Only for Ladies
केवल महिलाओ के लिए …!!
इस लेख का महिला दिवस से कोई सम्बन्ध नही है पर यह लेख केवल महिलाओ के लिए ही है.
मै जानती हू कि हम सभी अपनी आदत से मजबूर है और जिस काम को मना किया जाए उसे तो किसी भी कीमत पर करना ही होता है.जैसे कि आमिर खान ने देहली बैली फिल्म बनाई और उसने सभी से कहा कि बच्चे ना देखे. जो अपशब्द भाषा इस्तेमाल नही करते वो भी ना देखे पर नतीजा क्या हुआ.बच्चो ने सबसे ज्यादा देखी.इसका सीधा सीधा कारण बस उन्हे मना करना ही था है ना. नन्हे मुन्ने बच्चो को मुहँ मे चप्पल डालने का बहुत शौक होता है जितना मना करो वो उतना ज्यादा ही करते है. हमारा स्वभाव ही ऐसा बन चुका है कि मना करने पर एक हिलोर सी उठती है कि इसे तो करके ही देखे कि आखिर मना किसलिए किया गया है.
तो अब मै अपनी बात पर आती हूं. असल मे, मै यही चाह्ती थे कि हम सब चाहे पुरुष,बच्चे या बुजुर्ग हो इस लेख को पढे क्योकि इसका सम्बंध हमारे घर की धूरी यानि महिला से हैं.
Only for Ladies
कोई शक नही कि आज घर हो या द्फ़्तर दोनो काम बखूबी सम्भाले हुए है पर खुद कितने तनाव मे रहती है इसका किसी को कोई अंदाजा नही हो सकता. मेरा सभी महिलाओ से अनुरोध है कि प्लीज टेंशन को अपने घर मे घर मत बनाने दें. खुश रहे और मस्त रहे. मुझे पता है कि कहना बहुत आसान है कि खुश रहो पर जिस पर बीतती है वही जानता है आप यही सोच रही होंगी.है ना. पर यकीन मानिए आज के समय मे एक भी घर या परिवार ऐसा नही जिस को तनाव, चिंता या परेशानी ना हो.हर एक घर की अपनी ही राम कहानी होती है.फालतू की बातो पर तूल देने की बजाय, उधर उधर बाते बनाने मे समय बेकार गवाने की बजाय कुछ भी रचनात्मक करें.
अगर आप कामकाजी है तो समय निकालिए अपने बच्चों और परिवार के लिए और अगर आप घर पर ही रहती हैं तो आप कुछ रचनात्मक करें. अपनी अनदेखी ना करें कि आप किसी भी काम की नही या किसी को आपकी कोई कद्र ही नही.आप बहुत समझदार हैं और आप समय का बहुत अच्छा उपयोग कर सकती हैं आज कल तो नेट भी बहुत जानकारी दे सकता है.पर इस पर लाभदायक काम कर सकती हैं पर इसका मतलब यह भी नही है कि सारा सारा दिन नेट पर ही जुटी रहे. और घरवाले परेशान ही हो जाएं. हर काम का समय बाधं ले और जिंदगी को जीना सीखें.
सबसे पहले खुद को अच्छा माने कि मै अच्छी हूं क्या हुआ कि कई बार सब्जी अच्छी नही बनी. क्या हुआ कि कई बार साहब की कमीज मे दाग लगा रह गया.क्या हुआ अगर हिसाब किताब करते समय हम अपनी उगलियो पर गिनना शुरु कर देते हैं .परिवार मे किसी दूसरे के दर्द को देख कर अपना दर्द भुला देते है.खुद फ्रिज का बचा हुआ खाना पसंद करते हैं और परिवार के लिए ताजा ही बनाना चाह्ती है.जब दूसरे के प्रति हम इतनी सोच रखती है तो अपने को क्यो भूल जाती है. बस आज से और अभी से आप अपने से बात करके उसे जानिए और अपना ख्याल रखते हुए मस्त रहिए यकीन मानिए अगर आप खुश रहेगी तो सारा परिवार भी खिलखिला उठेगा.
मुझे उम्मीद है कि परिवार के सभी लोग इसे पढ रहे होगे और उनको उचित प्यार,मान सम्मान और समय देगे जिसकी वो सच्ची हकदार हैं.
Only for Ladies
बस हमे इतना सा करना है कि सकारात्मक सोच ही रखनी है. मैने कही पढा था कि आपके आसूं बताते है कि आप प्याज काट रही हैं. आपकी चुप्पी यह बताती है कि आपके पर्स मे रुपए खत्म हो गए हैं और आपकी मुस्कान यह बताती है कि आज आपने बहुत अच्छी तरह से दातं साफ किए हैं. ह हा हा !!! कहने का मतलब यही है कि जिंदगी को बहुत खुशी खुशी जीए इसे मुसीबत मत बना कर रखो. हर बात मे अच्छाई खोजें,खुशियां खोजें और जो भी अच्छा लगे उसकी खुल कर प्रशंसा करें फिर देखें जिंदगी कितनी प्यारी लगेगी. है ना….शुभकामनाएं …!!!
तो कैसा आप सभी को ये लेख .. जरुर बताईएगा