Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 8, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छ भारत अभियान और बच्चों की भूमिका

स्वच्छ भारत अभियान के असली हीरो

स्वच्छ भारत अभियान और बच्चों की भूमिका

स्वच्छता अभियान के दौरान, गांव के  बच्चों मे स्वच्छता के प्रति उत्साह देख कर हमनें ये वीडियो बनाई थी

सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान, सिरसा , हरियाणा , गांव सिकंंदरपुर

बात उन दिनों की है जब हरियाणा के सिरसा में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान जोरो शोरो से चला हुआ था और सभी गांव वाले एक जुट होकर अपने अपने गांव को स्वच्छ बनाने में जुटे थे. तभी हमने यह महसूस किया कि बच्चे इस अभियान को बहुत गम्भीरता से ले रहे हैं और अपने गांव की न सिर्फ निगरानी कर रहे हैं बल्कि जो भी बाहर शौच के लिए जाता है उसे समझाते हैं और जो नही समझता उसकी शौच पर मिट्टी डाल कर आते ताकि बीमारी न फैले … ये देख आदमी इतना शर्मसार हो जाता  कि वो कुई बना कर उसी में जाने लगा… !!!

बेशक, बच्चों को  जिला प्रशासन और टीचर्स ने मिलकर गाईड किया पर उन्होनें इसके महत्व को समझा और स्वच्छ  गांव  बनाने में जुट गए. कभी रैली निकालना तो कभी खुद झाडू लेकर सफाई में जुट जाना …उनके इसी जोश को देख कर हम भी प्रेरित हुए और बच्चों की वीडियों बना डाली. उन दोनो शकंर अहसान जी का ये गीत बहुत सुर्खियों में था और  इस गाने पर कोई थीम बेस्ड वीडियो भी बनानी थी तब हमने इसे बनाया  स्वच्छता पर …

sawacchta-book-by-monica-gupta

स्वच्छता के नारे – Monica Gupta

• 1-2-3-4, कुर्इ खुदवा लो मेरे यार read more at monicagupta.info

वैसे स्वच्छता को लेकर आपकी क्या सोच है जरुर बताईगा … !!!

 

August 8, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छता का महत्व – गांव ताजिया खेडा (सिरसा)

 

स्वच्छता का महत्व – गांव ताजिया खेडा (सिरसा)

स्वच्छता अभियान और गांव,

सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान और स्वच्छता के नारों से गूंज उठा ये गांव. गांव भर में कुईया बन गई  और महिला हो, पुरुष हो या बच्चे बाहर खुल्ले में  शौच नही जाते.

ये गांव हैं हरियाणा के जिला सिरसा का ताजिया खेडा. किसी अन्य गांव की तरह इस गांव में भी बहुत गंदगी थी. कारण यही था कि लोग खुले में शौच जाते पर जब जिला प्रशासन द्वारा गांव वालो को स्वच्छता का मह्त्व समझाया गया. बच्चों को स्वच्छता की मह्त्ता समझाई गई और महिलाओं को शर्म का अहसास करवाया तो जागरुकता आनी शुरु हो गई. सभी ने मिलकर स्वच्छता रैली निकाली और देखते ही देखते स्वच्छता का अर्थ समझ आने लगा

गांव के राम सिह ने माना कि पहले सभी लोग बाहर शौच के लिए जाते थे पर अब नही जाते

वही मोनिका स्कूली छात्रा ने भी स्वीकार किया कि अब हमारे गांव में बहुत स्वच्छता आ गई है.

महिलाओं की असली खुशी तो देखते ही बनती थी. गुर्गा देवी ने बताया कि वो निगरानी कमेटी मे थी और उसने जिला प्रशासन के साथ मिलकर बहुत काम किया.

स्वच्छता तभी आई जब सभी ने इसकी महत्ता को समझा और एकजुट होकर काम किया.

इस गांव में चाहे बडा हो, युवा हो या बूढा सभी बहुत खुश हैं

स्वच्छता अभियान

एक सैल्फी स्वच्छता के नाम – Monica Gupta

यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री ने अपने मुंह से किसी गांव के सरपंच का जिक्र किया हो। पीएम मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने मन की बात कार्यक्रम में बीबीपुर की पंचायत द्वारा इसी महीने आयोजित बेटी बचाओ, सैल्फी बनाओ प्रतियोगिता को लेकर कहा कि हरियाणा के एक छोटे से गांव बीबीपुर के सरपंच सुनील जागलान की बेटी बचाओ-सैल्फी बनाओ प्रतियोगिता की पहल से देशभर में पिता अपनी बेटी के सोचने के लिए मजबूर हुआ और उन्होंने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। read more at monicagupta.info

स्वच्छता अभियान और मेरे मन की बात – Monica Gupta

क्लिक करिए और सुनिए स्वच्छता अभियान पर 4 मिनट और 35 सैकिंड की ऑडियो… मेरा अनुभव स्वच्छता अभियान और मेरे मन की बात बात स्वच्छता अभियान के दौरान की है. जब गांव गांव जाकर लोगों को जागरुक किया जा रहा था.लोगो को समझाया जा रहा था कि खुले मे शौच नही जाओ आसान नही था क्योकि सदियों से चली आ रही मानसिकता बदलना मुश्किल था. See more…

 

 

 

 

 

August 8, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

दीपावली की कहानी – पांच पर्वों का प्रतीक है दीवाली

दीपावली की कहानी

दीपावली की कहानी – पांच पर्वों का प्रतीक है दीवाली . दीवाली को दीपावली भी कहते हैं. हमारे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है दीपावली. दीपवाली को पांच पर्वो का प्रतीक भी कहा जाता है आईए जाने दीपावली की कहानी

दीपावली की कहानी

दीपावली की कहानी

 

दीपावली की कहानी – पांच पर्वों का प्रतीक है दीवाली

वो पांच दिन (बाल कहानी)

नन्हा रवि दिवाली को लेकर बहुत उत्साहित था. जी नही, पटाखों की वजह से नही बल्कि दादी के घर जाने के लिए… हर दिवाली वो पापा मम्मी के साथ दादी के घर जाता है  वहां पर उसके ढेर सारे दोस्त हैं पर वो उत्साहित इसलिए है कि दादी खूब सारी कहानियां सुनाती है.. इस बार उसे स्कूल में होमवर्क भी मिला था कि दिवाली पर कुछ रोचक लेख लिख कर लाना है और दादी से अच्छा उसे और कौन बता सकता था … बस इसीलिए वो दादी के पास जल्दी से जल्दी जाना चाह रहा था…!!

वो दिन भी आ गया और वो दादी के पास आलथी पालथी मार कर बैठ गया कि दिवाली पर कुछ रोचक बाते बताईए. दादी ने दिवाली के बारे में बताना शुरु किया कि कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दिवाली या दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली एक त्योहार नही बल्कि त्योहारों की एक श्रृंखला है क्योंकि  इस पर्व के साथ पांच पर्व जुड़े हुए हैं। सभी पर्वों के साथ दंत-कथाएं जुड़ी हुई हैं। दिवाली का त्योहार दिवाली से दो दिन पूर्व आरम्भ होकर दो दिन पश्चात समाप्त होता है।

रवि ध्यान से सारी बात सुन रहा था. दिवाली का शुभारंभ कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन से होता है। इसे धनतेरस कहा जाता है। इस दिन आरोग्य के देवता धन्वंतरि की आराधना की जाती है। इस दिन नए-नए बर्तन, आभूषण इत्यादि खरीदने का रिवाज है। रवि को याद आया कि मम्मी भी इस दिन बर्तन जरुर खरीदती हैं. इस दिन घी के दिये जलाकर लक्ष्मी जी का आहवान किया जाता है।

दूसरे दिन चतुर्दशी को नरक-चौदस मनाया जाता है। इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन एक पुराने दीपक में सरसों का तेल व पाँच अन्न के दाने डाल कर इसे घर की नाली ओर जलाकर रखा जाता है। यह दीपक यम दीपक कहलाता है। एक अन्य दंत-कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन नरकासुर राक्षस का वध कर उसके कारागार से 16,000 कन्याओं को मुक्त कराया था।

तीसरे दिन अचानक रवि बोल उठा कि फिर आती है दीपावली… दादी ने खुशी खुशी बताया कि हां, अमावस्या को दिवाली का त्योहार खूब हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता  है। नए नए कपडे पहनते हैं मिठाई खाते हैं और दूसरों को भी खिलाते हैं और हैप्पी दिवाली बोल कर एक दूसरे को बधाई दी जाती है. इस दिन देवी लक्ष्मी व गणेश की पूजा की जाती है।

दिवाली के पश्चात अगले दिन अन्नकूट मनाया जाता है। यह दिवाली की श्रृंखला में चौथा उत्सव होता है। लोग इस दिन विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर गोवर्धन की पूजा करते हैं। इस दिन मन्दिरों में  खूब पकवान बनाए जाते हैं जिसे बहुत चाव से खाया जाता है. रवि ने बताया कि पिछ्ली बार वो भी मंदिर से कढी और पूरी लाया था.

और फिर आता है भईया दूज. भाई-दूज या भैयादूज नाम से त्योहार मनाया जाता है. ये हैं पाचं त्योहार जो हम सभी धूमधाम से मनाते हैं

रवि सारी बात समझ चुका था अब उसका प्रश्न था कि दिवाली पर दीए ही क्यो जलाए जातें है दिवाली पर तब दादी ने बताया कि दीपक जलाने की प्रथा के पीछे अलग-अलग कारण या कहानियाँ हैं।

मान्यता है कि दिवाली वाले दिन अयोध्या के राजा राम लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध कर के अयोध्या लौटे थे। उनके लौटने कि खुशी यह पर्व मनाया जाने लगा।

ये भी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था।  इस नृशंस राक्षस के वध से जनता में अपार खुशी हुई और जनता ने खुशी में घी के दीये जलाए।

रवि सारी बात समझ चुका था और अच्छी बात ये भी है कि वो पांच दिन सारे त्योहार देखेगा और हर त्योहार की फोटो भी लेगा ताकि एक अच्छा सा लेख या दीपावली की कहानी लिख कर वो टीचर को दिखा सके… 

दीपावली की कहानी – पांच पर्वों का प्रतीक है दीवाली  आपको कैसी लगी … जरुर बताईएगा …

Photo by sangeeta Nath

August 6, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

दस रुपये का सिक्का, रोक और अफवाह

ten rupees

दस रुपये का सिक्का, रोक और अफवाह

हमारे देश में, बेशक, मुद्दा गाय का उछलता हो पर यहां भेडचाल बहुत है… !!! पिछ्ले तीन चार दिन से मार्किट से सामान लेने पर 10 रुपये के सिक्के बहुत वापिस मिले. मेरे पास करीब 200 रुपए के सिक्के हो गए. बार बार सिक्के देख कर हैरानी तो हुई पर सोचा शायद अब ये सिक्के ही चलन में होंगे. वो तो बाद में पता चला कि अफवाह फैल गई थी कि दस रुपए के सिक्के बंद होने जा रहे हैं इसलिए सब उन्हें अपनी जेब से निकाल रहे हैं.. अरे !!! कोई बंद वंद नही हो रहा ये दस का सिक्का… आराम से चलाओ इसे और अगर कोई सिक्के के बारे में बंद होने की झूठी अफवाह फैलाता है तो वह कानूनी अपराध है, उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है… एक खबर मे मुताबिक अगर कोई व्यक्ति या दुकानदार दस रुपए का सिक्का लेने से मना करता है तो उसके खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है… वैसे इस अफवाह का हिस्सा आप तो नही बने होंगें …

 

दस का सिक्का न लेने वालों के खिलाफ हो सकती है एफआईआर | Alive News

Faridabad/Alive News: दस का सिक्का न लेने वालों पर एफआईआर हो सकती है, क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ने दस के सिक्के को बंद नही किया है। बल्कि रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया दस के नोट को धीरे-धीरे प्रचलन से ह read more at alivenews.co.in

बंद नहीं हुआ है 10 के सिक्के, नहीं लिया तो जाओगे जेल !

इस दुविधा को दूर करने के लिये बैंक के अधिकारी के सही जानकारी दी, रिपोर्ट के अनुसार बैंक के अधिकारियों का कहना है कि दस के सिक्के पर कोई रोक नहीं है। New Delhi, Jul 25 : हरियाणा के फरीदाबाद में रहने वाले कुछ लोगों के बीच इस बात को लेकर असमंजस है कि 10

इस दुविधा को दूर करने के लिये बैंक के अधिकारी के सही जानकारी दी, रिपोर्ट के अनुसार बैंक के अधिकारियों का कहना है कि दस के सिक्के पर कोई रोक नहीं है। New Delhi, Jul 25 : हरियाणा के फरीदाबाद में रहने वाले कुछ लोगों के बीच इस बात को लेकर असमंजस है कि 10 read more at indiatrendingnow.com

 

वैसे बिना जाने बूझे इन अफवाहों पर तूल देना  कितनी सार्थकता या  बुद्धिमानी मानी जाएगी ??

August 5, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

बाबा रामदेव, पतंजलि और भ्रामक विज्ञापन

बाबा रामदेव, पतंजलि और भ्रामक विज्ञापन

महिमा ए  भ्रामक विज्ञापन

खबर चल रही हो तो बाबा रामदेव का विज्ञापन , विज्ञापन हो तो उनका विज्ञापन , किसी कार्यक्रम को प्रायोजित करना हो तो बाबा जी … अचानक अभी एक online news की एक खबर पर ध्यान गया कि भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ने प्राप्त शिकायतों की जांच के बाद पाया है कि बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी के कई विज्ञापन झूठे और भ्रामक हैं अरे !!! पर हमारे चैनल वालो पर फिलहाल कोई असर नही… भ्रामक विज्ञापन तो वो भी है जैसा कि मध्य प्रदेश या उत्तर प्रदेश के लगातार तरक्की के गुण विज्ञापन रुप मे गाए जा रहे है पर साथ ही साथ रेप की घट्नाओ पर बहस करते हैं तो भ्रामक विज्ञापन की श्रेणी मे तो उन्हे भी लेना चाहिए या नही … शायद नही … या शायद हां… फैसला आपका … आखिर जनता जनार्दन जो है … मेरा देश बदल रहा है .

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रामदेव के विज्ञापन का FSSAI ने निकाला ‘तेल’

क्या है इस विवादित विज्ञापन का मामला – विवाद पतंजलि के सरसों के तेल के विज्ञापन पर है, जिसमें कहा गया है कि कुछ तेल बनाने वाली कम्पनियां कच्ची घानी के लिए न्यूरोटॉक्सिक हेक्सागॉन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्रॉसेस का इस्तेमाल करती हैं। – हेक्सॉन को सेहत के लिहाज से खतरनाक बताया गया है। वहीं कुछ कम्पनियां सरसों का तेल बनाने में सस्ते पाम ऑयल का इस्तेमाल करती हैं। – सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोसिएशन का कहना है कि यह विज्ञापन भ्रामक है, इससे दूसरी कम्पनियों की साख पर असर पड़ सकता है।

ग्रॉसरी प्रोडक्ट के बाजार में पूरी तरह रम गई पतंजलि अपने सरसों तेल का विज्ञापन बदलने वाली है। दरअसल विज्ञापन को लेकर फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी read more at www.punjabkesari.in

एएससीआई के निशाने पर रामदेव, पतंजलि के विज्ञापनों को बताया भ्रामक

भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने योगगुरू बाबा रामदेव प्रायोजित पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों के विज्ञापनों को भ्रामक और प्रतिस्पर्धी फर्मों के उत्पादों पर आक्षेप करने वाला बताया है। read more at ndtv.com

देखते है कि आगे आगे होता है क्या

 

 

August 3, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

महिलाएं – बलात्कार और रेप – दुर्दशा का जिम्मेवार कौन

rape cartoon by monica gupta

महिलाएं – बलात्कार और रेप – दुर्दशा का जिम्मेवार कौन

हर रोज जिस तरह से रेप और बलात्कार की खबरें बढती जा रही हैं चिंता होना स्वाभाविक है … ऐसे में यक्ष प्रश्न है कि ऐसे धटनाओं का जिम्मेदार आखिर है कौन ?? न्यूज चैनल पर बहस छिड जाती है और एक दूसरे पर इल्जाम लगाए जाते हैं कि आपकी सरकार हैं वहां या फलां की सरकार है पर यह भूल जाते हैं कि यह हमारा भारत देश है… बात पंजाब , हरियाणा या यूपी की नही बल्कि हमारे भारत देश की है  सभी को मिलकर प्रयास करने होंगें और ऐसे कठोर दंड रखने होंगें ताकि ऐसी धिनौनी हरकत करते हुए आरोपी दस बार सोचे..

मैं कितनी जानकार परिवारों को जानती हूं जो आज के हालात देख कर लडकियों की पढाई छुडवा रहे हैं कि बस बहुत हुआ शादी करो और अपने घर जाओ .. पर ये क्या समाधान है … क्या ये समाधान है ???

क्या करना चाहिए ऐसे में ??? अगर आपके पास कोई इसका समाधान हो या राय हो तो जरुर बताईगा …

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ – रेप का बढता ग्राफ – Monica Gupta

गोहाना-दिल्ली मार्ग पर एक नाबालिग लड़के ने ट्यूशन के लिए जा रही 15-वर्षीय एक लड़की को अगवा कर कार के अंदर कथित रूप से उसके साथ बलात्कार किया।

जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा के मुरथल में महिलाओं के साथ रेप की अपुष्ट खबरों के बीच एक शख्स सामने आया है, जिसका कहना है कि उसने उपद्रवियों को कई महिलाओं को खींचकर खेतों की तरफ ले जाते देखा। read more at ndtv.com read more at monicagupta.info

 

 

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