Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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September 10, 2017 By Monica Gupta 2 Comments

बच्चों की सुरक्षा का ध्यान पैरेंट्स कैसे करें – बच्चों की कैसे रखें सुरक्षा – How to be a Good Parent –

Life of a Teenager

बच्चों की सुरक्षा का ध्यान पैरेंट्स कैसे करें – बच्चों की कैसे रखें सुरक्षा – How to be a Good Parent – बच्चों का कैसे रखे ख्याल !! क्या आप बच्चे का ख्याल रखते हैं ?? आपका जवाब यही होगा अरे !! ये क्या बात हुई ?? बिल्कुल ध्यान रखते हैं अच्छी से अच्छी पढ़ाई करवा रहे हैं सारी सुख सुविधाए दे रहे हैं… जी वो तो मुझे पता है पर क्या आप अपने बच्चे का ख्याल रख रहे हैं … आप सुबह जाकर देर शाम तक लौटते हैं… उस बीच में बच्चा क्या करता है क्या नही करता उस बारे में ख्याल रखते हैं.. ?? सिर्फ अच्छे बडे स्कूल में दाखिला करवाने या सारी सुख सुविधाए देने भर से ही आप ख्याल नही रख सकते …

बच्चों की सुरक्षा का ध्यान पैरेंट्स कैसे करें – How to be a Good Parent

बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए आपको कुछ बातों का ख्याल और भी रखना होगा …

 

ख्याल रखने वाली बात से मेरा मतलब है अवेयर रहना कि बच्चे कहां जाते हैं उनके कौन कौन दोस्त है , मोबाईल पर किससे बात करते हैं किसे क्या मैसेज करते हैं स्कूल में, खेल के मैदान में, ट्यूशन या घर के बाहर क्या-क्या करते हैं

जरुरत है Balance Parent बनने की

और ये काम बहुत अच्छी तरह से Balance बना कर करना चाहिए … कुछ मदर्स बहुत शक्क करती है .. बात बात पर पर्स चैक करेगी, मोबाईल चैक करेगी, मैसेज चैक करेगी ये बात भी सही नही है इससे विश्वास खत्म होता है ये दोस्त कौन है कहां रहता है … क्या करता है कब से जानते हो एक दूसरे को.. इससे ना विश्वास खत्म हो जाता है इसलिए बहुत बैलेंस बना कर चलना चाहिए … वो तो हाथ भी उठा देती हैं ये बहुत नाजुक मामले होते हैं इसलिए बहुत पैसेंश रखते हुए इस मामले को डील करना चाहिए..

इसके लिए क्या क्या करना चाहिए

पहली बात तो बच्चों से दोस्ती बनाएं...

अपना कुछ समय बच्चे के साथ जरुर बिताए और उन्हें दोस्ताना माहौल दें .. बच्चे के साथ खेलें भी  ताकि बच्चा खुल जाए और और खुद ब खुद आपसे सारी बात शेयर करें..  बातों बातों में बोल्ड बनाईए और समझाईए कि किसी लालच में नही आना.

बच्चों पर विश्वास

बच्चों पर विश्वास करें .. यकीन मानिए अगर आप बच्चों पर विश्वास रखेंगें तो वो आपके विश्वास को कभी नही टूटने देंगें. उनसे सारी बातें करिए और पूछिए पर पुलिस बन कर नही सीआईडी आफिसर बनकर नही बल्कि एक दोस्त बनकर .. आप बच्चों को समझाईए कि ऐसा कोई काम नही करना चाहिए कि नजर नीची करके चलना पडे. कब , कैसे क्यों कहां या बाहर आ जाओ पापा ने बात करनी है …

बच्चे की बात ध्यान से सुनें..

अपने बच्चे की हर बात ध्यान से सुनें. बच्चा अगर किसी मेहमान या रिश्तेदार को लेकर असहज है तो जानने की कोशिश करें वो परिवार के किसी सदस्य, रिश्तेदार से किसी से दूर रहने की कोशिश कर रहा है तो भी ध्यान जरुर दीजिए कई बार बच्चे किसी मेहमान को पसंद नही करते उन्हें देखते ही बच्चे को गुस्सा आ जाता है या उनसे छिपने लगते हैं तो कारण पता करने की कोशिश करें …

बच्चों के दोस्तों से भी मेलजोल रखें…

बच्चों के कुछ खास दोस्त होते हैं उनसे भी मेलजोल रखें और समय समय पर उन्हें घर पर भी बुलाए और उनसे बातें करें

बच्चों के दोस्तों के माता पिता से भी दोस्ती रखें …

जैसे मान लीजिए स्कूल में पैरेंट्स टीचर मीट है…  वहां मिलीए और उनसे बाते भी कीजिए  फिर घर पर भी बुलाईए वो इसलिए ताकि आपस में पारिवारिक सम्बध हो जाए.. ये बहुत जरुरी है…

स्कूल में क्लास टीचर से भी हर महीने मिले.

कई पैरेंट्स बच्चों को स्कूल में डालकर निश्चिन्त हो जाते हैं… चिंता ही नही करते बच्चे की कि  बच्चा स्कूल में किस हाल में है..  उन्हें फुरसत नहीं  ऐसा बिलकुल नही करें.  पैरेंट्स टीचर मीट होती है पैरेंटस जाते ही नही.. ऐसा नही करें जरुर जाएं और बच्चे की सारी रिपोर्ट ले कि कैसा चल रहा है पढाई में या दूसरी  एक्टिविटी में

बेशक,  आपने सारी सुख सुविधाएं दी हुई हैं आपके पास फुल्ल टाईम कुक भी है, बाई भी है और ड्राईवर भी है. पर बच्चें उनके साथ कितने सहज या असहज हैं ये सब जानना भी बहुत जरुरी है बच्चों का ख्याल रखना बहुत जरुरी है…

अपने बच्चों को अपना पूरा विश्वास, प्यार, समय और भावनात्मक सुरक्षा दें..

असल में, समाज में, बच्चों को लेकर इतना कुछ देखने सुनने को मिल रहा है कि  ये बात कहने की जरुरत महसूस हुई

बच्चों की सुरक्षा का ध्यान पैरेंट्स कैसे करें – बच्चों की कैसे रखें सुरक्षा – How to be a Good Parent

September 9, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

छोटे बच्चे खाना ना खाते हो तो क्या करें – बच्चा खाने से कैसे करेगा प्यार – #बच्चों की डाइट

Monica Gupta

छोटे बच्चे खाना ना खाते हो तो क्या करें  – chote bache  khana nahi khate – #बच्चों की डाइट – कल घर पर एक जानकार आए हुए थे उनका एक छोटा बेटा था.. उसके पीछे पीछे भाग रही थी प्लेट लेकर और वो खाना नही खा रहा था … शायद उसके लिए नई जगह थी .. इसलिए खाना नही खा रहा था … पर मम्मी जुटी हुई थी जबरदस्ती करने और बच्चा फुर्र फुर्र करके खाना मुंह से निकाल रहा था .. मुझे ये लगा कि शायद खाना ही उसके टेस्ट का नही है … तभी मैंने एक कार्टून लगा दी और उनका बच्चा बैठ कर टीवी देखने लगा और इतना बिजी हो गया कि मम्मी ने उसे सारा खाना खिला दिया.

छोटे बच्चे खाना ना खाते हो तो क्या करें

अक्सर मदर्स बच्चे के खाने को लेकर बहुत चिंतित रहती हैं एक तरह का nightmare होता है जब बच्चा खाने को मना कर देता है  क्या क्या कारण हो सकते हैं कि बच्चा खाना नही खाता

सबसे पहला तो मूड   .. बच्चे काम मन न होना … अगर नही खाना तो बिल्कुल नही खिला सकते …

पेट का साफ न होना

तबियत ठीक न होना, जुकाम होना खांसी होना या कई बार किसी दवाई की वजह से मन नही करता खाना खाने का …

कई बार मन मर्जी का खाना नही होता

या कई बार बच्चे नाराजगी में भी खाना नही खाते

कई बार दांत की प्रोब्लम भी हो सकती है

जंक खाने की आदत बन गई तो भी घर का खाना अच्छा नही लगता

कई बार वो कुछ ले लेता है चाहे वो स्नैक्स या कुछ उस वजह से पेट भर जाता है खाने का मन नही करता ..

Parent का पास में न होना … इस वजह से भी बच्चे डिस्टर्ब हो जाते हैं … और खाना नही खाते

जब मदर्स का बहुत प्रैशर होता है तब भी बच्चा ना नुकुर करता है अक्सर  मांएं बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाती है  क्योंकि  जबरदस्ती  ठूस-ठूस कर खिलाने से वह मोटापे का शिकार हो सकते है..

तो क्या करें …

सबसे पहले तो मजेदार फूड चार्ट बनाएं

प्रेजंटेशन पर खास ध्यान देने की आवश्यकता होती है

ऐसा खाने को दें जो देखने में अच्छा लगे … अच्छी से प्लेट हो कार्टून वाला गिलास हो …

मिक्स न करेँ टेस्ट को

और अलग अलग हो कई बार मदर्स एक साथ बहुत चीजे मिक्स करके दे देती हैं उससे किसी चीज का टेस्ट नही आता और बच्चा खाने से मना कर देता है

मजेदार नाम दे नई नई डिश को ..उससे बच्चे को बडा मजा आएगा और खूब टेस्ट लेकर खाएगा

बच्चोँ को करेँ इनवाल्व

कई बार खाना बनाने में बच्चे को भी इनवाल्व कर लें उससे बच्चे में इनटर्स्ट आएगा … शौक से खाएगा भी और दूसरो भी खिलाएगा कि मैंनें बनाया है

खाते समय सब्र रखिए … जैसा कि पढाते समय रखते हैं गुस्सा  न करें

बच्चे को खूब खेलने कूदने दीजिए क्योकि जितना खेलेंगें उतनी तेज भूख लगेगी और कुछ पीना चाहेगें ...

बच्चों को सलाद हो या फल ये ऐसी चीजे हैं जो बच्चा खाता रह सकता है

खाने के नाम पर emotional ब्लैकमेल नही … आज तुम्हें मूंग की दाल ही मिलेगी क्योकि कल कहना नही माना था … ये नही होना चाहिए

बच्चे को Educate करें और अच्छी foods and eating habits के बारे में बताते रहें पर खाते समय नही … जब खाने का समय न हो तब …

वैसे तो ज्यादातर बच्चे वीडियो गेम खेलते हुए या टीवी पर कार्टून देखते हुए खाते हैं पर कोशिश करनी चाहिए कि जब बच्चा खाए तो आप उससे बाते करें कोई कहानी सुनाए या कुछ भी

बच्चे को फल सब्जी की दुकान पर ले जाईए और उन्हें ही पसंद करने दीजिए जकि वो क्या खाएगें पर जहां चिप्स और जंक खाना मिले वहां Avoid करे!

अलग अलग कार्टून दिखाए जैसे कि पोपाई उसे पालक ही अच्छा लगता ..

खाते समय अगर बच्चे के साथ उसका भाई बहन हो या दोस्त हो तो बच्चा शौक से खाता है Two is a company- अकेले खाना बहुत boring होता है . मिलकर बच्चे अच्छे से खा लेते हैं

घर पर किचन गार्डन भी बना सकते हैं बच्चे में शौक पैदा करें पानी डालवाएं और जो सब्जी बच्चे ने लगाई उसी की सब्जी बनाईए तो उसे बहुत अच्छा लगेगा

उन्हें खेल-खेल में और प्रोत्साहन देकर पूरा खाना खत्म करने के लिए कहें…. दूध या खाना पूरा खत्म करने पर उन्हें शाबाशी, गुड बेबी बोले ताकि वह आगे भी आपकी बात को ध्यान में रखें और  इस तरह वह आपके प्यार के लालच में पौष्टिक आहार को भी मजे से खाएं..

 

बच्चे को खाने के लिए धीरे धीरे एनकरेज करें तो देखिए फर्क जरुर नजर आएगा

September 8, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

महिलाएं कैसे रहें फिट – Fit & Healthy Women – महिलाएं कैसे रखे सेहत का ख्याल

Monica Gupta

महिलाएं कैसे रहें फिट – Fit & Healthy Women /  wellness /mahilayen kaise rahe fit – महिलाएं कैसे रखे सेहत का ख्याल .   महिलाएं फिट और हेल्दी कैसे रहें. आप सभी के ढेर सारे मैसेज आते रहते हैं पर एक मैसेज कुछ हट कर था … आमतौर पर मैसेज ये आते हैं बच्चा पढता नही ध्यान नही देता पढाई में… कैसे करें पर एक मैसेज आया मैसेज महिला का था कि मेरा मन ही नही करता बच्चे को पढाने का क्या करुं … एक और मैसेज भी आया हुआ था कि घर के किसी काम को करने का मन नही करता …  इस बात को लेकर मैं बहुत सोचती रही कि अगर मदर्स का ही मन नही करेगा कि बच्चों को पढाए उन्हें अच्छा खाना बना कर दे उनका ख्याल रखें तो बच्चों की परवरिश कैसे होगी तो सबसे पहले तो मदर्स को ही समझाना पडेगा कि अपना ख्याल रखो भई … तो आज मेरी बात मदर्स के लिए जो घर पर रहती है होम मेकर्स है सारा दिन घर सम्भालती हैं पर खुद को नही सम्भलती…  तो कैसे अपना ख्याल रखें कि फिट भी रहें और हेल्दी भी …तो तैयार हैं ना आप … बालों का जूडा बना कर पल्लू को खोस कर

महिलाएं कैसे रहें फिट – Fit & Healthy Women

positive relationship with food. सबसे पहले तो खाने से सकारात्मक रिश्ता बनाईए .. हैल्दी खाती ही नही … जो है वो बच्चों के लिए पति के लिए … देखिए बहुत अच्छी बात है पर अपना ख्याल रखना भी बहुत जरुरी है … आमतौर पर हम ये सोचते है कि पति ऑफिस चले जाए बच्चे स्कूल चले जाए कामवाली काम करके चली जाए फिर नाशता कर लेगें और तब तक 12 बजने वाले हो जाते हैं यानि बहुत लेट सुबह आप उठती है लगभग 6 बजे … और 12 बजे तक कुछ नही बस काम ही काम … ऐसे में शरीर बेचारा कितना साथ देगा …

कई महिलाए कुछ नही खाती और कई फ्रिज खोला जो भी बासी रखा है खत्म करने के चक्कर में खा लिया … यानि कुछ पौष्टिक तो गया ही नही …

कुछ खुश इसलिए भी हो जाती है कि चलो वजन कम होगा पर ये थ्योरी भी गलत है इसलिए खाने को विशेष अहमियत देनी है..

हैल्दी खाईए जिससे शरीर में ताकत बनी रहे ...  यानि  eat breakfast. नाश्ता जरुर लेना है.. हेल्‍दी डाइट चार्ट बनाये सैंडविच, अंकुरित सलाद, जूस आदि लंच का अच्छा विकल्प हैं

 

अच्छी नींद लेनी है… make sleep a priority.

 कुछ लेडिज घर के काम को ज्याद तनाव बना लेती हैं और सो नही पाती … सही से नींद नही ले पाती … जबकि सारा दिन अच्छा बीते उसके लिए अच्छी नींद बहुत जरुरी है … अच्छी नींद से तनाव कम होता है और हमारे शरीर के मसल्स को आराम भी मिलता है  और अच्छी नींद लेंगे तो बॉडी दुबारा से recharge हो जाएगी

अच्छी सेहत और ताजगी के लिए पानी पीना भी बहुत फायदेमंद होता है..

आमतौर पर हम क्या करती है थके हुए हैं तो चलो चाय बनाते हैं तेज चीनी की कि थकावट दूर होगी या कॉफी पी लेते हैं …जबकि उसकी बजाय हल्का गर्म पानी पीएगें तो बहुत ज्यादा फायदा देता है या फिर ग्रीन टी या नारियल पानी … ये बहुत फायदा देते हैं .. इसलिए पानी तो जब भी समय मिले बैठ कर पीते रहना चाहिए …

 खाना हो गया, पानी हो गया नींद हो गई अब बात आती है कि पॉजिटिव रहें …

अपने आपको खुश रखिए… सोच लीजिए कि मन में नेगेटिव विचार तो आने ही नही देने … किसी से खुद की तुलना नही करनी … नाराज होने के गुस्सा करने के नही खुश रहने के बहाने खोजिए … और कोई भी अच्छी बात याद करके खिलखिलाने की कोशिश कीजिए … यानि खुश रहिए …

खुद की कोई Hobby होगी उसमे व्यस्त रखिए … जब बच्चे चले गए पति चले गए घर पर अप ही है तब कुछ समय अपने लिए निकालिए … वो कुछ भी हो सकती है … किताब पढना, खाना बनाना, गार्डनिग करना, जो भी आपको पसंद हैं वो करिए पर कुछ समय अपने आपको जरुर दीजिए …

अब बात है एक सबसे मुश्किल काम की और वो है एक्सरसाइज … अगर आपको मुश्किल नही लगता तो बहुत अच्छी बात है लालच और आलस हमारे Health  के सबसे बड़े दुश्मन है जो हर के पास है…. शरीर की फिटनेस इस बात पर निर्भर करती है कि आपके पास लालच और आलास कितनी मात्रा में है. ह हा हा !! यहाँ पर मैंंबात कर रही हूं खाने मेंं  लालच की और एक्सरसाइज करने की आलस की. अगर इन दोनों पर काबू पा लिया तो बल्ले बल्ले हैं..घर या दफ्तर में लिफ्ट की जगह सीढ़ियों से जाएं तो ज्यादा अच्छा होगा…

योगा करें,  मैडीटेशन पर जरुर करें… और आज का जैसा समय चल रहा है अपना ख्याल रखना बहुत जरुरी हैैैै..

Regular checkup करवाते रहना चाहिए .. तबियत भले ही ठीक रहती हो चैकअप जरुर करवाएं साल में एक या दो बार  देखिए अगर कुछ निकल अभी गया तो उसका इलाज हो जाएगा और अगर कुछ नही निकला जोकि पता ही ही है कि निकलेगा नही तो कम से कम आप खुश तो हो जाएगी … लेडिज ज्यादा एनीमिक होती है .. खून की कमी … और अगर खान पान ठीक होगा सब ठीक होगा तो आप हेल्दी रहेगी … और आपके हेल्दी रहने का मतलब है आप अपने परिवार का ख्याल बहुत अच्छी तरह से रख पाएगी …

Plan करना पडेगा इन सबके लिए ताकि सब सही से हो … यानि आपको अपना टाईमटेबल बनाना पडेगा

आप करके देखिए और फिर मुझे बताईए कि कितना फर्क पडा…  

महिलाएं कैसे रखे सेहत का ख्याल

September 7, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों के लिए अच्छी आदतें – Good Habits Of Children – Good Parenting Skills in Hindi

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

बच्चों के लिए अच्छी आदतें – Good Habits Of Children – Good Parenting Skills in Hindi – baccho ke liye acchi aadatein – कल एक जानकार घर आए हुए थे जब उन्हें छोडने बाहर गई तभी उनका आठ साल का बेटा अंदर मुडा और पंखा बंद कर दिया उसकी मम्मी मुसकुराने लगी कि घर पर भी बेवजह पंखा,  टीवी,  लाईंट नही जलने देता तुरंत बंद कर देता है पर मुझे बहुत अच्छा लगा मुझे खुशी हुई कि उन्होनें बच्चों को अच्छी आदत डाली हुई हैं आमतौर पर बहुत parents ये समझते हैं कि नमस्ते कहना सीखा दिया sorry या thanks कहना सीखा दिया तो अच्छी आदत हो गई.. good बच्चा बन गया पर कुछ ऐसी आदतें हैं जो बच्चों बचपन से ही से सिखाएंगें तो यकीन मानिए वो बहुत अच्छे इंसान बनेंगें … जैसाकि

बच्चों के लिए अच्छी आदतें – Good Habits Of Children

पानी और बिजली बचाना का ख्याल रखना की फालतू ना वेस्ट हो जितनी जरूरत हो, उनका उतना ही प्रयोग करें

पैशेंस patience सब्र रखना सीखाना चाहिए आप किसी दुकान पर हैं या चौराहे पर कि अभी red light है … अरे यार निकाल लू क्या … कोई दिख नही रहा … चलो मम्मी कार निकाल लो .. उन्हें सीखाना होगा कि कि patience ,  tolerance रखनी चाहिए … धक्का मुक्की की बजाय अपनी बारी की इंतजार

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

अपनी हार स्वीकार करना Learning To Accept Defeat बच्चे को ये समझाना कि जिंदगी में उतार चढाव आते रहते हैं. कभी हमें 100 मार्क्स मिलते हैं तो कभी 50 भी मिल सकते हैं कभी हम फर्स्ट आते हैं तो कभी पीछे भी रह सकते हैं … पर उदास होकर नही बैठना चाहिए.. हिम्मत से सामना करना चाहिए

… Treating Everyone Equally किसी को छोटा बडा न समझना अगर घर पर माली आते हैं या रिक्शा वाला आता है या काम वाली बाई आती है तो उसे सम्मान देना … और तू करके बात न करना … तू से मुझे एक बात याद आई … कुछ दिन पहले एक मेरी जानकर बता रही थी कि उनका चार का बेटा उनसे बहुत नाराज हो गया .. मैंनें पूछा कि किसलिए तो उन्होनें बताया कि मैंने उसे तू करके बोल दिया …  तू सो जा … वो बोला आप गंदी हो तू करके बात करती हो … जब उन्होनें सॉरी कहा तो उसने माफ किया …

अगर कभी गलती हो भी गई तो ईमानदारी से मान लेनी चाहिए पर चलाकी नही … झूठ नही, चोरी नही …

अपनी गलती मानना… मां ने अपनी गलती आराम से मान ली कान पकड कर .. बच्चा भी खुश हो गया … जो बच्चा देखता है वही सीखता है …

बच्चे के साथ आदर के साथ बात करेंगें तो आदर ही मिलेगा .. इसी में एक और सीख है कि ईमानदारी का सबक तो जरुर पढाना चाहिए … चीटिंग नही करनी चाहिए

pocket money जरुर दीजिए और देखिए कि वो कैसे खर्च करता है कितनी आदत है उसे जमा करने की ..या सम्भाल कर रखने की ..

Reading Everyday हर रोज पढने की आदत … अपना जनरल नॉलिज के लिए या तो अखबार की हैड लाईन या फिर जिस तरफ उसका शौक है उस बारे में धीरे धीरे जानकारी  देना … अब तो यू ट्यूब पर सब है बहुत वीडियोज हैं देख सकते हैं और अपनी जानकारी बढा सकते हैं या अपने घर मे अपने कमरे एक बोर्ड लगा कर उस पर आज का विचार लिखना ताकि अच्छी बात सीखे … वैसे ये कई स्कूल में भी  होता है …

शेयर करना सीखना कि अपनी चीज या अपना खाना दूसरों के साथ शेयर करना चाहिए

Being Punctual अच्छी आदतों में एक है समय पर काम करना .. उसके कमरे में घडी हो या उसे घडी दे दीजिए और महत्ता बातईए .. इस पर बहुत कहाँनियां भी हैं ताकि बच्चा सीखें

बच्चों को आदत डलवाए कि हर रोज कैलेंडर की तारीख बदलनी हैं या महीने की या फिर कभी घडी रुक जाए तो तुरंत बताना है …

किसी दूसरों का मजाक नही बनाना भी जरुर सीखाना चाहिए… क्योकि आमतौर पर बडे ही मजाक बनाते हैं तो बच्चे वहीं से सीखते हैं जैसाकि कोई बहुत मोटा है या पतला है या फिर कद छोटा है … बजाय मजाक बननए के बच्चों को सीखना चाहिए कि भगवान ने ही हम सब को भेजा है इसलिए कभी मजाक नही बनाना चाहिए  समय पहले एक बच्चाNot Teasing

मीठा बोलना और मदद करना है बहुत जरूरी 
बच्चे को मीठा बोलना का महत्व जरूर बताएं. उसे समझाएं कि वाणी मधुर हो तो हम किसी भी काम को आसानी से कर सकते हैं. किसी पर चिल्लाना या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना सही नहीं है. बचपन में मैं दो आंटी थी एक राव आंटी और एक नारंग आंटी .. उनके चेहरे पर हमेशा स्माईल रहती थी … कितने साल हो गए उनसे मिले पर याद हमेशा रहती है …

Balanced diet लेने की आदत डलवाना .. असल में कई बार मम्मिया ही आलसी हो जाती है … बच्चा खेल कर घर आया .. भूख लगी है .. चल मैगी बना देती हू .. चल दुकान से पिज्जा मंगवा देती हूं .. ऐसे में अगर बच्चे के लिए कुछ हैल्दी बनाया होता तो कितना अच्छा होता ..

इन के साथ साथ … स्वच्छता रखना बचपन से ही संस्कार देंगें कि कूडा सडक पर नही डालना … डस्ट्बिन में ही डालना है या खाने से पहले और बाद में हाथ धोने हैं तो बहुत फर्क पडता है … ब्रुश करना भी रोज जरुरी है

और मेहनत खूब भाग दौड करना .. और चुस्त दुरुस्त रहना … आमतौर पर बच्चे स्कूल से आते ही थक जाते हैं और सारा समय बैड पर ही रहते हैं … उनसे काम करवाईए … जानबूझ कर उठाईए … खुद ही पानी लाकर देंगें , उठने नही देंगें तो क्या होगा … कभी आपको जरुरत पडेगे तो बच्चे में आलस ही रहेगा ..

 

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qualities of good parents – Good Habits Of Children

ये तो है कुछ अच्छी आदतें … जो जरुरी है बच्चे के विकास के लिए …

 

September 6, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

दिखावा करना कितना सही – Why Is It Bad To Show Off

Life of a Teenager

दिखावा करना कितना सही – Why Is It Bad To Show Off  –  दिखावा … शो ऑफ …  हम जो हैं वहीं रहें तो कितना अच्छा हो पर कितना दिखावा करते हैं … एक जानकार ने अपना तीन मंजिला घर बनवाया है … और उनकी टांग़े इतनी कमजोर हैं कि वो दो सीढी भी नही चढ सकती … तीन मंजिला इसलिए बनवाया कि उनके पति के बडे भाई साहब ने दो मंजिल बनवाया था … इसलिए उन्हें सिर्फ दिखाने के लिए ही बस … कई लोग शादी या सगाई से पहले बहुत दिखावा करते हैं ताकि अच्छा पैसेवाला घर बार मिले पर बाद में जब सच्चाई सामने आएगी तब क्या होगा …

सिर्फ अच्छा बनने के लिए दिखावा करना बुरे से भी बुरा है

दिखावा करना कितना सही – Why Is It Bad To Show Off

तो दिखावा किसलिए करना है … जैसे हैं वैसे ही रहें एकदम मस्त और खुश …

 

सीधी सी बात है कि दिखावे के चक्कर में हम अपनी स्वाभाविकता,  अपनी पहचान को खो देते हैं और बदले में पाते कुछ भी नहीं लोग हंसते जरुर है सामने नही तो पीठ पीछे क्योकि पता तो लग ही जाता है

तो दिखावा करना बहुत नुकसान करता है

देखिए हर किसी के व्यक्तित्व में बहुत सारी खूबियां और कमियां होती हैं पर दिखावे के चक्कर में हमारी अच्छाई हमारी खूबियां भी दब जाती हैं और हमारे उपर लेबल लग जाते हैं ऐसे दिखावे के फेर से बचे रहने मे ही समझदारी है देखिए क्या क्या नुकसान होते हैं

क्या क्या नुकसान हैं दिखावे के .. 

सबसे पहला कि हम दिखावा तो कर रहे हैं पर खुश नही सफल मगर प्रसन्न नहींबेशक हम  झूठ का दिखावा करने में सफल हो भी जाएं पर अंदर ही अंदर खुशी नही मिलेगी मान लीजिए बच्चे का रिश्ता कर रहे हैं बडी बडी बातें कर रहे हैं और अगर रिश्ता हो गया … तो मन में विचार तो आएगें ही ना कि क्या होगा अगर उन्हें सच्चाई का पता चल गया … जरा सोचिए अगर हम बिना दिखावा किए किसी काम को करते तो कितनी खुशी मिलती … अंदर से

दिखावे में एनर्जी वेस्ट होती है … इस चक्कर में झूठ भी बोलना पडता है नाटक करना पडता है

और इस वजह से जीवन में तनाव बढ़ेगा

समस्या पर समस्या आती जाएगीं सामने और तनाव खडा हो जाता है … मान लीजिए घर में शादी के लिए किसी से पैसे लिए और दिखावा ये कि हम तो बहुत अमीर है … तो क्या होगा जब पैसे मांगने वाला दो लोगो के सामने आएगा … जीवन में तनाव के लिए जगह बना लेते हैं।

अपनी स्वाभाविकता खोना – जो आप हैं उसे भी खो देते हैं दिखावे के चक्कर में

और धीरे धीरे हम अपनी खासयियत भी खोने लगते

जब आप दूसरों की तरह दिखने के लिए उसके रास्ते पर चलने की कोशिश करने लगते हैं तो आप अपना रास्ता खो देते हैं। आप उसकी तरह बनने के लिए अपने गुणों पर पर्याप्त समय नहीं दे पाते हैं।

विश्वास खो देते हैं

हैं ये तो ऐसा ही है दिखावा ही करता है और भी पता नही किस किस बात का दिखावा किया होगा … अपनी पहचान को खुद धुंधला कर देते हैं

दिखावे से जुडी एक कहानी जो नेट पर पढ़ी

एक आदमी की नई नई नौकरी लगती है … पहले दिन office जाता है और बैठ कर अपने शानदार केबिन को देख  रहा होता है तभी दरवाजा से खटखटाने की आवाज आती है दरवाजे पर एक सिम्पल  सा व्यक्ति रहता है , पर उसे अंदर आने कहनेँ के बजाय वह युवा व्यक्ति उसे आधा घँटा बाहर इंतजार करनेँ के लिए कहता है.

आधा घँटा बीतनेँ के पश्चात वह आदमी फिर  office के अंदर आने को कहता  है.

उसे अंदर आते देख युवक टेलीफोन से बात करना शुरु कर देता है. वह फोन पर बहुत सारे पैसोँ की बातेँ करता है, अपनेँ ऐशो आराम के बारे मेँ कई प्रकार की डींगें हाँकनेँ लगता है.

सामनेँ वाला व्यक्ति उसकी सारी बातेँ सुन रहा होता है, पर वो  व्यक्ति फोन पर  डींगें हांकना जारी रखता है.जब उसकी बातेँ खत्म हो जाती हैँ तो वो   उस व्यक्ति से पूछता है है कि तुम यहाँ क्या करनेँ आये हो?

वह आदमी उस व्यक्ति को विनम्र भाव से कहता है  सर , मैँ यहाँ टेलीफोन रिपेयर करनेँ के लिए आया हूं , मुझे खबर मिली थी  कि आप जिस टेलीफोन से बात कर रह थे वो चार दिन से  से बँद पड़ा है इसीलिए मैँ इस टेलीफोन को रिपेयर करनेँ के लिए आया हूँ…

इतना सुनते ही वो व्यक्ति मन ही मन शर्मसार हो जाता है और किसी काम का बहाना कहकर   चुप-चाप कमरे से बाहर चला जाता है..

उसे उसके दिखावे का फल मिल गया…

दिखावा करना कितना सही – Why Is It Bad To Show Off

दिखावा मत कर शरीफ होने का लोग खामोश तो हैं पर नासमझ नही…

September 5, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

छोटे बच्चों को कभी क्यों नहीं मारना चाहिए – Never Beat Your Child – Parenting Tips In Hindi

Life of a Teenager

छोटे बच्चों को कभी क्यों नहीं मारना चाहिए – Never Beat Your Child – reasons to not spank your child बच्चों को मारना पिटाई करना कितना सही है.. आजकल एक नया trend चला है और वो है अपने छोटे बच्चे को पढ़ाते समय  उसकी video बनाओ और यू टयूब  पर अपलोड कर दो …  बडा अच्छा लगता है … है ना … क्या अच्छा नही लगता .. बुरा लगता है … क्या वीडियो डालना या पिटाई करना …  दोनो पर पहले पिटाई करना … बिल्कुल सही बात कही आपने… पिटाई करना जरा भी सही नही …

छोटे बच्चों को कभी क्यों नहीं मारना चाहिए – Never Beat Your Child

आप मे से बहुत पैरेंटस के मन में आ रहा होगा कि क्या हुआ हम भी पिटाई खा खा कर ही बडे हुए हैं … बिल्कुल बडे हुए हैं पर आप ये भी मानते होंगें कि समय बदल गया है … बच्चे में सहन शक्ति कम हो गई है .. कह कर तो देखिए आज कुछ बच्चों को है हिम्मत ??

हमारे समय में अगर पैरेंटस बोल देते थे कि दो घंटे धूप में खडे हो जाओ तो बच्चे की हिम्मत नही होती थी कि किसलिए … पूछ ले … फिर समय बदला … अब बच्चा पूछ्ने लगा है कि क्या हुआ किसलिए खडा हो जाऊ …

 

 

ऐसे बदलते समय में बच्चों की कोमल भावनाएं ध्यान में रखते हुए हमें कोई दूसरा विकल्प खोजना होगा …

पीटकर ‘सुधारने’ की कोशिश मार पिटाई बिल्कुल भी नही …

असल में पैरेंटस  के पास अक्सर एक ही option होती है वो होती है  चिल्लाना , चांटा मारना, आखें दिखाना, मुक्का दिखाना, अपशब्द,  बोलना कुछ ऐसा बोलना जिसका मतलब आपका बच्चा जानता भी न हो…

अब बताती हूं कि क्या नुकसान हो सकते हैं …

छोटे बच्चों को कभी क्यों नहीं मारना चाहिए

पिटाई से कुछ समय बाद बच्‍चों के व्‍यवहार पर negative  असर पड़ता है बच्‍चों को मारना-पीटना आक्रामक बनाता है। साथ ही वे बुरा बर्ताव करने लगते हैं। उनके अभिभावक के चिल्‍लाने पर बच्चों में अवसाद और बेवजह तर्क करने की आदत भी पड़ जाती है।

अपनी problem share करने से डरते हैं उन्हें लगता है कि हमने कुछ कहा तो मार भी पड सकती है इसलिए डर बैठ जाता है की पेरेंट्स उन्हें मारेंगे इस डर से वो पेरेंट्स से खुल कर बात नहीं कर पाते और आगे चलकर रिश्तों में दूरियां बढ़ जाती है !

Dicision नही ले पाते डर की वजह से शेयर नही करते और प्रोब्लम जस की तस रहती है अब मानसिक रुप से कमजोर होते जाते हैं आगे जाकर ऐसे बच्चों को सीरियस मेन्टल डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है !

डर के कारण कुछ सीख नहीं पाते बच्चे ऐसा मानना है की बच्चों की ज्यादा पिटाई के कारण बच्चों में एक डर बैठ जाता है और उस स्थिति में बच्चों को आप अगर कुछ सिखाना भी चाहेंगे तो वो नहीं सीख पाता बल्कि और ज्यादा पिछड़ता जाता है

झूठ बोलने लगते हैं बच्चों के मन में ये डर बैठ जाता है इस वजह से बच्चे झूठ बोलने लगते हैं और आगे चलकर बच्चों और पेरेंट्स के बीच संवादहीनता (कम्युनिकेशन गेप) बढ़ने लगती है !

कॉफिडेंस कम होता जाता है बार बार बच्चों की पिटाई करने से बच्चों का आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है और वो दूसरे बच्चों से तुलना कर डिप्रेशन का शिकार होने लगता है !

बडो के प्रति respect  कम होता जाता है  बात बात पर पेरेंट्स द्वारा मार खाने की आदत से आगे चलकर बच्चे पेरेंट्स का आदर नहीं करते और रिश्तों में दूरियां आने लगती हैं !

बड़ों को ही मारने का हक़ है…….  हर बात का हल मारना ही होता है यही सीखते हैं जबकि हम यह सीख तो कभी देना ही नही चाह्ते

जो ताकतवर है वो ही सही है

टूट जाता है भरोसा

बच्चों को बार बार पीटने से बच्चों का पेरेंट्स पर से ये विश्वास उठ जाता है की पेरेंट्स उन्हें अच्छे के लिए पीटते है बल्कि वो ये सोचते हैं ये उनकी आदत मात्र है !

आगे चलकर बच्चों और पेरेंट्स का रिश्ता भी कमजोर होने लगता है पिटाई ही हर समस्या का हल नही है कितने नुकसान है इसके… तो क्या सोचा ??

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छोटे बच्चों को कभी क्यों नहीं मारना चाहिए – Never Beat Your Child – Parenting Tips In Hindi

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