अथ श्री साक्षरता दिवसाय नम:
चलो जी, हर साल की तरह इस साल भी आ गया साक्षरता दिवस. मन मे एक अलग सा ही उत्साह था कि देखते है कि इस साल के आंकडे क्या कहते है यानि क्या हमनें साक्षरता को लेकर सोपान चढी है या …. !!!! खैर चैनल लगाया तो अंट शंट खबरो के इलावा कुछ भी नही आ रहा था. मैने सोचा शायद आज के दिन को भूल गए है या अभी तक सर्वे जारी होगा. शाम तक ताजी रिपोर्ट आ जाएगी.
वैसे मेरे दिमाग मे भी पत्रकार का कीडा कुलबुला रहा था सोचा कि मै क्या किसी से कम हूं … चलो, साक्षरता दिवस पर लोगो के साक्षात्कार ले कर आती हूं साक्षरता के बारे मे. मोबाईल और पेपर पैन उठाया और कूद पडी पडी मैदान मे. तभी सिर पर मूली के छिलके गिरे. मै घबरा गई और ऊपर देखा तो दूसरी मंजिल वाली आंटी खिसिया गई और बिना माफी मांगे कोलगेट स्माईल लिए बोली कि वो का है ना आज कूडे वाला तो आएगा नही … मूली के छिलके पडे पडे सूख रहे थे सोचा सडक पर ही डाल दू गाय खा लेगी … भला हो जाएगा उसका … फिर उल्टे ही मुझसे पूछने लगी कि कही जा रही हो क्या.. गुस्सा तो मुझे बहुत आया पर खुद को संयत करती हुई बोली कि आज साक्षरता दिवस है लोगो का साक्षात्कार लेने जा रही हूं.इस पर वो वैसी ही स्माईल बरकरार रखती हुई बोली … वाह !!! मेरा भी ले लो. डबल एम ए पास हूं और आजकल जनसम्पर्क विभाग मे सोशल वर्क में काम कर रही हूं.
मन तो उस समय ऐसा हुआ कि …. पर मैने अपने आप को समझाया कि कंट्रोल मोना … फिर चेहरे पर मुस्कान लिए मै बोली कि वो क्या है ना कि किसी से समय फिक्स किया हुआ है नही तो जरुर लेती आपका …. कहती हुई मे बाल और कपडे झाडती हुई वहां से निकल गई.
सामने कालिज था. बहुत लडको का झुंड खडा था .मै उनके ओर जाने को हुई ही थी कि वो सामने से गुजरती हुई लडकियो को गंदे गंदे कमेंट देने लगे. लडकियां तो सिर झुका कर चली गई पर उसी समय जब वहां से जब टीचर निकली तो उन्हे देखकर जोर जोर से हंसने लगे. मुझे इस समय वहा कुछ भी बोलना सही नही लगा और मै दूसरी तरफ मुड गई. मै सोच रही थी कि कूडा फेकने वाली आंटी या कालिज जाने वाले स्टूडेट आखिर किस श्रेणी मे आते हैं साक्षर या निरक्षर या अनपढ …!!! साक्षरता दिवस … हे भगवान !!!
उदास मन लिए थोडा और आगे बढी तो एक झुगी झोपडी से जोर जोर के पीटने की आवाजे आ रही थी. मां अपने बच्चे को पीट रही थी. असल मे, बच्चा स्कूल जाना चाह्ता था जबकि मां उसे ना जाने के लिए पीट रही थी कि पढ कर भी क्या निहाल करेगा. अभी से कमाएगा तो ही जी पाएगा नही तो … !!!मै आगे बढ कर कुछ समझाने को हुई ही थी कि इसने मुझे बहुत गुस्से से देखा और देखते ही देखते वहां भीड इकट्टी होने लगी तो मैने समय की नजाकता को देखते हुए चुपचाप खिसकना ही सही समझा.
थोडी आगे जाने पर मैने देखा कि शायद साक्षरता दिवस पर यहा कोई प्रोग्राम होने वाला है यहां तो पक्का ही कोई ना कोई अच्छा साक्षात्कार मिलेगा ही. तभी सामने से एक बडी सी गाडी आकर रुकी .अचानक चौकीदार उस गाडी सवार से सभ्यता से बोला बोला कि सर, आप कार आगे खडी कर लिजिए. यहा नो पर्किंग का बोर्ड लगा है. इस पर कोट पैंट पहने सभ्य दिखने वाला बाबू असभ्यता पर उतारु हो गया. तू है कौन ??? तू जानता है मै कौन हूं ??? मेरे एक इशारे पर तेरी छुट्टी समझ … बडा आया मुझे कहने वाला … मुझे … !!! कहते कहते ना जाने किसे उसने मोबाईल मिला लिया और जिससे भी बात की उसे तुरंत आने को कहा..
सच पूछो तो मेरा मन तो शुरु से ही उदास हो रहा था पर पर अब इतना कुछ देख कर मन वापिस जाने को करने लगा. और मै घर वापिस लौट गई.
सोफे पर धडाम से बैठते हुए खबरे लगाई तो ब्रेकिंग न्यूज आ रही थी …”आकंडे बता रहे है कि देश में अनपढ लोगो की संख्या विश्व भर मे सबसे अधिक ”
उफफफफ … मैने सिर खुजलाते हुए चैनल ही बदल दिया और मन ही मन बोल उठी … साक्षरता दिवस….अथ श्री साक्षरता दिवसाय नम: !!!!!