किस पर करे विश्वास… जिंदगी में बहुत बार हमारे सामने एक प्रश्न वाचक चिन्ह बन कर खड़ा होता है कि किस पर करे किस पर ना करें विश्वास.. विश्वास तो करना पड़ेगा तभी पता चलेगा.. इसी बारे में मैं आपको पांच बातें बता रही हूं
1.सबसे पहले तो अगर कोई भी जरुरी decision ले रहे हैं तो जल्दबाजी नहीं करनी.. सोचने के लिए समय लें.. मान लीजिए कोई बता रहा है कि फलां नौकरी बहुत अच्छी है उसे ज्वाईन कर लो.. तो आंख मूंद कर नहीं… अपना दिमाग लगाना है ये नौकरी क्या वाकई मेरे लिए ठीक है या नहीं.. हो सकता है वो उसके लिए हो पर मेरे लिए नहीं हो… या कोई नया बिजनेस शुरु करने के लिए बोल रहा है पर ये सोचना है कि क्या ये मेरे लिए ठीक है , मुझे इस काम की जानकारी है या नहीं… हो सकता है उसे हो जानकारी … आपकी जिंदगी से संबंधित है तो अपने हिसाब से करना है… ये नहीं कि उसने कहा और आपने मान लिया ना कि किसी के कहने पर… करियर से रिलेटिड है
दूसरा फाईनैंस से – या फिर कोई कार खरीदनी है या घर खरीदना है एक सेल्समैन बहुत अच्छी ऑफर देता है कि ये बहुत अच्छी स्कीम है ये तो ले ही लीजिए उसका तो इंट्र्स्ट है फायदा हो ही रहा है… सामान बिक रहा है अपना इंटर्स्त है पर क्योंकि इसमे बहुत ज्यादा पैसा लगा हुआ है तो सोच समझ समय लगा कर कर ही कदम उठाना चाहिए.. आपका फायदा है या नहीं..
2.कोई बहुत जल्दी दोस्ती करने की कोशिश करे या रिश्तेदारी बनाने की कोशिश करे तो भी जल्दी से विश्वास नहीं करना चाहिए.. जैसे कोई शादी की बहुत जल्द बाजी कर रहा हो तो भी एलर्ट हो जाना चाहिए कि क्या वजह हो सकती है.. एक दम से विश्वास नहीं करना चाहिए ये सोचना चाहिए कि कही इसका कोई अपना मतलब या काम तो नहीं कि निकलवाना चाह रहा हो.. दोस्ती या रिश्ते में कोई जल्दबाजी दिखाए जल्दी नजदीक आना चाहे तो एलर्ट हो जाना चाहिए..
3 कुछ लोग बहुत nice और attractive लगते हैं. मन भी करता है कि इनसे बात करें पर जरुरी नहीं कि वो trust worthy भी हों… उनका बिहेवियर हमारे साथ कैसा है ये तो हमे पता है कि बहुत ही अच्छा है केयरिंग है पर दूसरों के साथ कैसा है ये देखना भी बहुत जरुरी है जैसा कि वो किसी दुकान पर जाता है या तो किस तरीके से बात करता है, घर में नैकर के साथ कैसे बिहेव करता है, होटल में वेटर के साथ… या बहुत show off कर रहा है या जो उनके अपने family members हैं close friends हैं उनके साथ किस तरीके से बात करता है हमारे साथ बहुत अच्छा है पर दूसरों के साथ बहुत रूड है… पब्लिक लाईफ के कैसे बिहेव करता है ये भी देखना बहुत जरुरी है
4 हमें दिल से नहीं दिमाग से काम लेना चाहिए .. लोजिकल थिंकिंग होनी चाहिए बहुत ज्यादा इमोशनल होकर नहीं लोजिकल होकर डिसीजन लेना चाहिए जैसे मान लीजिए मुझे घर खरीदना है मेरे पास दो ब्रोकर यानि दलाल है.. एक बहुत घुल मिल कर बात कर रहा है बहुत अपना पन दिखा रहा है दूसरा बहुत स्ट्रेट फार्वर्ड है वो ज्यादा धुलने मिलने में विश्वास नहीं रखता… तो मैं ये सोच कर कि पहले वाला बहुत अच्छा बोल रहा है मैं इसी का दिखाया घर खरीद लूं.. ये सोचना है घर कौन सा ठीक है..हो सकता है जो स्ट्रेट फार्वर्ड है जो उसने दिखाया है वो ज्यादा ठीक लग रहा है… ना कि जो ठीक से बोल रहा है उस तरफ ध्यान देना है.. एक बार गलत डिसीजन ले लिया तो सारी लाईफ ही दुखी रहेंगें तो लोजिकल थिंकिग ही रखें.. ऐसे में दिमाग से काम लेना चाहिए कि सही है क्या..
5किस पर करें विश्वास ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम किस बात पर विश्वास करने की सोच रहे हैं इसमे रिस्क कितना इंवॉल्व है.. मान लीजिए कोई मुझसे 50 हजार रुपये मांग रहा है या फिर कोई 500 ही मांग रहा है मेरे लिई पचास हजार बहुत है पर कोई 500 मांग रहा है तो मेरा कम रिस्क है.. 50 हजार का रिस्क बहुत है 500 का कोई बात नहीं… मैंनेज नहीं कर पाए
अगर आप किसी के बारे में अच्छा सोच रहे हैं या बुरा सोच रहे हैं तो चांसिस है कि आप सही सोच रहे है…
वैसे इन सब बातों के इलावा जब किसी पर विश्वास करने की बात करते हैं तो हमारी भी कही न कही इंवोल्वमैंट होती है जैसा कि मान लीजिए घर में एक नौकर है और हम उस पर शक करते रहते हैं विश्वास नहीं करते.. तो उसके मन में भे यही रहेगा कि कुछ भी कर लो इन्होने तो शक करना ही है पर अगर हम उस पर faith रखते हैं तो वो भी faith full रहेगा पर वे वजह doubt किए जाएगें तो faith full ..
लोगो के पास बहुत कुछ हैं, मगर मुश्किल यही है कि भरोसे पर शक हैं और अपने शक पे भरोसा हैं…
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