क्या आपको अपना blood group पता है
रक्त के प्रकार चार होते हैं और रक्तदान यानि स्वैच्छिक blood donate करने की जब बात आती है तो हम सबसे पहले यही पूछते हैंं कि क्या आपको अपना blood group पता है पर जब हमें ये ही न पता ही न हो कि हमारे रक्त के प्रकार क्या है तो क्या हो … ??? रक्तदान से जुडी एक खबर जो आपको अचम्भित कर देगी. गुजरात के सूरत में एक ऐसा ही अजीबो गरीब केस देखने में आया. उनका ब्लड ग्रुप जैसा अभी तक दुनिया में किसी का नही है.
रक्त के प्रकार – रक्तदाता का एक अजीबो गरीब केस
रक्तदान क्षेत्र में काम कर रहे हैं उनके लिए ये खबर जरुर हट कर होगी .अगर हमें रक्त की जरुरत पडे तो यकीनन हम ब्लड बैंक जाएंगें और खून लेंगें पर क्या हो जब हम ब्लड बैंक जाएं और हमें ये पता चले कि हमारा खून तो किसी कैटीगिरी मे है ही नही. अब आपके मन में ये आ रहा होगा कि फिर तो यकीनन मैं बॉम्बे ब्लडग्रुप की बात कर रही हूं पर जी नही ये बॉम्बे ब्लडग्रुप की बात भी नही है ये कोई अलग तरह का ही ब्लड है जिसकी जानकारी अभी तक न डाक्टरों तक हो नही है इतना ही नही इस अनोखे ब्लड ग्रुप का रक्त नमूना वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) WHO भी भेजा गया.
इस लैब में दुनिया में ज्ञात सभी तरह के ब्लड ग्रुप मौजूद हैं इसलिए हर तरह की जांच की गई पर इस युवक का ब्लड ग्रुप किसी से मैच नहीं हुआ. लैब ने अपनी जांच के बाद इस बात को स्वीकृति दी है कि यह ब्लड ग्रुप पूरी दुनिया में इकलौता है.
आईए अब आपको सारी कहानी बताते हैं कि आखिर ये है क्या …
जैसाकि हम जानते हैं कि मानव शरीर में चार प्रकार के ब्लड ग्रुप हैं. ये हैं ए, बी, ओ एवं एबी, लेकिन गुजरात के सूरत शहर के एक युवक का ब्लड ग्रुप दुनिया में अनोखा है. ब्लड टेस्ट को सबसे पहले सूरत के लोक समर्पण रक्तदान के डॉक्टरों ने किया. इसमें डॉ. सनमुख जोशी, डॉ. किंजल और अंकिता शेलडिया शामिल थे.लेबोरेटरी ने भी युवक के ब्लड की जांच की, लेकिन उसका कोई ब्लड ग्रुप नहीं मिला.लेबोरेटरी ने इस नए ब्लड ग्रुप को प्रमाणित किया है.
इस बारे में सन्मुख जोशी ने बतायाकि वो युवक के ब्लडग्रुप पर अभी कुछ और रिसर्च कर रहे हैं कि यह ब्लड क्यों सबसे अलग है ? कैसे बना है?
युवक के फैमली के सभी सदस्यों के ब्लड की भी जांच की जा रही हैं.
दुनिया में सात ऐसे रेयर ब्लडग्रुप हैं जो किसी से मैच नहीं करते हैं…. दुनिया में ऐसे सात व्यक्ति हैं, जिनका ब्लडग्रुप किसी से मैच नहीं करता है.
डॉ. सनमुख जोशी बताते हैं ‘इन्हें मेडिकल भाषा में कोलटोल कहते हैं. इनमें से एक इंडिया में है. इसके अलावा बॉम्बे ब्लडग्रुप है जो सात हजार में से किसी एक के पास होता है. ऐसे व्यक्ति को रक्त की जरूरत पड़ने पर काफी मुश्किल होती है … खैर देखतें है कि नतीजा क्या निकेलेगा … फिलहाल यह युवक न तो किसी को ब्लड डोनेट कर सकता है, न ही किसी का ब्लड ले सकता है. डॉक्टरों ने इस नए ब्लड ग्रुप का नाम INRA रखा है. इसमें पहले दो शब्द इंडिया और बाद के दो शब्द युवक के नाम से लिए गए हैं.
वाकई ये बात हैरानी का विषय बनी हुई है और यह भी सुनने में आया है कि रिसर्च के चलते डॉक्टरों ने युवक की पहचान को अभी छिपा रखा है.
दिल्ली स्थित Rotary Blood Bank की चीफ टैक्निकल आफिसर आशा बजाज से जब इस बारे में बात हुई तो उन्होने भी यही कहा कि रिसर्च का विषय है इस पर रिसर्च करके ही बात की गहराई तक जाया जा सकेगा..
Rotary Blood Bank
Rotary Blood Bank आईएसबीटीआई की दिल्ली में कांफ्रेस के दौरान बहुत से ऐसे लोगों से मिलना हुआ जो रक्तदान पर बहुत जबरदस्त कार्य कर रहे थे. Read more…
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