Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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February 14, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

नमस्कार

नमस्कार

टीवी चैनल पर निरंतर बहस चलती रहती है..पर किसी तह तक नही पहुंचती. आईए आपको भी एक ऐसी ही बेसिर पैर की बह्स में लिए चलते हैं

नमस्कार !! आज बहस का मुद्दा है वेलेंटाईन डे !!! हमारे फेसबुक स्टूडियो मे साथ चार विशेषज्ञ जो इस क्षेत्र मे माहिर है, पधारे हुए हैं. आप सभी का स्वागत है. “अ”, “ब” “स” “ड”.
मिसेज “अ” सबसे पहले मैं आप से पूछती हूं कि क्यो मनाते हैं हम वेलेंटाईन.
“अ” जैसे ही बोलने को होती हैं जी देखिए, असल मे, वो क्या है, न कि ….!!! (बात काटते हुए)
जी.. बिल्कुल… अभी आपके पास दुबारा आउगी. अभी श्री “ब” कुछ कहना चाह रहे हैं.
“ब” कुछ कहने लगते हैं कि मैं “अ” की बात पर ही आ रहा हूं असल में… जी बिल्कुल, “अ” और “ब” अभी आपके पास दुबारा आउगीं पर अभी लेना पड रहा है एक बहुत ही छोटा सा ब्रेक. जी मैं आऊंगी आपके पास (12 मिनट बाद) ब्रेक पर जाने से पहले मैं बात कर रही थी … जी हां, लग रहा है मिस “स” कुछ कहना चाह रही है
( “अ” और “ब” का गुस्से मे पारा हाई हो गया क्योकि बोलने का मौका नही मिल रहा इसलिए “स” की बात काटने के लिए अ, ब और स तीनो एक सुर मे बोल रहे हैं और %ं$#@$%ं&*(*&ं%ंक्या बोल रहे हैं कुछ समझ नही आ रहा….!!) इसी बीच मे लेते हैं एक छोटा सा ब्रेक, कही जाईएगा मत( 15 मिनट बाद)
एक बार फिर से हमारे स्टूडियो मे आपका स्वागत है. हमारे साथ हमारे संवाददाता फोन लाईन पर जुड गए हैं. जी क्या कहना है आपको. लोगो की वेलेंटाईन डे पर क्या प्रतिक्रिया है….. हैलो… हैलो… !!! ओह, लगता है हमारे संवाददाता तक हमारी आवाज नही पहुचं रही है .चलो थोडी देर मे फिर बात करने की कोशिश करेंगे…
अभी “ड्” साहब एक दम शांत बैठे हैं उनसे पूछ्ते हैं कि उनका क्या कहना है आज के दिन के बारे मे… “ड्” कुछ बोलने को होते ही हैं कि उससे पहले …. लेते हैं एक बहुत ही छोटा सा ब्रेक कही जाईएगा मत आज का विषय बहुत ही रोचक चल रहा है…( 15 मिनट बाद ) !!हां, तो ब्रेक पर जाने से पहले बात हो रही थी कि क्यो मनाते हैं हम वेलेंटाईन डे. पर अफसोस के साथ कहना पड रहा है कि समय  बहुत कम है और विज्ञापन ज्यादा. सभी पधारे मेहमानो का धन्यवाद. पढते रहिए और अपने विचार देते रहिए. अगले सप्ताह फिर मिलेंगे एक नए विषय के साथ ….!! 🙂

नमस्कार

 

man talking photo

 

मोनिका गुप्ता

February 14, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

दर्द

husband wife sketch photo

Photo by Internet Archive Book Images

दर्द  ( कहानी)

 पचास वर्षीय राजेश बाबू ने सुबह सुबह करवट ली और हमेशा की तरह अपनी पत्नी मीता  को चाय बनाने को कहा और फिर रजाई ढक कर करवट ले ली.

कुछ पल उन्होने इंतजार की पर कोई हलचल ना होने पर उन्होने दुबारा आवाज दी.

ऐसा कभी भी नही हुआ था इसलिए राजेश बाबू ने लाईट जलाई और मीता को हिलाया पर कोई हलचल ना होने पर ना जाने वो घबरा से गए.

रजाई हटाई तो मीता निढाल सी  एक ओर पडी थी.

ना जाने रात ही रात मे क्या हो गया.

अचानक मीता का इस तरह से उनकी जिंदगी से हमेशा हमेशा ले लिए चले जाना …. असहनीय था.

धीरे धीरे जैसे पता चलता रहा लोग इकठठे होते रहे और उसका अंतिम संस्कार कर दिया.

एक हफ्ता किस तरह बीता उन्हे कुछ याद ही नही.  उन का एक ही बेटा था जोकि अमेरिका रहता था.

पढाई के बाद वही नौकरी कर ली थी.

बेटा आकर जाने की भी तैयारी कर रहा था.

उसने अपने पापा को भी साथ चलने को कहा और वो तैयार भी हो गए. पर मीता की याद को अपने दिल से लगा लिया था.

अब उन्हे हर बात मे उसकी अच्छाई ही नजर आने लगी.उन्हे याद आता कि कितना ख्याल रखती थी मीता उनका पर वो कोई भी मौका नही चूकते थे उसे गलत साबित करने का. ना कभी उसकी तारीफ करते और ना कभी उसका मनोबल बढाते बल्कि कर काम मे उसकी गलती निकालने मे उन्हे असीम शांति मिलती थी.

उधर मीता दिनभर काम मे जुटी रहती थी.

एक बार् जब काम वाली बाई 2 महीने की छुट्टी पर गई थी तब भी मीता  इतने मजे से सारा काम बिना किसी  दर्द और शिकन के आराम से गुनगुनाते  हुए किया जबकि कोई दूसरी महिला होती तो अशांत हो जाती .

दिन रात राजेश बाबू उनकी यादो के सहारे जीने लगे.

काश वह तब उसकी कीमत जान पाते. काश वो तब उसकी प्रशंसा कर पाते. काश …. !!! पर अब बहुत देर हो चुकी थी. 

 आज राजेश अमेरिका जाने के लिए  सामान पैक कर रहे थे.

पैक करते करते मीता की फोटो को देख कर अचानक फफक कर रो पडे और बोले मीता,मुझे माफ कर दो.

प्लीज वापिस आ जाओ . मै तुम्हारे बिना कुछ नही हूं. आज जान गया हूं  कि मै तुमसे कितना कितना प्यार करता हूं…

तभी उन्हें किसी ने पीठ से झकोरा.

इससे पहले वो खुद को सम्भाल पाते अचानक उनकी आखं खुल गई.

 मीता उन्हे घबराई हुई आवाज मे उठा रही थी.

 वो सब सपना था.

एक बार तो उन्हे विश्वास ही नही हुआ पर दूसरे पल उन्होने मीता का हाथ अपने हाथो मे ले लिया पर आखो से आसूं लगातार बहे जा रहे थे.

बस एक ही बात कह पाए … आई लव यू मीता !!!! आई लव यू !!!

और  मीता नम हुई आखो से अपलक राजेश को ही  देखे जा रही  थी… 

 

“दर्द “कहानी ने आपके दिल के किसी कोने को अगर छुआ है तो   … जरुर बताईगा……

 

 

February 14, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

Love you

लव यू …!!!

Love you

मणि का बेटा होस्टल जाने के लिए तैयार था पर मणि का काम ही खत्म नही हो रहा था.

कभी कपडे धोने बाथरुम मे चली जाती तो कभी रसोई मे जाकर प्याज काटने लगती.

कैसे कैसे बहाने करके बस अपने आसूओ को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी.

किसी से बात ना करने के चक्कर मे अपना मोबाईल भी उसने साईलेंट पर रख छोडा था.

बेटे को बस स्टाप छोडने की बात हुई तो बहाना बना दिया कि काम वाली किसी भी समय आ सकती है.

ताला देख कर लौट ना जाए.

जाते जाते बेटा जब आशीर्वाद लेने आया तो चोरी चोरी मां की आखो मे देख ही लिया.

मणि इसके लिए भी तैयार थी बोली बदलता मौसम है ना आज नाक और आखो से पानी बहुत बह रहा है.छीके भी बहुत आ रही है कहती हुई मुस्कुरा दी.बेटा चला गया और वो चुपचाप उदास मन से कमरे मे आकर बैठ गई.

इतने मे बेटॆ का मैसेज आया ” क्या मम्मी आपको तो झूठ बोलना भी नही आता. अपना ख्याल रखना और मै भी अपना ख्याल रखूगा”

Love you

लव यू मां !!! वैसे आप स्माईल करती ही अच्छी लगती हो !!

अब मणि खुल कर रो रही थी!

 

Monica Gupta

 

February 14, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

प्रेरक प्रसंग – प्रेरक लघु कहानियां

सुविचार - हिन्दी एस एम एस

प्रेरक प्रसंग  – प्रेरक प्रसंग हो या कहानियां हमेशा हमें प्रेरित करतीं हैंं और हम इन्हें पढ कर बहुत कुछ सीख पाते हैं कई बार वो समाज के लिए आईने का भी काम करती हैं  इसलिए ऐसे सकारात्मक प्रेरक प्रंसग पढते रहना चाहिए..   

प्रेरक प्रसंग – प्रेरक लघु कहानियां

एक आदमी ने अपनी पत्नी के मरने के बाद दूसरी शादी की और अपने पांच साल के बेटे से पूछा कि उसे अपनी नई माँ कैसी लगी। इस पर बेटा मासूमियत से बोला कि मेरी पहली माँ झूठी थी, पर नई माँ सच्ची हैं।

इस पर पिता हैरान हुए और पूछा कि वो ऐसे कैसे कह सकता है। इस पर बेटा बोला जब मैं शरारत करता था, तो पहले वाली माँ नाराज होकर कहती थी कि ठहर जा तू, मैं तुझे खाना ही नही दूंगी, पर थोड़ी ही देर में लाड़-प्यार कर और पुचकार गोद में बैठा कर खाना खिला देती थी;

नई माँ भी कई बार नाराज होकर कहती है कि तुझे खाना नहीं दूंगी, पर वो सच्ची है। वो वाकई में खाना नहीं देती, आज दो दिन हो गए मुझे खाना खाए हुए।

 

प्रेरक प्रसंग – प्रेरक लघु कहानियां

एक स्कूल मे सांस्कृतिक कार्यक्रम होना था. एक बच्चे का बहुत मन था कि वो भी उसमे हिस्सा ले.

उसकी मम्मी भी चाह्ती थी . टीचर ने बच्चो को ओडिशन के लिए बुलाया.

बच्चे ज्यादा थे और कार्यक्रम कम थे

खैर, वह दिन भी आ गया.

सभी बच्चे अपने अभिभावकों के साथ पहुंचे. एक बंद हॉल में टीचर बच्चों का आडिशन ले रहे थे. बाहर बैठे माता पिता परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे थे.
थोडी देर बाद बच्चे कुछ बच्चे चहकते हुए और बाक़ी चेहरा लटकाए हुए, बाहर आए. वो बच्चा दौड़ता खुश होता हुआ अपनी मां के पास आया. मां बच्चे को देख कर खुश हुई और सोचा कि बच्चा खुश बाहर आया है जरुर वो भी किसी मे हिस्सा ले रहा होगा.

तभी बच्चा बोला ‘जानती हो मां, क्या हुआ?’ मां ने चेहरे पर अनजानेपन के भाव बनाए और उसी मासूमियत से बोली, ‘नही , पता नही आप बताओ क्या हुआ???
बच्चा उत्साह से बोला, ‘टीचर ने सभी से अभिनय कराया. वो जो रोल चाहता था, वह तो किसी और बच्चे को मिल गया. लेकिन जानती हो, उसकी भूमिका तो नाटक के किरदारों से भी बड़ी मजेदार है।’

मां को बड़ा आश्चर्य हआ कि ऐसा क्या रोल मिला है । बच्चा बेहद उत्साहित होकर बोला, ‘अब मैं ताली बजाने और साथियों का उत्साह बढ़ाने का काम करूंगा”  

 प्रेरक प्रसंग हमेशा प्रेरित ही करते हैं  🙂   

 

असफलता एक चुनौती – Monica Gupta

‘मंजिल मिले ना मिले, ये तो मुकदर की बात है हम कोशिश भी ना करे ये तो गलत बात है.. 🙂 ” असफलता एक चुनौती है. सहजता और मजबूत इरादों से हमें इस चुनौती का डट कर मुकाबला करना चाहिए . पहले परीक्षा और अब नतीजों का महीना आया. बहुत छात्र पास हुए बहुत अच्छे अंक से पास हुए तो वही बहुत छात्र फेल भी हुए. सफलता और असफलता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जहां सफलता हमें बहुत कुछ सीखा जाती हैं वही असफलता भी हमे उससे भी कही ज्यादा सीखा कर जाती है बशर्ते हम दिल छोटा न करे और अपनी सोच नकारात्मक न रखें. एकाग्रता बढाए और सबसे ज्यादा जरुरी समय के मह्त्व को समझना है. कार्य करते रहें और जी जान से करते रहें. हाल ही मैं मैने अपनी बात आप तक रखने के लिए नेट पर बहुत सर्च किया और ऐसी ऐसी बाते पता चली जो आपका मनोबल बढाएगी आप खुद भी मान जाएगें कि फिर हम क्यो नही … कम भी किसी से कम नही असफलता एक चुनौती – Monica Gupta

सुविचार – Monica Gupta

सुविचार पता है !!!! जिंदगी मे दो चीजो को handle करना बहुत मुश्किल है सफलता और असफलता को !!! read more at monicagupta.info

 

 

February 14, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

Vasant Panchmi

बसंत पंचमी

Vasant Panchmi

बसंत पंचमी यानि माता सरस्वती की पूजा और आराधना का पर्व |

Vasant Panchmi के पर्व को मनाने का एक कारण बसंत पंचमी के दिन सरस्वती जयंती का होना भी बताया जाता है.

कहते हैं कि देवी सरस्वती बसंत पंचमी के दिन ब्रह्मा के मानस से अवतीर्ण हुई थीं. बसंत के फूल, चंद्रमा व हिम तुषार जैसा उनका रंग था इसलिए बसंत पंचमी के दिन जगह-जगह माँ शारदा की पूजा-अर्चना की जाती है. माँ सरस्वती की कृपा से प्राप्त ज्ञान व कला के समावेश से मनुष्य जीवन में सुख व सौभाग्य प्राप्त होता है.

माघ शुक्ल पंचमी को सबसे पहले श्रीकृष्ण ने देवी सरस्वती का पूजन किया था, तब से सरस्वती पूजन का प्रचलन बसंत पंचमी के दिन से मनाने की परंपरा चली आ रही है…..

Vasant Panchmi की हार्दिक शुभकामनाएं !!!

February 8, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

खूबसूरत है सूरत

खूबसूरत है सूरत    

SURAT ….

डायमंड और टेक्स्टाईल का शहर सूरत भले ही तीन बार बाढ और एक बार प्लेग का प्रकोप झेल चुका हो पर आज भी शान से खडा मुस्कुरा रहा है इसकी वजह ना सिर्फ यहां पर रहने वाले लोग है बल्कि प्रशासन और महानगर पालिका का भी विशेष सहयोग है.

 

सभी का सहयोग मिलता है और मुसीबत जल्द ही छूमंतर हो जाती है ओह छू से याद आया… तमे केम छो… मजा मा… 🙂  खूबसूरत है सूरत…… इतना ही नही यहां के लोगो को खाने का भी बहुत शौक है हर रविवार पूरा परिवार बाहर घूमने जाता है और ठेला हो या स्टाल सडक किनारे ही मजेदार जायके का आनंद लेता है.

खम्मणी,फाफडा,पात्रा,खांडवी,लोचा,खाकरा,इंदडा ( बडी मुश्किल से नाम याद हुए वैसे कुछ नही भी हुए तो लिख लिए थे) खास भोजन है. वहां के लोग कहते है कि सूरत का जमण और काशी का मरण सब चाह्ते हैं. खूबसूरत है सूरत

वैसे एक खाउ गली भी है वहां पर वहां जाना नही हुआ. कुल मिलाकर तापी और नर्मदा का शहर सुरत वाकई”खूबसूरत” है.सू छै!!! खूबसूरत है सूरत !!

कोई सूरत तो कोई सुरत को सही समझता है इसलिए दोनों तरह के पाठकों की खुशी का ख्याल रखते हुए दोनो तरह की मात्राओं का प्रयोग किया गया छे … 🙂

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