Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 1, 2015 By Monica Gupta

समय बहुत बलवान

time  photo

Photo by becosky…

समय बहुत बलवान

बहुत समय से एक जानकार अपनी बिटिया की शादी का सोच रहे थे . बहुत लडके देखे, अखबारो के विज्ञापन और नेट पर भी सर्च किया पर एक साल होने को आया पर बात नही बनती दिख रही थी. आज फिर उनकी बिटिया को  देखने लडके वाले आ रहे थे. घर पर जबरदस्त इंतजाम किया गया था. परदे, मंहगे सोफे, भव्य शो पीस,क्राकरी और भी ना जाने क्या क्या.  दस तरह की मिठाई , बीस तरह की नमकीन और फल और ड्राई फ्रूट का तो पूछो ही मत.. यानि  शादी मे रुपया पैसा जैसी कोई रुकावट नही थी. करोडों की शादी होनी थी. लडके वाले आए. खूब खातिर दारी भी हुई  पर   पर पर बात नही बनी.

ना लडकी में कोई कमी थी और न ही उस परिवार का कोई क्रिमिनल रिकार्ड … तो फिर आखिर क्या हुआ कि बात नही बनी…

इसका बस  यही कारण था कि कमरे मे लगी महंगी दीवार घडी रुकी हुई थी और कैलेंडर भी फरवरी  महीने का ही लटका हुआ फडफडा रहा था. ये बात एक कमरे की नही थी सभी कमरों में महंगी से महंगी घडी थी पर सही समय कोई नही दिखा रही थी . जिस कमरे में लंच था उस कमरे में तो सन 2014 का कैलेडर टंग़ा हुआ था.

शायद  लडकी वालो के लिए रुपया पैसा ही सब कुछ था और लडके वालो की सोच  उनसे हट कर  थी.

वैसे बात शादी ब्याह की न भी हो तो हमें अपने घर का समय यानि दीवार घडी का समय और कैलेंडर सदा अपडेट रखने चाहिए … समय की कीमत समझनी बेहद जरुरी है … वैसे आप तो ऐसे नही होंगें … अरे आप कहां चले .. ?? ओह .. आज पहली अगस्त है और आपने महीना बदला नही था अभी तक 🙂

August 1, 2015 By Monica Gupta

बहुत बदल गया है वो

 

wall clock photo

बहुत बदल गया है वो !! हालांकि पिछ्ले कुछ दिनो
से उसमे बदलाव तो महसूस हो रहा था.सिर्फ मै ही नही मेरे आस पास के लोगो ने
भी इस बदलाव को महसूस किया पर खुल कर नही कहा. बस दबी दबी आवाज मे उन लोगो
की फुसफुसाहट सुनती रही.

पर देखते ही देखते अचानक इतना बदलाव आ जाएगा
विश्वास सा नही हो रहा.वही दूसरी तरफ बार बार मन एक ही बात कह रहा था कि परिवर्तन ही
नियम है और मुझे  सहज ही स्वीकार कर लेना चाहिए.

बहुत सोच विचार के मैने अपना मन पक्का किया कि अगर यही सही है तो ठीक है मैं भी तैयार हूं
और “मौसम” के इस बदलाव का स्वागत करती हूं. सुबह शाम की हल्की हल्की ठंडक
और शाम का जल्दी ढल जाना और सुबह का देरी से आना… सर्दी के “मौसम” के बदलाव की
मीठी सी दस्तक है. .. है ना !!

आक्छी !!! आक्छी !!!

अरे क्या हुआ? जी हां, मै तो मौसम के बदलाव की ही बात कर रही थी और आप कुछ और समझ बैठे !!!

August 1, 2015 By Monica Gupta

अच्छी है नकारात्मकता

 

be positive photo

Photo by bluekdesign

अच्छी  है नकारात्मकता  ..

अगर आप यह सोच रहे है कि मैने लिखने मे कुछ गलती की है तो निश्चय रुप से आप गलत सोच रहे है. सच में, वाकई में, जो लोग हमारे बारे में नकारात्मक सोच रखते हैं एक बार तो वो  बुरे लगते है बेहद बुरे पर बाद मे लगता है अरे!!!  यह  तो वाकई मे अच्छे  हैं. आज की तारीख मे भी ऐसे सैकडो उदाहरण है जो मेरी बात को सच साबित करते हैं.

अब आप फिर यही सोच रहे होंगे कि मै बडे बडे महापुरुषो या वैज्ञानिको  आदि का उदाहरण दूगी. जी नही. मै आपको आज की तारीख के ही उदाहरण दूगी और उन लोगो की वजह से लोगो मे कितना बदलाव आया आप भी सोच कर हैरान रह जाएगे.

कुछ समय पहले मेरी एक जानकार की बेटी को क्लास में उसकी टीचर ने सभी बच्चो के सामने बोल दिया कि वो तो एकदम नालायक है इस बार दसवीं मे फेल ही होगी.  उसने इस बात को इतना महसूस किया कि कुछ दिन तो स्कूल ही नही गई पर जब मन में आया तो उस टीचर को गलत साबित करने के लिए जी तोड पढाई की और अपने स्कूल में ही नही बल्कि पूरे जिले मे अव्वल आई. अपने साक्षात्कार के दौरान उसने उसी टीचर का नाम लिया कि अगर वो ना टोकती तो शायद वो सफल ना हो पाती.

ऐसी ही एक कहानी है मिस्टर शर्मा की. वो सपरिवार किराए के घर मे रहते थे. वहां की मकान  मालकिन बहुत तंग करती थी. बात बात पर टोकना आदि.घर धुसते ही उनको टेशंन शुरु हो जाती कि आज फिर  कोई बात होगी या फिर लडाई होगी. एक दिन उनके इस बर्ताव से शर्मा जी इतने दुखी और आहत हुए कि उन्होने मन बना लिया कि अब जब भी यहां से जाएगे  किराए के घर पर नही रहेगे अपना ही घर बनाएगे . और हुआ भी यही.आज वो अपने मकान मे खुशी खुशी रह रहे हैं. आपको एक बात बताऊ कि आज भी जो परिवार किराए के उस घर मे जाता है वहां से  वो सीधा अपने ही घर मे जाता है क्योकि किसी मे इतनी हिम्मत ही नही बचती कि ऐसे इंसान को झेलने की कल्पना मात्र ही कर सके तो मकान मालकिन हुई ना बढिया. नही तो आज के समय मे अपना घर बनाने के भला कोई सोच सकता है पर उस महिला की महानता देखिए … जो लोग कभी सोच भी नही सकते थे अपना आशियाना बनाने की ..अपने घर मे शिफ़्ट हो रहे है.

ऐसे ही मेरी सहेली की मम्मी है उन्हे उनके परिवार ने यह कह दिया कि दुनिया भले ही पलट जाए पर मम्मी कार चलाना नही सीख सकती. कुछ दिन तो वो मात्र मुस्कुराती रही पर जब पानी सिर से ऊपर चला गया तो बस उन्होने निश्चय कर लिया और आज वो इतनी बढिया कार चलाती है कि पूछो ही मत. वही एक जानकार हैं उन्होने अपने बेटे हाथ दिखाया और पूछा कि क्या ये डाक्टर बन सकता है .. इस पर पंडित ने कहा कि कदापि नही इसके हाथ मे डाक्टर की रेखा ही नही है वो पंडित की बात से इतने आहत हुए कि बस निश्चय कर ही लिया  जबकि आज वो पंजाब मे बहुत जाने माने डाक्टर हैं…

ये तो चंद ही उदाहरण है अब आप को लग रहा होगा कि ऐसे उदाहरण से तो आप भी दो चार हुए है .. है ना.

एक बार एक पहाड पर कुछ लोग चढ रहे थे.नीचे खडे लोग चिल्ला रहे थे बहुत मुश्किल है नही चढ पाओगे वापिस आ जाओ. डर के मारे काफी तो लौट आए. एक चोटी तक पहुंच ही गया. खुशी हुई कि देखा मना करने के विपरीत उसने कर दिखाया कि यह कर सकता है. यह है उसकी सकारात्मकता. पर जब नीचे आया तो पता चला कि वो बहरा था. तो आप क्या समझे… जिंदगी मे तरह तरह के लोग मिलते है टोकने वाले ,उत्साह ना बढाने वाले पर आपको अपने पूरे विश्वास के साथ, अपने को कम ना आंकते हुए,सकारात्मक सोच लिए  उन लोगो को साथ लेकर बस आगे ही बढते जाना है… इन्ही लोगो को मद्देनजर रखते हुए आप अपना एक अलग ही मुकाम बनाएगे … है ना !!! तो अब बताईए कि अच्छी है ना नकारात्मकता!!!!

वैसे भी कहते है कि अगर आप जिंदगी मे सफल होना चाह्ते है तो दोस्त साथ  रखिए और अगर आप और भी ज्यादा सफल होना चाह्ते है तो नकारात्मक प्रवृति के लोग साथ रखिए !!!!

बताईगा कि कैसा लगा ये लेख 🙂

August 1, 2015 By Monica Gupta

आईए परेशान हों

worried people photo

Photo by photoloni

आईए परेशान हों

इसका टाईटल पढ कर हैरान होने वाली तो कोई बात ही नही है क्योकि हम है ही ऐसे. बात बात पर रोंदडू सा मुहं बना लेगे और परेशान ही रहेगें.

अब देखिए ना !! आज सुबह की ही बात है सरकारी दफ्तर के बाहर दो बाबू लोग चाय पीते पीते बतिया रहे थे .एक बोला क्या बताऊ आज धुंध की वजह से सब गडबड हो गया. दूसरे ने पूछा पर यार अब तो मौसम एक दम साफ था. धुंध तो थी ही नही इस पर वो  बोला तभी तो …. आज मै धुंध के चक्कर मे जल्दी घर से निकल गया ताकि दफ्तर के लिए देरी ना हो जाए पर मौसम एक दम साफ मिला और मै इतनी जल्दी आफिस पहुच गया कि ताले भी नही खुले थे और ना ही यह चाय वाला आया था.बाहर इतनी सर्दी थी और अकेला खडा खडा  इतना बोर हुआ कि पूछो मत.

अब दूसरा उदाहरण देखिए .. एक श्री मति जी अपनी काम वाली बाई के आने पर रो रही थी. हुए ना आप हैरान !! असल मे वो क्या है ना कि चार दिन से देवी जी बिना बताए छुट्टी पर चल रही थी श्रीमति जी दिन रात इंतजार मे लगी रही पर इनके दर्शन नही हुए. इसलिए आज सुबह से ही उन्होने कमर कस ली और जुट गई सफाई मे. जैसे ही घर का सारा काम निबटा तो वो देवी जी अचानक प्रकट हो गई.अब आप ही बताईए क्या ऐसे  मे वो क्या उनकी जगह कोई भी होता वो खुश नही हो पाता.

और सुनिए!! भारी ठंड और धुंध को देखते हुए स्कूलो की छुट्टियाँ आगे बढा दी ताकि बच्चे घर मे सुरक्षित रहें. पर अब घर मे रहने वाली महिलाए अब और ज्यादा दुखी है कि सारा दिन हल्ला गुल्ला शोर शराबा होता रहता है. बच्चे नाक मे दम किए रखते हैं इसलिए. ना स्कूल जाए तो उसमे दुखी और  जाए तो उसमे और भी ज्यादा दुखी कि सरकार और हमारा कानून कितना निर्मम है इतनी सर्दी मे भी मासूमो को पढने जाना पड रहा है.

एक और उदाहरण तो पढिए. एक मोहतरमा गैस खत्म होने से बहुत खुश थी. नही तो आम तौर पर गैस खत्म होने पर  एक चिंता सी हो जाती है. खासतौर पर जब बुक करवा रखी हो और ना आए !! असल मे, अचानक उनके घर मेहमान आ गए और वो खाना बनाने से बच गई. खुशी टपक टपक के दिखाई दे रही थी उनके चेहरे पर से. अरे भई ,होटल मे खाना खाने जो जाना था उन्हे!!वही दूसरी तरफ  पतिदेव के चेहरे से उदासी टपक टपक के गिर रही थी.

जहां आजकल जबरदस्त सर्दी के दिनो मे  अचानक धूप या सूरज निकलने से हमे राहत मिल रही है वही नीना आज धूप को कोसे ही जा रही है पूछ्ने पर पता चला कि अखबार मे और टीवी पर सुना  था कि मौसम बादल वाला ही रहेगा इसलिए उसने आज कपडे नही धोए और आज सुबह से ही धूप आसमान मे चमक रही है मौसम एक दम साफ है पर नीना का पारा एकदम गर्म!!! काश उसने भी कपडे धो लिए होते.!!! किसी पर विश्वास ना किया होता !! बस आज वो यही प्रार्थना किए जा रही है कि हे भगवान!!  बरसात आ जाए या बादल हो जाएं!!

देखा !!! आप भी यह लेख पढ कर परेशान हो रहे हैं और  मुझे कोसने लगे कि  ना जाने कैसे कैसे लोग ब्लाग लिखने लगे है. जो भी मन मे आता है लिख डालते है..ह हा हा धन्यवाद !!! यानि मेरा लेख सार्थक हुआ!!

आईए परेशान हों

 

August 1, 2015 By Monica Gupta

हम मे है हीरो

इंसान और भगवान

हम मे है हीरो – बस दूसरो को देख देख कर दुखी और परेशान होते रहते  हैं  कि फलां तो इतना खूबसूरत है डिमकाने को तो देखो भगवान ने उसे सभी कुछ दिया है और एक हम है.हमे तो भगवान मे कुछ ही नही दिया. वगैरहा वगैरहा. और जो हमे मिला है उसकी कभी कद्र ही नही करते.

हम मे है हीरो

वैसे देखा जाए तो गलती हमारी भी नही है आजकल मानसिकता ही ऐसी बन गई है.पर यकीन मानिए हमारे भीतर भी कोई ना कोई हुनर जरुर छिपा है. एक बात से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. हुआ यू कि  कुछ समय पहले मुझे अस्पताल जाना पडा. बीमार मरीज  के कमरे मे एक जमादार बहुत मन से झाडू लगा रहा था.उस समय मरीज का आप्रेशन चल रहा था. मै थोडा चिंतित थी तो वो जमादार मुझे देख  सफाई करते करते बोला कि अगर आप इस मंत्र को मन ही मन दस बार बोलेगी तो आपकी चिंता दूर हो जाएगी. एक बार तो मुझे बहुत अजीब लगा.पर वो वाकई मे सच था. अगले दिन जब वो सफाई करने आया तो मेरे पूछ्ने पर उसने बताया कि वो यहा आने से पहले दस साल  माता वैष्षो देवी मंदिर मे सफाई का काम किया करता था और वही से अच्छे विचार ग्रहण किए.कोशिश रह्ती है कि मै इस ज्ञान को लोगो मे बांट सकू.मै हैरान थी क्योकि मै सोच भी नही सकती थी उस जमादार के बारे मे.

वही एक कुरियर वाला है वो हमेशा डाक ले जाता है पर एक दिन डाक देते हुए पता चला कि वो तो नामी लेखक है और बहुत रचनाए किताबो मे छपती है.ये तो बस तो समय व्यतीत करने के लिए काम कर रहा है  और तो और एक नामी गिरामी कवि जिन्हे ढेरो पुरुस्कार भी मिले है वो बस स्टेड पर गन्ने का जूस बेचते थे. उनकी दुकान पर लोग जूस भी पीते और कविता भी सुनते.

एक अन्य उदाहरण मे मुझे गिटार पर बडा सा स्टीकर लगवाने के लिए बाजार  गाडी की जो नम्बर् प्लेट लिखते है उस दुकान पर जाना पडा. वहां एक मैले से कपडे पहने मैकेनिक ने दस मिनट इंतजार करने को कहा .मुझे यही चिंता थी कि कही ये स्टीकर लगाते लगाते गिटार तोड् ही ना दे. ऐसे लोगो को कहा समझ होती है .पर दस मिनट बाद ना सिर्फ उसने खूबसूरत सा स्टीकर लगाया बल्कि गिटार पर धुन भी बजा कर सुनाने लगा और कहता कि इसकी ट्यूनिग सही करनी पडेगी.मेरे पूछ्ने पर उन्होने बताया कि कालिज के समय मे सीखा था पर बाद मे मौका ही नही मिला.पर जब कभी मौका मिलता है सुर छेड लेता हूं.

मै हैरान थी कि ऐसा भी होता है.असल मे, कई बार हम खुद को बहुत कम आंक जाते हैं पर ऐसा कभी नही सोचना चाहिए. जहां एक ओर हमे  अपने हुनर को दिखाना चाहिए वही दूसरी ओर दूसरे मे छिपे हुनर की तारीफ करने मे कभी पीछे भी नही रहना चाहिए.जरुरी नही है कि हीरो वही  है जो रुपहले पर्दे पर ही नजर आता है हम अपने चारो तरफ नजर उठा कर देखेगे तो ना जाने कितनी लम्बी कतार दिखाई देगी… तो पहचानिए खुद को … हो सकता है अनजाने मे ही सही,हो सकता है कि  आप किसी के लिए प्रेरणा ही बन जाए …!!! क्योकि हममे है हीरो !!!

हम मे है हीरो  …. जी हां, इतना तो मै दावे से कह सकती हू कि हम सभी में,  कोई ना कोई खास बात जरुर है और ऐसी ही कोई ना कोई खास बात आप मे भी होगी.. है ना !! अरे ये क्या आप तो मुस्कुराने लगे और वो भी व्यंग्यात्मक रुप से … हु ह … खास और हम में … रत्ती भर भी कुछ नही है और हो इससे फायदा भी क्या है .. कौन देखने आ रहा है … खास बात का क्या बैठ कर अचार डालें !!

देखा, बस यही कमी है हम मे . हम खुद को जानना ही नही चाह्ते. बस दूसरो को देख देख कर दुखी और परेशान होते रहते  हैं  कि फलां तो इतना खूबसूरत है डिमकाने को तो देखो भगवान ने उसे सभी कुछ दिया है और एक हम है.हमे तो भगवान मे कुछ ही नही दिया. वगैरहा वगैरहा. और जो हमे मिला है उसकी कभी कद्र ही नही करते.

वैसे देखा जाए तो गलती हमारी भी नही है आजकल मानसिकता ही ऐसी बन गई है.पर यकीन मानिए हमारे भीतर भी कोई ना कोई हुनर जरुर छिपा है. एक बात से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. हुआ यू कि  कुछ समय पहले मुझे अस्पताल जाना पडा. बीमार मरीज  के कमरे मे एक जमादार बहुत मन से झाडू लगा रहा था.उस समय मरीज का आप्रेशन चल रहा था. मै थोडा चिंतित थी तो वो जमादार मुझे देख  सफाई करते करते बोला कि अगर आप इस मंत्र को मन ही मन दस बार बोलेगी तो आपकी चिंता दूर हो जाएगी. एक बार तो मुझे बहुत अजीब लगा.पर वो वाकई मे सच था. अगले दिन जब वो सफाई करने आया तो मेरे पूछ्ने पर उसने बताया कि वो यहा आने से पहले दस साल  माता वैष्षो देवी मंदिर मे सफाई का काम किया करता था और वही से अच्छे विचार ग्रहण किए.कोशिश रह्ती है कि मै इस ज्ञान को लोगो मे बांट सकू.मै हैरान थी क्योकि मै सोच भी नही सकती थी उस जमादार के बारे मे.

वही एक कुरियर वाला है वो हमेशा डाक ले जाता है पर एक दिन डाक देते हुए पता चला कि वो तो नामी लेखक है और बहुत रचनाए किताबो मे छपती है.ये तो बस तो समय व्यतीत करने के लिए काम कर रहा है  और तो और एक नामी गिरामी कवि जिन्हे ढेरो पुरुस्कार भी मिले है वो बस स्टेड पर गन्ने का जूस बेचते थे. उनकी दुकान पर लोग जूस भी पीते और कविता भी सुनते.

एक अन्य उदाहरण मे मुझे गिटार पर बडा सा स्टीकर लगवाने के लिए बाजार  गाडी की जो नम्बर् प्लेट लिखते है उस दुकान पर जाना पडा. वहां एक मैले से कपडे पहने मैकेनिक ने दस मिनट इंतजार करने को कहा .मुझे यही चिंता थी कि कही ये स्टीकर लगाते लगाते गिटार तोड् ही ना दे. ऐसे लोगो को कहा समझ होती है .पर दस मिनट बाद ना सिर्फ उसने खूबसूरत सा स्टीकर लगाया बल्कि गिटार पर धुन भी बजा कर सुनाने लगा और कहता कि इसकी ट्यूनिग सही करनी पडेगी.मेरे पूछ्ने पर उन्होने बताया कि कालिज के समय मे सीखा था पर बाद मे मौका ही नही मिला.पर जब कभी मौका मिलता है सुर छेड लेता हूं.

मै हैरान थी कि ऐसा भी होता है.असल मे, कई बार हम खुद को बहुत कम आंक जाते हैं पर ऐसा कभी नही सोचना चाहिए. जहां एक ओर हमे  अपने हुनर को दिखाना चाहिए वही दूसरी ओर दूसरे मे छिपे हुनर की तारीफ करने मे कभी पीछे भी नही रहना चाहिए.जरुरी नही है कि हीरो वही  है जो रुपहले पर्दे पर ही नजर आता है हम अपने चारो तरफ नजर उठा कर देखेगे तो ना जाने कितनी लम्बी कतार दिखाई देगी… तो पहचानिए खुद को … हो सकता है अनजाने मे ही सही,हो सकता है कि  आप किसी के लिए प्रेरणा ही बन जाए …!!! क्योकि हममे है हीरो !!!

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I am great photo

     Photo by Јerry

 

किसी ने सच कहा है कि …

काम करो ऐसा की पहचान बन जाए

हर कदम चलो ऐसा की निशान बन जाए

यहां जिंदगी तो सभी काट लेते हैं

जिंदगी ऐसे जीयो की मिसाल बन जाए

 

July 31, 2015 By Monica Gupta

वो प्यार

 

love photo

Photo by VinothChandar

वो प्यार

बहुत बार समझाया था मणि को कि वो तेरे लिए ठीक नही है ठीक नही है … उसे छोड दें … उससे रिश्ता या किसी प्रकार का सम्बंध रखना उचित नही है पर वो ठहरी मणि … हां … मणि मेरी सबसे अच्छी सहेली है हर इंसान की तरह उसमे भी कुछ कमियां हैं जिसे मैं कई बार नजर अंदाज कर देती और कई बार उसे डांट भी देती… पर उसका असर पडता दिखता नही था. उसका उसके प्रति लगाव बढता ही जा रहा था. साल दर साल बीतते जा रहे थे और  मणि का उसके प्रति प्यार और आकर्षण बढता ही जा रहा था.मेरे सामने अक्सर वो उसकी बात छेड देती  तो मैं गुस्से मे तिलमिला जाती और मेरी तिलमिलाहट पर जब वो हंसती तो तो तो … !!!

खैर !!! अभी मणि का फोन आया कि तू अभी आ जा. मैनें उसे हमेशा के लिए छोड दिया है… क्या ??? मै… मुझे … विश्वास नही हुआ… !!! क्या कह रही है दुबारा तो बोला … वो बोले जा रही थी.  हां, आज बहुत सोचा और सोचने के बाद यही फैसला लिया कि उसे छोडना मेरे और मेरे परिवार के लिए सही रहेगा… बस तू जल्दी आ जा… मै बिना समय गवाए मणि के घर भागी.!!

मणि कमरे में थी. घर पर सभी थे. मैं अचानक ठिठक गई. मणि उठ कर बाहर आ गई और मेरा हाथ पकड कर बोली तूने बोला था … और हमेशा ही बोलती थी … गुस्सा भी होती थी.. आज छोड दिया मैने उसे अपनी जिंदगी से दूर कर दिया. बहुत दूर कर दिया. घर पर भी अपना फैसला सुनाया तो सब खुश हैं. उसकी आखें नम थी. बोली बहुत याद आएगी उसकी पर तू साथ देना उसे भूलाने मे मेरी मदद करना…

मै बहुत खुश बहुत ही खुश हूं ..अरे .. आप क्या सोच रहे हैं? किसको छोड दिया मणि ने ?? अरे … ओह क्षमा करें … मैनें तो आपको बताया ही नही … वो क्या है न मणि को बचपन से सुपारी और पान मसाला खाना बहुत पसंद है .. ?? अरे क्या हुआ ??? आप नाराज क्यों हो रहे हैं .. मैं बात नही बदल रही … वही बता रही हूं जो है .. असल में , मणि को सुपारी खाने का बहुत शौक है सारा समय कट कट मुहं ही चलता रहता था. उसके घरवालो ने बहुत समझाया पर नही, अडी हुई थी कि सुपारी खाना छोड ही नही सकती. मैं बोलती थी तो कहती कि शराब सिग्रेट की लत तो है नही .. बेचारी सुपारी ही तो खाती हूं … मैने समझाया कि शरीर को बहुत नुकसान कर सकती है सांस की प्रोब्लम हो सकती है पर किसी की नही सुनी और आज अचानक ये निणर्य… मैं बहुत खुश हूं … अरे .. आप क्या ??? कुछ और सोच रहे थे … देखिए आप जो भी सोच रहे हो पर एक बात जरुर है कि अगर आप भी सुपारी पान मसाला या अन्य का सेवन करते हैं तो प्लीज छोड  दीजिए.. शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाते है ये … !!!

अब तो भगवान बस उसे शक्ति दे कि उसे कभी उस की याद न आए … 🙂 अब आप फिर से क्या सोचने लगे !! ह हा हा !! कुछ भी मत समझा कीजिए !!   शुभकामनाएं मणि !!!

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