Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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May 30, 2015 By Monica Gupta

Touch Therapy

Touch Therapy  बहुत काम की चीज है कई बार टच करते ही दर्द उडन छू हो जाता है यह बात तो आपने भी महसूस की होगी जब मम्मी हमारे सिर पर हाथ रखती है तो दर्द किस तरह उडन छू हो जाता है और सारी थकावट भाग जाती है.  बच्चों को जब  देर रात तक तनाव के चलते नींद नही आती तो मम्मी पापा प्यार से हाथ रखते हैं सिर सहलाते है और नींद आ जाती है यही होता है Touch Therapy  का जादू …

The Cuddle Sutra & the Benefits of Touch Therapy.

“Do you find yourself depressed at times? Do you ever feel lonely and wish that you could just talk to someone that would genuinely listen? Do you find yourself suffering from stress, anxiety, or sleep loss? If you answered yes to any of these questions, then you are not alone. Many people lack the companionship they want in their everyday life. Read more…

कुल मिला  यही कह सकते हैं कि The sense of touch is an important part of being a healthy, happy human being. But when someone is ill, touch can make the world of a difference. This hepls us in many ways like … Relieving tension and helping with relaxation, Helping to manage stress, Alleviating aloneness and creating a sense of connectedness, helping to relieve pain or to alter the perception of pain.
People believe touch therapy help to speed the healing process or strengthen the immune system in some patients.

और इस बात मे कोई शक नही कि Touch Therapy मे वाकई जादू है …

Image via elephantjournal.com

May 29, 2015 By Monica Gupta

No smoking please

 

 

cartoon smoking by monica gupta

No smoking please

एक जानकार बहुत  स्मोक करते हैं वो हर बार अपना टारगेट रख लेते है कि बस होली के बाद कभी लूंगा… फिर राखी पर बात आती है फिर दीपावली पर और फिर नए साल पर … साल दर साल गुजरते जा रहे हैं पर छोड नही पा रहे. मुझे  एक बात याद आई कि एक आदमी ने पेड पकडा हुआ और जोर जोर से चिल्ला रहा कि बचाओ पेड ने मुझे पकड रखा है .. जो देखता हंसता कि भई पेड क्या पकडेगा. तूने ही पेड को पकडा हुआ है. हमारे जानकार भी हालत भी ऐसी ही है. सिग्रेट को पकडा उन्होनें हुआ है और चिल्ला रहे हैं कि बचाओ सिग्रेट ने उन्हें पकडा हुआ है … ह हा हा !!! वैसे हंसना नही चाहिए क्योकि बात बहुत गम्भीर है.

31 मई को वर्ल्ड नो स्मोकिंग डे है सोचा आज इसी पर अपने विचार लिख डालू  smoking  पर सर्वे करने के बाद हैरानी ये पढ कर हुई कि नशे की लत में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं और तो और महिला स्मोकर्स की तादाद में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। एम्स के डॉक्टरों का दावा है कि पिछले पांच सालों में महिलाओं में स्मोकिंग 11 पर्सेंट से बढ़कर 20 पर्सेंट तक पहुंच गया है। डॉक्टरों का यह भी कहना है कि महिलाओं में स्मोकिंग की यह लत साल दर साल बढ़ती ही जा रही है.

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (गैट्स) के अनुसार भारत में कुल जनसंख्या के लगभग 35 पर्सेंट लोग नशा करते हैं। इसमें युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। मौजूदा समय में 20 पर्सेंट महिलाएं नशे की गिरफ्त में हैं। 31 मई को वर्ल्ड नो स्मोकिंग डे है। स्मोकिंग को लेकर एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि आजकल अगर कोई नशा करता है, चाहे वह महिला हो या पुरुष, अब वे स्मोकिंग को अपना स्टेटस मानते हैं और मजबूरी नहीं, बल्कि शौक से पीते हैं। यही शौक उनकी लत बन जाती है और फिर यह लत एक दिन उन्हें बीमार करती है। अब पुरुषों की तरह महिलाएं भी कम उम्र में सिगरेट पीना शुरू कर रही हैं। कहीं-कहीं तो यह भी देखा गया है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा सिगरेट पीती हैं। उनकी यही आदत स्वास्थ्य को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। इसकी वजह से उनमें फेफड़ों के कैंसर का रिस्क और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

इस बारे में राष्ट्रीय दवा निर्भरता उपचार केंद्र (एनडीडीटीसी) के हेड डॉक्टर एस. खंडेलवाल का कहना है कि तंबाकू का यूज चाहे किसी रूप में किया जाए, उसका नुकसान तो होना ही है।

एनडीडीटीसी में अडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर सोनाली ने कहा कि आजकल बच्चे भी नशे के आदी होते जा रहे हैं। बच्चों में नशे की लत इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अगर उसको रोकने के लिए जल्द ही कुछ कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो उसके नतीजे काफी खतरनाक हो सकते हैं। क्योंकि अगर बच्चे दस साल की उम्र में कोई नशा करते हैं तो वह लंबे समय तक इसका यूज करेंगे और उसे खतरनाक बीमारी होने की आशंका ज्यादा होती है। डॉक्टर ने कहा कि अब स्मोकिंग छोड़ने के कई उपाय हैं जिनमें मेडिकेशन, काउंसलिंग और जरूरी दवा के जरिए अपनी इस लत से छुटकारा पाया जा सकता है

No smoking please….

6 Ways Quitting Smoking Is Good for Your Heart| Everyday Health

One of the most important things you can do to keep your heart healthy — and to keep it beating for as long as possible — is to avoid or quit smoking. If you’re a smoker, kicking the habit can heal the damage nicotine inflicts on your heart and on your longevity in several striking ways. See more…

सस्मोकिंग की चाह जगे तो पुस्तक पढें, कसरत करें और ध्यान में मन लगाएं। सकारात्मक सोच और दृढ़ इच्छाशक्ति से ही इस बुरी आदत से मुक्त हो सकेंगे। आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार शतावरी, ब्राह्मी, अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियां और त्रिफला व सुदर्शन चूर्ण शरीर से दूषित पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। लिंग और जरूरी दवा के जरिए अपनी इस लत से छुटकारा पाया जा सकता है

best way to quit smoking

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कुल मिला कर यही कहना है कि जो अखबार मे लिखा रहता है कि सिगेट पीना स्वास्थय के लिए हानिकारक है वो ऐसे ही नही लिखा हुआ … वाकई में बहुत भाव छिपा है इसके पीछे … अगर आप वाकई में … गौर कीजिएगा, वाकई में छोडना चाह्तें हैं तो आप इसे छोड सकते हैं क्योकि सिग्रेट  ने आपको नही बल्कि आपने सिग्रेट  यानि मौत को पकड रखा है…  और शुभ काम के लिए हर समय शुभ है और सिग्रेट छोडने से ज्यादा शुभ विचार कोई और हो ही नही सकता

No smoking please….

May 29, 2015 By Monica Gupta

रक्तदान

रक्तदान महादान है

बात सन 1973 की है तब मैं हरियाणा के जींद मे रहती थी. हमारे घर के पीछे रेस्ट हाऊस  था वही हम सभी कालोनी के बच्चे खेलने जाया करते थे. उस पार्क में एक छोटा सा तालाब था जो हमेशा पानी से भरा रहता था. एक शाम खेलते हुए मुझे आवाज आई कि बचाओ वो पानी मे गिर गई  है . सभी भागे उसके पास और देखने लगे पता नही मुझे क्या  सूझी कि मैने वहां लेट कर हाथ लंबा किया और उसे खीचं लिया. बहुत पतली दुबली सी लडकी को मैने बाहर निकाल लिया और  फिर उसे उल्टा करके मुंह से पानी भी निकाला. ये समझ मुझे कैसे आई कैसे नही इसका तो याद नही पर जब हम उसे घर छोडने जा रहे थे सारे बच्चे मेरे नाम की जय जय कर रहे थे और कह रहे थे कि मोनिका ने चोची तिवारी को डूबने से बचा लिया .

आज इस बात को ना जाने कितने साल हो गए पर वो धटना मेरे मन मे  जस की तस तब तक रही जब तक में कुछ ऐसे लोगो के सम्पर्क मे नही आई जो रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं. असल में, बचपन मे मैने एक लडकी की जान बचाई थी लेकिन जब से रक्तदान से जुडी. भले ही रक्तदान न कर पाई हूं पर लोगो को प्रेरित किया और रक्तदाताओ का नेट वर्क तैयार किया कि जिसे भी रक्त की जरुरत हो वो सम्पर्क करे और इस तरह से  अनगिनत लोगो की जान बच रही है  तो अब वो बचपन वाली बात अक्सर भूल जाती हूं

बात रक्तदान की हो तो महिलाए का  जिक्र तो आता ही आता है. एनीमिया की कमी से , महिलाए रक्त दान नही कर पाती. महिलाए मासिक धर्म के दौरान या स्तन पान करवाने की वजह से भी रक्तदान नही कर पाती इसलिए सबसे ज्यादा जरुरी यह है कि महिलाए अपना खान पान सुधार ले. अपनी डाईट सही कर ले तो कम से कम उसे तो रक्त चढवाने की जरुरत न पडे  और इसे के साथ साथ जो महिलाए टोका टाकी करती हैं यानि जो महिलाए अपने बच्चों या पति को रक्तदान के लिए मना करती हैं वो जागरुक हो और रक्तदान की महत्ता समझे जिसे वो लोग बिना डर के रक्तदान कर सके और जीवन बचा सके.

एनीमिया- कुछ रोचक जानकारियां-

एनीमिया- कुछ रोचक जानकारियां-  डाॅ0 एक0के0 त्रिपाठी की  किताब है. डाॅ0 ए0के0 त्रिपाठी जानकारी देते हैं कि एनीमिया एक रोग का नाम नहीं, वरन् अनेक रोगों या विकारों का लक्षण है। ऐसे में उपचार के लिये इसके कारणों को जानना आवश्यक है। खासतौर पर ससामाजिक सरोकार के तहत विशेषज्ञ लेकखक ने इन्हीं कारणों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का प्रयास इस पुस्तक के माध्यम से किया है। सामान्य पाठक भी इसे रुचि के साथ पढ़ सकता है। जबकि बीमारी की बातें गम्भीर विषय वस्तु के अन्तर्गत मानी जाती है।
एनीमिया हमारे देश की बड़ी समस्या है। दो से तीन चैथाई लोग एनीमिया से पीड़ित हैं। इसमें हर वर्ग तथा उम्र के लोग शामिल हैं। लेकिन साधारण जानकारियों से इससे बचा जा सकता है। एनीमिया अर्थात् रक्त अल्पता किसी बीमारी का नाम नहीं वरन् लक्षण मात्र है। जिसमें हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी होने की वजह से शरीर में तरह-तरह की परेशानियां उत्पन्न होती हैं। स्वस्थ पुरुषों में सामान्यतः 13-16 ग्राम प्रतिशत तथा स्त्रियों में 12-14 ग्राम प्रतिशत हीमोग्लोबिन होता है। यदि हीमोग्लोबिन इससे कम हो जाए तो उसे एनीमिया कहते हैं, इससे कमजोरी आ जाती है। भूख कम हो जाती है, खाना अच्छा नहीं लगता, याददाश्त व एकाग्रता में कम आ जाती है। हीमोग्लाकबीन जितना कम होगा, शारीरिक परेशानी उतनी अधिक होगी जांच के द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है। लाल रक्त कोशिकाओं में बढ़ोत्तरी आयरन, विटामिन बी12, फोलिक एसिड, पायरीडाक्सिन बी-6, प्रोटीन आदि से हो सकती है।
पुस्तक में बताया गया है कि एनीमिया का प्रमुख कारण आयरन अर्थात् लौह तत्व की कमी है। लेखक ने इसे रोचक कहानी के माध्यम से समझाया है। लौहतत्व शरीर के लिये बहुत आवश्यक है, यह हीमोग्लोबीन के अलावा कई प्रकार के एनजाइम्स के लिये भी जरूरी है। भोजन में आयरन की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। जैसे गुड़ में चीनी की अपेक्षा आयरन बहुत अधिक होता है। खजूर, धनिया-बीज, मेथी-बीज आयरन के अच्छे स्रोत है।
आयरन द्वारा एनीमिया का समुचित उपचार किया जा सकता है। इसकी कमी आयरन की गोली से भी हो सकती है। इसकी पूरी खुराक लेनी चाहिए। पूरा कोर्स करना चाहिएं खाली पेट दवा नहीं लेनी चाहिए। आयरन की गोली खाने के एक घंटे बाद लेना चाहिए। विटामिन सी युक्त पदार्थ के साथ आयरन नहीं होना चाहिए। एक अलग अध्याय में बताया गया कि विटामिन बी-12 की कमी से एनीमिया वस्तुतः आधुनिक जीवन शैली की देन है। इसे भी कहानी के माध्यम से बताया गया। पान मसाला, तम्बाकू, शराब आदि नुकसानदेह होते हैं। इससे आमाशय एवं आंतों की अन्दरूनी सतह खराब हो जाती है, जिससे व्यक्ति बी-12 की कमी का शिकार हो जाता है। दवाओं के कुप्रभाव से भी एनीमियां होता है। दवाओं के कुप्रभाव से भी एनीमिया होता हैं अनेक दवाएं ऐसी होती है, जिनका प्रयोग करने से दुष्परिणाम रूप में एनीमिया होता है। दर्द निवारक दवा भी विशेष की सलाह के बाद लेनी चाहिए। एप्लास्टिक एनीमिया का प्रकोप भी बढ़ा है। वातावरण एवं भोज्य पदार्थों में बढ़ रहे रासायनिक प्रदूषण या दवाओं के कुप्रभाव से ऐसा हो रहा है। वृद्धावस्था या दवाओं के कुप्रभाव से ऐसा हो रहा है। वृद्धावस्था में एनीमिया से बचाव हेतु विशेष सावधानी बरतनी होती है। इसी प्रकार गर्भावस्था  के दौरान भी विशेष ध्यान देना चाहिए। पर्याप्त व पूर्ण पोषण आवश्यक होता है। संक्रमण, गंदगी, हुक वर्म से भी बचाव करना चाहिए। यह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है

 

Article- Blood Donation – Monica Gupta

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http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/8846287.cms

Blood donation facts and advantages –

रक्त दान से जुड़े तथ्य एवं इसके लाभ स्वास्थ्य की देखभाल  रक्त दान से जुड़े तथ्य एक वयस्क पुरुष/स्त्री में 5-6 लीटर तक रक्त होता है| कोई भी व्यक्ति हर तीन माह में रक्त दान कर सकता है| रक्त में प्लाज्मा नामक प्रवाही होता है| 450 मि.ली. See more…

अंत में  मैं यही कहना चाहूगी …  रक्तदान करके देखिए अच्छा लगता है

जय रक्तदाता …

May 29, 2015 By Monica Gupta

FATHERS DAY – जीवन में पिता का महत्व

जीवन में माता पिता का महत्व

FATHERS DAY – जीवन में पिता का महत्व – हर साल जून के तीसरे सप्ताह के  रविवार को FATHERS DAY यानि फादर्स डे मनाया जाता है . पाश्चात्य संस्कृति ने चाहे हमें और कुछ सिखाया हो या नहीं, पर इन  दिनों को मनाना तो सिखा ही दिया है. कोई भी दिन हो हमे बस मनाने की इंतजार रहता है.

FATHERS DAY – जीवन में पिता का महत्व

इस दिन भी नेट,सोशल नेट्वर्किगं साईट् या समाचार पत्र भरे रहते है. लोग अपने-अपने अनुभव बताने को बेताब रहते हैं, लेकिन मैं ऐसा कुछ नहीं बताऊंगी. क्योकि आज के बदलते समय में हमे बदलना बहुत जरुरी है. नही तो रिश्तों में खटास आते समय नही लगेगा.

पिता यानि पापा घर के मुखिया होते हैं. उस नाते उनके कुछ फर्ज बन जाते हैं, जिसका उन्हे सुखद भविष्य के लिए पालन करना जरुरी हो जाता है. ऐसे मे भगवान शिव का उदाहरण देना उचित होगा. जिस तरह से शिव जी ने विष का पान किया था. ना तो उसे निगला था और ना ही उसे बाहर निकाला था. बस गले में ही रखा था, वैसे ही घर के मुखिया को करना चाहिए. घर की परेशानी को ना तो बाहर किसी को बताए और ना ही उसे दिल से लगा कर बैठे. कलह हर घर में होती है, लेकिन अगर वो उसे बाहर के लोगो को बताएगे तो बात बढ़ जाएगी और अगर गले से नीचे उतार लेगे तो खुद तबियत खराब करके बैठ जाएगे.

शिव जी के माथे पर जैसे चादँ शंति का प्रतीक है, बस वैसे ही अपना दिमाग शांत रखना चाहिए. उनके मस्तक से निकली गंगा भी इसी बात की प्रतीक है कि गुस्से के पल को भी शांत होकर बिताएं. घर परिवार मे छोटे-मोटे फैसले लेते हुए मन को शांत रखें अगर खुद ही बात-बात पर चिल्लाकर बोलेगें तो घर मे कलह ज्यादा बढ़ जाएगी.बात यह भी नही है गुस्सा करना ही नही चाहिए.करे पर वो भी एक मर्यादा मे रह कर ही करें अन्याय,अनुशासन हीनता आदि के लिए अगर गुस्सा किया जाए तो मगंलकारी ही होता है.

परिवार के सदस्यो के इस बात का भय होना भी जरुरी होना चाहिए कि अगर वो उचित आचरण नही करेगे तो पिता नाराज हो सकते हैं.वैसे भी तुलसी दास जी ने कहा है कि “भय बिन होहि ना प्रीति”… इसलिए परिवार का मुखिया होने के नाते कठोरता और कोमलता दोनो का सही मात्रा मे होना बहुत जरुरी है.

मुखिया का काम यह भी है कि परिवार के सब लोगों को मिला कर रखें.ठीक वैसे जैसे शिव जी का वाहन बैल, उमा का वाहन सिहं, शिव का कंठ हार सर्प, गणेश जी का मूषक और कार्तिक का वाहन मोर है पर शिव की महिमा देखिए आपस मे पुश्तैनी दुश्मनी होते हुए  भी सभी एकता और प्रेम मे बंधे हुए है .मुखिया को भी इसी दिशा मे प्रयास करते रहना चाहिए कि किस प्रकार सभी को प्यार से रखा जाए. सदा इसी सोच में रहना चाहिए कि किस तरह परिवार और ज्यादा खुशहाल रह सकता है. सभी को खुश रखने की कोशिश  मे रहना चाहिए.

खैर बातें तो बहुत सारी हैं, लेकिन अगर ढेर सारी बातें सोचकर न अमल करने से अच्‍छा है एक-दो बातों को ध्‍यान में रखें और उस पर हमेशा अमल करें.

आज की इस दौडती भागती जिंदगी मे सकून के दो पल मिलने बहुत जरुरी है और वो तभी रहेगे जब आप खुद भी खुश रहे और परिवार को भी खुश रखे.

आप सभी को FATHERS DAY फादर्स डे की ढेर सारी शुभकामनाएं!!!

 

Top 10 Best Fathers Day 2015 Quotes

hey thanks for sharing such a beautiful awesome fathers day quotes will more here on my page http://www.ukfathersday.com/2015/05/fathers-day-ideas.html

Father’s Day 2015 is June 21. Here are some heartfelt quotes about the bonds between father and family. Read more…

– LiveHindustan.com

अपने घर में तुम छोटा-सा गेट-टू-गैदर रख सकते हो जिसमें पापा के करीबी दोस्तों और उनके फैमिली मेंबर्स को बुला कर उन्हें सरप्राइज दे सकते हो। See more…

Image via livehindustan.com

May 28, 2015 By Monica Gupta

टीवी का क्रेज

किसी जमाने में बुदू बक्सा कहलाए जाने वाला टीवी का क्रेज आज लोगो के सिर चढ कर बोल रहा है. हम टीवी सीरियल से इतना धुल मिल गए है कि उसे अपनी जिंदगी का एक अहम हिस्सा समझते हैं ये बात मैं इसलिए कह रही हूं कि मेरी एक जानकार का पथरी का आपरेशन होना था. डाक्टर ने समय और जगह फिक्स कर दी पर वो  जानकार बोली कि एक दिन बाद में आपरेशन  रख दो क्योकि एक  धारावाहिक में बहुत सही कहानी आ रही है किरदार का बच्चा होने वाला है बस वो  राजी खुशी घर आ जाए तो कोई फिक्र नही …

ऐसे ही मैं अपनी सहेली को जन्मदिन का न्योता देने गई कि ठीक आठ बजे पार्टी है और आठ बजे ही केक कटेगा …  इस पर वो बोली कि वो 9 बजे तक ही आ पाएगे क्योकि धारावाहिक की कहानी इतनी मजेदार और सस्पैंस वाली चल रही है कि छोड  नही सकते

वही स्टाप पर  बच्चे को छोडने आई मेरी सहेली की आखें सूजी हुई थी. ऐसा लग रहा था कि बहुत रोई हो. मैने पूछा तो बताया कि प्रिया को कैंसर है.. वो मर जाएगी … मैने सारा दिमाग इस्तेमाल कर लिया पर याद नही आया कि उसके परिवार में प्रिया कौन है . मेरे पूछ्ने पर उसने बताया कि एक साल से वो टीवी सीरियल देख रही है उसी की मुख्य पात्रा है प्रिया… हे भगवान !!! आप समझ सकते हैं कि किस तरह से टीवी का क्रेज सिर चढ कर बोल रहा है लोगो के …

वैसे कोई शक नही ये कलाकार बहुत मेहनत करते हैं और एक दिन बिलंदियों को छूते हैं और छोटे पर्दे से लेकर बडे पर्दे तक धूम मचा देते हैं

शाहरूख खान  टीवी पर केवल एक छोटे कलाकार थे।.  छोटे पर्दे पर “फौजी” और “सर्कस” जैसे लोकप्रिय धारावाहिक में काम करने के बाद शाहरूख ने बुलंदियों का स्वाद चखा
विद्या बालन का नाम बॉलीवुड इंडस्ट्री में ऎसी अभिनेत्रियों में शामिल किया जाता है जिन्होने अपनी फिल्म “कहानी”, “नो वन किल्ड जेसिका”, “डर्टी पिक्चर” से यह साबित कर दिया कि फिल्म सिर्फ एक्टर से नहीं बल्कि एक्ट्रेस से भी चल सकती हैं। अपने करियर की शुरूआत में लगभग 12 फिल्मों से रिजेक्ट होने के बाद छोटे पर्दे पर प्रसारित पहला शो “हम पांच” से एंट्री की जिसके बाद उन्होंने कई एड फिल्मों में भी काम किया, लेकिन किसने सोचा था कि “हम पांच” के दूसरे सीजन में राधिका माथुर का किरदार निभाने वाली विद्या लगातार 3 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड अपने नाम करेगी.
फिल्म “रहना है तेरे दिल में” में मैडी का किरदार कर आर माधवन ने दर्शकों को अपना दीवाना बना दिया। खूबसूरत स्माइल से लाखों लड़कियों के दिल पर राज करने वाले “3 इडियट्स” एक्टर माधवन ने अपने करियर की शुरूआत बड़े पर्दे से नहीं बल्कि छोटे पर्दे के शो “बनेगी अपनी बात” से की। साउथ हिरो माधवन ने कई साउथ सुपरहिट फिल्में भी की, जिसके बाद वापस उन्होने “तनु वेड्स मनु” से अपनी धमाकेदार वापसी की
यामी गौतम, सुशांत सिंह राजपूत सबसे बड़ा उदाहरण है जिनको हम कह सकते है कि उन्होने छोटे पर्दे से बॉलीवुड का रास्ता बनाया है। सुशांत लंबे समय तक धारावाहिक “पवित्र रिश्ता” में नजर आए जिसके बाद उन्हें फिल्म “काई पो छे” का ऑफर मिला
राजीव खंडेलवाल का नाम सामने आते की सबसे पहले दिमाग में “सच का सामना” रियलिटी शो का नाम याद आता है
एकता कपूर की सबसे पसंदीदा एक्ट्रेस की लिस्ट में प्राची देसाई का भी नाम शामिल धूम मचाओ धूम”, “किस देश में है मेरा दिल”, “गीत” जैसे धारावाहिक में नजर आ चुके टीवी एक्टर जय भानुशाली गुरमीत चौधरी टीवी में धरावाहिक “रामायण” में भगवान राम के रोल में नजर आए जिसके बाद वह रोमांटिक शो “गीत” में भी नजर आए। साथ ही वह “पुर्न विवाह” में भी नजर आए। गुरमीत”झलक दिखला जा” और नच बलिए डांसिग शो में नजर आ चुके हैं। हाल ही एक्टर ने महेश भट्ट की फिल्म “खामोशियां” से बॉलीवुड में डेब्यू किया. टीवी धारावाहिक “बालिका वधु” के शिव से पॉपुलर हुए एक्टर सिद्धार्थ ने “जाने पहचाने से ये अजनबी”, “लव यू जिन्दगी”, “बाबुल का आंगन छूटे ना” धारावाहिक में काम किया जिक के बाद वह डांस शो “झलक दिखला जा” में नजर आए.

 

 Successful TV stars outstanding debut in Bollywood – 10

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तो देखा टीवी का क्रेज किस तरह से सिर चढ कर बोल रहा है . वैसे इन सीरियल को देखना जरुर चाहिए पर ज्यादा सीरीयसली भी नही … ह हा हा !!! है ना !!!

Photos courtesy patrika.com

May 28, 2015 By Monica Gupta

Youth and depression

Youth and depression

सुनकर आपके मन में भी बहुत बातें आ रही होगीं. क्या होता जा रहा है आज के युवा को !! सोच कर ही धबराहट होने लगती है. सोनम शर्मा का बेटा पढाई में बहुत अच्छा है. हाल ही में उसका 12वी क्लास का नतीजा आया और उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया. नतीजा मेरे हिसाब से बहुत अच्छा था 89.6 % अंक आए थे पर इस शर्म के मारे की लोग क्या कहेंगें. इतने कम अंक लाया है. आगे अच्छे कालिज मे दाखिला कैसे होगा इसी चिंता में खुद को कमरे मे बंद कर लिया और मोबाईल भी स्वीच आफ कर दिया. अगले दिन जब तक उसने दरवाजा नही खोल दिया.  सोनम की जान अटकी रही उसे  डर   सिर्फ इसलिए कि उनका बेटा कुछ गलत कदम न उठा ले.

इसके बहुत कारण हो सकते हैं  जिसमे से एक है माता पिता की  बच्चों से बह्त ज्यादा उम्मीदें  वो सोचते हैं कि बच्चे पर बहुत पैसा खर्च किया है अच्छी से अच्छी कोचिंग दिलवाई है इसलिए अच्छे अंक तो आने ही चाहिए. बच्चा उस उम्मीद को पूरा नही कर पाता और निराशा में चला जाता है. एक बात यह भी हो सकती है कि   एकल परिवार का होना और माँ-बाप, दोनों का कामकाजी होना. यही बात बच्चों को एकांकी और चिड़चिड़ा बना देती  है  आखिर विचार-दर्शन उन्हें कौन करायेगा, माता पिता अपने आफिस कार्य मे व्यस्त हैं और युवावर्ग चौराहे पर खड़ा है. वे जायें तो किधर जायें । अपनी जीवन-गति का निर्माण करें, तो किस प्रकार करें  कौन बतायेगा कौन सही राह दिखाएगा.

एक बात यह भी हो सकती है कि पेरेंटस हद से ज्यादा जरुरत से ज्यादा बच्चे का ख्याल रखते हैं पर इसी के साथ साथ बच्चे की इच्छा जाने बिना वो बच्चे पर अपनी इच्छा लादने या थोपनें की कोशिश करते हैं जिससे बच्चा अपना शत प्रतिशत नही दे पाता और जिंदगी मे ईम्तेहान में लगातार फेल होता जाता है.

फिर बात आती है हमारे समाज की. परीक्षा के दौरान नकल, रिश्वत खोरी, पेपर लीक आदि का होना भी युवा मे depression ,आक्रोश भर  देता है और ईमानदारी से मेहनत करने वाला युवा सिस्टम को देख कर अपना हौंसला छोड देता है.

इन सब के साथ साथ संगत बहुत ज्यादा असर डालती है. बिगडे हुए रईसों के साथ दोस्ती करके और नशे में डूब कर अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं.  खुद को स्मार्ट और मार्डन दिखाने के चक्कर में नशा करना वो जिंदगी का अभिन्न अंग मानने लगते  हैं  और इसके साथ साथ सबसे बडा फेक्टर है धैर्य की कमी और यही आज के युवाओं की सबसे बड़ी कमजोरी है.  धैर्य की कमी के कारण आज का युवा सब चीज बस जल्द से जल्द पाना चाहता है.  आगे बढ़ने के लिए वे कड़ी मेहनत करने की बजाय शॉर्टकट्स यानि आसान रास्ता  ढूंढने में लगे रहते हैं. कम समय में सारी आधुनिक चीजों को पाने के लालच में उनमें समझदारी की कमी नजर आती है। भोगविलास के आद‍ी  युवा में लगन, मेहनत, जोश, उमंग और धैर्य की कमी हो गई  है.

Youth  depression में होता है तो पूरा परिवार  मानों  depression मे चला जाता है. बहुत जरुरी है आज के युवा के साथ समझदारी से बात करना. उसकी मन की भावनाओं को समझते हुए उसके हिसाब से बात करना.

 

Youth depression a concern for counselors

Substantial levels of “loneliness, anxiety and depression” among Cayman’s youth, identified in a series of health surveys came as no surprise to counselors in the territory.  Read more…

New Strategies to Treat Depression in Youth

http://www.empr.com/new-strategies-to-treat-depression-in-youth-using-ssris/article/413048/Two new strategies have been developed by Johns Hopkins researchers to treat depression in young patients using serotonin reuptake inhibitors (SSRIs) while mitigating the risks and potential negative effects such as increased suicidal thoughts. The strategies are published in Translational Psychiatry. See more…

 

Picvend.com

http://www.picvend.com/2015/04/blog-post_102.html

 

 

 

 

 

 

समय प्रबंधन की विशेषज्ञ एवं चर्चित किताब ‘व्हाट द मोस्ट पीपल डू बिफोर ब्रेकफास्ट’ की लेखक लौरा वंदेरकम लिखती हैं कि अगर आप किसी चीज को करना चाहते हैं तो आप उसे सबसे पहले करिए। हमारे बीच के लोग जो आज सफलता की सीढ़ियां चूम रहे हैं एवं जिंदगी की सफलता का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं वे इसी फिलॉसफी पर चलते हैं See more…

 

Youth and depression में कुल मिला कर बात का निचोड यही है कि बजाय चिंता मे जाने मे अपने भीतर गुणों को विकसित करें. पीपल स्किल यानि नेतृत्व का गुण, अपना व्यवहार और दूसरों को प्रेरित करने की कला खुद में डालिए. खुद को एक शानदार पैकेज बना डालिए और भेड चाल और भीड से हट कर चलने का प्रयास कीजिए.  समय को महत्व देते हुए आप अपने प्रयासों मे जुटे रहिए … और वो फिल्मी डायलाग है ना कि किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलवाने में जुट जाती है तो भागाईए डिप्रेशन विप्रेशन को क्या बला है ये और नए उसाह, नए जोश और नई उमंग से उठ खडे होईए

Images via empr.com, picvend.com

Images via empr.com, picvend.com

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GST बोले तो

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GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

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