नेता और अभिनेता – राजनीति का फिल्मों में हस्ताक्षेप कितना जरुरी – आज के समय का एक यक्ष प्रश्न है क्योकि जिस तरह से एक फिल्म के रिलीज पर अब करोडो रुपये देकर मामले सुलटने लगे ये सही रिवाज नही शुरु हुआ … आगे आगे तो इस तरह से तो अन्य बातों में भी शर्ते रखी जाएगी … धमकी दी जाएगी … !!
नेता और अभिनेता – राजनीति का फिल्मों में हस्ताक्षेप कितना जरुरी
‘ऐ दिल हैं मुश्किल’ के सिनेमाघरों में प्रदर्शन का रास्ता साफ हो गया है. कल अचानक इस खबर हो देखा तो समझ नही आया कि पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर हुआ था हंगामा पर अब कुछ शर्तो के आधार पर शिवसेना ने राजी नामा कर लिया है वैसे इस बात मे कितनी सच्चाई है या नही ये तो पता नही पर जितना समझ आया वो ये है कि शिव सेना अब रिलीज में टांग नही अडाएगी क्योकि सुलह हो गई है और वो ये कि जिन फिल्मों में भी पाकिस्तानी कलाकार काम कर रहे हैं उन फिल्मों के निर्माता सेना कल्याण कोष में पांच करोड रुपये देगें.
फिल्म के शुरु होने से पहले हम सेना के जवानों को श्रद्धांजलि देगें और फिल्म की कमाई का कुछ हिस्सा को शहीदों के परिवार को देंगे। श्रद्धांजलि और फिल्म की कमाई का कुछ हिस्सा को शहीदों के परिवार को देंना तो समझ आता है पर पांच करोड .. ?? क्या अब अन्य मामलो मे भी शर्ते हुआ करेगी .. ??
क्या वाकई .. अगर ये होना शुरु हो गया तो समझ से बाहर है कि ये कैसा रिवाज शुरु हो गया है … … किसलिए भई … समझ से बाहर है… !!!
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