Be Positive
कई बार हम किसी को उत्साहित तो करते नही उल्टे कुछ ऐसा बोल देते है कि वो बेचारे निरुत्सहित ही होकर बैठ जाते हैं.एक मेरी सहेली ने कार सीखने की इच्छा जताई तो पति और बच्चो ने साफ साफ बोल दिया कि हम तो उस समय कार मे बैठेगे नही जब आप चला रही होंगी … अभी मरने का शौक नही है. वो बेचारी अपना सा मुहं लेकर बैठ गई.
वही एक बच्चे के बोर्ड मे 90% अंक आए तो पिता बोले अब ट्यूशन पर इतना खर्चा किया, इतना आराम दिया तो इतने नम्बर तो आने ही थे वैसे भी इतने नम्बर तो किसी के बिना पढे भी आ जाए. कौन सा तीर मार लिया.
वही एक देवेन हैं 7 क्लास मे पढता है. उसकी आदत है कि सुबह नाश्ते से पहले ब्रुश जरुर करता है चाहे छुट्टी हो या ना हो. घर वाले उसे चिढाते रहते हैं पता नही कहां से पंडित पैदा हो गया हमारे घर.वो बेचारा कुछ नही कहता
रंजीता को अंग्रेजी पढने का बहुत शौक है वो जब भी बाहर जाती है तो कपडे या अन्य समान खरीदने की बजाय अंग्रेजी की किताब खरीदती है. इस पर उसी के परिवार वाले बहुत मजाक बनाते हैं कि बडी आई अंग्रेजी पढने वाली … ऐसे गिट पिट बोलती है जैसे विदेश जाएगी … स्वाभाविक है कि उसका मनोबल टूट गया .वैसे आप तो ऐसे नही है ना !!!अगर हैं तो जरा नही बहुत सोचने की दरकार है ….