Teach Your Child Time Management – बच्चों को सिखाएं – Time को कैसे करें Manage – how to teach your child time management skills – बच्चों को सिखाएं Time Manage करना… इसे सीख कर बच्चा हर फील्ड में स्मार्ट बन सकता है.. पर कैसे ?? तो चलिए आज इसी बारे में बात करती हूं…
Teach Your Child Time Management
सबसे पहले तो इस बात का ध्यान रखिए कि बच्चा छोटा हो यानि बचपन से ही सीखा देंगें तो बहुत अच्छा रहेगा.. Teens से पहले का समय बेस्ट रहता है..
और फिर पेरेंटस को खुद रोल मॉडल बनना पडेगा.. जो बच्चों को सीखा रहे हैं पहले उसे खुद फ़ोलो करें .. बच्चे ज्यादा जल्दी सीखेंगें… खुद सुबह उठते नही … तो बच्चे क्या सीखेंगें.. दो मिनट में तैयार हो रही हूं और तैयार होने में आधा घंटा लगा दें तो बच्चे कैसे सीखेंगें..
Time Management –
फिर इसे लेकर तनाव नही बनाए Fun बनाएं … आराम से सीखाएं…
बच्चों को उदाहरण दें.. जैसे सुबह सूरज निकलता है रात को चांद और सितारे ..ये सब समय पर होता है अगर नही हो तो सब उलट पुल्ट हो जाएगा… या फिर स्कूल में हर क्लास का टाईम फिक्स है स्कूल में घंटी समय से बजती है..छुट्टी समय से होती है… अगर पांच मिनट भी देर हो जाए तो क्या होता है … अच्छा नही लगता है ना … तो हर काम समय पर ही होना चाहिए… तो ये सब हुआ कि उसने समय को मैनेंज किया.. सारा काम समय पर किया तो देर होने का सवाल ही नही…
फिर बात आती है कि बच्चों को उसकी महत्ता और फायदे बताए जाए… ताकि बच्चे समझे.. महत्ता मैं कुछ ऐसी कहानी सुनाई जाए जिसे सुनकर बच्चे का भी मन करे कि उसने भी समय पर काम करना है… जैसे एक बच्चा हमेशा स्कूल के लिए लेट हो जाता है हमेशा टीचर सजा देती है.. और एक बच्चा हर रोज समय पर स्कूल पहुंचता है उसे शाबाशी मिलती है टीचर उसके लिए क्लेपिंग करवाती है…
तो हम सुपर हीरो बन सकते हैं.. समय पर काम करके… सफलता की कहानी सुनाई जा सकती है.. प्रेरक प्रसंग सुनाए जा सकते हैं..
Time Management में अलग अलग Tools लिए जा सकते हैं…
जैसा कि रिस्ट वॉच बच्चे के हाथ में घडी होगी तो उसे बहुत अच्छा लगेगा सारा समय घडी देख कर काम करने में…
अलार्म क्लॉक – इसके जरिए भी उसे समय बताया जा सकता है मान लीजिए शाम को 5 से 6 बजे का समय पढाई का है 6 बजे का अलार्म लगा दिया कि 6 तक होम वर्क खत्म करना है… क्योकि फिर खेलने जाना है और खेलने का समय 6 से 7 बजे तक का है… तो बच्चा करेगा ही खत्म.. या फिर कार्टून देखनी है..
कैलेंडर
कैलेंडर बना कर हर रोज उस पर टिक मार्क करें.. जैसे जो महीना चल रहा है उसका कैलेंडर बना कर उसने जो काम समय पर किया उस पर टिक कर देना है.. जैसा कि लिखा है कि सुबह 6.30 पर उठे.. 7 बजे तक नहाए 7. 15 तक नाश्ता किया और 7. 30 पर बस स्टॉप पर
To Do List Daily Priorities फिक्स करनी है कि क्या चीज ज्यादा जरुरी है… जैसे बच्चे के लिखे खेल ज्यादा जरुरी है तब बताईए कि पढाई भी उतनी ही जरुरी है… सोना भी उतना ही जरुरी है…
जो भी हम Routine बनाएं उस पर Stick भी रहें..
जैसे मान लीजिए होमवर्क का टाईम 5 से 6 है और खेलने का 6 से 7 … और कभी बच्चा सो रहा है कभी आप गप्पे मार रहे हो.. कभी आप टीवी देख रहे हो.. नही ऐसा नही… जो लिखा हि उसी हिसाब से चलना भी है… सोना अगर 8 बजे है तो मतलब 8 बजे सोबना है.. कभी कभार हो जाए तो अलग बात है पर अगर हम Stick ही नही रहेंगें तो बात नही बनेगी…
फिर एक बात और कि Expectations Reasonable रखिए.. पेरेंटस सोचते हैं कि बस जो लिख दिया वही होना ही चाहिए और नही किया जिस दिन फ़ॉलो पिटाई भी हो जाती है तो ऐसा नही करना चाहिए… कभी कभार थोडा बहुत हो जाता है तो सब्र रखना चाहिए..
और इसी में थोडा फ्री टाईम भी होना चाहिए
ये नही कि इतना टाईट शेड यूल हो कि बच्चे को सिर तक उठाने की फुर्सत न मिले.. ऐसे वो किसी काम को आराम से नही कर पाएगा..
और सबसे जरुरी कि बच्चा अगर हर रोज अच्छा कर रहा है सारी बातें फ़ोलो कर रहा है तो उसे Rewards भी देना है ताकि उसका मनोबल बना रहे…
Teach Your Child Time Management
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