Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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July 15, 2015 By Monica Gupta

कौन बनेगा

lady and mobile  photo

Photo by garryknight

कौन बनेगा …. !!!

कुछ समय पहले की बात है ….. जिंदगी में सब कुछ एक दम नार्मल चल रहा था कि अचानक एक दिन आए मैसेज ने मेरी नींद ही उडा दी. मोबाईल पर मैसेज मेरी सहेली की  तरफ से था. उसने लिखा था कि उसका सलेक्शन कौन बनेगा करोडपति में हो गया है और यह 31 सितम्बर को प्रसारित होगा और  इसमे phone a friend  के लिए तीन दोस्तो मे से मुझे भी चुना है. मेरा दिल धक से रह गया. वो बात नही है कि मेरा सामान्य ज्ञान अच्छा नही है. स्कूल टाईम मे तो मै क्विज प्रतियोगिता मे मै प्रथम आई थी. पर पर डर लग रहा है कि अगर उसका नम्बर लग गया और वो हाट सीट पर आ गई और किसी प्रश्न पर अटक गई और मेरा नम्बर मिला लिया तो क्या होगा जब अभिताभ बच्चन मुझे हैलो करेगे. नमस्कार  करेगे. नमस्कार  मोनिका गुप्ता जी .. मै अमिताभ बच्चन बोल रहा हू …. !!!

मैं घर का सारा काम काज छोड कर सामान्य ज्ञान की पुस्तके इकट्ठी करने मे जुट गई. इसी बीच अपनी उसी सहेली को दो चार बार फोन ट्राई किया पर वो व्यस्त आ रहा था. मैने सोचा कि अब तो वो बहुत बिजी हो गई होगी. जब मै ही इतनी व्यस्त हो गई हूं जिसके पास सिर्फ फोन ही आना है सोचो उसने तो अमिताभ जी के साथ बैठना है.उसे कितनी टेंशन होगी. इसी बीच मैने खुद पर इतराते हुए  कम से कम दस बार वो वाला  मैसेज भी पढ डाला.

सच पूछो तो   टेंशन भी बहुत थी और बहुत  खुशी भी थी कि यह बात  बात किस किस को और कैसे बताऊं .  बहुत सोच विचार के  मैने यह बात अपनी  पडोसन अमिता को बता दी कि सितम्बर के आखिरी दिन मै कौन बनेगा करोडपति के  फोन ए फ्रैंड मे आऊगी. मै जानती थी कि दस मिनट मे यह बात पूरी सोसाईटी मे फैल जाएगी और मेरी आशा के अनुरुप हुआ भी यही. दस ही मिनट मे पूरी सोसाईटी मे बात फैल गई. सभी मुझे बधाई देने आने लगे. सभी को गर्व था मुझ पर. उसी शाम सोसाईटी वालो ने मुझे सम्मानित भी कर दिया. घर के सामने एक पत्रकार भी रहते है वो भी पहुंच गए मेरा साक्षात्कार लेने. मै भी अपने बचपन और पढाई की बाते बढ चढ कर बताने लगी. अपनी सहेली के बारे मे भी बताया कि हमारी कितनी दोस्ती थी. कितना प्यार था.वो मुझे बहुत अच्छी तरह समझती थी और मै उसे.

अडोस पडोस वाले अच्छी पुस्तके लाने मे जुट गए. ताकि किसी प्रश्न मे मै अटक ना जाउं. अब एक एक पल काटना मुश्किल हो रहा था. मै सारे काम काज छोड कर तैयारी मे ही जुटी थी. रात को मैने घर पर भी एलान कर दिया कि मै अब ना ही किसी से मिलूगी और ना ही कोई फोन रिसीव करुगी बस जब तक प्रोग्राम नही प्रसारित हो जाता तब तक सिर्फ पढाई ही करुगी.

पर यह हो नही पा रहा था कभी कोई तो कभी कोई मिलने वाले आ ही रहे थे क्योकि उनकी नजरो मे  मै सैलीब्रेटी बन चुकी थी और घरवालो को उन्हे मना करना भी अच्छा नही लग रहा था.घडी की टिकटिक चले जा रही थी  और मै नर्वस होती जा रही थी.

अगले दिन मेरा मोबाईल छोटे बेटे ने  लिया और गेम खेलने लगा. मेरे मना करने पर उसने मुझे सोरी कहा और वो चुपचाप मैसेज पढने लगा. अचानक उसने जोर जोर से हसनां शुरु कर दिया और मैसेज फोर्वर्ड  करने लगा . मेरे गुस्से पर पूछ्ने पर उसने बताया कि एक बहुत मजेदार मैसेज  आया हुआ है आप के मोबाईल पर 31 तारीख का. वही अपने दोस्तो को भेज रहा हूं.  उस समय तो मै कुछ नही बोली पर इसके जाने के बाद जब मैने मैसेज देखा तो कोई नया मैसेज तो था नही वही पुराना मैसेज था मेरी सहेली वाला कौन बनेगा करोडपति वाला तो इसमे इतने हंसने की क्या बात थी .

सोचते सोचते मै मैसेज पढती हुई  केलेंडर के सामने जा खडी हुई और उसे देखते ही मेरे पावं के नीचे से जमीन खिसक गई. लगा मानो भूचाल आ रहा है मानो  सब कुछ हिल रहा है. 31 सितम्बर …. 31 सितम्बर … क्या कहूंगी सब को… मै तो अच्छी खासी …..!!!  सारी समझदारी गई पानी मे ..!!!! .अब तो इस विचार मे हूँ कि किस किस से और कैसे छुपाऊ… तभी पीछे से आवाज आई … जल्दी बाहर निकलो … भूकंप आ रहा  है और मै गिरती पडती बाहर भागी !!!!! उस समय कानों मे अमित जी की बस एक ही आवाज कानो मे गूंज रही थी कि आपका समय समाप्त होता  है अब … हंय…

कैसा लगा आपको ये लेख … जरुर बताईएगा 🙂

 

July 15, 2015 By Monica Gupta

आपका बहुत बहुत धन्यवाद

thanks photo

Photo by opensourceway

 

आपका बहुत बहुत धन्यवाद

कुछ समय पहले की बात है कि एक महिला को अपनी नन्ही बच्ची के लिए खून की जरुरत थी.वो खून का ग्रुप जल्दी से उपलब्ध नही होता था यानि रेयर ग्रुप था. मेरी सहेली मणि ने उन्हे ना जानते या पहचानते इंसानियत के नाते बहुत दौड धूप की और उस रक्त का इंतजाम करवा दिया. आप्रेशन सफल रहा. कुछ समय बाद वह् लडकी आईसीयू से बाहर भी आ गई और कुछ समय बाद वो ठीक होकर अपने घर भी चली गई.

इसी बीच मणि ने  एक दो बार बच्ची का हाल चाल पूछ्ने के लिए इस महिला को फोन भी किया. पर हैरानी ही बात यह रही कि महिला ने एक बार भी उसका धन्यवाद नही किया. वैसे तो उसे उम्मीद ही नही रखनी चाहिए थी क्योकि मेजर आप्रेशन था और उस महिला को मानसिक परेशानी भी बहुत रही होगी उस समय. पर जब बच्ची भी ठीक होकर घर आ गई तो भी उसने एक बार भी फोन करके मणि का धन्यवाद नही किया. इस बात से मणि का मनोबल बहुत गिरा पर क्योकि उसका ये किसी की मदद करने का यह उसका पहला मौका था.

पर फिर मेरे समझाने पर वो फिर अपने नेकी के काम मे दुबारा से जुट गई पर उसके जाने के बाद मैं जरुर सोचने लगी कि हम अक्सर कहते रहते है कि हमे दूसरो की मदद करनी चाहिए या जब किसी को जरुरत पडे उसकी सेवा निस्वार्थ भाव से करनी चाहिए पर इसके साथ साथ जिन लोगो को मदद मिलती है या जिन लोगो का ऐसे प्रोत्साहन से मनोबल दुगुना होता हो उन्हे भी इस बात का ध्यान रखना चहिए कि जो लोग उनके लिए आगे आए है समय निकाला है या उन्हे कुछ समय दिया है.

उनका दिल से “धन्यवाद” या “आभार” जताना बहुत जरुरी है उसे बिल्कुल नही भूलना चाहिए … तो अगर आप किसी का धन्यवाद करना भूल गए है तो प्लीज और देर मत कीजिए!!! यकीनन जितनी आपको खुशी मिली है उससे भी दुगुनी उन्हे मिलेगी आप एक बार धन्यवाद कर के तो देखिए !!!

July 14, 2015 By Monica Gupta

कहानी फिल्मी नहीं

watching movie photo

Photo by NASA Goddard Photo and Video

 

कहानी फिल्मी नहीं

कुछ देर पहले मेरी एक सहेली का फोन आया. बहुत शोर भी आ रहा था. मैने पूछा कि शोर कैसा ?? इस पर वो बोली कि असल में, हम बाहुबली फिल्म देखने आए हुए है. और फिल्म शुरु हो चुकी है. बस बताने के लिए किया था फोन. मेरे ओह बोलने पर वो अचानक बोली अच्छा एक और फोन भी आ रहा है. जब मैने उसे किया तब बिजी था और बाय बोल कर फोन रख दिया.

मेरे चेहरे पर स्माईल थी क्योकि मैं उसकी इस दिखावे की आदत से बहुत परिचित हूं पर गुस्सा इस बात का भी आ रहा था कि फिल्म में उसके आगे पीछे बैठे लोग भी कितना डिस्टर्ब हो रहे होंगें.. अरे भई फिल्म देखने आए हो चुपचाप देखो और अगर बताना ही है तो इंंटरवल में बता दो ताकि दूसरों को असुविधा तो न हो … वैसे आप तो ऐसे हरगिज नही होंगें अगर हैं तो जरा नही बहुत सोचने की दरकार है…

कहानी फिल्मी नहीं

July 14, 2015 By Monica Gupta

बेचारी महिलाएं

 

road traffic people photo

Photo by bukrie

 

बेचारी महिलाएं

बहुत समय से कोई नया आईडिया या विचार मन मे नही आ रहा था क्या लिखूं .. क्या लिखूं ..!!  क्या लिखूं ..!! जब वाकई में कुछ समझ नही आया तो हाथ मे कागज पैन पकडा और निकल गई बाहर कुछ भी, कही भी, कुछ नया खोजने.

सडक पर जा रही थी कि कोई आपस मे बातचीत हो रही थी….कि क्या करुं बाल बहुत झडने लगे. कितनी दवा दारु की पर कोई फायदा नही हुआ. तुम्हे पता चले तो कोई घरेलू नुस्खा बताना.

बस मे चढी तो बात हो रही थी.. खाईए ना.. घर की बनी मिठाई है. मैने ही बनाई है.

शापिंग सैंटर पहुची तो वहां भी कम नजारा नही था. एक दूसरे को कोहनी मार कर बात हो रही थी .. वो देखा  सामने से मिसेज सिन्हा आ रही है इतनी लाल चटक लिप्स्टिक लगाई है मानो किसी का खून पी कर आई हो. और फिर बहुत तेज ठहाके की आवाज आई.

वहां कुछ देर शापिंग करने के बाद  एक दफ्तर मे जाना हुआ तो वहां मिलने वालो की लम्बी कतार लगी हुई थी पर वो बतियाने मे ही व्यस्त कि क्या करु…!! बहु, बहुत धीरे धीरे कार चलाती है इसलिए हमेशा आने मे देरी हो  ही जाती है….हाँ नही तो.!!!

एक घर के आगे से गुजरी तो आवाज आई कि बहू से तुम्ही बात करके देखना … मुझे तो हर हालत मे बडी वाली कार चाहिए और मायके जा रही है तो अपनी जांच भी करवा ले .. कही बेटी हुई तो !!!!!

थोडी देर थक कर बैठी तो कोई सैर करते हुए सामने से बोलते हुए निकले बहुत दिनो से गोलगप्पा नही खाया आज तो हो ही जाए … फ्रूट चाट और रसमलाई भी ..!!!

मै बहुत खुश थी कि आहा आज  का दिन बहुत अच्छा रहा. बहुत बाते सुनने को मिली. क्या??? आपको नया नही लगा???? जी नही .. ये तो बिल्कुल नया है.

असल मे, यह जितनी बाते आपने पढी है वो “पुरुष” आपस मे बाते कर रहे थे महिलाए नही …!!! जी क्या कहा आपने ??? तो फिर मैने टाईटल ऐसा क्यो लिखा है …!!! उफ ये महिलाए!!! अब गलत फहमी तो होगी ही ना !!

उफ !!! आप भी बहुत जल्दबाजी करते हैं .. पूरा तो पढा नही …असल मे, ज्यादा बडा टाईटल तो लिख नही सकते है पर मेरा यही कहना था कि  “उफ बेचारी महिलाएं” तो एवैई ही बदनाम है.

कैसा लगा आपको मेरा लिखा ये लेख …. जरुर बताईएगा !!!

 

July 14, 2015 By Monica Gupta

हमारे मित्र

हमारे मित्र

rain photo

हमारे मित्र

गर्मी के साथ बरसात  आई नही कि हमारे परम मित्रो का आगमन और चहल पहल शुरु हो जाती है.कही मेढक फुदकता मिल जाएगा तो कही कोकरोच अपना ही घर समझ कर इठलाता अकड के चलता मिल जाएगा.छिपकली और चूहो का तो पूछो ही मत.सब अपना ही घर समझ कर डेरा जमाए बैठ जाते हैं वो इसलिए की वाकई मे ये हमारे ना सिर्फ दोस्त है बल्कि हमारी सेहत का भी बहुत ख्याल रखते हैं. हमे चुस्त दुरुस्त बनाए रखते हैं.

कल्पना करे कि अचानक पलंग के नीचे से चूहा भागता हुआ आया और मेज के नीचे जाकर छुप गया. अब उसे देख कर ना सिर्फ हम भी भागते है बल्कि कूदी मार कर कुर्सी पर भी चढ जाते है तो देखा बनाया ना उसने हमे चुस्त दुरुस्त. अब कोकरोच की बात करे. वो हमे देख कर भागे या ना भागे पर हम उसे देख कर चिल्लाते बहुत तेज हैं और हमारी सांस तेज तेज चलने लगती है यानि हमारी आवाज तार सप्तक तक चली जाती है और दबी दबी सी हमारी आवाज अचानक खुल जाती है साथ ही साथ हमारे फेफडे भी मजबूत हो जाते हैं.तो हुआ ना वो भी हमारा परम हितैषी!!

अब लाल काली प्याली प्याली चींटियो की बात करें तो मैडम जी अक्सर रसोई मे चीनी और मिठाई पर कब्जा किए मिल जाती हैं तो वो भी फायदेमंद हैं. अब देखिए ना ऐसे मे क्या होता है कि अक्सर चीनी हम फेक देते हैं यानि शूगर हम नही खाएगे तो भी शरीर सही रहेगा और अगर हम उसे ना फेंके और बजाय फेंकने के साफ करने लगे तो भी हमारी आखो का अच्छा व्यायाम हो जाता है हम जान जाते है कि हमारी आखे कितना बारीक देख सकती हैं और साथ मे अगुलियो की भी कसरत हो जाती है.तो रखती है ना ये हमारा खयाल.

अब बात आती है सर्वप्रिय मक्खी रानी की.जब भी उडाओ तभी आ जाती है. जब भी उडाओ तभी आ जाती है. वो इसलिए आती है कि हमारे हाथो की कसरत हो सके नही तो उसे कोई शौक नही होता हमे तंग करने का. कोई दुश्मनी थोडे ही ना है उसे हमसे. वो तो बस हमारी ही सेहत का ख्याल रख कर ऐसा करती है.वो ज्यादा ना आए इस चक्कर मे हम सफाई भी रखते है तो देखा कितना ख्याल है उसे हमारा और हम भी ना !!!

वही गुनगुन करते मच्छर भी हमारे अच्छे दोस्त साबित होते हैं. अब अंधेरा होते ही बल्ब आदि के आसपास मच्छरो का जमावडा लग जाता है तो क्या हुआ. अच्छा ही है ना अजी इनके डर से मेहमान ही नही आते. रात को मेहमान भी घर आने से पहले दस बार सोचते है कि इनके घर तो बहुत मच्छर हैं क्या करेगे जाकर. तो वो तो फायदेमंद है ही बाकि अक्सर मच्छर जाने अंजाने हमे ताली बजाने पर मजबूर कर देते हैं भले ही ताली बजाने से वो मरे या ना मरे पर ताली बजाने के फायदे तो हम सभी जानते है कि रक्त संचार बढता है.तो देखा !! हुए ना वो अच्छे दोस्त !!

अब बात आती है मधुमक्खियो और ततैयो की जोकि घर मे लगे फूलो पर आकर्षित होकर आ ही जाते हैं और कई बार काट भी जाते हैं तो भी कोई बात नही. ऐसे मे पडोसी हमारी चिल्लाने की आवाज सुन कर आ जाते है और जरा वो सूजन कम करने के लिए अचार भी लगा देतें हैं बस उसकी महक इतनी अच्छी होती है कि हम उस अचार की तारीफ करते हैं और पडोसन भी खुश होकर एक कटोरी अचार उपहार स्वरुप दे जाती है कि कुछ दिन पहले ही डाला था.और बस ऐसे ही दोस्ती पक्की होती जाती है और उनसे लगातार मिलकर अपने परिवार और रिश्तेदारो की भडास और गुस्सा उससे शेयर करने लगते है और आपका ब्लड प्रेशर भी सही रहता है.

अरे वाह !! आप तो मेरी बात सुन कर ताली क्यो बजा रहे हैं. धन्यवाद!! धन्यवाद !! आपको मेरा लेख अच्छा लगा! क्या? आप मच्छर मार रहे है और आपको गुस्सा भी बहुत आ रहा है !!! जी मै समझ गई. मै चलती हू. पर आप माने या ना माने पर ये कीट पंतग़े है हमारे मित्र ही!!!

तो कैसे हैं आपके मित्र 🙂 जरुर बताईएगा !!!

July 14, 2015 By Monica Gupta

ये कैसा फल

ये कैसा फल !!!

 

नमस्कार !!!  हमारे देश मे तरह तरह के फल पाए जाते हैं. कुछ खट्टे कुछ मीठे तो कुछ कडवा स्वाद देते हैं. वैसे मै जिस फल की बात कर रही हूं  वो फल हर जगह हर समय पाया और देखा जाता है.  

चाहे सर्दी हो या गर्मी वो फल हर भाव मे उपलब्ध है और अपने तरह तरह के रुप धर के हमे अपनी ओर आकर्षित करता है. कई बार तो ये ठंडी हवा का झोंका जैसे बन कर आता है तो कभी …!!! यह फल हम सभी ही  पहुंच मे होता है हां, ये अलग बात है कि उसे चखने के बाद व्यक्ति विशेष का स्वाद अलग अलग हो जाता है.यानि एक ही फल पर अलग अलग स्वाद !!!

अयं, आप सोच रहे होगें कि भई ये कौन सा फल है तो मै आपको ज्यादा उलझन मे नही डालती. वो क्या है ना कि  मै भी जानती हूं कि आप एक तो पैट्रोल और दूसरा गर्मी की मार से त्रस्त है और उपर से ये फल!!! चलिए मै बताती हूं. असल मे, इस फल का नाम है “ राशि”फल” है ना !!! देखा आप चौक भी गए और आपके चेहरे पर मुस्कान भी आ गई. अब क्या करे!! हर कोई इसका स्वाद जरुर लेना चाहता है.

रवीना की आदत है कि सुबह सबसे पहले उठ कर अपना राशि फल देखती है उसके हिसाब से अपना दिन बिताती है. परसो टीवी पर देखा तो बहुत खुश हो गई कि आज का दिन बहुत अच्छा बीतेगा. चेहरे पर  मुस्कान आई ही थी कि अचानक पति की आवाज आई कि आज भी कमीज मे बटन नही लगाया. बस फिर शुरु हुआ टेंशन का दौर कि आप सोच नही सकते . पति बिना नाश्ता किए दफ्तर गए और बच्चो का टिफिन गुस्से मे उसने तैयार नही किया. कुल मिला कर फल का मीठा स्वाद कडवाहट मे बदल गया.

ऐसे ही संगीता हैं. आफिस मे काम करती है पर हमेशा जहां भी मौका मिले इस फल को चखना चाह्ती हैं. आज उसने अखबार मे राशिफल पढा कि  अजनबी से बच कर रहना. उसी समय घर की धंटी बजी. उसकी नई काम वाली बाई आई थी. बस, वो तो उस फल के शिकंजे मे इतनी कसी कि उसने सोचा शायद उपर वाले ने कोई संदेश ही भेजा हो. बिना समय गवाए उसने बाई को तुरंत  नौकरी से निकाल दिया.तब से अभी तक कोई बाई  नही मिली और वो बेचारी सिर पकड के …!!!

वही दिनेश की भी सुन लीजिए. वो अपनी लडकी ले लिए लडका खोज रहे थे. बात लगभग पक्की हो गई थी. आज बस हां ही बोलना था पर महाशय भी इस फल के दीवाने निकले. राशिफल मे लिखा था कि आज कोई भी फैसला ना लें. बस, वो इस फल के मोह माया मे ऐसा जकडे कि फैसला कल पर छोड दिया. उसे पता था कि आज जवाब देना बहुत जरुरी है क्योकि लडके वालो के  हाथ मे भी एक अच्छी लडकी है पर बस !!!  और सच मे, बहुत अच्छा लडका हाथ से निकल गया और अभी तक दिनेश जी लडका ही खोज रहे हैं.

 

a lady thinking photo

Photo by faith goble

इस बारे मे बहुत लोगो से बातचीत हुई. आमतौर पर सभी इसके दीवाने हैं यह जानते हुए भी इसके परिणाम अधिकतर सही नही निकलते हैं. कुल मिला कर बस आकर्षण मात्र है  लोगो मे.

बात करते करते मेरा ध्यान भी अखबार के इस राशिफल पर चला गया और ना चाहते हुए भी मैने अपना राशिफल पढ डाला. उसमे लिखा था कि  आप दूसरो की नुक्ता चीनी  बहुत करते है. कृप्या सावधान रहें. मैने माथे पर बल डाल कर् अखबार एक कोने मे पटका ही था कि सम्पादक महोदय का फोन आ गया कि आपके व्यंग्य और लेख पाठको को बहुत पसंद आ रहे हैं. अब मुझे समझ नही आ रहा था कि इस फल के स्वाद को क्या नाम दूं.:)

वैसे आपने भी चखा होगा इस फल का स्वाद…..  आपको कैसा लगा ???  जरुर बताईएगा !!!

 

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