Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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February 22, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

नशा एक बीमारी

नशा एक बीमारी

mobile photo

नशा एक बीमारी

ओह .. आप इतने चुप चुप से कैसे हैं … क्या सोच रहे हैं .. क्या !!! आप बीमार है … !! बेहद गम्भीर बीमारी  !! ओह नो !!! क्या हुआ ???

वायरल !! खांसी, गला खराब, बुखार!!! ये नही !!! तो …!!! बीपी.शूगर.. !!! ये भी नही!! तो …!!! टीबी,पत्थरी,थाईराईड..!! क्या??? ये भी नही !!! ओह तो क्षमा करें !! कही वो …. …!!!! क्या ??? वो भी नही. अब मेरा और इम्तेहान ना लॆं.

प्लीज, आप ही खुलासा करे कि क्या बीमारी हुई है आपको.???? क्या!! बार बार मोबाईल को चैक करने की बीमारी कि किसी का मैसेज आया नही, मोबाईल तो ठीक चल रहा है ना या जिसे मैसेज भेजा उसे मिला या नही उसके जवाब की इंतजार करना!! …. हे भगवान !! ये तो बहुत भयंकर बीमारी है इस बीमारी से तो ईश्वर सभी को बचाए…!!

वैसे  मैं क्या कहूं … कही न कही इस बीमारी की चपेट मे तो मैं भी हूं   🙁

 

February 22, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

अंधविश्वास एक समस्या

अंधविश्वास एक समस्या

vegetables photo

अंधविश्वास एक समस्या

एकदम सच्ची बात पर आधारित. हमारे देश में अंधविश्वास बहुत है आज इसी बात का एक उदाहरण देखने को मिला..आलू लो, मटर लो प्याज लो, टमाटर लो …
दो दिन पहले एक जानकार के घर गई हुई थी. अचानक बाहर से सब्जी वाले ने आवाज लगाई और मेरी जानकार एक मिनट कह कर बाहर चली गई और दो चार मिनट में सब्जी ले कर आ गई. तभी उसकी बहन ने बोला कि घर पर सब्जी बहुत रखी है किसलिए ली ?? इस पर उसने उसे चुप रहने का इशारा किया. मुझे कुछ अजीब लगा तो मैने भी पूछ लिया कि क्या हुआ?? इस पर वो बोली कि कोई बात नही असल में, ये सब्जी वाला हर रोज आता है उसने मुझे कहा कि जब भी मैं उससे सब्जी लेती हूं उस दिन बिक्री खूब होती है इसलिए मैं घर पर सब्जी होने के बावजूद भी हर रोज कुछ न कुछ ले ही लेती हूं बेचारे का भला हो जाए तो क्या बुरा !!

आज जब  मैं अपनी सहेली मणि के घर गई तो उसने खूब सारी सब्जी मेज पर रखी हुई थी मैने पूछा अरे वाह लगता है आज मार्किट गई थी इतनी सारी सब्जी… इस पर वो बोली अरे नही… दो दिन से एक नया सब्जी वाला आ रहा है उसने बोला कि जब मैने पहली बार उससे सब्जी खरीदी तो उसकी सारी सब्जी बिक गई थी मैं उसके लिए लक्की हूं इसलिए आज भी खूब सारी सब्जी ले ली … !!! मैं सोच रही थी कि हे भगवान !! कितनी आसानी से हम बुदू बन जाते हैं या कोई हमें बुद्दू बना जाता है यहां तक भी सब्जी वाला भी …!!

 

अंधविश्वास एक समस्या के बारे में अगर आपका कोई अनुभव हो तो जरुर बताईएगा ताकि दूसरे अन्धविश्वास मे डूबने से बच जाए

Photo by ilovemypit

Photo by dollen

February 21, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

कन्या भ्रूण हत्या – डाक्टर और समाज

pregnant women photo

कन्या भ्रूण हत्या – डाक्टर और समाज

ताजा खबर: पटना में एक महिला ने अपनी 3 महीने की बच्ची को जिन्दा जमीन में दबाने की कोशिश की वो तो बच्ची रोने लगी और पडोस के लोग बाहर आ गए और बच्ची को बाहर निकाला जिससे उसकी जान बच गई.

ये तो सिर एक उदाहरण है समाज में ना जाने कितने उदाहरण तो सामने ही नही आ पाते होंगें और कितनी मासूम जिंदगियां जीवन से हाथ धो बैठती होगी !! हमारी मानसिकता के साथ साथ बहुत डाक्टर भी पैसा कमाने के चक्कर में कन्या भ्रूण हत्या जैसा जधन्य अपराध कर रहे हैं.
कुछ समय पहले मेनका गांधी(केंद्रीय मंत्री) ने बोला कि भ्रूण लिंग परीक्षण को सभी बंदिशों व पाबंदियों से आजाद कर देना चाहिए और सभी गर्भवती महिलाओं के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए ..
जबकि ये विचार बिल्कुल सही नही है … हमारे देश में अभी भी लडकी को लेकर सोच विकसित नही हुई है और लडका लडकी में बहुत फर्क माना जाता है.
इसी बारे में जब मैने कुछ जानकार मित्रों से जोकि गृहणी, डाक्टर, अध्यापक हैं पूछा तो सभी का एक ही जवाब था कि ये सही नही है. भ्रूण लिंग परीक्षण नही होना चाहिए.

वैसे मेरा भी यही विचार है कि इससे लाभ क्या होगा ये तो हो नही सकता कि अगर ये पता लगे कि महिला को बेटा होगा तो क्या उसका खान पान अलग और बेटी होने पर क्या खान पान अलग रखा जाएगा… नही ना … तो अगर दोनों का ध्यान एक ही तरह से देना है तो लिंग जांच का क्या औचित्य !!!

एक महिला जब गर्भवती होती है तो गर्भ में बेटा है या बेटी इस बात को ध्यान देने की बजाय सही खान पान और उसकी उचित देखभाल हो ताकि बच्चा जच्चा स्वस्थ हों और अगर कुछ मजबूत करना ही है तो सरकारी अस्पतालों का स्तर सुधारे. सही सुविधाएं और दवाईयां उपलब्ध करवाईए. अस्पतालों में उपचार के लिए डाक्टर और महिला डाक्टर उपलब्ध करवाईए ताकि गर्भवती अपने नौ महीने चैन से बिता सके और एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सके..!!!
वर्षा देशपांडे, सदस्य, नेशनल इंस्पेक्शन एंड मॉनिटरिंग कमेटी, आरोग्य मंत्रालय ने कहा कि
यह विचार देश की ग्राउंड रियलिटी के खिलाफ है। गर्भ में कन्या है, पता लगने पर महिला के साथ प्रताड़ना शुरू हो जाएगी। गर्भवती की हत्या की आशंका भी बढ़ जाएगी। प्रत्येक गर्भवती की सुरक्षा के लिए क्या सरकार के पास इंफ्रास्ट्रक्चर है? अभी प्रतिबंध से डॉक्टरों को मोटी कमाई से वंचित होना पड़ रहा है। ऐसे में फायदा केवल डॉक्टरों को होगा। दरअसल मेनका जी के कंधों पर बंदूक रखकर कोई और चला रहा है.

BBC

भारत के लिंगानुपात को बेहतर करने और गर्भ में ही बच्चियों को मार देने की समस्या के सुझाए एक हल से नया विवाद खड़ा हो गया है.

महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भ्रूण के लिंग का पता लगाने का सुझाव दिया जिससे विवाद शुरु हो गया है.

उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा, “अगर हर महिला के गर्भवती होने के बाद अल्ट्रासाउंड कर उसके भ्रूण का लिंग पता कर उसे रजिस्टर करना चाहिए. इसके बाद अंत तक ये देखा जा सकेगा कि बच्चा पैदा होता है या नहीं.” Read more…

 

खैर, अगर हम राजनीति को एक तरफ रख कर एक स्वस्थ समाज की बात करें तो लिंग जांच के मुद्दे को अभी ना ही उठाया जाए तो बेहतर होगा… अभी समाज को जागरुक करना होगा !! बेहद दुखद है कि चंडीगढ और दिल्ली जैसे हाई फाई समझे जाने वाले राज्यों में भी आज 1000 पुरुषों के मुकाबले महिला अनुपात 818 और 866 है. बेशक, केरल, तामिलनाडू, छ्तीसगढ आदि में बेहद सुधार है पर अभी भी बहुत लम्बा रास्ता तय करना है.. !!! बेटा हो या बेटी एक समान हैं जरुरत उनकी उचित देखभाल ही है ताकि हमारा समाज स्वस्थ बन सके…

गर्ल है तो कल है !!!

कन्या भ्रूण हत्या – डाक्टर और समाज … वैसे आप इस बारे मे क्या राय रखते हैं जरुर बताईएगा 🙂

Photo by raebrune

February 20, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

Jat Agitation for Reservation

jat agitation for reservation

jat agitation for reservation

म्हारा हरियाणा

My Haryana is burning …. !!! Jat Agitation for Reservation… Oh God Please do some thing …आरक्षण की आग हरियाणा से होती हुई दिल्ली तक पहुंची… हरियाणा में  कर्फ्यू लगा, स्कूल बंद, सेना बुलाई, वाहन फूके, सरकारी सम्पति को बहुत नुकसान पहुंचाया है और सडक किनारे लगे पेडो को काट कर सडक पर रास्ता रोका गया …  आम जन जीवन भारी रुप से अस्त व्यस्त … सरकार नाकाम रही … अब तो बस ईश्वर जाट समुदाय को सदबुदि दे और जली से कोई हल निकले

 

Jat reservation row: Protest turns violent, Section 144 imposed | The Indian Express

The pro-reservation protests by Jats in Haryana turned violent on Thursday, with several people reported injured and clashes between the protesters and police personnel in Rohtak, forcing Chief Minister Manohar Lal Khattar to convene an emergency meeting of the Cabinet in the evening. Jat reservation row: Protest turns violent, Section 144 imposed | The Indian Express

हे ईश्वर !! सदबुधि दे ताकि सब जल्द से जल्द पहले जैसा हो जाए हमारा हरियाणा …

February 20, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

रवीश कुमार और प्राईम टाईम

रवीश कुमार और प्राईम टाईम

 

रवीश कुमार और प्राईम टाईम – मैं अक्सर रात नौ बजे  NDTV का प्राईम टाईम देखती हूं दूसरे चैनलों की चिलम चिल्ली से अलग अक्सर रवीश जी का प्राईम टाईम कार्यक्रम एक सुकून सा देता है… उनका लगातार बोलने का तरीका अन्य एंकर्स से अलग कैटागिरी में खडा करता है.  कल रात भी कुछ ऐसा ही हुआ. चैनल लगाया तो स्क्रीन काली थी और रवीश जी बोल रहे थे… बोल क्या रहे थे सच्चाई बया कर रहे थे. जिसे हम लोग लगभग हर रोज बेहद खिन्न और दुखी मन से अपने फेसबुक , Google , Twitter  पर लिखते हैं ऐसे में इतने बडे चैंनल के एक सीनियर जर्नलिस्ट का इस तरह से बोलना वाकई हिम्मत का काम है… यकीन मानिए कार्यक्रम खत्म होते होते तक मैं खुद भी इमोशनल हो गई क्योकि जिस तरह से उन्होनें अपनी बात रखी काबिले तारीफ थी.

रवीश कुमार और प्राईम टाईम

बहुत सोचने की बात है कि क्या बोलने की आजादी में कुछ भी दिखाना क्या सही है ?? क्या जरुरी नही है कि खबर दिखाने से पहले पडताल की जाए और जब तक नतीजा न निकले खबर होल्ड पर रख दी जाए… मैं खुद भी दस साल न्यूज चैनल की रिपोर्टर रही हूं और जानती हूं कि खबर किस तरह से सनसनीखेज बना कर परोसी जाती है…

रवीश कुमार और प्राईम टाईम

Prime Time के रवीश कुमार …

बेशक उन दिनों (2003 -4 ) में, जब मैने इस क्षेत्र मे कदम रखा था तब इतना बुरा हाल नही था शायद  नेट इतना सक्रिय नही था इसलिए खबरे टेप से बस में भिजवाते और अगर कोई ब्रेकिंग न्यूज होती तब उसका हम फोनो दिया करते थे…. पर जब छोटे छोटे चैनल उभर आए और चैनल भी राजनेताओ के … फिर खबरें राजनैतिक होती चली गई… खबरों के भी खेमें बन गए कि खबर फलां खबर देखनी है तो फलां चैनल देखो … खबरें बटंती चली गई और ना सिर्फ चैनल वालो पर ब्लैक मेल के इल्जाम लगे बल्कि उंगलिया भी उठने लगी..

मुझे याद है जब मैं ज़ी न्यूज में थी तब एक बार कुछ गांव वाले किसी खबर के सिलसिले मुझसे मिले और 1500 रुपए देने लगे..मेरे पूछ्ने पर कि किस बात के तो उन्होने बताया कि खबर चलाने का ये रेट है इसलिए… मैं हैरान रह गई… उन्हें पैसे वापिस करते हुए मैने बताया कि खबरों का कोई रेट नही है… यह फ्री है हमें बस आपकी खबर अपने डेस्क तक पहुंचानी हैं अगर उन्हें ठीक लगी approve हो गई  तो हम खुद आपके गांव में ही खबर कवर करने आएगें… और वो खुश होकर चले गए…

इसके बाद मुझे पता चला कि लोकल स्तर के बहुत से पत्रकार बडे चैनल में होने का फायदा उठाते हैं. चैनल पर न होने के बावजूद भी या तो कार पर चैनल का स्टीकर लगा लेंगें या फिर खबर बनाने के पैसे मांगेगें… इस तरह से छोटी पत्रकारिता का बाजार गर्म था.

और अगर आज के सन्दर्भ की बात करुं तो आज खबरों का हाल ही बुरा है… छांट छांट कर खबरें एक से बड कर एक धटिया खबर लाते हैं.. फलां नेता ने क्या बयान दिया. टवीटर पर क्या रिएक्शन आया और फिर उसी को बहस का मुद्दा बना लेते हैं और बेसिर पैर के अर्थहीन मुद्दे अधर में ही लटके रह जाते हैं.

हैरानी इस बात की भी होती है कि 24 घंटे चलने वाले चैनलों के पास विज्ञापन दिखाने का बहुत समय होता पर जब कोई गम्भीर मुद्दे पर हो रही बहस किसी निर्णायक मोड तक पहुंचती हैं तो उनके पास समय खत्म हो जाता है यानि कुल मिलाकर  मुद्दा टीआरपी बटोरना होता है

पर वाकई जिससे देश को सरोकार है उन खबरों से उनका कोई सरोकार नही, लोगो के प्रति, देश के प्रति कोई हमदर्दी नही बस टीआरपी के चक्कर में कुछ भी अंट शंट, बेकार, सिरदर्द !!

जहां तक मेरा विचार है चिल्मचिल्ली की परम्परा को अरनव गोस्वामी ने शुरु किया उससे पहले चैन से सोना है तो जाग जाओ वाले सनसनी के एंकर श्रीवर्धन त्रिवेदी भी ऐसे ही खबरे पेश करते थे पर क्योकि उनकी खबरें सनसनी वाली होती थी इसलिए ज्यादा फर्क नही पडा पर अरनव की राह पर अपनी  अलग पहचान बनाने बहुत पत्रकार चल पडे और फिर सभी चैनल में चिल्लाने की होड सी लग गई कि कौन ज्यादा और कितनी देर तक चिल्लाएगा और आज रवीश जी ने जब प्राईम टाईम के माध्यम से मुद्दा उठाया तो अच्छा लगा… आखिर तक पहुंचते पहुंचते पता नही पर मैं भी भावुक हो गई … शायद प्रस्तुति ही ऐसी होगी..

निसंदेह खबरे हमारी विचार धारा में जबरदस्त बदलाव लाती हैं इसलिए अगर ये चैनल वाले, वाकई, देश की दिशा को बदलना चाहते हैं तो निष्पक्ष खबरें, सच्ची खबरें, प्रमाणित खबरें दिखानी होगी.. अन्यथा जिस गर्त में हम गिरते जा रहे हैं क्या परिणाम होगा सोचा भी नही जा सकता …

रवीश कुमार जी आपको शुभकामनाएं !!

BBC

हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी के प्राइम टाइम एंकर रवीश कुमार ने शुक्रवार को प्रसारित अपने शो में टीवी स्क्रीन काली कर दी और भारतीय मीडिया में होने वाली बहसों पर सवाल खड़े किए.

उन्होंने तर्क दिया की टीवी दर्शकों को अंधेरे में ले जा रहा है और बहसों के शोरगुल में असल मुद्दे गुम हो रहे हैं.

कार्यक्रम शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही रवीश कुमार ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फ़ेसबुक पर लिखा, “मुझे रवीश कुमार पर गर्व है.”

आप कार्यकर्ता अतीशी मारलीन ने लिखा, “रवीश कुमार को इतिहास हमारे मुश्क़िल दौर के एक साहस और स्पष्टता वाले पत्रकार के रूप में याद रखेगा.” Read more…

 

रवीश कुमार और प्राईम टाईम per  वैसे आप क्या कहना चाहेंगें … आप की प्रतिक्रियाओं का स्वागत है…

February 19, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

Appreciate Others

Appreciate Others

appreciate  photo

Appreciate Others

come on ..Lets appreciate Others…

आज मणि के घर जाना हुआ!! थोडी चुप सी थी. मेरे पूछने पर बताया कि उसके पडोस के एक जानकार की death हो गई तो वो उनके घर गई. दुख यह देख कर हुआ कि जब तक वो जिंदा थी उसकी कोई कद्र नही थी आज वहां सभी बोल रहे थे बहुत भली थी … कभी ऊंची आवाज नही सुनी उसकी … काश .. ऐसी प्रशंसा उसके जीते जी हो जाती तो शायद वो भी आज इस दुनिया में सभी के बीच होती.

वैसे सही बात है मैंने भी यह बात बहुत बार महसूस की है कि अक्सर हम प्रशंसा करने में बहुत कंजूसी करते हैं जबकि किसी की प्रशंसा करने में या आत्मविश्वास  बढाने में हमें कभी पीछे नही रहना चाहिए..!! किसी का आत्मविश्वास बढाना उसे नया जीवन देने जैसा होता है और हम है कि किसी फिल्मी हीरो, होरोईन की तो खुल्ले दिल से प्रशंसा कर देंगें पर जब बात अपनों की आती है तो चुप्पी साध जाते हैं … मुंह से एक बोल निकलना तो दूर हम तो लाईक का एक क्लिक करते हुए भी दस बार सोचते है… वैसे आप तो ऐसे नही होंगें .. अगर हैं तो सोचिए नही इससे पहले की बहुत देर हो जाए बस तुरंत कर कर दीजिए appreciate … !!!

WOW

GREAT

AWESOME

THANKS

SORRY

So CUTE

SO NICE

WONDERFUL

YOU CAN DO IT

किसी को आपकी  appreciation  का इंतजार है …

सच में, अच्छा नही… बहुत अच्छा लगेगा ये मेरी गारंटी है

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