(यह कहानी नही सच्ची बात है)
Gang rape incident
डरना मना है
एनसीआर में रहने वाली मधु( परिवर्तित नाम) आफिस के लिए तैयार हो रही थी. दिल्ली में दो दिन पहले हुई गैंगरेप की धटना को टीवी पर देखते हुए वो सोच रही थी कि पता नही उसके पापा मम्मी की क्या प्रतिक्रिया होगी. वो उसे आफिस भी जाने देंगे या नही. कल मम्मी की बातो से टेंशन साफ झलक रही थी.
तैयार होते होते वो दूसरे कमरे से मम्मी पापा की आवाजे सुनने लगी. मम्मी कह रही थी कि छोडो ,क्या रखा है नौकरी मे. छुडवा दो नौकरी और कोई लडका देख कर शादी करवा देते हैं. अब वो साँस रोक कर अपने पापा की प्रतिक्रिया सुनने लगी.
पापा बोले, पागल हो गई हो तुम. यही सोच अगर सभी को हो गई तो अपराधियो और मनचलों के हौंसले और बढ जाएगे. ये ही सही समय है जब हमे अपनी बिटिया को आत्मविश्वासी बनाना है.
घर की चार दीवारी से जब बाहर कदम रख ही दिया है तो पीछे नही खिंचना. उसे प्रेरित करना है. हो सका तो उसे ट्रैनिंग भी दिलवाएगे और बजाय डर और भय के उसके मन मे यह डालने की कोशिश करेगे कि वो किसी से कमजोर नही अपनी रक्षा को खुद करना जानती है. मधु में पापा की बात सुन कर एक नया हौंसला और आत्मविश्वास जाग चुका था.
पापा के गले लग कर उन्हे ढेरो धन्यवाद कहती अब वो नए विश्वास के साथ अपने आफिस जा रही थी.मम्मी भी बालकनी से मुस्कुराती हुई हाथ हिला रही थी मानो वो अपने पति की बात से शत प्रतिशत सहमत हो 🙂
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