Audio- मेरी कहानी -सहयोग-मोनिका गुप्ता
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इस लिंक को क्लिक करके सुनिए मेरी लिखी कहानी मेरी ही आवाज में और जरुर बताईगा कि कैसी लगी ???
मेरी कहानी मेरी आवाज
कहानी – सहयोग
सुबह से ही दिनेश बहुत परेशान सा घूम रहा था. असल मे, कुछ देर पहले ,उसके बचपन के दोस्त रवि की पत्नी का फोन आया था वो धबराई हुई आवाज मे बोल रही थी कि भाई साहब, हमे आपकी मदद चाहिए. वैसे तो दिनेश और रवि बहुत ही अच्छे दोस्त थे पर बच्चो की पढाई और अन्य परिवारिक कारणों दिनेश की आर्थिक दशा ठीक नही चल रही थी. दिनेश ने उस समय ये कह कर फोन रख दिया कि आप चिंता मत करो मै हूं ना. पर फोन पर बात करने के बाद वो ये सोच कर परेशान हो गया कि आर्थिक तंगी के चलते वो उनकी मदद कैसे कर पाएगा.
बात को लगभग एक महीना बीत गया.इस बीच, दोनो की कोई बात नही हुई. दिनेश ने भी कोई बात करने की कोशिश नही की.पर जब भी कोई फोन आता तो दिनेश का दिल धडकने लगता कि कही ये उसके मित्र का फोन ना हो. लगभग दो महीने बाद रवि की पत्नी का फोन आया. वो बहुत खुश थी और बार बार उसका धन्यवाद दे रही थी इस पर दिनेश हैरान होकर बोला धन्यवाद किस बात का … उसने तो कुछ …. इस पर वो बीच में ही बात काट कर बोली …. भाईसाहब, आपका यह कहना कि चिंता मत करो, मै हू ना, बहुत सहारा दे गया और इन्होने जो नशा छोडने का प्रयास किया था वो भी सफल रहा. आपकी शुभकामनाओ से यह बिल्कुल ठीक हो गए हैं. ऐसे मुश्किल समय मे आपकी तरफ से मानसिक सहयोग मिलना ही हमारे लिए बहुत बडी बात थी. हम बहुत जल्द आपसे मिलने आएगे कह कर उसने फोन रख दिया. और दिनेश… एक बार फिर…. कुछ सोचने पर मजबूर हो गया…. !!!
Audio- मेरी कहानी -सहयोग-मोनिका गुप्ता