Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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February 22, 2018 By Monica Gupta 1 Comment

Mind Games for Children – Improve Your Child’s Memory – बच्चों की दिमागी कसरत – Mind Games for Kids in Hindi

Mind Games for Children – Improve Your Child’s Memory – बच्चों की दिमागी कसरत – Mind Games for Kids in Hindi  – Ways to Improve Your Child’s Memory  – बच्चे हैं तो स्कूल है और स्कूल है तो पढाई है और अगर हर समय पढाई पढाई ही होगी तो बहुत बोरिंग हो जाएगा !! कुछ समय माईंड रिलेक्स करने के लिए चाहिए होता है.. उस टाईम पर हम कुछ भी कर सकते है चाहे mobile games खेल सकते हैं टीवी पर cartoons  देख सकते हैं,  story books पढ सकते हैं या mind games भी खेल सकते हैं. वैसे mind games को लेकर बहुत सारे मैसेज भी आए कि कुछ games और बताईए..

Mind Games for Children – Improve Your Child’s Memory – बच्चों की दिमागी कसरत – Mind Games for Kids in Hindi

तो चलिए मैं कुछ games बताती हूं

1.Missing Game

एक मेज पर दस या बारह छोटी छोटी चीजे रख दीजिए कुछ भी एक जैसी दस चीजे और फिर बच्चों को कुछ पल के लिए यानि 20 से 30 सैकिंड तक दिखाईए फिर उस पर कपडा ढक दीजिए और चुपचाप कोई एक चीज उठा लीजिए अब फिर दिखाईए अब आप उसमे एक एक चीज हटा चुके हैं बच्चों को बोलिए कि लिखिए कि क्या चीज अब इसमे नही है… सोचने दीजिए… लिख कर बताने दीजिए.. क्या क्या देखा और अब क्या नही है

 

बहुत कसरत होती है दिमाग की…

2.एक गेम ऐसे भी खिला सकते हैं कि  Name your colors

 

आपने कलर्स के नाम लिख दिए पर जो लिखा है वो नही बोलना जिस कलर में लिखा है उसे बोलना है.. वैसे मैं आपको आईडियाज दे रही हूं आप इसे बदल बदल कर भी खिला सकते हैं

3.कलर्स

कई बार बच्चों को कलर्स की पहचान नही होती… उनके लिए अलग अलग कलर की टाफी लाकर सब मिक्स कर दीजिए और स्टाप वॉच लगा कर बोलिए कि एक मिनट मे सब कलर अलग अलग करो और वो भी एक हाथ से…

4. बच्चों को अपने नाम की स्पैलिंग उल्टा बोलने को बोलिए… या A B C  उल्टा बोलने को बोलिए…

5 कुछ alphabet आगे पीछे कर के दे दीजिए कि वर्डस बनाओ.. जैसे  MANGO है उसे स्पैलिंग आगे पीछे कर के लिख दीजिए  फिर बोलिए ये क्या है… ऐसे हर बार अलग अलग एल्फाबेट दीजिए स्टाप वॉच मे एक या दो मिनट का टाईम रख दिया..

6.Skip Singing भी खिला सकते हैं

उसमें कोई गाना जो पसंद है उसे गाना है पर एक शब्द छोड कर.. मान लीजिए हैप्पी बर्थ डे टू यू है उसमे हैप्पी डे यू … ऐसे गाना है.. पसंद का फिल्मी गाना गाने को बोल सकते हैं..

7. कुछ मजेदार पहेलियां भी पूछ सकते हैं…

जैसे कि ये है कि J F M A M J J A – – – – चार फिल इन द ब्लेंक्स हैं  इसे पूरा कीजिए कि आगे क्या आएगा सोचने दीजिए…

8. या फिर कुछ ऐसे भी पूछ सकते हैं कल्पना कीजिए आप अपनी बोट के साथ गहरे समुद्र में हैं और अचानक आपको चारों तरफ से शार्क घेर लेती है तो आप क्या करेंगें..

कल्पना करना बंद कर दीजिए..

9. अंग्रेजी में ऐसे बीस ऐसे words बताईए जिसमे A नही आता

अंग्रेजी में एक से लेकर hundred में कितनी बार a आता है

ये हैं कुछ गेम्स और पहेलियां .. ये आप बच्चों के साथ खेलिए और माईड की एक्सरसाईज भी कीजिए… अलग अलग तरीके से गेम्स खेलिए… इसमें बच्चों को अपने से ही और अपना ही score बैटर करने को कहिए…

हर बच्चे की अपनी अलग अलग एज में अपनी abilities होती हैं हमें उनके माईंड को शार्प बनाना है… बस करने को कहिए…

Mind Games for Children – Improve Your Child’s Memory – बच्चों की दिमागी कसरत – Mind Games for Kids in Hindi

 

February 21, 2018 By Monica Gupta 1 Comment

Importance of Girl Education – Promote Girl Education – Girl Education in India – महिला सशक्तिकरण

Importance of Girl Education

Importance of Girl Education – Promote Girl Education – Girl Education in India – महिला सशक्तिकरण  – कल एक जानकार का फोन आया . उन्होने कहा कि कोई काम वाली नजर में तो बताना.. हमारी काम वाली बाई बीमार है एक महीने की छुट्टी पर है..मैनें कहा कि आपने उससे पूछा क्योकि आमतौर पर वही किसी न किसी को रखवा देती है तो वो बोली अरे नही… पहले तो उसकी बेटी ही आ जाती थी काम करने पर इनके चोंचले देखो…

Importance of Girl Education – Promote Girl Education – Girl Education in India – महिला सशक्तिकरण

उसे न जाने क्या भूत सवार हुआ है कि पढाई करवाएगी.. अब वो स्कूल जाती है नही तो वही आ जाती.. मैंने बात करके फोन तो रख दिया पर मुझे उसकी सोच पर बहुत दुख हुआ.. एक लडकी पढे लिखे वो भी अच्छा नही लगता… बहुत द्ख की बात है… एक काम वाली बाई अगर अपनी बेटी को पढा रही है तो हमे प्रोत्साहित करना चाहिए और हम पढे लिखे लोग इसे चोंचला बोलेगें तो क्या उदाहरण पेश कर रहे हैं हम अपने पढ़े लिखे होने का..

जहां तक मेरी सोच है ना कि अगर एक अच्छे समाज को बनाना चाहते हैं तो लडकी को पढाना चाहिए..

देखिए जहां तक शिक्षा की बात है लडका हो या लडकी पढाना दोनो को चाहिए…. हम लड़कियों को लेकर समाज में उतनी जागरुकता नही है जितनी होनी चाहिए

इसलिए बात आती है कि लडकी को पढाई करानी चाहिए और इसके फायदे भी बहुत है…

सबसे पहले तो वो जागरुक होगी..

बहुत ऐसी बातें हैं जिसका उसे पता ही नही… उसे जानकारी होगी और जागरुक बनेगी… नही तो कोई भी उसका गलत फायदा उठा लेगा..

Hygiene यानि स्वच्छता के बारे में जानकारी मिलेगी..

उससे उसकी सेहत में सुधार होगा… अपने शरीर का अपनी सेहत का ख्याल कैसे रखना है.. खासतौर पर मासिक धर्म के दौरान कैसे रहना है क्या इस्तेमाल करना है.. किन किन बातों का ख्याल रखना है जब पढेगी तभी तो जानकारी होगी…

आर्थिक रुप से  सशक्ति होगी..

आमतौर पर लड़कियों को पढाया नही जाता और फिर शादी कर दी जाती है… और वो शादी के बाद पूरी तरह से दब कर इसीलिए रहती है कि वो निर्भर है… उसके पास आय का कोई साधन नही है.. पति मारता है, शराब पीता है, उसे उसी नर्क मे जीना पडता है पर अगर आत्मनिर्भर होगी तो उसे सहने की कोई जरुरत ही नही…

एक मेरी जानकर थी. उनके दो बच्चे थे और पति उसे बहुत मारते.. वो साथ रहती रही क्योकि कोई दूसरा रास्ता ही नही था. एक दिन उसके पति उसे छोड कर चले गए.. पहले तो वो बहुत रोई… फिर उसने हिम्मत जुटाई और जिस स्कूल में बच्चे पढते उसी स्कूल में बात की नौकरी के लिए… और उसे वो मिल गई… बच्चों की फीस भी कम हो गई..

और आज वो ऐसी टीचर बन गई है जिसे सारा स्कूल प्यार करता है… ये तभी आया जब वो अपने पैरो पर खडी हो गई.. आत्म सम्मान मिलता है

एक महिला के लिए dignity यानि इज्जत सम्मान से जीना बहुत जरुरी है..

अगर महिला कोई काम नही कर रही तो सब उसे अलग सी निगाह से देखते हैं सोचते हैं कि इसका कैसे भी इस्तेमाल कर लो…

पर उसका भी आत्मसम्मान होता है.. और ये बात तभी आएगी जब वो पढी लिखी होगी.. लोग उसकी वेल्यू करेंगें ..

अपने पसंद का करियर भी चुन सकती है..

पढाई लिखाई कर के जिस क्षेत्र में उसका शौक है वहा काम कर सकती है…

जिंदगी बेहतर हो सकती है…

जब अपने पैरो पर खडी होगी, अपनी सेहत का ख्याल रहेगी, मन पसंद का काम कर सकेगी तो जिंदगी तो बेहतर ही बनेगी ना…

और बेहतर बनने के बाद वो दूसरों को भी मोटिवेट कर सकती है कि लडकी का शिक्षित होना कितना जरुरी है.. जहां कन्या भ्रूण हत्या की बात होती है वो रुक सकती है.

ये बात शुरु होगी एक परिवार से… वो इस बात की महत्ता को समझे और पढने के लिए प्रोत्साहित करें न कि इसे चोंचले का नाम दे…

Importance of Girl Education – Promote Girl Education – Girl Education in India – महिला सशक्तिकरण

February 20, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Obesity in Children – बच्चों में बढ़ता मोटापा – How to Prevent Obesity in Children – पेरेंटिंग टिप्स

Obesity in Children

Obesity in Children – बच्चों में बढ़ता मोटापा – How to Prevent Obesity in Children –  बच्चों को मोटापे से कैसे दूर रखें –  Childhood Obesity Prevention बच्चों में मोटापा – पेरेंटिंग टिप्स – कुछ दिनों पहले एक मैसेज आया कि उनका 10 साल का बेटा है चोरी करने लगा है कभी बीस रुपये कभी 50 रुपये चुरा लेता है क्या करु तब मैंनें suggest किया कि एक बार बातो बातों में जानने की कोशिश करो कि पैसे किसलिए चुराए… आज  उनका मैसेज आया कि कारण पता चल गया असल में उन पैसे का वो जंक खाता है.. असल में वो ओवर वेट होता जा रहा था तो घर पर बंद कर दिया था… तो उसने ये रास्ता खोजा…

Obesity in Children – बच्चों में बढ़ता मोटापा – How to Prevent Obesity in Children – पेरेंटिंग टिप्स

बेशक,  बच्चों का मोटापा  Obesity puppy fat एक प्रोब्लम बनता जा रहा है पर इस तरह से बंद करके भी कोई इलाज नही है… बहुत ज्यादा strict भी नही होना चाहिए और बहुत समझदारी से situation को हैडल करना चाहिए… डरना नही है कि पता नही क्या हो गया… आराम से ईजी होकर चलेंगें तो सब ठीक हो जाएगा…

हो जाता है इसे ठीक कैसे करें… इसके लिए  किन किन बातों का ख्याल रखें !!

सबसे पहले तो मदर्स से ही कहना चाहूग़ी वो खुद पर भी कंट्रोल करें.. खुद भी बहुत शौक होता है खासकर जब किसी function या पार्टी में गए तो खुद भी खाते हैं और बच्चों को भी खूब सारा खाने को encourage करते है … खा ले खाले… ये न करे…

कई बार मदर्स आफिस से थकी हुई आई है.. या खाना बनाने  का मन नही है तो चलो काम से बचने के लिए फूड या पिज्जा आर्डर कर देती है कि काम आसान हो जाएगा.. ये मत करे… ऐसी चीजो का टेस्ट बहुत जल्दी डेवलेप होता है तो बार बार  होटेल का खाना या जंक एवाईड करे.. और घर पर ही बनाए..

किचन मे हमेशा मीठे बिस्कुट, namkeens, chips, sugary juices, and chocolates.कोल्ड ड्रिंक हमेशा मिलती है पर उसके बजाय मौसमी फल, डाईट नमकीन,  roasted नमकीन, chiwda, चना, और पनीर तैयार रखे  रहने चाहिए

Focus on good health

बच्चों को एनकरेज करे हैल्दी खाने के लिए… अलग अलग तरह की  variety बना कर दीजिए . एक बार टेस्ट डेवलेप हो गया फिर कभी दिक्कत नही आएगी…

और परिवार के सभी लोग खाएं क्योकि हैल्दी डाईट सभी के लिए जरुरी है… कई बार पेरेंटस या भाई बहन तो कुछ भी खा रहे हैं पर जो बच्चा मोटा है उसके लिए अलग से बना रहे हैं… ऐसे नही करें हैल्दी खाना सभी के लिए जरुरी है.. सभी एक जैसा खाएं. अच्छी सेहत सभी को चाहिए.

कोशिश कीजिए जब टीवी देख रहे हों तब खाने को न दे क्योकि तब बहुत कुछ खाया जाता है

टीवी देखने का समय भी फिक्स कर देना चाहिए… ये नही है कि कार्टून देखनी ही नही सीरियल देखना ही नही… जरुरे देखे पर फिक्स टाईम में.. ताकि ज्यादा बैठे नही रहना पडे..

बच्चों को चाहे  घर पर हो या बाहर पानी पीने के लिए एनकरेज करना चाहिए… पानी जरुरी भी है और अच्छा भी… बच्चों पसंद ही शूगर कोटिड ड्रिक पसंद आती हैं तो उन्हें नारियल पानी, ताजे फलो का जूस लेने के लिए ज्यादा एनकरेज करें..

बेशक कितना भी बिजी शेडयूल क्यो न हो आऊटडोर खेलने के लिए मोटिवेट करे और खुद भी साथ जाए…

हमारी आमतौर पर आऊटिंग क्या होती है मूवी जाना, वहां पापकार्न खाना कोल्ड ड्रिक पीना और फिर खूब अच्छा डिनर करना… जबकि हमे कुछ ऐसी जगह जाना प्लान करना चाहिए जहां खूब भाग दौड सके… पार्क हो, वॉटर पार्क हो या ऐसी जगह जहां सिर बैठे रहना न हो…

बच्चों को हैल्दी fit रहने के benefits  बताने होंगें.. कोई बच्चा मोटा है दोस्त मजाक बनाते है या फिर हैल्थ प्रोब्लम भी बहुत आ जाती है तो इससे बचना है और हैल्दी रहना है..

घर की या बाहर की छोटी मोटी physical activities  में बच्चे को Involve  करे.. उठते, बैठते या भागते रहेंगें तो एक्टिव बने रहेंगें… मम्मी को इस बारे मे थोडा स्ट्रांग बनना होगा..

कोशिश ये भी कीजिए डिनर 8 बजे से पहले ही हो जाए ताकि 9 बजे तक बच्चे सो जाए.. ये काम मुश्किल नही है क्योकि अगर हमने एक बार रुटीन बना लिया तो बच्चे को उसी समय नीद जरुर आ जाएगी…

और जरुरी बात ये भी नही होना चाहिए कि बिल्कुल ही जंक फूड बंद कर दिया जाए… कभी कभार तो लेने देना चाहिए… नियमित नही होना चाहिए !! बंद ही कर दिया तो बाहर जाकर खाएगें दोस्तो के साथ खाएगें और घर पर झूठ बोलेगे कि हमने नही खाया… तो ये हैं कुछ टिप्स जिससे बच्चों का वेट Maintain रहेगा बच्चों के लिए समय निकालिए और उन्हें अच्छी हैल्थ का गिफ्ट दीजिए

Obesity in Children – बच्चों में बढ़ता मोटापा – How to Prevent Obesity in Children – पेरेंटिंग टिप्स

February 18, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Stop Blaming Others – दूसरों को दोष देना बंद करें – Blaming Others for Your Problems –

Stop Blaming Others

Stop Blaming Others – दूसरों को दोष देना बंद करें – Blaming Others for Your Problems – Monica Gupta – Stop Finding Fault in Others – Personal Development Tips in Hindi – हम बहुत जल्दी किसी पर भी blame लगा देते हैं कि उसने ऐसा किया … उसने ऐसा किया .. अपनी गलती नही देखते अपनी कमी नही देखते जबकि दूसरे पर दोष लगाने से पहले खुद के भीतर जानना भी उतना ही जरुरी है… इसी बात को अच्छे से समझाने  के लिए मैं प्रसंग सुनाती हूं जो मैंने नेट पर पढा !!

Stop Blaming Others – दूसरों को दोष देना बंद करें – Blaming Others for Your Problems

एक आदमी को यह शंका थी कि उसकी पत्नी को अच्छी तरह सुनाई नहीं देता है शायद उसे किसी  श्रवण यन्त्र यानि Hearing aid की जरूरत  है ताकि उसे सही सही सुनाई दे… इसलिए उसने  डॉक्टर से सलाह ली.

 

डॉक्टर ने उसे सबसे पहले एक साधारण  परीक्षण की सलाह दी और बताया कि आप सबसे पहले दूसरे कमरे से कुछ बात पूछना फिर थोडा आगे आकर पूछ्ना फिर पास खडे होकर पूछ्ना आईडिया लग जाएगा…  फिर ही मैं कोई इलाज कर पाऊंगा.

उसी शाम जब पत्नी रसोई मे खाना बना रही थी तो पति सोचा कि चलो आज ही कुछ परीक्षण करता हूं. दूसरे कमरे से उसने आवाज देकर पत्नी से पूछा कि आज क्या बनाया है.

कोई जवाब नही मिला फिर थोडा और आगे आकर फिर वही पूछा पर फिर भी जवाब नही मिला. और आगे आया पूछा फिर भी कोई जवाब नही. इसी बीच वो रसोई मे अपनी पत्नी के पीछे खडा होकर पूछने लगा, अजी मैनें पूछा आज खाने मे क्या बना है.

उसकी हैरानी का कोई ठिकाना तब नही रहा जब पत्नी ने कहा “ क्या हो गया आपको चार बार तो बता चुकी हूं कि आलू मटर  की सब्जी बनाई है…
यानि …. पति को कम सुनाई देने लगा था… दूसरो की कमी के बजाय अपनी कमी को देखना चाहिए !!

Stop Blaming Others – दूसरों को दोष देना बंद करें – Blaming Others for Your Problems

February 17, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Help Your Child to be Confident – Make Your Child Independent – बच्चों को आत्मनिर्भर बनाएं – Raise Successful Kids

Help Your Child to be Confident

Help Your Child to be Confident – Make Your Child Independent – बच्चों को आत्मनिर्भर बनाएं – Raise Successful Kids – Independent बनाए बच्चों को –  बच्चों को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं – पेरेंटिंग टिप्स – हम मदर्स बहुत केयरिंग होती है और बहुत ख्याल रखती हैं बच्चों का… पर क्या आप जानती हैं कि कई बार हमारा बहुत ज्यादा ख्याल रखना भी नेगेटिव हो जाता है…

Help Your Child to be Confident – Make Your Child Independent – बच्चों को आत्मनिर्भर बनाएं – Raise Successful Kids

जैसे मान लीजिए बेटा वीडियो गेम खेल रहा है और आवाज दिए जा रहा है कि पानी दे दो .. और मम्मी भी हां बेटा अभी लाई !!

बच्चा बोल रहा है मैं खेलने जा रहा हूं जरा मेरा स्कूल बैग लगा देना… ओके बेटा…

सुबह का समय है.. बच्चा लेट हो रहा है और यही उसकी रुटीन है… तो उसकी साईकिल साफ कर रही है…

 

कमरा फैला हुआ है कोई बात नही… मैं कर दूंगी ठीक बेचारे के सिर पर कितने काम है कितनी पढाई है और अपना कमरा भी साफ करना पडे तो…

अरे नही… ये जो आपकी मदद करना है ना कि मैं ही कर लूंगी पर कहीं न कही हम गलत कर रही है… इन कामों को करके हमें बच्चों को Independent आत्मनिर्भर बनाना है..

बच्चे में अपना काम खुद करने की स्किल का होना बहुत जरुरी है…

शुरु शुरु में अजीब लगेगा और महसूस भी होगा कि देखो हम अपने बच्चे से काम करवा रहे हैं पर यकीन मानिए उनकी बेहतर जिंदगी के लिए ये बहुत जरुरी है…

तो कैसे करें शुरुआत !!

शुरु में छोटा काम ऐसे ऐसे काम दीजिए कि उन्हें लगे कि अरे ये क्या काम है.. जैसाकि दांत साफ करने के बाद ब्रुश अपनी जगह पर रखना. खाना खाने के बाद अपनी प्लेट किचन में रखना.

फिर धीरे धीरे कुछ कामों में involve कर लीजिए जैसा कि आप बेटे कमरे से वो मैगजीन दे देना… या फिर जो आप काम कर रही हैं उसमे  involve कर लीजिए.  मेरी मदद करवा दो आप किचन मे है तो प्लीज बेटा ये चपाती सर्व कर दो.. जरा देखना बाहर कौन है !! ऐसे छोटे छोटे काम !! शुरुआत ऐसे कीजिए…

कई बच्चे स्कूल से आकर यूनिफार्म इसलिए नही बदलते कि मम्मी ने अलमारी से पलंग पर निकाल कर नही रखी…

शू लेस बंद करना नही आता क्योकि मम्मी ने कभी सीखाया ही नही

पजामे का नाडा नही बांध सकते…

ये बहुत छोटी छोटी बातें होती है बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए !! आप अपने निकालो  कि क्या पहनोगे कपडे !!

बच्चों को आत्मनिर्भर उनकी उम्र ही हिसाब से बनाना चाहिए.. मान लीजिए अभी बहुत छोटा है तो आप बोल रहे है कि जा कर सडक पर अपनी ट्राई साईकिल चला लो… सडक के नियम पता नही है उसे… या साथ वाली दुकान से सामान ले आओ… ये देख कर कि वो इतना समझदार हो गया है कि वो जा सकता है या नही… बस stop है अभी अकेला वहां खडा हो सकता है या नही..

कई बार बच्चों का मन होता है बाहर का खाना खाने का. जैसे पिज्जा या होटल का खाना तो फिर फोन करके ही आर्डर देना होता है.. वो भी नही करते… आप करो आप करो… तो उन्हे बोलिए कि आप करिए तभी खाना आएगा नही तो नही आएगा !! बाते बहुत छोटी छोटी होती है पर जिंदगी में लॉग रन में बहुत काम आती हैं..

ज्यादा उम्मीद नही रखनी

हमें reasonable expectations यानि उम्मीद उचित रखनी हैं बहुत ज्यादा उम्मीद नही रखनी कि सारा ही काम करे… बच्चा अपनी अलमारी ठीक रखे. स्टडी टेबल सही रखे, बाथरुम साफ रखे. धीरे धीरे करके काम देना है और फिर उसे बेशक बढाते चाहिए पर बच्चे को बोझ न लगे इस बात का ख्याल रखना है…

परफेक्शन को भूल जाईए …

कई बार हमें हर चीज परफेक्ट भी चाहिए होती है कि बच्चे ने अगर कमरा साफ किया तो वो परफेक्ट हो… इतना ही बहुत है किया है उसने साफ… criticism नही करना बल्कि उसे एनकरेज करना है… अब ये आदत धीरे धीरे डालिए … कि साफ भी लगना चाहिए !! पर परफेक्ट ही हो.. ये सोच भी  सही नही

उन्हें अपनी प्रोब्लम खुद सॉल्व करने दीजिए

मान लीजिए बच्चा अपने दोस्त के घर गया और अपनी कॉपी भूल आया पार्क मे खेल रहा है तो पानी की बोतल भूल आया.. तो हम फोन करके पूछ रहे है दोस्त के घर… ये काम बच्चे को ही करने दीजिए.. उसे फोन करके पूछने दीजिए… इससे आत्मनिर्भरता तो आती ही है साथ ही साथ आत्मविश्वास भी बढता है… !! फिर बजाय उनकी हैल्प करने के उन्हें याद करा दीजिए कि याद है ना आज शनिवार है आपका टेस्ट होता है कौन सी कॉपी लेकर जानी है…

टाईमटेबल बनाना बहुत सही रहता है..

और टाईम को मैंनेज करना सीखाना बहुत सही रहता है अगर उन्हें हम पहले ही बता देंगें कि सारी चीजे सही से रखई होगी तो आप कभी कुछ मिस ही नही करोगें उन्हे उदाहरण देकर या कहानी के माध्यम से भी बात समझाई जा सकती है.. अगर 7 बजे का अलार्म है तो अगर पौने 7 का लगा देंगें तो वो और सारा काम आराम से कर लेगा और हबडा तबडी भी नही होगी

Praise भी करनी है अगर अच्छा काम किया है अरे वाह !! आपने तो बहुत अच्छा काम किया… उससे उसने एक positive फीलिंग आएगी जैसाकि आज शू लैस ऐसा बाधां कि सारा दिन खुला नही … तो शाबाशी दीजिए !! Encourage कीजिए

बच्चों को आत्मनिर्भर रहने की वेल्यू समझाई जाएगी तो वो जरुर समझ जाएगे!

एक तरह से देखा जाए तो बच्चे को आत्मनिर्भर बनाना एक सबसे अच्छा उपहार है जो पेरेंटस बच्चों को देते हैं…

बच्चे एक्टिव भी रहते है

रिस्पोंसिबल रहते हैं

और आत्मविश्वास भी आता है…

ये आदत बचपन से ही डालनी जरुरी है क्योकि अगर एक बार आदत नही आई खुद काम करने की फिर बडे होकर भी नही करेंगें !!

Help Your Child to be Confident – Make Your Child Independent

February 16, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

कर्मों का फल – एक प्रेरक कहानी – कर्मों का फल – अच्छे कर्म का फल मिलता है – Inspirational Story

कर्मों का फल

 कर्मों का फल –  एक प्रेरक कहानी – अच्छे कर्म का फल मिलता है – Inspirational Story  –  अच्छे और बुरे कर्म  की असर कल मैं मार्किट से लौट रही थी तभी देखा सामने एक एक्सीडेंट होते होते बचा…वहां खडे कुछ लोग कह रहे थे कि अच्छे कर्म किए होंगे वर्ना कुछ हो ही ना ऐसा तो होता ही नही… तब मैं भी सोचने लगी कि हां.. अच्छे कर्म का फल तो जरुर ही मिलता है…  मुझे एक कहानी भी याद आई

जो मैंनें नेट पर पढी थी.

कर्मों का फल – एक प्रेरक कहानी – कर्मों का फल – अच्छे कर्म का फल मिलता है – Inspirational Story

कहानी एक हिरण की है

हम जैसे कर्म करते हैं हमें फल भी वैसा ही मिलता है… अच्छा करेंगे…  तो अच्छा कुछ बुरा करेंगें तो बुरा…

कई बार कहानी बहुत अच्छा माध्यम बनती है अपनी बात कहने के लिए इस कहानी को  नेट पर पढा था.. … कहानी एक हिरण की है

एक जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे. हिरण भी रहता था वो बहुत ही अच्छा और सभी की मदद करता था.. एक शाम जब वो अपने घर लौट रहा था तो

एक शिकारी ने एक हिरण को बड़ी तरकीब से चारों तरफ के घेर लिया था ।

उसने एक तरकीब अपनाई, जिससे वह हिरण किसी भी सूरत मे बच न सके।

और उसका शिकार निश्चित रूप से किया जा सके ।

उस शिकारी ने हिरण के एक तरफ जाल लगा दिया ।

पीछे की तरफ जंगल मे आग लगा दी ।

एक तरफ अपने शिकारी कुत्ते को खड़ा कर दिया ।

दूसरी तरफ तीर कमान ले कर खुद खड़ा हो गया ।

इतना इंतजाम करके उसने उस हिरण को सब तरफ से घेर लिया ।

यह सब करने के बाद शिकारी ने अपना कुत्ता उस हिरण की तरफ छोड़ दिया और खुद तीर चलाने लगा ।

बेचारा हिरण किसी भी तरफ से निकाल नहीं सकता था ।

एक तरफ तो शिकारी कुत्ता का उसकी ओर लपका हुआ आ रहा था ।

दूसरी तरफ शिकारी तीर चलाने को तैयार था ।

ऐसा लग रहा था की अब इस हिरण की मौत निश्चित हैं ।

इसे कोई भी नहीं बचा सकता । उसने बस मन ही मन ईश्वर को याद किया…

तो क्या हुआ… कोई चांस ही नही था .. बचने का …

पर समय को कुछ और भी मंजूर था …

तभी अचानक एक साँप वहाँ से निकला ।

उस शिकारी का पैर उस साँप पर गलती से पड़ गया ।

साँप ने शिकारी को काट लिया ।

उसी समय शिकारी तीर छोड़ने वाला था लेकिन साँप के काटने के कारण शिकारी का निशाना गलत हो गया ।

जो तीर हिरण को लगना था वह तीर शिकारी कुत्ते को जा लगा ।

कुत्ते की वहीं पर मौत हो गई ।

कुत्ता तीर लगने के कारण और शिकारी साँप के काटने के कारण, दोनों ही मारे जा चुके थे ।

तथा हिरण साफ – साफ बच कर निकाल गया उसने ईश्वर का धन्यवाद किया और और दुबारा जुट गया अपने दोस्तों की मदद करने में.. !!

इसीलिए तो कहा गया है   अच्छे कर्म करते रहना चाहिए…

वैसे एक बात और मैंनें नेट पर पढी थी कि

जब जिन्दगी हँसाए, तब समझना कि अच्छे कर्मों का फल मिल रहा है। जब जिन्दगी रुलाये, तब समझना कि अब अच्छे कर्म करने का समय आ गया है रे बाबा !!

कर्मों का फल – एक प्रेरक कहानी – कर्मों का फल – अच्छे कर्म का फल मिलता है – Inspirational Story

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