Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for Articles

June 10, 2015 By Monica Gupta

Once upon a time

Once upon a time

एक समय था जब हम Once upon a time कह कर अपनी कहानी की शुरुआत करते थे. चाहे वो परियों की हो या शैतान जादूगर की. आज मैं अपनी बात भी उसी बात से शुरु कर रही हूं पर दुख इस बात का है कि ये काल्पनिक नही हकीकत है…

वक्त नही है … समय बहुत कम है … मेरे पास चंद मिनट ही शेष हैं…आपके पास बस दस सैंकिंड हैं … .बाते बहुत हैं पर क्या करुं समय इजाजत नही दे रहा …!!! ऐसा, लगभग, सभी चैनल्स पर, बहस के दौरान न्यूज एकंर बोलते मिल जाते हैं !!! क्या वाकई और तेज, फटाफट  सुपर फास्ट खबरें …. !!!

सुनते तो हम अकसर है और इन दिनों ब्रेकिंग न्यूज पर देखने को भी मिल रही है. अक्सर तुरंत या जल्दी दिखाने के चक्कर मे चैनल रिपोर्टरों की situation हास्यास्पद हो जाती है. ( दो चार बार खुद भी अनुभव लिया है) ब्रेकिंग न्यूज देने के लिए सबसे आगे हम के चक्कर में बाईट लेने के लिए ऐसे उतावले हो जाते हैं कि धक्का मुक्की या गुस्सैल शब्दावली से भी परहेज नही करते.. !!!

चाहे कोर्ट से निकलते वकील की हो, नेता की हो या अन्य …!!!!और अगर वो पत्रकारों की मारामारी लाईव हो गई तो … !!(जोकि अकसर हो जाती है) ! बस यही मुहं से निकलता है !!! हे भगवान !!!

Once upon a time जब पत्रकार को बहुत सम्मान के साथ देखा जाता था. पत्रकार होना बहुत गर्व की बात होती थी पर आज के संदर्भ मे बात करे तो ….. !!! एक पत्रकार या रिपोर्टर चार चार पांच पांच चैनल की कवरेज कर रहा है. मुद्दा बस खबर देना है. बात की गहराई तक जाना या न जाना उसका सरोकार नही. किसी खबर की कवरेज के लिए जाने पर जनता को एक शकां रहती हैं वो कौन सी राजनीति पार्टी से हैं किसी कार्यक्रम मे मात्र उसे मुख्य अतिथि या सम्मानित इसलिए किया जाता है ताकि अगले दिन उस कार्यक्रम की खबर मुख्य रुप से छ्प सके. ऐसी बात नही है कि अच्छे पत्रकार नही रहे वो बिल्कुल हैं पर अच्छाई पर बुराई इतनी ज्यादा हावी हो चुकी है कि अच्छे भले पत्रकार भी खुद को पत्रकार कहलाने से कतराने लगे हैं. उफ !!!

 

 

press tv channels photo

Photo by NASA Goddard Photo and Video

 

Once upon a time   जब चैनल पर कोई बहस  में आने वाले लोग शालीनता रखते थे और बिना किसी की बात काटे  सभ्य ढंग से बात करते थे पर आज …. !!!

आधे धंटे के बहस ऐसे ही खत्म हो जाती है आमंत्रित मेहमान एक साथ बोलते हैं और कौन क्या क्या बोल रहा है किसी का सुर समझ नही आता इससे भी ज्यादा दुख और हैरानी की बात तब होती है जब एंकर भी किसी व्यक्ति विशेष के पक्षपात में बोलता है और हंसी भी आती है जब आमंत्रित मेहमान एंकर को ही चुप करवा देते हैं कि आप ने ही बोलना है तो हमे किसलिए बुलाया है !!! एक बार तो सुनने मे आया था कि हाथापाई भी हो गई थी( हालाकिं ये मैं नही देख पाई)

कुल मिला कर ये जो भी हो रहा है ठीक नही हो रहा. कम से कम न्यूज एंकर को अपनी भावनाओ पर, अपने हाथ की भंगिमाओं पर विशेष ख्याल रखना होगा अन्यथा वो खबर बनाते बनाते कही खुद ही खबर बन गए तो ???

तभी तो मैं कह रही हूं कि Once upon a time जब सही पत्रकारिता हुई करती थी !!

 

 

June 10, 2015 By Monica Gupta

Oh My God

Oh My God…कई बार हम कुछ ऐसा पढ या देख लेते हैं कि मन से खुद ब खुद Oh My God निकल जाता है. मैने भी दो प्रसंग ऐसे पढे की मन से बस यही आवाज आई Oh My God !!! ऐसा भी होता है … आपके साथ शेयर कर रही हूं !!!
एक आदमी को यह शंका थी कि उसकी पत्नी को अच्छी तरह सुनाई नहीं देता है शायद उसे एक श्रवण यन्त्र यानि Hearing aid की जरूरत हो सकती है इसलिए उसने अपने परिवार के डॉक्टर से सलाह ली. डॉक्टर ने उसे सबसे पहले एक साधारण अनौपचारिक परीक्षण की सलाह दी और बताया कि आप सबसे पहले 40 फीट दूर से फिर 30 फीट फिर 10 फीट दूर से बात करके देखना फिर ही मैं कोई इलाज कर पाऊंगा.

उसी शाम जब पत्नी रसोई मे खाना बना रही थी तो पति सोचा कि चलो आज ही कुछ परीक्षण करता हूं. दूसरे कमरे से उसने आवाज देकर पत्नी से पूछा कि आज क्या बनाया है. कोई जवाब नही मिला फिर थोडा और आगे आकर फिर वही पूछा पर फिर भी जवाब नही मिला. और आगे आया पूछा फिर भी कोई जवाब नही. इसी बीच वो रसोई मे अपनी पत्नी के पीछे खडा होकर पूछने लगा, अजी मैनें पूछा आज खाने मे क्या बना है.

उसकी हैरानी का कोई ठिकाना तब नही रहा जब पत्नी ने कहा “ मैं आपको पांचवीं बार बता रही हूं कि आज मटर पनीर बनाया है”

यानि …. दूसरो की कमी के बजाय अपनी कमी को खोजे.

 

Oh God photo

Photo by mikecogh

 

 

ये वाला प्रसंग पढ कर भी आप Oh My God  कह उठेंगें
कमरे का रहस्य
एक अस्पताल में ICU वार्ड के एक पलंग पर मरीज हमेशा ही मर जाता था, बहुत ही रहस्यपूर्ण बात थी की मरीज की कैसी भी हलात हो, कितनी भी सावधानी रखी जाये पर उसी पलंग पर हर रविवार सुबह 11 बजे ही मौत होती थी .पूरा अस्पताल प्रशासन परेशान कि कही भूत प्रेत का चक्कर तो नही . मेडिकल साइंस मानने को तैयार भी नहीं पर सच भी लगता था कि .आखिर रविवार को 11 बजे ही मौत क्यूँ होती है?
अगले रविवार 11 बजे से कुछ पहले ही अस्पताल का सारा स्टाफ उस वार्ड के बाहर बहुत ही बैचेनी, उत्सुकता, खौफ के साथ प्रतीक्षा करने लगे कि देखेँ आखिर आज क्या होता है,कोई क्रॉस ,कोई धार्मिक पुस्तक तो कोई पवित्र जल लिए आया हुआ था ताकि बुरी आत्मा के साए से बचा जा सके.
जैसे ही 11 बजे उस वार्ड मे साप्ताहिक सफाई कर्मी प्रवेश करता है अन्दर घुसते ही वो उस पलंग के पास जाकर जीवन रक्षक उपकरण बंद करता है और उस बिजली के प्लग मे वेक्यूम क्लीनर का प्लग लगा देता है ..
सभी आश्चर्य चकित हो कर देखते रह जाते हैं ..बहुत ही गहरा रहस्य बेपर्दा हो जाता है
Oh My God… तो बताईए कैसे लगी अगर इससे भी रोचक  और मजेदार आपके पास हैं जरुर शेयर कीजिएगा !!!

 

June 10, 2015 By Monica Gupta

Gifts

Gifts

पायल कत्थक नृत्य मे प्रथम आई. उसे नटराज की मूर्ति उपहार स्वरुप मिली. एक मित्र आगरा होकर आए और वो ताजमहल का खूबसूरत पोस्टर ले कर आए.

वही नन्ही नैना को उसकी दादी ने प्यारा सा शेर वाला टेडी बीयर दिया. मणि की दोस्त उसके लिए बेहद खूबसूरत फव्वारा और महाभारत का पोस्टर ले कर आई. ऐसे बहुत से उपहार होते है जिनका हम अक्सर आदान प्रदान करते हैं.

 

taj mahal photo

Photo by particlem

 

 

उपहार एक नई सी खुशी दे जाते  हैं कुछ बच्चे तो अपना बर्थ डे मनाते ही इसलिए है कि ढेर सारे Gifts मिलेंगें.

पर आज अचानक एक लेख पढा कि घर में क्या नही रखना चाहिए. उसमे लिखा था कि महाभारत भारत के इतिहास का सबसे भीषण युद्ध माना जाता है इसलिए इस युद्ध के प्रतीक, तस्वीर या रथ आदि को घर में रखने से झगडा बढ़ता है.

ताजमहल मुमताज की कब्रगाह है इसलिए उसकी तस्वीर या उसका प्रतीक घर में रखना नकारात्मकता फैलाता है. फव्वारा सुख, पैसे को बहा कर ले जाता है. नटराज की मूर्ति में भगवान शिव ‘तांडव’ नृत्य की मुद्रा में हैं जो कि विनाश का परिचायक है। उसे घर मे कभी नही रखना चाहिए और जानवरो का कोई भी प्रतीक स्वरुप लाने से स्वभाव उग्र होने लगता है.

अरेरे !! कितनी सच्चाई है इस बात में यह तो पता नही पर ऐसे लेख पढ कर मेरे मन मे तनाव जरुर हो गया है. Gifts क्या ऐसे भी हो सकते हैं … अगर आप भी कुछ इस बारे मे जानते हों तो जरुर बताईएगा..

6 things that should not be kept at home according to vastu – Navbharat Times

भारतीय वास्तु विज्ञान चाइनीज़ फेंगशुई से काफी मिलता जुलता है। यह प्राकृतिक शक्तियों को मनुष्य के लिए उपयोगी बनाने की एक कलात्मक परंपरा है। हम अक्सर सुनते आए हैं कि घर में क्या रखना अच्छा होता है और क्या रखना बुरा। आइए, आज आपको बताते हैं कि घर में कौन-सी 6 चीजें कभी नहीं रखनी चाहिए-

नटराज की मूर्ति: नटराज नृत्य कला के देवता हैं। लगभग हर क्लासिकल डांसर के घर में आपको नटराज की मूर्ति रखी मिल जाती है। लेकिन नटराज की इस मूर्ति में भगवान शिव ‘तांडव’ नृत्य की मुद्रा में हैं जो कि विनाश का परिचायक है। इसलिए इसे घर में रखना भी अशुभ फलकारक होता है। 4. Read more…

अब जो घर में Gifts आ गए हैं उनका क्या किया जाए … अगर खुद रखे तो वहम और अगर किसी दूसरे को दें तो बहुत गलत बात होगी !!!

June 10, 2015 By Monica Gupta

नया साल और हमारा राशिफल- Your Zodiac-Star-Signs

नया साल और हमारा राशिफल- Your Zodiac-Star-Signs

अगर आपको भी यह जानना है कि नया साल 2016 कैसा रहेगा तो यकीन मानिए ये राशिफल आपके लिए ही बनाया गया है.

आपका राशिफल-Your Zodiac-Star-Signs

अगर आपका नाम A से लेकर Z के बीच मे आता है या अ से ज्ञ के बीच का कोई अक्षर है. Zero या 1- 2 से लेकर 9 अंको Even , Odd number या उसके बीच की आपकी जन्म तारीख है. Monday से लेकर Sunday यानि सप्ताह के 7 days मे, दिन के 12 बजे से रात के 12 बजे के बीच किसी भी समय आपका Birth हुआ है तो फिर आप यकीनन यह राशिफल आपके लिए ही बना है.Your Zodiac-Star-Signs.

और सुनिए !!! आप बहुत ही नेक और अच्छे व्यक्तित्व के इंसान हैं वही दूसरी ओर आप बेहद भावुक, क्रोधित और अक्सर लोग क्या कहेंगे की बातो मे आ जाते हैं. आप यह भली प्रकार जानते हैं कि आपका अंतर्मन आपका सबसे अच्छा दोस्त है,  best friend है पर अक्सर आप उससे बाते करना भूल जाते हैं.

We are lucky ones … इसमे भी कोई शक नही कि आप अपनो का बहुत ख्याल रखते हैं try तो करते है पर अक्सर उन्हें time नही दे पाते. जिसकी वजह से कई बार नाराजगी झेलनी पडती है.

जहां तक पहनावे की बात है Dark Colours  तो कभी Light Colours के dress  आप पर खूब फबेगें.

इस साल खानपान मे सफेद चीजों जैसे नमक, चीनी, मैदा आदि का कम सेवन करें. हां, मीठी बातें जरुर कर सकते हैं. दिन में एक बार सच्चे मन से ईश्वर का जरुर ध्यान करे. काम करने का हर पल शुभ है. अपनी कमियां नही बल्कि खूबियां खोजिए और फिर देखिए आप कहां तक जा पहुंचेगें . 2016 में शुभ परिणामों की बौछारें होगी अगर आप काम सकारात्मक Positive thinking , Smile  और विचार कर के करेगें.

बातें तो बहुत हैं पर आप busy हैं इसलिए अभी के लिए बस इतना ही

Happy New Year 2016 wishes के साथ


 

 lucky photo

 

 

 नया साल और हमारा राशिफल- Your Zodiac-Star-Signs

June 9, 2015 By Monica Gupta

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi

मोनिका गुप्ता

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi – परवरिश – एक कला है बच्चों की परवरिश- परवरिश यानि पेरेंटिंग….. !!! कुछ देर पहले एक जानकार घर आए. उनके साथ उनका छोटा बच्चा भी था जोकि शायद तीसरी क्लास मे था. पेरेंट्स ने बताया कि वो उसे होस्टल मे भेज रहे हैं बहुत जिद्दी हो गया है जरा भी कहना नही मानता. होस्टल मे जाएगा तो अक्ल ठिकाने आ जाएगी. इतने मे वो बच्चा हमारे पडोस में मिलने चला गया.  वहां उसी की क्लास मे पढने वाला बच्चा रहता है.

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi

कुछ देर बच्चे के पेरेंटस मेरे साथ रहे और मैनें पूरे विस्तार से बाते पूछी कि बच्चे को होस्टल किसलिए भेज रहे हैं. पहले तो वो यही कहते रहे कि यहां कोई अच्छा स्कूल नही है फिर बोले कि हम समय नही दे पाते. दोनो नौकरी करते हैं और बच्चा बिगड रहा है. बातों बातों मे मुझे यह भी महसूस हुआ कि पति पत्नी मे भी आपस मे बहुत लडाई होती है दोनो एक दूसरे की बात काट रहे थे.

मैने उनसे कहा कि पेरेंटिंग यानि परवरिश आसान नही. बहुत कुछ समझना और समझाना पडता है. ईश्वर ने आपको माता पिता बनाया है आप भाग्यशाली हैं अब बच्चे की पसंद न पसंद का ख्याल रखना उनकी ही जिम्मेदारी है. आखिर इन सब मे हम भी कही न कही जिम्मेदार हैं. दोनों चुपचाप मेरी बात सुन रहे थे.

इतने में बेटे का फोन आया कि क्या वो कुछ देर और बैठ जाए अपने दोस्त के पास. इस पर मम्मी ने बोला .. हां हां क्यो नही … हम खुद ही फोन कर के आपको बुला लेगें… मैं मुस्कुरा दी और बोली देखा … ये तरीका होता है बच्चों से बात करने का .. इसका मतलब पहला सबक  आपने पास कर लिया वो भी फस्ट पोजीशन ले कर. पति पत्नी एक दूसरे को देख कर मुस्कुराए और मेरी तरफ देखने लगे.

 

 

 

parenting photo

 

मैने बोला कि पहले समय मे पेरेंटिंग की ज्यादा आवश्यकता नही होती थी क्योकि संयुक्त परिवार होते थे और बडे लोग दादा, चाचा, ताऊ बच्चों को अपने अनुभव के आधार पर सम्भाल लेते पर आजकल एकल परिवार हो गए हैं और माता पिता दोनो ही नौकरी पेशा. ऐसे मे बच्चा करे भी तो क्या करे..

इसी बीच मैं दोनों के लिए ठंडा बना लाई और सर्व करते हुए पूछा कि अच्छा बताईए कि आप एक दुकान पर है बच्चा एक गेम के लिए मचल जाता है और रोने लगता है ऐसे में आप क्या करेगी.  पत्नी ने जवाब दिया. दो थप्पड मारेगी और दुकान के बाहर खींच कर ले जाएगी.. जिद्दी है न ऐसे ही काबू आता है. मैं मुस्कुराई  और बोली कि लगता है आपको ही शिक्षा की जरुरत है.

Good Parenting Skills in hindi

बच्चे के मन को समझना बहुत जरुरी है. पेरेंटिंग यानि परवरिश एक चैलेंज है. आज के बच्चो को  समझदारी से हैंडल न किया गया तो उनके दिलो-दिमाग पर खराब असर हो सकता है. बच्चे को अच्छा बच्चा बनाने के लिए कुछ ऐसा करने का प्रयास करते रहना चाहिए  जैसाकि बात बात में मीन-मेख न निकालें और न बात-बात पर उसे रोकें-टोकें. अगर उसे कुछ समझाना ही है तो बजाय किसी के सामने, अकेले में प्यार से समझाएं, इससे बच्चा  समझ जाएगा. मेरी बात के बीच में ही वो बोली कि वो तो अक्सर बच्चे को उसके दोस्तों के सामने डांटती रहती है और कई बार तो चांटा भी लगा देती है.
मैं मुस्कुराई और बोली कि अब हाथ से काम नही दिल से लेना  है. बेटा जब भी कोई अच्छा काम करे तो उसकी प्रशंसा जरुर करनी है . उसे शाबाशी दें उसके पीठ थपथपाए । मम्मी पापा की  प्रशंसा से  बच्चो के अंदर नया आत्मविश्वास जागता है पर पर पर  बच्चे की तुलना भूल कर भी उसके दोस्त या अपने परिवार के अन्य बच्चों से नही करनी चाहिए और अपने आप से तो बिल्कुल हे नही. हम अक्सर कहते है कि जब मैं छोटा होता था तो ऐसा नही था मैं ऐसा था. मैं ये करता था  … मैं वैसा था.  इससे बच्चे के मन में दूसरे के  प्रति चिढ और अपने प्रति हीन भावना आ जाती है.

दोनों मेरी बात ध्यान से सुन रहे थे. अचानक  पत्नी बोल पडी कि वो हमेशा अपने बचपन की तुलना  अपने बेटे से करती है क्योंकि उसे इतने ऐशो आराम नही मिले जितने उसके बेटे को मिल रहे हैं यही उलाहना देती रहती है पर अब नही देगी और समझदारी से काम लेगी.

मैने मुस्कुराते हुए अपनी बात जारी रखी और बोला कि बच्चें को  सॉरी और थैंक्यू के साथ साथ घर आए मेहमानों या बडे-बुजुर्गो को  सम्मान देना भी सीखाना चाहिए.  अगर हम खुद ही घर आए लोगों का मजाक बनाएगें तो बच्चों को कैसे समझा पाएगें और अगर हम  भी बात बात पर सॉरी और थैंक्यू बोलेंगें तो बच्चे को जल्दी समझ आएगी.

कई बार बच्चों के साथ बच्चा बन कर जिद या कहना  भी मान लेना  चाहिए। इसमे एक को यानि कभी  मम्मी तो कभी पापा को  बच्चे का साथ देना चाहिए और एक को बात के विपरीत जाना चाहिए . इससे  यकीनन मनोरंजन भी हो जाएगा और बात भी पूरी हो जाएगी.

इसी के साथ बच्चे को मिल बांट कर खिलाना भी सिखाना चाहिए. जैसे अगर आपने अपने लिए चालकेट या पैस्ट्री खरीदी है तो सबसे पहले आप अपने बच्चे को देंगी फिर खुद खाएगीं  और अगर आपका बच्चा सारी चाकलेट खुद खाने  लगे तो आप झूठमूठ से नाराज हो जाएं कि आपको तो पूछा ही नही और झूठ मूठ से रोने लगे .. तब देखिए बच्चा हमेशा आपको पूछेगा खाने से पहले .. !!

कई बार हम बच्चे को बोलने का मौका ही नही देते उसे डांट कर चुप करवा देते हैं. बच्चे को बोलने का मौका देना चाहिए और अगर वो कुछ प्रश्न पूछे तो पूछ्ने देना चाहिए.  टोका टाकी करके उसमे रोष भी पैदा  होगा.

कोशिश यह भी होनी  चाहिए कि बच्चे के सामने पेरेंट्स आपस में लडाई न करें और गाली तो बिल्कुल भी न दे इससे बच्चे के मन में गलत भावना जन्म लेती है और इस सभी बातों से बढ कर ये कि बच्चे के लिए समय निकाले. उसके साथ बैठे, बातें करे हंसी मजाक करें ताकि उसे यह अहसास हो कि ये तो मेरे दोस्त हैं और अपनी सारी बाते शेयर करने लगेगा.

बात के बीच में  दोनों एक साथ बोल  उठे कि हैरानी है इतना सब होता है उन्हें पता ही नही था. जितनी भी बाते उन्होने आज सुनी है उसे जानकर तो ऐसा लग रहा है कि ये तो कुल मिलाकर उन्ही की गलती है. बेटे की गलती तो कही है ही नही … न उसे समय दिया, न उसकी भावनाओं को समझा. हर समय दफ्तर का तनाव घर ले कर आते तो खूब लडाई भी होती और  हमेशा  पैसे रुपये देकर बच्चे की  हर इच्छा को पूरा किया और अब देखो उसे घर से निकाल रहे हैं. कहते कहते उनकी पत्नी भी भावुक हो गई.

 

मैने दोनों से पूछा कि क्या अब आप अपने बेटे को होस्टल भेजेंगें. इस पर दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा. पत्नी बोली इस साल शायद नही क्योकि इस साल वो अच्छे पेरेंटस बन कर दिखाएगें और उसने अपने बेटे को बुलाने के लिए फोन मिला लिया. वही पिता ने भी मन ही मन कुछ निणर्य ले लिया था. अब दोनों मिलकर बच्चे का इंतजार कर रहे थे.

परवरिश यानि पेरेंटिंग के बारे में आपकी क्या सोच या राय है … जरुर बताईएगा !!

 

parenting photo

वैसे आप तो अपने बच्चों की परवरिश बहुत अच्छी तरह कर रहे होंगें अगर आप भी अपने कुछ अनुभव मुझसे सांझा करने चाहेंगें तो मुझे बेहद खुशी होगी … !!! 🙂

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi

June 9, 2015 By Monica Gupta

रक्तदान

रक्तदान

एक गाँव में आग लगी. सभी लोग उसको बुझाने में लगे हुए थे. वहीँ एक चिड़िया अपनी चोंच में पानी भरती और आग में डालती. फिर भरती और फिर आग में डालती. एक कौवा डाल पर बैठा उस चिड़िया को देख रहा था. कौवा चिड़िया से बोला, “अरे पागल तू कितनी भी मेहनत कर ले, तेरे बुझाने से ये आग नहीं बुझेगी.” उस पर चिड़िया विनम्रता से बोली,”मुझे पता है मेरे बुझाने से ये आग नहीं बुझेगी. लेकिन जब भी इस आग का ज़िक्र होगा, तो मेरी गिनती कम से कम आग बुझाने वालों में तो होगी ”
अक्सर बहुत लोग हमे भी कहते है कि लोगो मे ‘”रक्तदान” के प्रति जागरुकता न के बराबर है आप कितने भी प्रयास कर लो कोई फायदा नही … मैं उन्हे इसी प्रेरक कहानी का उदाहरण देती हूं… एक उम्मीद, एक विश्वास के साथ कम से कम प्रयास तो कर रहे हैं.

रक्तदान करके किसी की जिंदगी बचाना बहुत पुण्य का काम है. वैसे कुछ अन्य बातो का ख्याल रख कर भी हम रक्तदान अभियान मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. जैसाकि अगर महिलाओ की बात करे तो अक्सर उनका खून कम होता है यानि वो एनीमिक होती है. अगर वो अपने शरीर का अपने खान पान का ख्याल रखें तो उन्हे रक्त की जरुरत ही नही होगी और समस्या भी नही होगी.

वही दूसरी तरफ रक्तदान के बारे मे बहुत भ्रांतियां होती है जो हमे रक्तदान करने से रोकती है अगर उन्हे दूर कर लिया जाए तो हम बजाय रक्तदान न करने के दूसरो को इसके प्रति प्रेरित ही करेंगे.

वही अगर ब्लड बैंक भी अगर लोगो की भावनाओ को समझ कर उनके साथ पूरा सहयोग करे तो भी हम रक्तदान के लिए आगे जरुर आएगें. कुल मिला कर सभी को जागरुक होने की आवश्यकता है!!! पर फिर भी रक्तदान करने वाला हमेशा ही महान था, है और रहेगा इसलिए “जय रक्तदाता” !!

ऐसा भी होता है…..

आज एक मित्र ने बताया कि किसी को एमरजैंसी मे रक्त की जरुरत थी. एक   सज्जन को पता चला तो बिना समय व्यर्थ गवाए वो रक्त देने दौडे चले आए. रक्त देने के बाद जब वो बाहर आए तो उस मित्र ने उनकी फोटो खीचने की इच्छा जाहिर की इस पर उन सज्जन ने कहा कि वो जिस मकसद से आए हैं वो पूरा हो गया है और मुस्कुराते बिना फोटो करवाए चले गए.वही एक जानकार तो ऐसे हैं जो रक्तदान करने आए और उस समय कोई फोटोग्राफर नही था तो वो नाराज होकर चले गए.

ऐसे में,  निस्वार्थ भावना के बारे मे जान कर बहुत अच्छा लगा अन्यथा आज कल तो चाहे हम कुछ करे या ना करें टीवी पर या अखबार मे आने की होड मे पता नही क्या क्या कर जाते है और जो खबरो की सुर्खियां नही बनता उसे हम कुछ समझते भी नही है जबकि दिखावा सही नही है..!! है ना

किसी ने बहुत सही कहा है कि भले ही मेरे पास डाक्टरी डिग्री नही है पर इंसानियत की डिग्री जरुर है. मैं रक्तदाता हूं. कई बार इस तरह के स्लोगन या पोस्टर कुछ ना कुछ सोचने पर जरुर मजबूर कर देते हैं. बेशक, बहुत लोग ( खासकर महिलाए) रक्तदान नही कर पाती पर अपने भाषण, स्लोगन या पोस्टर के जरिए हम किसी के विचारो को बदल जरुर सकते हैं. रक्तदान करना किसी को नया जीवन देना बहुत भलाई का काम है.

1517404_262166020657153_6388772630526675907_n     रक्तदान The Top 100 Selfless Selfies!

 

 

 

 

  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 219
  • 220
  • 221
  • 222
  • 223
  • …
  • 252
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved