रक्तदान, रक्तदाता और असली खुशी का अहसास – ब्लड नेगेटिव पर सोच सकारात्मक. Blood Donation …कल किसी जानकार को नेगेटिव ब्लड चाहिए था. मैने तुरंत अजय चावला जी को फोन लगाया और रक्तदाता तुरंत मिल गए. वो आए और उन्होनें blood donate किया और जानकार की जान बच गई.
रक्तदान, रक्तदाता और असली खुशी का अहसास
ऐसा एक बार नही दो तीन बार हुआ है अजय जी तुरंत नेगेटिव ब्लड के लिए रक्तदाता उपलब्ध करवा ही देते हैं. असल में, बात कुछ समय पहले की है जब मैं रक्तदान से सम्बंधित कुछ लेख खोज रही थी तब अचानक एक खबर पर नजर पडी कि नेगेटिव रक्त होते हुए भी सोच पॉजीटिव.. मुझे यह खबर हट कर लगी और जब ध्यान से खबर पढी तो भाग्यवश उस पर एक वटसअप नम्बर 09871455456 भी दिया हुआ था. मैने बिना समय गवाएं उन्हे फोन मिला लिया तब उनसे विस्तार से बात हुई थी.
रक्तदान, रक्तदाता और असली खुशी का अहसास
अजय जी ने बताया कि बात 2008 की है जब पहली बार हरियाणा के फरीदाबाद मॆ आफिस मे लगे कैम्प मे वो रक्तदान करने गए थे. वहां पता चला कि उनका blood O negative है और यह भी पता चला कि यह बहुत rare है तब सोचा कि अगर ये इतना rare है तो क्यो ना इसका एक ग्रुप बनाया जाए. उन दिनो एसएमएस सर्विस ही होती थी. तब उसी के माध्यम से फरीदाबाद, गुड्गांव और दिल्ली एनसीआर से ऐसे नेगेटिव ब्लड ग्रुप वालो को खोजना शुरु किया.
इसी बीच उन्हें फरीदाबाद के ही गौरव सचदेवा मिले. उनका भी नेगेटिव ब्लड ग्रुप था.फिर दोनो ने मिलकर नेट वर्क बनाया और तब से आज तक ओ नेगेटिव के 60 रक्तदाता है.
आज फिर अखबार मे एक खबर देखी कि प्लेटलेट्स की नही होने देगे कमी और उसमे अजय जी ने बताया हुआ था कि उनका ब्लड एंड ह्यूमेनिटी के नाम से ग्रुप बना हुआ है और वो हर सम्भव सहायता करेगे कि नेगेटिव ब्लड ग्रुप वालो को कोई दिक्कत न आए.
पढ कर बहुत अच्छा लगा फिर दुबारा उनसे बात हुई तो उन्होने बताया कि न सिर्फ रक्तदान में बल्कि खुशी एक अहसास नाम से सोशल ग्रुप भी बनाया हुआ है जोकि गरीब बच्चो या old age home, बुजुर्गो के लिए काम करती है 2012 मे पहली बार बिग एफएम Big FM 92.7 के साथ मिलकर हुई फिर जैसे जैसे लोग जुडते गए काम करने का दायरा भी बढता चला गया..
और अब अलग अलग क्षेत्रो मे काम कर रहें हैं चाहे चैन्नई की बाढ हो, उत्तराखंड की flood हो, नेपाल मे भूकम्प हो या किसी भी तरह की आपदा हो मदद हो वो कभी पीछे नही हटते.
दीपावली पर भी गरीब बच्चों की मदद के लिए अभियान चलाते हैं बांटिए खुशियां, बढाए हाथ, मनाएं दीपावली कुछ जरुरतमंद बच्चों के साथ…. उन्होनें बताया कि इसे करने से उन्हे मन में असीम शांति मिलती है जिसका वर्णन शब्दों में नही किया जा सकता. और जहां तक ओ नेगेटिव रक्त की बात है उनका कहना है कि अगर रक्तदान की महत्ता को समझ कर उनके साथ नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले और ज्यादा जुडेंगें तो उनका नेटवर्क और भी ज्यादा मजबूत होगा.
वैसे वो कहते भी हैं ना कि सेवा करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होठों से ज्यादा पवित्र होते हैं. भलाई के और नेक कार्य करते रहने चाहिए इतना आत्मविश्वास और आत्मबल बढता है कि चेहरे पर खुद ब खुद मुस्कुराहट आ जाती है. अजय जी और उनकी पूरी टीम को शुभकामनाऎं
रक्तदान, रक्तदाता और असली खुशी का अहसास
रक्तदान और अमिताभ बच्चन – Monica Gupta
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