगीं और जैसे ही चावल बर्तन में डालने लगी अचानक मैं बोल पडी … आंटी, चावल मे अभी बहुत कीडा और सुरसुरी है साफ नही हुई है !! मैं कह ही रही थी इतने में आंटी की बेटी चश्मा ले कर आ गई और अपनी मम्मी को गुस्सा करने लगी कि चश्मा क्यों नही पहन कर रखती. मुझे सॉरी कहते हुए बोली कल मम्मी ने बिना चश्में के उपमा बनाई.. सूजी को देखा नही और वो सारी फेंकनी पडी…
हे भगवान !!मेरी तो भूख काफूर हो गई थी वैसे सभी माताओं, बहनों से विनती है कि प्लीज चश्मा पहन लिया करो अन्यथा धर्म भष्ट होते देर नही लगेगी 😯
वैसे आपके क्या विचार हैं मुझे जरुर बताईएगा 🙂
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