Stop Caring – खुश रहना है तो कुछ बातों पर ध्यान देना बंद करना पड़ेगा… कुछ बातें लाईफ में हम खुद ही ऐसी कर जाते हैं जिससे खुशी से कोसो दूर चले जाते हैं.. तो क्या है वो बातें मैं आपको 7 बातें बता रही हूं
1.सबसे पहले तो लोग क्या कहेंगें.. दूसरे क्या सोचेगें.. एक महिला को कार चलानी बहुत अच्छी लगती है वो कैब ड्राईवर बनना चाहती है पर लोग क्या कहेंगे ये सोच कर चुप हो जाती है.. एक लड़का बहुत अच्छा कुक है पर लड़का खाना बनाता है लोग क्या कहेंगें इस वजह से अपनी पसंद का काम नहीं कर पाता और मन मार कर दूसरा काम करता है.
https://www.youtube.com/watch?v=62No_I70v2c&t=100s
मत सोचिए.. आप हर किसी को खुश नहीं रख सकते… ये आपकी लाईफ है आपके डिसीजन हैं दूसरों को तो जज करना अच्छा लगता है पर हमें अपने हिसाब से चलना है..
अच्छा फिर इसी में एक डर होता है रिजेक्शन का एक आफिस में काम कुछ सही नहीं चल रहा पर वो बोल नहीं पा रहा… कि बोला तो कही बॉस मुझे बाहर का रास्ता ही न दिखा दे… तो अगर आप सच्चे है तो मन को मजबूत बनाईए
2.जब हमारे साथ कुछ बुरा होता है… ये अच्छा नहीं हुआ.. वो अच्छा नहीं हुआ.. प्रोब्लम , दुख परेशानी तो हम सभी की जिंदगी का एक हिस्सा है तो बजाय सिर पकड कर बैठने के आगे बढना चाहिए… अच्छा आप ये देखिए किसी भी भगवान का देवी देवता का इअतिहास निकाल कर देख लीजिए.. सभी ने किसी न किसी प्रोब्लम को फेस किया… तो दिमाग से इस बात को निकाल दीजिए और उससे डील कैसे करें इस बात पर ध्यान दीजिए और बाहर निकल जाईए…पर ये सोचिए कि उससे भी ज्यादा बुरा हो सकता था… ये अंत नहीं है… रात हुई है तो सुबह भी हो होगी…
3.जब कोई हमें हर्ट करता है.. तो बजाय मायूस होकर बैठ कर सोचने से ये सोचिए कि उसने मुझे हर्ट करके अपना नुकसान किया है.. इसने मुझे खो दिया.. मैंने इसे नहीं खोया इसने ही मुझे खो दिया.. मैं इसके लिए हैल्पफुल ही होता…
4फिर हमारा फेवरेट – तुलना करना – उसके पास अच्छी नौकरी है वो विदेश में सैटल है वो साल में दो बार विदेश धूमने जाता है मैं तो शहर से बाहर भी नहीं गया.. अरे!! ये क्या?? जो प्राप्त है वो पर्याप्त है ये सोच बनानी चाहिए.. और सच पूछो तो कोई अंत नहीं है इच्छाओ का… बहुत साधारण सा उदाहरण देती हूं.. ये मैंने देखा है एक जानकार की लड़की की शादी नहीं हो रही थी उनके मम्मी पापा क्या सोचते है कि बस एक बार शादी हो जाए हम गंगा नहा जाएगें… शादी हो गई बस बच्चा हो जाए.. बच्चा हो गया बस एक लड़का हो जाए परिवार पूरा हो जाएगा.. लड़का हो गया.. बस पढाई अच्छी कर ले… पोते की शादी हो जाए बस… और कोई इच्छा नहीं…
किंतु,परंतु, काश इन सब से उपर उठिए..
5.हमारे मन में हीन भावना कि मैं अच्छा नहीं… मैं इस काम में अच्छा नहीं.. मैं ऐसा मैं वैसा… अरे तो अगर अच्छे नहीं है तो खुद को सुधारने का प्रयास कीजिए… वैसे कई बार बहुत अच्छा होना भी अच्छा नहीं.. इस बारें में एक वीडियो बनाई हुई है … लिंक नीचे दे रही हूं
6 फिर बात आती है परफेक्श्निस्ट – कोई नहीं परफेक्श्निस्ट… हम सोचते है सारा काम परफेक्ट हो कोई गलती न हो… हम गलती करते है तो कोई नहीं गलती तो होती ही है.. हम कोई काम कर रहे हैं गलती होना उस बात का सबूत है.. हम फेल होने से धबराते हैं और फिर पछतावा होता है तो इन सबसे बाहर निकलिए
7.बेकार की चिंताए जो हमारे कंट्रोल में नहीं है पडोस में एक लड़की ने लव मैरिज कर ली.. उसका क्या होगा… दो साल बाद अगर मेरी ये नौकरी नहीं रही तो क्या होगा… मुझे भी अगर ये बीमारी हो गई तो क्या होगा.. मतलब जो हुआ ही नहीं उसकी चिंता उससे खुद को ही कम बीमार कर रहे हैं क्योंकि सोच नेगेटिव हो गई है..
तो देखिए ये हैं कुछ बातें… जिनकी हमें केयर नहीं करनी चाहिए अगर खुश रहना है तो… कुछ ऐसी भी बातें हैं अगर खुश रहना है तो उनकी केयर करनी चाहिए… कब करनी चाहिए किन circumstances में करनी चाहिए वो क्या है अगली वीडियो में बताऊंगी..
वैसे कामयाब इंसान खुश रहे या न रहे पर खुश रहने वाला इंसान जरूर कामयाब होता है..
और खुश रहने का मतलब ये नहीं कि सब ठीक है इसका मतलब है कि हमनें अपने दुखों से उपर उठ कर जीना सीख लिया है…
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