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ऑडियो – व्यंग्य – गर्मी और हमारे दोस्त
गर्मी और हमारे मित्र ..गर्मी आई नही कि हमारे परम मित्रो का आगमन और चहल पहल शुरु हो जाती है. कौन परम मित्र अरे मच्छर, मक्खी, कोकरोच, और चीटी .जी बिल्कुल. ये हमारी सेहत का भरपूर ख्याल रखते हैं.कैसे?.अरे !!आपको नही पता .. चलिए मैं बताती हूं..
सबसे पहले बात करते हैं छोटी सी प्यारी सी नटखट मक्खी रानी की जब भी उडाओ तभी आ जाती है. जब भी उडाओ तभी आ जाती है. वो इसलिए आती है कि हमारे हाथो की कसरत हो सके नही तो उसे कोई शौक नही होता हमे तंग करने का. कोई दुश्मनी थोडे ही ना है उसे हमसे. वो तो बस हमारी ही सेहत का ख्याल रख कर ऐसा करती है.वो ज्यादा ना आए इस चक्कर मे हम सफाई भी रखते है और अगर किसी वजह से सफाई ना भी रखे तो हमारे हाथ उसे उडाते रहते हैं हाथ की कसरत हो जाती है और इसके साथ सथ उसे मारने की कोशिश में अच्छे निशानची बन जाते है…तो देखा है ना फायदा..
अब बात आती है काली और लाल नन्न्ही नही चींटियों की … अक्सर मिठाई और चीनी पर वो अपना कब्जा जमा लेती है और अक्सर हमे फेकना ही पडता है. ऐसा वो जानबूझ कर करती है ताकि हम सारी चीजे एयर टाईट डिब्बे में रखें पर कई बार हमे मिठाई फेकनी भी पड जाती है वो भी ठीक है न मीठा खाएगें ना शूगर होगी.. कई बार हम चीनी बजाय फेंकने के उसे साफ करने मे जुट जाते हैं. अब बारीक बारीक लाल काली चींटियो को देखने के लिए आँखो और उगलियो की भी अच्छी कसरत हो जाती है तो रखा ना चींटियो ने हमारी सेहत का ख्याल…
अब कोकरोच की सुनिए.उसे देखते ही हम जोर से चिल्लाते हैं हमारे गले के भीतर तक की सारी खराश ठीक हो जाती है आवाज खुल जाती है.फेफडे भी ठीक रहते हैं.अब आपका कहना है कि मच्छ्रर बहुत तंग करते हैं वो आपकी गलत फहमी है असल में मच्छर हमें ताली बजाने पर मजबूर करते हैं हम उन्हे ताली बजाकर मारने की कोशिश करते है वो मरे या ना मरे पर ताली बजाने से हमारा रक्त संचार बढ जाता है वैसे तो….अरे क्या हुआ. आप ताली क्यो बजा रहे हैं धन्यवाद!! अरे वाह !! आपको मेरी बातें अच्छी लगी? आप मच्छर नही मार रहे है और आपको गुस्सा आ रहा है !!! जी मै समझ गई. मै चलती हू. पर आप माने या ना माने पर ये कीट ये पंतग़े है हमारे फ्रैंडस ही!! है !
बताईएगा कि आपको ये व्यंग्य ऑडियो – व्यंग्य – गर्मी और हमारे दोस्त …कैसा लगा ???
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