Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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May 9, 2015 By Monica Gupta

सुविचार – हिन्दी एस एम एस

सुविचार - हिन्दी एस एम एस

सुविचार – हिन्दी एस एम एस – वटसअप पर हो या मैसेज भेजने हों हमे अच्छे अच्छे प्यारे मैसेज की हमेशा जरुरत पडती रहती है और अगर संदेश प्रेरक हो तो बात ही अलग हो जाती है

सुविचार – हिन्दी एस एम एस

सुविचार  ( संकलित)

आँखें भी खोलनी पड़ती हैं,रोशनी के लिए……
सिर्फ सूरज निकलने से, अँधेरा दूर नहीं होता

 

चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है
और
इंसानों की कीमत खोने के बाद

 

हम लड़ते रहे ये कहकर कि रिश्वत “अन्याय” है…
उन्होंने भी कबूल कर लिया कि सच में रिश्वत “अन्य-आय” है
वक़्त आपका है
चाहे तो सोना बना लो
और
चाहे तो सोने में गुज़ार दो

 

जिस दिन आपने अपनी सोच बड़ी कर ली
बड़े बड़े लोग आपके बारे मे सोचना शुरू कर देंगे

 

थोडी सजा उन्हेँ भी दे देते जज साहब. . . . . . . . .
जिनकी वजह से गरीब लोग सडको पर सोते है

 

कर्ज और शत्रु को कभी बडा मत होने दो
सिर्फ दो ही “वक़्त” पर तेरा “साथ” चाहिए..
.
.
.
एक तो “अभी” और एक “हमेंशा” के लिये

 

पहाड़ चढ़ने का एक उसूल है.. झुक कर चलिए .. दौडिये नही ..
ज़िंदगी भी बस इतना ही मांगती है

 

तुम मुझे आज बचाओ
मैं तुम्हे कल बचाऊंगा….
पैसा

 

उस गरीब की भी क्या उम्मीदें होंगी जिंदगी से
जिसकी साँसे भी, गुब्बारों में बिकती हैं
जब से परीक्षा वाली जिंदगी पूरी हुई ,
तब से जिंदगी की परीक्षा शुरु हो गई

 

सुधर गया मैं तो बहुत पछताओगें
यही जुनून तो मेरी पहचान है 🙂

 

जिसके खेत सूखे सूखे से थे… पानी..उसी की आखों में नज़र आया….

सुविचार - हिन्दी एस एम एस

स्वच्छता पर सुविचार – Monica Gupta

यह सरकार का अच्छा प्रयास है। गाँव में अनेक किस्म की बीमारियों से बचा जा सकता है। गाँव हरा-भरा और साफ-सुथरा है। read more at monicagupta.info

 

सुविचार (सकंलित)

May 9, 2015 By Monica Gupta

Hey WhatsApp !!!

  Hey WhatsApp !!!  कहिए क्या चल रहा है … !!! मेरे जानकार का  एक वटस अप ग्रुप है जिसमे उसके ज्यादातर परिवार वाले और बहुत अपने खास दोस्त है. दोस्त भी ऐसे जिन्हें वो अपने परिवार के तरह समझता है . उसी ग्रुप में उसने मुझे भी शामिल कर लिया. हालाकि मैने बहुत मना किया क्योकि बहुत बोरिंग हो जाता है ग्रुप की पोस्ट झेलना. खैर इस बात को बहुत समय हो गया और अब मुझे ज्यादा महसूस भी नही होता इक्का दुक्का पढ कर बाकि डिलीट कर देती हूं .cartoon - CCTV- like

सबसे ज्यादा भरमार रहती है जन्मदिन , शादी के साल गिरह पर बधाई की. अगर सौ सदस्य हैं तो सभी बधाई देगें कुछ तो डबल डबल मैसेज करेंगें..उस दिन बहुत भरमार रहती है और दूसरे मैसेज होते है चुटकुले .. उस पर भी हा हा हीही हूहू वाले बहुत संदेश त्वरित होते हैं पर पिछले कुछ दिनों पहले मैने एक बात नोट की और आप से शेयर कर रही हूं.

Hey WhatsApp !!!  हुआ यू कि उस ग्रुप की एक लडकी ने माता पिता पर छोटा सा article  लिखा. एक घंटा बीत गया किसी का कोई कमेंट, smile   या थम्स अप नही आया. फिर आधा घंटे बाद कुछ हलचल हुई और किसी ने पति पत्नी पर एक joke  डाला और देखते ही देखते उस पर कमेंटस आने लगे. ये बात कही दब कर रह गई. फिर कुछ दिन बाद उसी परिवार मे किसी ने अपनी poem  डाली … फिर आधा धंटा चुप्पी छा गई. ऐसा लगा मानो सभी को सांप सूघ गया . कोई रिएक्शन नही. पर मैने देरी नही की और कविता को सराहा और उसे और लिखने के लिए प्रेरित किया. तभी वो लडकी जिसने लेख लिखा था उसने भी लिखा कि बहुत अच्छी लिखी है. कुछ देर बाद   उस लडकी ने मुझे फोन करके थैक्स बोला और यह भी कहा कि वो भविष्य में भी लिखेगी पर उसे हर बार उसे  प्रोत्साहित करना होगाऔर कुछ सही नही लगा तो समझान होगा:) मैने खुशी खुशी इस बात को स्वीकार कर लिया.

मुद्दे की बात ये है कि चाहे  birthday  हो या सालगिरह या चुटकुले पर हा हा ही ही करना … यह हर एक कोई कर लेता है पर किसी की पीठ थपथपना या मोटीवेट करना यह हर किसी के बस की बात नही… और जो लोग लगातार मोटीवेट करते हैं वो दूसरों के दिल में एक खास ही जगह बना लेते हैं और उनके प्रिय बन जाते हैं … पर बहुत लोगों को यह कला नही आती … फिल्म स्टार की तारीफ कर देग़ें हीरोईन की तारीफ कर देंगें पर जब बात अपनो की तारीफ की आएगी तो … तो … तो ….. !!!

जी क्या कहा आपने .. अब आप भी किसी न किसी को जरुर प्रोत्साहित करेंगें … अरे वाह ये हुई न बात … आप को भी शुभकामनाएं 🙂

Best wishes 🙂 तो अब आपके लिए Hey WhatsApp !!!

May 7, 2015 By Monica Gupta

Hat’s Off

Hat’s Off  आज अखबार पढ कर पता चला कि देश में कल और भी बहुत गतिविधिया हुई. मैने सोचा कि शायद सलमान खान वाली धटना ही धटित हुई थी क्योकि  जिस तरह से पल पल का धटना क्रम दिखा रहे थे उससे तो यही प्रतीत हो रहा था  कि मानो कोई दूसरा मुद्दा ही नही है.

कब सलमान घर से निकले. कब अपने पापा के गले लगे. कब किस  किससे गले मिले. अच्छा चलो एक बार हो तो भी समझ आता है पर बार बार एक ही सीन को दिखाना और वो भी सारे चैनल पर … ये अच्छी बात नही है …

वैसे Hat’s Off to media जिस के पीछे पडता है हाथ धो के नही, नहा धो कर पडता है.ऐसे में तो कहना बनता है Hat’s Off

आप खुद ही देखिए ना पहले आप पार्टी, फिर गजेंद्र, किसानों का मुद्दा फिर भूकम्प,फिर मोगा रेप, फिर आप पार्टी और ताजा ताजा सलमान खान केस. दिन के 24 धंटे मे से ना जाने 25 धंटे एक ही खबर लगातार चलती है और चलती ही रहती है वैसे hats off हम लोगो के लिए भी है जो दिन रात कोसते भी हैं और खबरें देखते भी हैं.. चलिए आज देखते हैं कि पूरा दिन कौन सी एक खबर सभी चैनलों पर  चलेगी ..Hat’s Off

May 6, 2015 By Monica Gupta

Hit n run

Hit n run case

सलमान खान की खबर चल रही थी. घर पर कुछ मेहमान आए हुए थे और वो बात कर रहे थे कि इतनी बडी हस्ती है सलमान खान उसने ले दे कर केस रफा दफा क्यू नही किया. वही साथ ही साथ पल पल की खबरे चल रही थी कि सलमान किससे गले मिले किसे टाटा किया. कितने बज कर कितने मिनट पर कोर्ट पंहुचे.

Hit n run    5 साल सजा की बात सुनते ही बेल पर वार्तालाप चालू हो गया.बेशक बहुत लोगों को दुखी भी हुए. भले ही वो दो चार दिन मे छूट भी जाएगें(जैसाकि सुनने मे आया है) पर आम आदमी का न्याय पर विश्वास बना रहा एक बात अच्छी यह हुई चाहे कोई कितना बडा और रसूखदार क्यों न हो उसे कटघरे में आना ही पडता है. बडी हस्तियां जो आम आदमी को कीडे मकौडा समझती हैं इस धटना से सबक जरुर लेगी और भले ही थोडे समय के लिए पर एक डर तो सभी के मन मे बैठ ही गया होगा…सत्यमेव जयते… कानून जिंदा है

और सबसे जरुरी …. “एक बार कानून ने सज़ा दे दी तो वो सलमान की भी नहीं सुनता”

cartoon- being human

Hit n run… अफसोस, जिस तरह से अदालत ने 5 साल साल की सजा सुनाई और हाथों हाथ बेल भी मिल गई. इस पूरे प्रकरण से  आम  जनता को निराशा ही हाथ लगी

May 5, 2015 By Monica Gupta

I Love you

I Love you

6 April को एक खबर पढी कि चंडीगढ के हाईकोट जज जस्टिस एम. जियापाल (60 साल)  ने एक बच्ची को सुखना लेख , चंडीगढ में डूबने से बचाया. बचपन मे मैनें भी एक बच्ची को डूबने से बचाया था इसलिए ऐसी खबरों मे मेरी विशेष रुचि रहती है पर जैसे जैसे मैं खबर पढती गई मेरा ध्यान किसी और बात पर केंदित हो  गया . असल में, खबर के अंत मे लिखा था कि जैसे ही जज साहब की पत्नी को यह  सूचना मिली वो भागी भागी सुखना लेख पहुंची. उनको सूचना ये मिली थी कि वो डूब गए हैं.  वहां अपने पति को ठीक देख कर वो उनसे लिपट गई जज साहब ने बताया कि वो लम्हा उनकी जिंदगी का यादगार लम्हा था. ऐसा अहसास उन्हे पहले कभी नही हुआ.

उसे पढ कर मैं जिस विषय पर लिखने वाली थी उससे ध्यान हट गया और जाकर ठहर गया पति पत्नी के अनमोल रिश्तें पर. जब भी हम प्यार Love  शब्द का इस्तेमाल करते हैं हमेशा  हमारे जहन में boy friend, girl friend या दफ्तर का कर्मचारी या boss के साथ सैकेटरी के   सम्बंध की बात ही आती है और पति पत्नी के प्यार का कभी जिक्र भी नही होता जबकि सबसे केयरिंग सबसे स्पेशल यही रिश्ता होता है.  खासकर उम्र के ऐसे पडाव पर आने के बाद जब दोनों को एक दूसरे के सहारे की जरुरत होती है.

I Love you       हमारे समाज में पति पत्नी पर बहुत चुटकले बनाए जाते हैं पति पत्नी का मजाक उडाते हैं पर साथ ही साथ यह भी कहते हैं कि भई हम तो जोरु के गुलाम है. पर पति पत्नी के प्यार पर कभी बात नही की जाती जबकि अपने जीवन को सुखद बनाने के लिए आपसी प्यार ही होता है. एक जानकार से जब मैं  इस बारे में बात कर रही थी तो उन्होने बताया कि पति पत्नी के प्यार का  क्या इजहार करना वो तो understood यानि स्वाभाविक ही होता है… बेशक, स्वाभाविक है पर प्यार की उष्मा बनाए रखने के लिए जताना भी बहुत जरुरी होता है.

कभी बीमारी में सेवा करना ,कभी चाय बना कर लाना, कभी सालगिरह पर खूबसूरत उपहार देना,I Love you बोलना  या कभी कोई सरप्राईज देना… रिश्तें की महक को और बढा देता है. इसमे दोनों की भूमिका बराबर की होनी चाहिए. पति कभी आफिस से लेट हो तो बजाय मुंह बनाने के उनकी थकावट उतारने की कोशिश होनी चाहिए  और अगर गलती से खाना जल गया तो बर्तन पटकने के पति को ”’ कोई बात नही … हो जाता है कई बार कह कर बात सम्भाल लेनी चाहिए और सबसे जरुरी बात अपने रिश्तें को समय दें ज्याद धरेलू कार्य या दफ्तर में इतने ही न उलझ जाए कि आप एक दूसरे से दूर होते जाएं.cartoon - love u -monicaI Love you

शादी के बाद आरम्भ के आठ दस महीने बहुत नाजुक होते हैं क्योकि एक दूसरे को जानना समझना बहुत जरुरी  होता है और दोनों को ही थोदा थोडा झुकना चाहिए अहम को दर किनारे कर देना चाहिए. पर अपना प्यार जरुर प्रकट करना चाहिए.

I love you… बहुत प्यारा शब्द है और पति पत्नी के प्यार को , दाम्पत्य जीवन को  मिठास  से भर देता है ….

May 4, 2015 By Monica Gupta

मां – प्यार का दूसरा नाम

मां – प्यार का दूसरा नाम ……  कुछ देर पहले नेट पर कुछ सर्च कर  रही थी कि तभी एक लेख  पढने को मिला कि मां के हाथ के खाने जैसा दुनिया में और कुछ नही हो सकता… उसमे बहुत सारी बाते बताई हुई थी कि मां के हाथ मे ये है  मां के हाथ में वो है… कुछ बातें बहुत अच्छी भी लगी पर जब भी मां के हाथों से बने खाने की बात होती है तो मुझे बस एक ही बात याद आती है और वो है ..पेट भरने के बाद, मना करने के बावजूद , एक फुल्का और लो ना बस ये बिल्कुल छोटा सा है … यानि मना करने के बाद भी आखिरी फुल्का तो खिलाना ही होता है… जिसे दूसरी भाषा में कहते हैं Over eating ya torture…. पेट के साथ … पर क्या करें खाना इतना लजीज जो होता है … हां तो मैं बता रही थी….

बात उन दिनों की है जब मैं कुरुक्षेत्र से एम ए (संगीत) कर रही थी. होस्टल मे खाना खा रही थी. उस दिन मेरे पसंदीदा राजमा चावल बने थे. पेट भर गया था पर नियत नही भरी थी. मैस वाला भाई प्लेट में फुल्का डाल गया और मैने कहा कि और नही चाहिए. फिर मैं बहुत देर तक इंतजार करती रही कि वो फुल्का ले कर आएगा… असल में, वो क्या है ना कि जब मम्मी को मना करती तो बाद मे एक चपाती तो आनी ही आनी होती थी . होता वही साईज था पर कहने  को पतली सी छोटी सी होती. वही आदत पडी हुई थी और याद भी नही रहा कि मैं घर नही होस्टल मे हूं और ये मैस वाला भईया है मेरी मम्मी नही. मैने जब उसे बुला कर पूछा कि चपाती क्यो नही दी इतनी देर से इंतजार कर रही हूं  तो वो बोला कि आपने ही तो मना किया था.

cartoon -mother love

उस रात मैं अपने कमरे मे जाकर  मम्मी को याद करके बहुत रोई… फिर धीरे धीरे आदत पड गई.

ये जो प्यार है न कि बस एक आखिरी , छोटी सी और ….

ये हमेशा बहुत याद आता है मां का  ऐसा प्यार , दुलार और कही भी नही देखने को मिल सकता. वाकई में,   मां – प्यार का दूसरा नाम ही तो है … है ना !!!!

 

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