Fears that Ruin Relationships – पति पत्नी के रिश्तों में दरार – बे वजह की चिंता बिगाड़ सकती है आपसी संम्बध.. रिश्ते पौधे की तरह होते हैं अगर हम ध्यान देंगे पानी देंगे केयर करेंगे तो फलेंगें फूलेंगें नहीं तो मुरझा कर मर जाएंगे और अगर ध्यान दिया तो जड़ मजबूत होगी और फिर वही पौधा पेड़ बनकर जीवन भर प्यार की छांव देगा…
Fears that Ruin Relationships – पति पत्नी के रिश्तों में दरार –
पति पत्नी का रिश्ता बहुत नाजुक होता है… कई बार इस रिश्ते में कोई वजह बन जाती है जिसकी वजह से मनमुटाव हो जाता है पर कई बार बेवजह की चिंता या डर भी रिलेशन खराब कर देती है…
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असल में, पति पत्नी एक दूसरे को लेकर बहुत possessive होते हैं… जिस वजह से वो एक दूसरे के बारे में कुछ ज्यादा ही सोचना शुरु कर देते हैं…जबकि वो सोच वो डर वो चिंता हकीकत से कोसो दूर होती है…
ऐसी कौन कौन सी चिंताए होती हैं जिससे उन्हें लगता है कि हमारे सम्बंध खत्म हो जाएगें
पहली चिंता ये डर रहता है कि पहले जितना मुझे पसंद नहीं करते… दोनों एक दूसरे के लिए यही सोचते हैं… पति सोचता है जब मैं शाम को काम से थका हारा आता था तो कितना ख्याल रखती थी मेरा.. डोर बेल बजाने से पहले ही दरवाजा खोल देती थी अब ध्यान ही नहीं देती… पत्नी सोचती है पहले घुमाने ले जाते थे अब तो महीनों हो जाते है अब मुझे ये पहले जैसा पसंद नहीं करते…
दूसरा मुझे धोखा दे रहे हैं… ऑफिस से देर से आते हैं फोन करो तो फोन नहीं उठाते… जरुर कोई बात है ऑफिस में काम करने वाली के साथ बहुत हंस बोल कर बात करते हैं… यही बात पति भी अपनी पत्नी के लिए सोचते हैं.. एक कुलीग है वही क्यों छोड कर जाता है उसे हर रोज…
तीसरी चिंता.. मैं इनके लायक नहीं… मैं सुंदर नहीं या गिटपिट अंग्रेजी बोलने वाली नहीं या देर शाम पार्टी में जाना मुझे अच्छा नहीं लगता… इन्हें तो कोई मेम से शादी करनी चाहिए थी…
चौथी चिंता.. वो मेरे लायक नहीं… पति सोचते हैं मैं इतना इंटेलीजेंट पढा लिखा हूं और इसमे तो इतनी भी कॉमन सेंस नहीं कि सोसाईटी में चार लोगो के साथ बैठ कर बात कर ले … वही पत्नी सोचती है कि मेरी परवरिश शहर की है और ये ठहरे गांव की… हमारा कोई मेल नहीं कही सोशल गेट टू गेदर में मुझे इन्हें अपने साथ ले जाने में शर्म आती है…
पांचवी चिंता.. मेरे पति का परिवार और दोस्त मुझे पसंद नहीं करते…और सभी से तो हंस बोल कर बात करते हैं वो लोग पर जब मैं सामने आ जाऊ तो चुप हो जाते हैं ना कोई आराम से बात करता है..
छ्ठी चिंता ज्यादा समय बाहर ही बिताना पसंद करते हैं मेरे साथ कम… ही बिताना चाह्ते हैं.. इनके दोस्त ही इनके लिए सब कुछ है मैं कुछ नहीं… वही पति भी सोचते हैं कि पत्नी सारा समय अपनी किटी पार्टी में ही लगी रहती हैं.. न घर के लिए न मेरे लिए समय है..
सांतवी चिंता ये मुझे ऐसा लगता रहता है कि मुझे कभी भी छोड देंगें.. रिश्ता तोड देंगें.. तलाक दे देंगें… तब मेरा क्या होगा… कहां जाऊंगी क्या करुंगी..यही चिंता पति को भी रहती है… कि पता भी कब छोड कर चली जाए… बार बार धमकी देती रहती है… मायके चली जाएगी… वही रहना शुरु कर देगी..
ये कुछ बातें हैं जो मन में आती है और उन्हें बैचेन कर जाती है.. इनमें से कोई चिंता आपको ना सताए इसका हल क्या है..
ये इतना मुश्किल भी नहीं जितनी बडी बडी चिंताए लगा लेते हैं… चिंता भी ऐसी की रिश्ता ही खत्म होने की कगार पर आ जाए… बहुत सिम्पल सा हल है कि खुद से प्यार कीजिए.. खुद की वेल्यू कीजिए… खुद पर विश्वास रखिए कि मैं अच्छा इंसान हूं.. मेरे में कोई ऐसी कमी नहीं जिसकी वजह से ऐसी कोई बात हो
और अगर किसी भी तरह का कोई कॉम्प्लेक्स डर है या कोई बात है तो परेशान कर रही हैं तो उसे दूर किया जा सकता है… या खुद में सुधार लाना चाहिए या पूछ लेनी चाहिए… कमी दूर होगी तो डर खत्म हो जाएगा..
क्योंकि ये जो सोच जो चिंता या डर हम लगा कर बैठे हैं असल में, ये है ही नहीं ऐसा कुछ नहीं पर सोच सोच कर हम उसे invite कर रहे हैं
तो इस नेगेटिव एनर्जी को खत्म करके पॉजिविटी लाएं और इस डर को दूर भगाए दीजिए… रिश्ते वही खूबसूरत होते है जो अहसानों के नहीं अहसास से बने होते हैं.. मोती के तरह होते हैं रिश्ते अगर गिर जाए तो झुक कर उठा लेना चाहिए…
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओं से हुई है तो टूटना मुश्किल है
और अगर स्वार्थ से हुई है तो टिक ना मुश्किल है
Fears that Ruin Relationships
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