प्यारी बिटिया
एक महिला अपनी लडकी को बहुत प्यार करती थी. आप सोच रहे होंगें तो क्या ??? वो तो सभी करती हैं. अरे !!
एक मिनट पूरी बात तो सुनिए. वो महिला इतना प्यार करती इतना प्यार करती कि शादी के बाद प्यारी बिटिया को हर धंटे फोन करती कि क्या हो रहा है. अब ये रुटीन बन गई . धीरे धीरे काम के बातो की बजाय बेमतलब की बाते ज्यादा होने लगी… बार बार फोन करके और क्या बात होगी… बुराईया करनी शुरु हो गई. सास ऐसी, ननद वैसी पति ऐसे …
कुल मिलाकर प्यारी बिटिया के घर भी तनाव का माहौल बनने लगा. पर ये बात न तो मां को समझ आई और न उसकी प्यारी बिटिया को. आज वो ही बेटी हमेशा के लिए अपनी मां घर आ गई है.और अब मां बेटी के बीच में तनाव चल रहा है. वैसे आप तो अपनी बेटी को” इतना” प्यार नही करती होंगीं अगर करती है तो जरा नही बहुत सोचने की दरकार है. शादी के बाद दखलअंदाजी सही नही.. बिल्कुल सही नही. रिश्ते टूटने में पल नही लगता और जोडने में सदियों बीत जाती हैं इसलिए जरा सम्भल कर प्यारी बिटिया से बात करिए












बदहाल इमारते
विरासत की सैर का जिम्मा संभालने वाले इतिहासकार (वॉक लीडर) जैसे कथा-कहानियों के अद्भुत शिल्पी भी होते हैं। हमारे ही शहर के उन पक्षों को वो रोचक शैली में प्रस्तुत करते हैं जिनसे हम अकसर अनजान होते हैं या फिर जिनके बारे में बहुत थोड़ा जानते हैं। सप्ताहांत की शुरुआत का इससे बेहतर तरीका भला और क्या होगा कि आप अपने आपको जानने से दिन की शुरुआत करें। यकीन मानिए, हम भले ही खुद को जानने-समझने और पहचानने का कितना भी दावा क्यों न करते आए हों, । यहां तक कि एक समय था जब सिर्फ विदेशी सैलानी ही इनमें शिरकत इतिहास और ऐतिहासिक धरोहरों की वो समझ दी है कि आज अगर मेरे स्कूली टीचर मुझसे मिलें तो ‘स्टम्प’ हो जाएंगे। इतिहास की जानकारी न रखने वाले सामान्य लोगों को भी इस तरह की विरासत की सैर करने पर महसूस होता है कि पत्थर सचमुच बोलते हैं। खण्डहर खुद-ब-खुद अपनी दीवारों में कैद किस्से-कहानियां कहने लगते हैं और गुजरे जमाने के राजाओं-रानियों की प्रेम कहानियों से लेकर खूनी इतिहास की परतें खुलने लगती हैं। विरासत की सैर और कला के अन्य कार्यक्रमों की जानकारी देने वाली कई वेबसाइटें और फेसबुक पेज भी आजकल लोकप्रिय हो रहे हैं। तो अब आप सुबह-सवेरे उठने और अपना ट्रैक सूट पहनकर इतिहास को जानने के लिए निकलने को तैयार हो जाइये। 



