राजनीति, चुनाव और जुमले
चुनावी घमासान
पिछ्ले दिनों चुनावों के चलते जबरदस्त राजनीति छाई हुई है. वही मीडिया भी बढ चढ कर एक एक टवीट और एक एक कुरेदा हुआ बयान बढ चढ कर दिखा रहा था. इसी बीच एक खबर और आई. सम्बंधित और प्रेरित वो राजनीति से थी पर अफसोस वो सुर्खिया नही बन पाई बस न्यूज चैनल पर स्क्रोल पर ही अपना स्थान बना पाई .
खबर थी जाने माने साहित्यकारों का सम्मान लौटाना. मशहूर लेखिका नयनतारा सहगल जोकि पंडित जवाहरलाल नेहरू की भांजी हैं उन्होनें ने अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार(पुराना ही सही)
लौटाने का फ़ैसला यह कह कर किया कि “सरकार, भारत की सांस्कृतिक विविधता की हिफ़ाज़त करने में नाकाम रही है. इस वजह से ये सम्मान लौटाने का फ़ैसला किया है. इनके साथ साथ अनेक जाने माने साहित्यकार जैसाकि अशोक वाजपेयी, शशि देशपांडे, सारा जोज़ेफ़, सच्चिदानंदन गुरबचन भुल्लर ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाए .
http://www.bbc.com/hindi/india/2015/10/151011_atamjit_singh_sahitya_academy_sdp
सोच की बात ये है कि क्या मात्र सम्मान लौटाने से हमारे नेता और उनकी राजनीति का स्तर सुधर जाएगा .. जितनी मुझे समझ आई वो बात ये है कि बजाय सम्मान लौटाने के उन लेखकों और जाने माने साहित्यकारों अपनी लेखनी को सशक्त माध्यम बनाते हुए अपने विचार जन जन तक पहुंचाने होंगे ताकि नेताओ के साथ साथ जनता जनार्दन की मानसिकता मे बदलाव आए. हां, सम्मान लौटा कर कोई हल निकलेगा. एक प्रश्न चिन्ह है. जहां तक मैने देखा और सुना है कि किसी नेता की इस बाबत प्रतिक्रिया तक नही दी … ऐसे मे सम्मान लौटाने का औचित्य ???
वही एक बात और देखी. मोदी जी का एक कार्यक्रम मे बोलना कि ‘अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल भारत के नेल्सन मंडेला हैं.’बादल ‘वो महान नेता हैं जिन्हें आज़ाद हिन्दुस्तान में संघर्ष करते हुए भिन्न कारणों से क़रीब दो दशक जेल में रहना पड़ा. इसी बयान को लेकर टवीटर गर्माया रहा और विपक्ष बौखलाया रहा.. आम प्रबुद्द जन से पूछा तो सभी का यही विचार था कि क्या हो गया नेताओ को कुछ भी बोल देते हैं … !!!
http://www.bbc.com/hindi/india/2015/10/151011_modi_compares_badal_mandela_md
हैरानी इस बात की भी है कि केजरीवाल जी अपना संदेश ओडियों के माध्यम से देते हुए कहते हैं कि इससे नेताओ का फायदा होगा… अरे !! नेता जी शायद आप भूल गए नेता की श्रेणी में तो आप भी आते हैं वही राहुल जी का कहना था कि नेताओ के लिए दंगें करवाना आसान हैं..!! समझ से बाहर से कि ये को क्या रहा है और आगे होगा क्या !!!
राजनीति, चुनाव और जुमले के बारे में आपके क्या विचार हैं ??