आपका बहुत बहुत धन्यवाद
कुछ समय पहले की बात है कि एक महिला को अपनी नन्ही बच्ची के लिए खून की जरुरत थी.वो खून का ग्रुप जल्दी से उपलब्ध नही होता था यानि रेयर ग्रुप था. मेरी सहेली मणि ने उन्हे ना जानते या पहचानते इंसानियत के नाते बहुत दौड धूप की और उस रक्त का इंतजाम करवा दिया. आप्रेशन सफल रहा. कुछ समय बाद वह् लडकी आईसीयू से बाहर भी आ गई और कुछ समय बाद वो ठीक होकर अपने घर भी चली गई.
इसी बीच मणि ने एक दो बार बच्ची का हाल चाल पूछ्ने के लिए इस महिला को फोन भी किया. पर हैरानी ही बात यह रही कि महिला ने एक बार भी उसका धन्यवाद नही किया. वैसे तो उसे उम्मीद ही नही रखनी चाहिए थी क्योकि मेजर आप्रेशन था और उस महिला को मानसिक परेशानी भी बहुत रही होगी उस समय. पर जब बच्ची भी ठीक होकर घर आ गई तो भी उसने एक बार भी फोन करके मणि का धन्यवाद नही किया. इस बात से मणि का मनोबल बहुत गिरा पर क्योकि उसका ये किसी की मदद करने का यह उसका पहला मौका था.
पर फिर मेरे समझाने पर वो फिर अपने नेकी के काम मे दुबारा से जुट गई पर उसके जाने के बाद मैं जरुर सोचने लगी कि हम अक्सर कहते रहते है कि हमे दूसरो की मदद करनी चाहिए या जब किसी को जरुरत पडे उसकी सेवा निस्वार्थ भाव से करनी चाहिए पर इसके साथ साथ जिन लोगो को मदद मिलती है या जिन लोगो का ऐसे प्रोत्साहन से मनोबल दुगुना होता हो उन्हे भी इस बात का ध्यान रखना चहिए कि जो लोग उनके लिए आगे आए है समय निकाला है या उन्हे कुछ समय दिया है.
उनका दिल से “धन्यवाद” या “आभार” जताना बहुत जरुरी है उसे बिल्कुल नही भूलना चाहिए … तो अगर आप किसी का धन्यवाद करना भूल गए है तो प्लीज और देर मत कीजिए!!! यकीनन जितनी आपको खुशी मिली है उससे भी दुगुनी उन्हे मिलेगी आप एक बार धन्यवाद कर के तो देखिए !!!