Audio Poem- Female Foeticide by Monica Gupta
सुनिए मेरी लिखी कविता मेरी आवाज में …
हद हो गर्इ
( भ्रूण हत्या पर लिखी कविता )
हमारे देश मॆं जिस तरह से भूण हत्याएं हो रही हैं अकसर मन विचलित हो जाता है और उसी विचलित मन से बन जाती हैं ऐसी कविता कि हद हो गई … बस बहुत हो गया …
अब बहुत हो गया
बस
अब बहुत हो गया
हद हो गर्इ
टी.वी. हो या समाचार पत्र
कविता प्रतियोगिता हो या राज्यस्तरीय विवाद
पर लगा नहीं पा रहे
भ्रूण हत्या पर लगाम
कह कह कर थक गए हम
पर हम अडि़ग हैं कि
कन्या नही…… कन्या नही
बस चाहिए पुत्र रत्न ही
कोर्इ बात नही
ज्यादा दूर नही है, देख लेंगेें
आज से बीस साल बाद
जब…..
लड़की नही मिलेगी कोर्इ
आपके कुल दीपक से ब्याहने को
आपका वंश चलाने को
ना होगी तब नवरात्रि में कंजको की पूजा
ना होगी पति की लम्बी उम्र के लिए उपवास पूजा
ना छम छम पायल से किसी का घर आँगन चहकेगा
नाना-नानी बनने का शौक अधूरा ही रह जाऐगा
ना रहेगा प्रेम, ना होगी करूणा
क्योंकि यह तो है नारी का गहना
बेबस मन कन्यादान से वंचित रह जाऐगा
हरा भरा घर मकान बन कर ही रह जाऐगा
मनु, इंदिरा, कल्पना का नाम पन्नों में ही रह जाऐगा
बस……….
कुछ ही सालों की है बात
हैरान, परेशान हताश खुद ही कह उठेंगें आप
कन्या थी अनमोल रत्न
पर तब तक शायद बहुत देर हो चुकी होगी
हमें इन्तज़ार करना होगा
शायद फिर से बीस सालों का
पर तब तक सब कुछ बदल चुका होगा
खामोशी, उदासी, मायूसी का फैल चुका होगा आतंक
तो फिर………..
क्यों हो रही हैं ये भ्रूण हत्याएँ
ठान लो
बस बहुत हो गया
जानते हो
हम भारतवासी……… एक जुट हो क्या है कर सकते
मुसीबत पडने पर दे सकतें हैं जान
चीर सकतें हैं धरती की छाती
उधेड़ सकतें हैं पहाड़ों का सीना
जब ला सकतें हैं हरियाली बंजर धरा पर
फिर क्यों है रोक कलियों के प्रस्फुटन पर
चलिए लें संकल्प
आज, अभी, यहीं
भ्रूण हत्या पर लगाए
कस कर लगाम सभी
मत ड़गमगाने दें भारत का आधार
नर और नारी से ही है हमारा घर संसार
उठो, जागो, चलो
बनाए संसार में भारत की अलग पहचान
ताकि फिर से ना पड़े कहना कि…….
मोनिका, अब बहुत हो गया
हद हो गर्इ
Audio Poem- Female Foeticide by Monica Gupta