क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पात – kshama badan ko chahiye – KSHAMA BADAN KO CHAHIYE, CHHOTAN KO UTPAAT- KAH PRABHU KA GHAT GAYO JO BHRIGU MAARI LAAT . क्षमा वीरस्य भूषणम यानि क्षमा वीरों का आभूषण है। कमज़ोर व्यक्ति कभी किसी को माफ नहीं कर सकते. माफ करने वाला व्यक्ति अपने मन से शक्तिशाली होता है. मुझे माफ कर दो, गलती का अहसास है मुझे, हां हो गई गलती , क्षमा वीरस्य भूषणम …..
क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पात
कई बार life में ऐसा होता है कि किसी से गलती हो गई तो हम तने हुए रहते हैं और गुस्से में लबालब कि तुझे तो जिंदगी भर माफ नही करेगें … पर इसका परिणाम क्या निकलता है … जन्म जन्म के दुश्मन ..हमेशा के लिए सम्बंध खत्म … जबकि सॉरी Sorry छोटा सा शब्द है क्षमा और इसे मांगने से कोई छोटा बडा नही हो जाता … बल्कि माफ कर देना हमारा बडप्पन है …
अपने व्यक्तित्व को ऐसे भी निखारा जा सकता है
देखिए कई बार होता है कि हम माफ नही करना चाह्ते तो ऐसे में सोचिए कि अगर ये बात आपके साथ हुई होती और आपको माफी नही मिलती तो कैसा लगता…
या फिर सोचिए कि अगर किसी ने गलत काम किया किसलिए किया किसलिए ये नौबत आई…उस परिस्थिति में जाएँ कि उसने ऐसा काम किया ही ही क्यूं
कई बार नाराजगी इतनी ज्यादा होती है कि हम माफ करना ही नही चाह्ते तो कोई बात नही … समय बहुत मददगार होता है … कुछ समय गुस्से में रहें जब कुछ समय बाद गुस्सा उतर जाए तो माफ …
या फिर ये सोचिए कि इंसान तो गलतियों का पुतला है, गलती करके ही सीखता है. अगर गलती हो हई तो कोई बात नही …
और फिर नही समझ पा रहे हो कि माफ क्यो करें तो कोई ऐसी कहानी जिसने किसी को माफ किया हो … इतिहास की कोई ऐसी घटना पढे तो भी हमारा मन बदल सकता है …
हम सोच लें कि हम सकारात्मक सोच रखते हैं और अपना बडप्पन दिखाते हुए ये कहते हुए माफ कर दें कि इस बार तो कर रहे हैं पर अगली बार ये गलती की तो फिर माफी नही मिलेगी.. माफ कर दे और
फिर भी समझ आ रहा हो तो यही मान लीजिए कि अगर हम गुस्से को अपने अंदर रखेंगें तो वो हमारे लिए हानिकारक भी हो सकता है, इस बात को समझें…
जो व्यक्ति दूसरों की गलतियों को माफ कर देता है, उसे भगवान जी का आशीर्वाद ज़रूर प्राप्त होती है.
शास्त्रों में ऐसा कहा गया है – “जहाँ दया तहां धर्म है, जहाँ लोभ तहां पाप , जहाँ क्रोध तहां काल है, जहाँ क्षमा तहां आप ” इसका अर्थ है कि जिस व्यक्ति के दिल में क्षमा का भाव होता है, दया का भाव होता है; उसका मन साफ़ होता है. और जिसका मन साफ़ या पवित्र होता है, परमात्मा का वास भी उसी दिल में होता है.
किसी को माफ कर देने से हम परमात्मा की मौजूदगी का अहसास कर पाएंगे.
जब आप किसी को माफ नहीं करते और उसे अपना दुश्मन बनाकर दुश्मनी निभाते रहेंगे. इससे आपका उस व्यक्ति से जन्म-जन्म का दुश्मनी का रिश्ता बन जाएगा…..
- क्षमा करों और आगे बढ़ों. जब आप माफ़ करते हैं तब आप भूत past को नहीं बदलते हैं, लेकिन आप निश्चित रूप से भविष्य को बदल देते हैं.
- अगर भूल इंसान की प्रवृति है, तो क्षमा इंसान की संस्कृति है. कर दीजिए माफ … चलिए बनिए वीर
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