Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 14, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

आजादी का जश्न

indian flag photo

आजादी का जश्न

सुबह से सर्च जारी थी कि good news मिले  ताकि 15 अगस्त की आजादी की feel  ला सकूं पर फिर वही देश में आतंकी खतरा, हाई अलर्ट,  पाकिस्तान  इस साल अपने स्वतंत्रता दिवस समारोह को काश्मीर की आजादी के नाम समर्पित कर रहा है …दिल्ली में यमुना का पानी खतरे से ऊपर और गऊ माता का .. खैर उनकी तो पूछिए ही मत… गाय माता न होकर राजनैतिक पशु हो गई है… खैर,  भारत पदक के लिए संधर्ष कर रहा है वही खेल मंत्री ने रियो मे अपना नया ही खेल दिखा दिया…

बस समझ नही आ रहा था कि कहां से लिखू सोचा अपने दोस्तों से ही बात कर लू एक सहेली को फोन मिलाया उसकी बेटी का कल डांस है उसकी मैचिंग साडी नही मिल रही वो वैसे ही परेशान थी. एक अन्य मित्र ने फोन ही नही उठाया बाद मे मैसेज आया कि मुख्य मंत्री आ रहे हैं जिले में इसलिए बहुत व्यस्त हैं. तभी देखा कुछ बच्चे बाहर शोर मचाते हुए जा रहे थे उनसे पूछा तो वो बोले कल स्कूल में लड्डू मिलेंगें और एक बोला कि उसके पास कूपन है कल आईसक्रीम पर 50 % डिस्काऊट discount मिलेगा.. शुक्र है कही से खुशी तो देखने को मिली..

मैने नेट internet ऑन किया तो अचानक एक खबर पर नजर पडी और मैं भी खुश हो गई … असल में, खबर यह है कि “बीएसएनएल के उपभोक्ता 15 अगस्त के दिन बीएसएनएल लैंडलाइन फोन से किसी भी मोबाइल नेटवर्क और लैंडलाइन पर फ्री कॉल कर सकेंगे। यह सुविधा हर रविवार को मिलेगी।’ अभी बीएसएनएल किसी भी नेटवर्क पर केवल रात में (रात 9 से सुबह 7 बजे तक) फ्री कॉल्स का ऑफर देता है।  पर अरे वाह !!

कल बजाय मैसेज भेजने के सभी को फोन करके बधाई दूंगी.. और मैं फटाफट लिस्ट बनाने में जुट गई …

 

BSNL offers free unlimited calls on Independence Day – Navbharat Times

बीएसएनएल 15 अगस्त को देगी फ्री कॉल, हर रविवार पूरे दिन फ्री अनलिमिटेड कॉल्स सरकारी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी बीएसएनएल (BSNL) ने स्वतंत्रता दिवस के दिन फ्री अनलिमिटेड कॉल्स का ऑफर दिया है। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने एक रिलीज के जरिए बताया, ‘बीएसएनएल के उपभोक्ता 15 अगस्त के दिन बीएसएनएल लैंडलाइन फोन से किसी भीमोबाइल नेटवर्क और लैंडलाइन पर फ्री कॉल कर सकेंगे।’ BSNL offers free unlimited calls on Independence Day – Navbharat Times

15 अगस्त 1947: ‘स्वतंत्रता दिवस’ से जुड़े 15 ग़ज़ब रोचक तथ्य ←GazabHindi→

1. क्या आपको पता हैं.. पाकिस्तान 14 अगस्त को आजाद हुआ था और भारत 15 अगस्त को।

4. भारत 15 August को आज़ाद जरूर हो गया, लेकिन उसका अपना कोई राष्ट्र गान नहीं था। हालांकि रवींद्रनाथ टैगोर जन-गण-मन 1911 में ही लिख चुके थे, लेकिन यह हमारा राष्ट्रगान 1950 में ही बन पाया.

6. भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा रेखा 15 August तक नही थी। यह 17 August को रेडक्लिफ लाइन के रूप में खींची गई। read more at gazabhindi.com

 

आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!

 

 

Photo by Mediocre2010

August 13, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

कार्टून -70वां स्वतंत्रता दिवस

कार्टून -70वां स्वतंत्रता दिवस

कार्टून -70वां स्वतंत्रता दिवस

कार्टून -70वां स्वतंत्रता दिवस

कार्टून -70वां स्वतंत्रता दिवस

मैं हूं 70 वर्षीया आजादी.. आप सभी को 70th Independence Day की बधाई देने आई हूं. बहुत बहुत बधाई स्वीकारें !!

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के मशहूर और प्रेरक वक्तव्य, नारे

वंदे मातरमः बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
जय जवान, जय किसानः लाल बहादुर शास्त्री
जय हिंदः नेताजी सुभाष चंद्र बोस
स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगाः काका बाप्टिस्टा और बाल गंगाधर तिलक ने इसका इस्तेमाल किया
सत्यमेव जयतेः पंडित मदन मोहन मालवीय ने इसे लोकप्रिय बनाया
इंकलाब जिंदाबादः मुस्लिम नेता हसरत मोहानी ने यह नारा दिया था, जो बाद में भगत सिंह के नाम का पर्याय बन गया
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं: बिस्मिल आजिमाबादी की राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत कविता, जिसे रामप्रसाद बिस्मिल ने नारे के तौर पर इस्तेमाल किया…

भारत का 70वां स्वतंत्रता दिवस

1- भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, 14 अगस्त 2016 को शाम 7 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे 2- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को लाल किले पर सुबह 7 बजे राष्ट्रध्वज फहराएंगे 3- इस अवसर पर राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ का गायन होगा 4- लाल किले पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए तोपों-बंदूकों से सलामी दी जाएगी 5- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 7.10 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे 6- उनके भाषण के बाद मार्चिंग सेरेमनी, परेड सेरेमनी और क्लोजिंग सेरेमनी होगी।

भारत का स्वतंत्रता दिवस समारोह – आईये जाने कैसे भारत अपना 70वा स्वतन्त्रा दिवस मना रहा है, क्या क्या आयोजन है, भारत का 70वां स्वतंत्रता दिवस समारोह 2016 Read more…

बहुत बहुत बधाई !!! जय जवान जय किसान जय स्वच्छता !!!

 

August 13, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

महिलाएं छेडछाड और सोशल मीडिया

महिलाएं छेडछाड और सोशल मीडिया – राष्ट्रपति महोदय की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी और फेसबुक पर अश्लील संदेश वाली खबर देखी.

महिलाएं छेडछाड और सोशल मीडिया

राष्ट्रपति महोदय की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी और फेसबुक Facebook पर अश्लील संदेश वाली खबर देखी. वैसे Poke करना हो , अश्लील वीडियो भेजना हो या मैसेज करने हों सोशल मीडिया पर भी इसके बहुत मामले सामने आ रहे हैं.. ज्यादातर महिलाओं के पास एक ही हथियार रहता है और वो है उस गन्दी मानसिकता वाले को ब्लॉक करना… जबकि हम भूल जाते हैं कि हमने ब्लॉक किया तो वो कही दूसरी महिला के पास छेडने चला जाएगा बेहतर यही है कि एक बार उसे टोक दिया जाए उसे चेतावनी दे दी जाए कि अगर भविष्य में ऐसा संदेश  दुबारा भेजा तो अच्छा नही होगा और अगर फिर भी वो नही समझता तो उसका वही हश्र करना चाहिए जो शर्मिष्ठा जी ने किया.
आज खबर पढी कि  राष्ट्रपति की बेटी  शर्मिष्ठा को सोशल मीडिया पर  अश्लील संदेश भेजे गए और बजाय उसे ब्लाक करने या बात दबाने के उन्होने उसका स्क्रीन शॉट ही फेसबुक पर पोस्ट कर दिया…उन्होनें अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर उनको भेजी गई पूरी अश्लील चैट की आपबीती शेयर की है।उनका कहना था कि ब्लॉक करना काफी नहीं होगा। मैं उस शख्स की प्रोफाइल और उसके मैसेज के स्क्रीन शॉट पोस्ट कर रही हूं। मैने उसे भी ये पोस्ट टैग किया है।इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। शर्मिष्ठा को लिखे गए ये संदेश इतने अश्लील हैं कि उसे दिखा पाना भी संभव नहीं है…

sharmishtha-fb

Man sent obscene messages to President daughter Sharmistha Mukherjee |

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने खुलासा कि�

read more at abpnews.abplive.in

Vulgarity With President Pranab Mukherjee’s Daughter On Facebook – राष्ट्रपति की बेटी को भेजा अश्लील मैसेज, शख्स को सोशल मी‌डिया पर बेनकाब कर खोली पोल, India News News In Hindi -amar Ujala

शर्मिष्ठा ने अपने फेसबुक पेज पर ऐसे शख्स को बेनकाब किया है जो उन्हें अश्लील मैसेज भेजता था। शर्मिष्ठा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में उस शख्स की चैट भी शेयर की है। read more at amarujala.com

वैसे महिलाओ को इस बारे मे जरुर सचेत और जागरुक रहना होगा… सोच समझ कर फेसबुक फ्रेंड बनाने पडेंगें मैने भी इसी बारे में बहुत महिलाओ से बात की तो उन्होनें इस बात को एक सबक माना … हालाकिं कुछ महिलाओं ने ब्लॉक करने पर ही जोर दिया. उनका कहना था कि अगर वो उसका नाम उछालेगें तो मम्मी पापा उनका फेसबुक करना ही , नेट पर काम करना ही बंद करवा देंंगें. कुछ ने कहा कि वो बडे बाप की बेटी है उन्हें क्या डर … पर मेरे विचार से ऐसा नही है … इज्जत हर महिला की होती है और उसे सहेज कर रखना हर महिला का फर्ज !!

कुल मिलाकर यही कहना चाहती हूं कि ऐसे लोगो को  उनकी गंदी मानसिकता को कभी बढावा नही देना चाहिए और बिना डरे इसका हल निकालना चाहिए … !!

 

 

August 13, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वतंत्रता दिवस – मोदी जी और नागरिकों से सुझाव ,विचार और संदेश

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(तस्वीर गूगल से साभार)

स्वतंत्रता दिवस – मोदी जी और नागरिकों से सुझाव ,विचार और संदेश

suggestions for Independence Day Speech

पिछ्ले दिनों हमारे प्रधान  मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों ‘मन की बात’ में स्वतंत्रता दिवस की अपनी स्पीच के लिए लोगों से सुझाव मांगे थे। ये वाकई बहुत अच्छी बात है .आज जिस तरह से सोशल मीडिया घर घर पहुंच रहा है ऐसे में, देश के प्रधान मंत्री तक अपनी बात पहुंचाना सरल हो गया है और उस पर अगर प्रधान मंत्री खुद जानना चाहें तो इससे बेहतर और क्या बात हो सकती है.

दिमाग तो मेरा भी बहुत दौड रहा था कि क्या लिख सकती हूं मेरे दिमाग में महिला सुरक्षा और स्वच्छ भारत ज्यादा चहल कदमी कर रहे थे. फिर 100 नम्बर हेल्प लाईन या सरकारी अस्पतालों या सरकारी स्कूलों की की जर्र जर्र हालत.फिर सोचा अपना बनाया कार्टून भेज दूं फिर विचार आया कि कि एक ऑडियो भेज दूं बस विचारों की सुनामी सी आ गई और…और….. और मैं कुछ नही भेज पाई.

आज जब बहुत सारे लोगो के विचार पढे तो मन खुश हो गया… सभी ने अच्छा लिखा है तो सोचा कि क्यो ना उसे ही आप सभी के सथ ब्लॉग के माध्यम से सांझा कर लूं.

जितना मैनें अभी तक  पढा. उनके पास देशभर से 10 हजार से ज्यादा सुझाव आ चुके हैं। लोगों ने गाय, दलित, एलजीबीटी, सफाई, महंगाई, गुलदस्ते और कश्मीर जैसे कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. कुछ मुझे बहुत पसंद आए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आप हर रोज दर्जनों लोगों से गुलदस्ते क्यों स्वीकार करते हैं? क्या आप और सारे मंत्री इस स्वागत प्रक्रिया को रोक नहीं सकते हैं। क्योंकि सिर्फ आपको गुलदस्ता देने में सालाना तौर पर 1.5 करोड़ रुपए सालाना का खर्च आ रहा है।

आशीष ने कहा है कि 9 अगस्त को जब प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में उतरे, 10-15 गुलाब के गुलदस्तों से उनका स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री ने इन गुलदस्तों को एक या दो सेकेंड के लिए हाथों में लिया और फिर सिक्योरिटी स्टॉफ को दे दिया।

आनंद ने लिखा है, ‘इससे पहले कि खुश्बू प्रधानमंत्री तक पहुंचती, दूसरा गुलदस्ता उनके हाथों में आ जाता। आप (प्रधानमंत्री) हर रोज कई लोगों से मिलते होंगे और स्वागत में आपको गुलदस्ते भेंट किए जाते होंगे।’ उन्होंने आगे कहा है कि प्रधानमंत्री को एक स्वागत कोष शुरू करना चाहिए। इस कोष में उन लोगों से पैसे जमा करने को कहना चाहिए, जो प्रधानमंत्री का स्वागत करना चाहते हो और प्रधानमंत्री को गुलदस्तों को स्वीकार करने की प्रक्रिया कम से कम कर देनी चाहिए

अन्य सुझावों में एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि टेलीविजन पर प्रधानमंत्री का चेहरा थका हुआ दिख रहा है।

पीएम पन्द्रह अगस्त को अपने भाषण में लोगों से बच्चों को स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी फिल्में दिखाने को कहें बजाय इसके कि वे बच्चों संग पिकनिक पर निकल जाएं।

एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री से जम्मू-कश्मीर को दिए गए 80 हजार करोड़ के पैकेज पर विस्तृत रूप से बात करने को कहा है। ताकि यह बताया जा सके कि अगर बीजेपी सांप्रदायिक होती, तो ऐसी घोषणा क्यों करती।

एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री से शहीदों के परिवारों के बैंक अकाउंट साझा करने की घोषणा करने को कहा है। ताकि शहीदों के परिवारों की मदद के लिए लोग पैसे दे सकें।

– संदीप दास ने लिखा कि पीएम को 1000 रुपए से ज्यादा का कैश लेन-देन बंद करने का एलान करना चाहिए। गरीब लोग इससे ज्यादा पैसा खर्च नहीं कर पाते हैं। इससे ब्लैक मनी पर लगाम लगेगी। वहीं, 1000 और 500 के नोट बंद किए जाएं।

– बिजेंद्र जांगरा ने सुझाव दिया- “देशभर में प्लास्टिक बैग पर बैन लगाएं।”

– आरुणि त्रिवेदी ने कहा – “मैं दो सुझाव देना चाहता हूं। पहला, अपनी स्पीच कृपया 30 मिनट के अंदर खत्म कर लें तो अच्छा होगा। दूसरा, शहीद जवानों को देश में पूरा सम्मान मिले।”

– नवरंग लाल बोले- “फैमिली प्लानिंग के लिए मोटिवेशन स्कीम लाएं। इसे स्वच्छ भारत अभियान की तरह पॉपुलर किया जाना चाहिए।”

– जय ने कहा कि घाटी में तनाव पर सबका ध्यान है। अगर अच्छा हो कि पीएम अपनी स्पीच में जम्मू-कश्मीर के लिए घोषित 80 हजार करोड के पैकेज की डिटेल में जानकारी दें।

– एक शख्स ने कहा- ” मैं पीएम की सेहत को लेकर फिक्रमंद हैं। पीएम ज्यादा मेहनत न किया करें, क्योंकि टीवी पर चेहरा थका हुआ दिखता है।

“आदित्य दीवान ने सफाई कर्मचारियों को सफाई सैनिक कहने की बात रखी।

-करोड़पति सांसद अपनी सैलरी छोड़ें

– नितिन निगम ने सुझाव दिया- “यदि कोई शख्स कार चलाते समय सड़क पर थूकता है तो उस पर कुछ कार्रवाई की जानी चाहिए।”

– कमलेश राम ने कहा- ” मोदी जी आप महंगाई कम करने के लिए स्टेप उठाएं। आम आदमी जानना चाहता है कि महंगाई दर कब 2 से फीसदी होगी।”

– महेश कवडे चाहते हैं, पीएम ऑर्गन डोनेशन पर कुछ बोलें। भविष्य में इसकी जरूरत बढ़ेगी। इसलिए कानूनी में सख्ती कम हो।”

– राजन सोनी ने करोड़पति सांसदों की सैलरी पर कहा- “करोड़पति सांसदों को अपनी सैलरी छोड़ देनी चाहिए। इस बारे में कोई एलान लाल किले से होना चाहिए।”

पांच साल की बच्ची का सुझाव अनुष्का रुद्रावर ने लिखा, “हेलो सर में अपने पापा के आईडी से मेल भेज रही हूं” “मेरा सुझाव उस प्रोजेक्ट को लेकर है, जिस पर हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने पहल की थी।”

– विकास राय ने सलाह दी है कि उन्हें इस स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की जगह कश्मीर जाकर तिरंगा फरहाना चाहिए.

मेरे विचार से कुछ करेंगें तभी देश बदलेगा…प्रोफाईल पिक्चर या स्वतंत्रता दिवस के संदेश भेजने से कोई बदलाव नही आएगा. चुपचाप बस खुद कुछ अच्छा काम करते रहें अपना देश के प्रति फर्ज समझे… बदलाव जरुर आएगा !!

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!

स्वतंत्रता दिवस भाषण के लिए PM मोदी ने मांगे जनता से सुझाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर दिए जाने वाले अपने भाषण के लिए जनता से सुझाव मांगे हैं। read more at www.punjabkesari.in

वैसे आपके क्या विचार होते जरुर सांझा कीजिए …

August 12, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

रियो ओलंपिक में भारत और खेल मंत्री

रियो ओलंपिक में भारत और खेल मंत्री

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रियो ओलंपिक में भारत और खेल मंत्री

हे भगवान !!ये क्या हो “रियो” है. एक तरफ ओलंपिक में हमारे पदक नही आ पा रहे और दूसरी तरफ हमारे खेल मंत्री को ही चेतावनी मिल गई और वही चीनी मीडिया ने ओलंपिक में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के छह कारण बता दिए कि भारत में मूलभूत ढांचे की कमी, स्वास्थ्य की कमी, ग़रीबी, लड़कियों को खेलों से दूर रखना, लड़कों पर अच्छे डॉक्टर और इंजीनियर बनने का दबाव, क्रिकेट की लोकप्रियता और ओलंपिक के बारे में ग्रामीण इलाक़ों में जानकारी की कमी है.

बहुत स्टीक बात कही उन्होनें … चीनी मीडिया में ये भी कहा गया है कि भारत चीन के बाद दूसरा सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश है लेकिन ओलंपिक में बहुत कम पदक जीत पाता है.

बहुत सच्चाई है इस बात में तभी कह रही हूं कि ये क्या हो रियो है…

खेल मंत्री विजय गोयल को रियो में चेतावनी – BBC हिंदी

रियो में उपमहाद्वीप प्रबंधक साराह पेटरसन ने भारतीय चीफ़-डे-मिशन राकेश गुप्ता को एक ख़त लिखा है कि ऐसी कई रिपोर्टें मिली हैं कि खेल मंत्री एक्रेडिटेशन वाली जगहों पर प्रवेश चाह रहे थे, उनके साथ ऐसे लोग थे जिनके पास यहां जाने की अनुमति नहीं थी. जब ओलंपिक कर्मचारी उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे थे तो उनका बर्ताव रूखा और आक्रामक था.

भारतीय खेल मंत्री दलबल को ऐसी जगहों पर ले जा रहे थे जिसका एक्रेडिटेशन उनके पास नहीं था और अख़बारों की सुर्खियां. read more at bbc.com

 

August 12, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

एन. रघुरामन- मैनेजमेंट फंडा – एक शख्सियत

एन. रघुरामन- मैनेजमेंट फंडा – एक शख्सियत

Ab Muskil

एन. रघुरामन- मैनेजमेंट फंडा – एक शख्सियत

N Raghuraman Management Funda in Dainik Bhaskar

कुछ साल पहले मैनें बच्चों को प्रेरित करने के लिए एक किताब लिखी थी अब मुश्किल नही कुछ भी और सोच विचार उन नामों पर था जिन्होनें अपना बचपन  बेहद साधारण रुप में यापन किया और आज आसाधारण प्रतिभा बन कर हम सभी का मार्ग दर्शन कर रहे हैं अपनी किताब के लिए मैने जिन आसाधारण प्रतिभाओं का साक्षात्कार लिया उनमें से एक हैं  एन रघुरामन.. हम हमेशा उन का लिखा मैनेजमैंट फंडा पढते हैं पर आज पढिए रघु जी के बारे में…

एन रघुरामन
कहते है कि एक अच्छी किताब सौ दोस्तो के बराबर होती है पर एक अच्छा उत्साहित करने वाला दोस्त हो तो वो तो पूरी की पूरी लाइ्रब्रेरी ही होता है।
जी हॉ, अब जिस शख्सियत से आपकी मुलाकात होगी वो हजारो प्रेरक प्रंसगो और जागरूक करने वाले फंडो की चलती फिरती लाइब्रेरी से कम नही है। मैनेजमैंट फंडा के जनक श्री एन रघुरामन आज किसी परिचय के मोहताज नही है। लेखन के प्रति समर्पित नटराजन रघुरामन मध्य प्रदेश दैनिक भास्कर के स्टेट एडिटर है और समस्त सिटी भास्कर के मुखिया है।

मैनेजेमैंट फंडा के नाम से दैनिक भास्कर में नियमित रूप से कालॅम लिखने वाले रघु जी से जब मिलने का समय लिया तो उन्होने तुरन्त अपने व्यस्त कार्यक्रम से कुछ समय निकाल लिया और फिर शुरू हुआ बातो का सिलसिला। बाते शुरू करने से पहले एक बात मैने महसूस की कि रघु जी सादगी की जीती जागती मिसाल है जिससे भी मिलते है उसे अपना बना लेते है और ऐसा महसूस होने लगता है कि इन्हे तो हम बहुत पहले से ही जानते है।

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13 मई 1960 को तमिलनाडू के तंजौर जिले के कुम्भाकोणम् मे इनका जन्म हुआ। इनकी मॉ जी श्रीमति जय लक्ष्मी गृहणी और पिता श्री वैकेटारामन नटराजन् वर्धा रेलवे स्टेशन जोकि गांधी आश्रम के पास था। उसी रेलवे में कार्यरत थे। रघुजी के दादाजी के भाई डा0 शंंकरन् महात्मा गांधी जी के तमिल टीचर थे।

वाह !!  हैरानी से सारी बात सुने जा रही थी। उन्होने बताया कि इस कारण उनको भी आश्रम मे जाने का और गांधी जी से सम्बधित चीजो को पास से देखने का सुअवसर मिला। बताते बताते उनकी आंखो मे एक अलग सी चमक आ गई। निश्चित तौर  पर यह बात किसी के लिए भी गर्व का विषय हो सकती है.

रघुजी ने बताया कि दिनचर्या मे अकसर वो स्कूल जाने से पहले गांधी आश्रम की झाड़पोछ करते और खुद को भाग्यशाली समझते। सैलानियो के लिए आश्रम आठ बजे खुलता था। तब तक उनके स्कूल जाने का समय हो जाता।
वो बता रहे थे कि बचपन में घर मे आर्थिक रूप से बहुत तंगी थी इसलिए उन्होने 14 साल की उम्र से ही अपने घर का खर्चा चलाने के लिए छोटा मोटा पढाने का काम करने लगे पर पढाई साथ में जारी रही। मैं हैरानी से उनकी बाते सुन रही थी। उन्होनें बताया कि समय ऐसे ही बीत रहा था। कुछ समय बाद गॉव में अच्छा स्कूल ना होने की वजह से उनका परिवार नागपुर जा कर बस गया और स्कूली शिक्षा नागपुर से हुई। मेरे मन मे प्रश्न् उठ रहा था कि कम उम्र में ही उन्होने घर का खर्चा चलाने के लिए काम भी करना शुरू किया पर आखिर लेखन की तरफ कैसे और कब आकर्षित हुए।
इस पर वो मुस्कुराते हुए बोले कि इसको भी अलग ही कहानी है असल में, 1978 में यानि जब वो 18 साल के थे तब उन्होने रोची प्रोडेक्ट में मशीन संचालक के रूप मे कार्यभार सम्भाला। जो सैरीडोन दवाई बनाते थे। मैने फिर बीच मे पूछा कि लेखनी…….। इस पर वो बोले कि वो उसी बात पर आ रहे है काम के दौरान एक बार सैरीडोन दवाई का पैकेट जल गया तो वहा के जी0एम0 श्री डा0 काशीनाथ कॉल ने कहा कि लिख कर सारी जानकारी दो कि ये जला कैसे। जब उन्होने लिख कर दिया तो सारी बाते भूल कर वो उनकी लेखनी से बहुत प्रभावित हुए और उसके बाद लेखन के क्षेत्र मे आगे हो बढ़ते गए।

फ्री प्री जनरल उनका पहला पेपर ग्रुप था जिसमे उन्होने काम करना शुरू किया। बचपन से एक ऐसा माहौल देखा था कि मन मे आता था कि कुछ ऐसा लिखूं की आमजन तक उनकी आवाज पहुचे। इसी बीच लेखन के साथ साथ पोस्ट ग्रेजूएशन की और एम0बी0ए0 की डिग्री  मुम्बई से प्राप्त की।
सन् 2000 में दैनिक भास्कर समाचार पत्र में मैनेजेमैंट गुरू के नाम से कालॅम लिखना शुरू किया और हर दिन लेखो की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलती रही जिससे हर रोज कुछ नया कुछ अलग लिखने की भावना आती रही। उनके लेख ना सिर्फ पंसद किए जाते बल्कि पाठक उनसे प्रेरणा भी लेने लगे। इसके लिए उन्होने विशेष रूप से दैनिक भास्कर का धन्यवाद किया क्योकि उसके माध्यम से वो निरन्तर अपनी बात रख रहे है।
मै उनकी बाते बहुत ध्यान से सुन रही थी और मैं कुछ पूछने को ही हुई थी कि उनका फोन आ गया और वो दो मिनट का समय लेकर बात करने मे व्यस्त हो गए।
फोन रखने के बाद मेरा प्रश्न तैयार था कि बहुत लोग आपको अपना गुरू या आर्दश मानते है क्या आपके भी कोई प्रेरक है? इस पर वो मुस्कुराते हुए बोले कि जिससे भी चाहे वो बच्चा हो या बडा सीखने को मिले वो उनका गुरू है। वैसे वो श्री सी0के0 प्रहलाद जोकि जाने माने मैनेजेमैण्ट एक्सपर्ट है उन्हे बहुत पंसद करते है क्योकि जमीन से जुडे उनके लेख आम आदमी को बहुत प्रभावित करते है।

इसी बीच फिर से उनका फोन आ गया और वो किसी से बात करने लगे। मेरा अगला प्रश्न तैयार था। फोन रखते ही मैने पूछा कि आपके बचपन की कोई ऐसी धटना जिसे आप कभी ना भूल पाए। उस पर वो बोले कि बाते तो बहुत है पर एक धटना बहुत बड़ी सीख दे गई थी।
एक बार गॉव मे मेला लगा हुआ था। मॉ ने 5 पैसे दिए। मेरी गो राऊड (गोल घूमने वाला) झूले में तीन पैसे का एक चक्कर था। एक चक्कर लगाने के बाद झूले वाले ने कहा कि दो पैसे में वो एक चक्कर और लगवा देगा। वो खुश हो गए और एक चक्कर और लगा लिया। घर लौट कर जब मॉ जी की बताया कि झूले में 5 पैसे लगा दिए दो पैसे बेवजह खर्च करने पर तो बहुत नाराज हुई कि 2 पैसे खर्च करने का अधिकार किसने दिया इसके परिणाम स्वरूप उन्हे 6 धण्टे धूप मे खडे रहने की सजा मिली। बुखार भी हो गया और डाक्टर का खर्चा हुआ वो अलग। पर ये बात बहुत बडा सबक दे गई कि ऐसे ही फिजूल खर्च नही करने चाहिए और बात भी सही है जब तक हम कमाते नही है तब तक इसकी कीमत भी नही पता लगती।
उन्होने बताया कि आज के समय मे जहॉ बच्चे 100-200 रूपये तो ऐसे खर्च कर देते है वहा 2 पैसे की बात सुनकर उन्हे हॅसी ही आऐगी। पर ये भी एक सच है ऐसा लगा कि वो बाते बताते बताते कही खो गए मैने बात को आगे बढ़ाते हुए पूछा कि बचपन की और क्या बात बहुत याद आती है उन्होने बताया कि मॉ जब अपने हाथ से खाना खिलाती थी तो वो समय बहुत याद आता है। काश वो समय दुबारा आ जाए कहते-कहते वो संजीदा हो गए।

मैने बात बदलते हुए पूछा कि चलिए खाने की बात चली है तो खाने मे क्या-क्या पंसद है । तो उन्होने बताया दही, चावल अचार बहुत पंसद है और अगर पूरे साल सिंर्फ यही मिले तो भी वो बहुत शौक से खा सकते है बताते हुए उनके चेहरे पर मुस्कान दौड गई। मैने जानना चाहा कि उनकी दिनचर्या कैसी रहती है तो उन्होने बताया कि सुबह 5.30 बजे उठाना और 6 बजे से 8 बजे तक अखबार पढ़ना और सैर करना रहता है और इसी बीच विचारो की उथल पुथल होती रहती है और वही समय लेखन के लिए उपयुक्त होता है।
मैने मुस्कुराते हुए पूछा कि हम अपने मनोरंजन और ज्ञानवर्धन के लिए आपके लेख पढ़ते है पर आप इसके लिए क्या करते है कोई फिल्म वगैरहा या इस पर वो बोले कि फिल्मो मे तो ज्यादा रूचि है नही पर लेखन के लिए फिल्म देखनी पड़ती है और पसंदीदा गाना पूछने पर उन्होने बताया कि एम0एस0 सुब्बालक्ष्मी का भजन भज गोविंदम् प्रार्थना है। जब कभी भी सुनते हैं तो रोंगटे खडे हो जाते है और बार बार सुनने का मन करता रहता है।
मेरे पूछने पर कि आप दक्षिणी भारतीय है कौन सी जगह भारत की पसंद है उन्होने मुस्कुराते हुए कहा कि सभी जगह उन्हे बहुत पसंद है फिर मेरे एक प्रश्न पूछ्ने  पर कि जिंदगी में हमेशा  उतार-चढाव और टेंशन  आती रहती है। तनाव के वक्त खुद को कैसे कूल रखते है… उन्होने सहज होते हुए कहा कि टेंशन होने पर टेंंशन मे रहने से कोई नतीजा नही निकलता।

उन्होने बताया कि अब इस समय उनकी बेटी अस्पताल मे भर्ती है तबियत ठीक नही है और वो उसके पास नही है पर टेंशन लेने से ना तो वो ठीक हो जाऐगी और न ही वो ठीक रह पाऐगें। हां  इतना जरूर है कि उन्होने सभी अपने डाक्टर मित्रो को बोल दिया है और वो लगातार उनसे फोन पर सम्पर्क बनाए हुए है और उसकी तबियत की जानकारी दे रहे है।
सच पूछो, तो अब मैं थोड़ी असहज हो गई क्योकि मुझे लगा कि शायद ये सही समय नही है उनसे बात करने के लिए। तो उन्होने कहा कि कोई दिक्कत ही नही है आप अपना अगला प्रश्न पूछिए।

मैने मुस्कान लाते हुए पूछा कि बचपन मे आपने कोई सपना देखा था। उन्होने बताया कि बचपन में बहुत गरीबी देखी थी इसीलिए बस यही सपना देखता था कि बडे होकर आराम की जिंदगी जीउ, इसीलिए बचपन से ही दिन रात मेहनत शुरू कर दी। 14 साल की उम्र से काम मे लग गया। आज ईश्वर की कृपा है कि उन्होने मेरी प्रार्थना सुन ली और उनके बच्चे को वो सब नही देखना पडा जो उन्होने देखा।

अब बच्चे का भविष्य खुद बच्चो पर निर्भर है कि वो अपना आने वाला कल कैसे बनाते है। बिल्कुल सही बात है। मै उनकी बात से सहमत थी।
मै जानना चाह रही थी कि उनके परिवार में और कौन कौन है और परिवार को कितना वक्त दे पाते है इस पर वो बोले कि उनकी पत्नी प्रेमा है, प्यारी सी बिटिया है और पिक्सी नाम की डॉगी है पर जहॉ तब वक्त देने की बात है.

सच मे, व्यस्तताएॅ इतनी ज्यादा है कि वो ज्यादा समय परिवार को नही दे पाते। पर जब भी समय मिलता है तो उनका सारा समय परिवार के साथ ही बीतता है और कहते कहते मुस्कुराने लगे।
मेरा अगला प्रश्न भी तैयार था कि भविष्य को लेकर आपका क्या सपना है इस पर वो मुस्कराते हुए बोले कि अच्छा सवाल है वो अक्सर सोचते है कि उनके इस दुनिया से अलविदा कहने के बाद जब लोग आएगे तो क्या बात करेगे कि अच्छा हुआ एक बुरा आदमी दुनिया से चला गया । बहुत दुख हुआ। उन्होने बच्चो और बड़ो से बहुत ज्ञान बांंटा पर अब शून्य ही रह गया ।

फिर खुद ही मुस्कुराते हुए बोले कि वो जानते है कि अभी वो उस रास्ते से कोसो दूर है जब लोग उनके बारे मे अच्छा बोलेगे पर इतना यकीन है कि वो कम से कम सही रास्ते पर तो है।
इसमें कोई शक नही कि अपने लेखन से वो पाठको को हर रोज कुछ ना कुछ नया सन्देश दे रहे है। सन्देश से मुझे याद आया और मैं पूछ बैठी कि बच्चो को क्या संदेश देना चाहते है तो वो कुछ सोचने की मुद्रा मे बोले कि आज के बच्चे बहुत समझदार है उनके सपने वो जानते है कि उन्हे क्या करना है पहले साधन नही थे। आज उनके पास सभी साधन और सुविधाए है बस उसका इस्तेमाल सही ढ़ग से करना होगा। सीधे शब्दों  मे कहे तो चीनी, चावल उनके पास है खीर कैसे बनानी है यह उन्हे सोचना होगा।

नींव उनके पास उस पर महल कैसे खडा करना है उन्हे विचारना होगा ताकि आने वाली पीढी के लिए रास्ता खुला रहे। हम सभी को उन्हे प्रोत्साहित करना होगा, पीठ थपथपानी होगी ताकि वो मीलो आगे जा सकें। बस अपने से बडो का आदर मान कभी नही छोडना चाहिए। जो बच्चे अपने अभिभावको का आदर करते है देख कर बहुत खुशी होती है उन्होने सभी बच्चो को शुभकामनाए दी और कहा कि अपने माता पिता बडे बुर्जगो की सेवा करते, आशीर्वाद  लेते अपने लक्ष्य की ओर बढो फिर देखो सफलता आपके कदमो मे होगी।
फिर उनका फोन आ गया और वो फोन पर बात करने मे व्यस्त हो गए और मैं भी अपने कागजो को समेटने लगी क्योकि बहुत सारी जानकारी उनसे ले ली थी। बस एक आखिरी प्रश्न  पूछना रह गया था कि उनकी भविष्य मे क्या योजनाए है फोन पर बात करने के बाद वो समझ चुके थे कि मैं कुछ पूछना चाह रही हॅू प्रश्न  सुनने के बाद वो बोले कि वो दिन रात इसी प्रयास में जुटे है कि लेखन के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगो के बीच मे रह कर उन्हे जागरूक और प्रेरित करते रहे।

nraghu ji

 

चार किताबे भी लिखी है और दूसरी किताबो पर काम चल रहा है इसी सिलसिले ने ना सिर्फ देश के अन्य शहरो मे बल्कि विदेशो में भी दौरे लग रहे है और लोगो के स्नेह देखकर वो भी बहुत उत्साहित है मुझे जाने के लिए उठता देख उन्होनें कहा कि आपके बिना प्रश्न पूछे एक बात का मैं जवाब देना चाह्ता हूं कि  उनकी बिटिया अब ठीक है अभी फोन पर बात हुई है । उनकी बात सुनकर मै मुस्कुरा उठी।
मैने उन्हे सुनहरे भविष्य की ढेर सारी शुभकामनाए दी और वहा से रवाना हो गई ।जाते जाते मैं सोच रही थी कि सादा जीवन उच्च विचार रखते हुए रघु जी आज निसन्देह एक चमकते सूरज के समान अपनी किरणो रूपी बातो और लेखो से हम सभी में एक नई स्फूर्ति भर रहे है। यही सोचते सोचते मै आगे बढ़ गई।

कैसा लगा आपको उनका ये साक्षात्कार ?? जरुर बताईएगा !!

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