Latest cartoons
मेरे बनाए कुछ Latest cartoons, Political cartoons और funny Cartoons Video के रुप में …
Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber
By Monica Gupta Leave a Comment
My Experience and Blogging – खासतौर पर लेखकों के लिए लेख – ब्लॉग क्यों जरुरी है… आज जब हमारे सामने लेखन कौशल दिखाने के लिए इतना विशाल क्षेत्र है तो हमें जरुर कुछ लिखते रहना चाहिए …
कल एक जानकार parents अपने बच्चे को लेकर आए …वो 5 क्लास मे है उन्होने दिखाया कि उनके बच्चे ने दो कविताएं लिखी हैं कैसी हैं… मैने पढी. वाकई बच्चे के हिसाब से बहुत ही अच्छी लिखी थी तभी parents ने पूछा कि आप कितने साल से लिख रही हो ……मैने कहा कि officially 27 साल से और unofficially 37साल से … उन्हें समझ नही आया तब मैने जो उन्हें बताया आपसे भी share कर रही हूं
पहले समय में लोगों के पास घडी नही हुआ करती थी पर उनके पास समय ही समय था और…. आज…. घडी हर किसी के पास है पर समय नही … ऐसी busy लाईफ में आपने अपना कीमती समय मेरे ब्लॉग को पढने के लिए निकाला जिसके लिए मैं आपका बहुत सारा thanks और स्वागत करती हूं…
वाकई, जिंदगी का एक एक पल बहुत कीमती होता है. जहां हम एक एक मिनट का हिसाब रखते हो ऐसे में दस साल पीछे रह जाना…. बहुत बहुत मायने रखता है…. जी हां दस साल पीछे !! पर ये सच्चाई है…. एक कडवी सच्चाई जिससे मुझे दो चार होना पडा… और मैं जिंदगी की रेस में दस साल पीछे रह गई. इस बात का दुख मुझे हमेशा रहेगा कि Writing का 36- 37 साल का Experience होते हुए भी मुझे आज 27 साल का Experience लिखना पडता है जिसका कारण है उन दिनों नए writers के लिए कोई platform न होना या फिर lack of information यानि मुझे जानकारी का अभाव होना.
बात उन दिनों की है जब मैं स्कूल में थी और stories पढना और लिखना बहुत अच्छा लगता था. लोटपोट और चंपक तो इतनी अच्छी लगती थी कि अगर मैं स्कूल जाने को तैयार होती और अखबार वाला मैगजीन दे जाता तो अचानक मेरे पेट में दर्द हो जाता. झूठमूठ का. स्कूल जाने से छुट्टी तो मिल जाती पर मम्मी से डांट भी पडती. कई बार तो मम्मी गुस्से में मुझे अलमारी के उपर ही बैठा देती पर मेरा ध्यान मैगजीन में ही रहता और मैं मम्मी को बोलती कि यहां मैगजीन भी पकडा दो और वहां आराम से मैगजीन पढती और उसे पढने के बाद नीचे कैसे आया जाए उसका बहाना सोचती.
कुल मिला कर story books पढने का बहुत शौक था हमारे सिलेबस में english और हिंदी में भी stories हुआ करती थी और तब मैं हमेशा सोचती कि अगर मुझे कहानी लिखनी होती तो मैं ऐसे लिखती कहानी वैसे लिखती.
ढेरों thoughts मन में आते रहते जिंन्हे मेरा बालमन कभी कापी के आखिरी पन्ने पर, तो कभी रफ कापी पर लिख लेता पर जरा भी समझ नही थी कि कहानी प्रकाशित होने के लिए क्या करना चाहिए कहां भेजनी चाहिए किस तरह से करना चाहिए. हंसी आती है आज भी ये सोच कर जब मैं अपनी लिखी कहानी कई बार पोस्टकार्ड पर भी भेज देती थी.
कुल मिलाकर 1975 से 85 के दशक में मुझे कोई भी सशक्त मंच नही मिला और मेरा लेखन बस मुझ तक ही सीमित रह गया. अपनी समझ के अनुसार रचनाएं लिखकर प्रकाशन के लिए भेजती रही पर ना किसी रचना को सम्भाला और न किसी का कोई रिकार्ड रखा और बस देखते ही देखते दिन, महीने और फिर साल गुजरते रहे. मेरी writing को कही कोई मौका नही मिला.
बहुत साल बाद 89 में अचानक, लोकल न्यूज पेपर में मेरी कहानी का छपना मेरे जिंदगी का mile stone था. मुझे नई दिशा मिली और फिर लेखनी चलती ही रही….
My Experience and Blogging
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अब… आपके मन में ये बात जरुर आ रही होगी कि ये सारी बात मैं आपसे किसलिए शेयर कर रही हूं. बात शेयर करने का एक बहुत बडा कारण है और वो है इंटरनेट….. एक समय था जब अपनी बात रखने के लिए कोई platform नही हुआ करता था फिर आया इंटरनेट का जमाना … और इसने अपनी ओर आकर्षित करना शुरु किया. नेट जहां मनोरंजन का साधन बना वही ब्लाग अपना नाम अपनी पहचान और शौहरत पाने का एक सशक्त माध्यम बन कर उभरा.
वैसे, पहले मुझे भी जानकारी नही थी कि ब्लाग है क्या ?? मैं भी कभी फेसबुक, कभी गूगल, कभी किसी की प्रोफाईल पर कमेंट कर दिया तो कभी किसी को हैप्पी बर्थ डे लिख दिया बस धंटों नेट पर यही करती रहती. जब blog का नाम सुना तब ज्यादा जानने की इच्छा हुई कि ब्लाग है क्या !!!
सर्च करना शुरु कर दिया. बहुत सर्च करने के बाद जब blog की importance और इसके ढेरों benefits का पता चला तो मैं हैरान ही रह गई और बिना समय एक पल गवाएं मैने नवम्बर 2012 में ब्लाग बना लिया. आज जो आप ब्लॉग पढ रहे हैं इसमें मेरी हजार से ज्यादा पोस्ट publish हो चुकी हैं जिसमे cartoons, कहानी, कविता, Zee news खबरे, Social Work,अनुभव, Videoवीडियों, ऑडियों Audio,समाचार पत्रों में प्रकाशित news paper cuttings आदि सब इसमें शामिल हैं.
Blogging एक ऐसा सशक्त माध्यम बन कर उभरा है जिसमें हम अपनी कला को न सिर्फ सहेज कर रख सकते हैं बल्कि अपनी knowledge और Experince पूरी दुनिया के साथ शेयर कर सकतें हैं
काश….. net की….. blog की सुविधा 70 टीज 80 मे होती तो शायद आज मैं भी यह कह सकती कि मेरे लेखन का 35 -36 साल का अनुभव है लेकिन ऐसा हुआ नही और, इसकी वजह से मैं, दस मिनट नही….. दस हफ्ते नही…….यहां तक की दस महीने भी नही बल्कि दस साल पूरे दस साल पीछे हूं और हमेशा रहूंगी….!!!
मुझे मालूम है कि ये सिर्फ मेरे साथ ही नही बल्कि मेरे जैसे कितने उदाहरण होंगें जो सिर्फ जानकारी की कमी की वजह से अपने सपनों को साकार नही कर पा रहे होंगें.
क्योकि कुछ कर दिखाने का talent तो हर किसी मे होता है…. talent आप मे भी है भले ही आप इस बात को न माने….. अब देखिए …मेरी एक friend खाना बहुत अच्छा बनाती है वो उसका टेलेंट हैं मेरी एक जानकार अम्मा जी के पास कहानियों का,प्रेरक प्रसंगों का खजाना है ये उनका टेलेंट हैं.. रश्मि आफिस में काम करती है पर अपने बच्चों की देखभाल पेरेंटिंग के लिए पूरा समय निकालती है ये उसका टेलेंट है.
एक अन्य जानकार रीतू ने blog बनाने की इच्छा जाहिर की पर उन्होनें यह भी बताया कि किसी भी तरह का टेंलंट तो उनके पास नही है पर बस कुछ करना चाहती है और यह बात उन्होनें जिस आत्मविश्वास के साथ कही मेरे विचार से अपने भीतर इच्छा शक्ति का होना ही सबसे बडा टेलेंट हैं इससे बढकर और क्या टेलेंट होगा मेरे विचार से आप भी मेरी इस बात से सहमत होंगें.
वही दीपक का maths बहुत अच्छा है ये उसका टेलेंट है. शबनम का बहुत छोटा सा किचन गार्डन है जिसमे उसने इतनी सब्जियां लगाई हुई हैं कि पूरे साल बाजार से नही खरीदती. कनु फिटनेस , diet का बहुत ख्याल रखती हैं और क्या खाना चाहिए क्या नही…. उसे सब पता है उसके परिवार में आज तक कोई भी बीमार नही पडा अब आप इसे क्या कहेंगें …. भई मेरे पास तो ऐसा हुनर नही है हम तो अंट शंट खाते भी खूब है और अपने बढते वजन से परेशान भी रहते हैं.
वही गोल्ड मैडेलिस्ट स्नेहा ने एम.ए एम फिल की हुई है उसकी पूरी अलमारी मैडल और ट्राफी से भरी हुई है पर शादी होने के बाद बस घर सम्भाल रही है मन तो करता है कुछ काम करने का…. पर नौकरी की इजाजत नही है… सारा दिन कभी किसी से गप्पे मारना, कभी शापिंग, कभी फेसबुक तो कभी टवीटर पर घंटों समय बीता रही है जबकि वो घर बैठे ही blog आय का साधन बना सकती है… क्योकि ब्लागिंग को ना सिर्फ लोग करियर बनाने लगें हैं बल्कि ये इंकम जरनेट करने का भी एक बहुत अच्छा सोर्स बन चुका है…पर बात फिर वही …जानकारी के अभाव की आती है…. स्नेहा को पता ही नही कि जो टाईम वो सिर्फ पास कर रही है उसका कितना सही utilize हो सकता है.
हैरानी है कि Facebook, गूगल Google plus, टवीटर की तो हमे जानकारी है पर blog क्या है…. इसके क्या benefits हैं इसकी जरा भी जानकारी नही… हम जानते ही नही है कि ब्लागिंग हमारी जिंदगी को बदल सकता है… नई पहचान देकर हमें बुलंदियों तक ले जा सकता है.
कुछ दिनों से यही बात मन में चल रही थी सोच रही थी कि क्यूं मैं दस साल पीछे रह गई … क्यों मुझे किसी बात की जानकारी नही मिली… फिर सोचा कि मन उदास करके या दुखी रह कर वो बीता समय तो वापिस नही लाया जा सकता तो क्यो ना मैं नेट के माध्यम से अपनी बात share करुं और आप सभी को blog की सारी जानकारी विस्तार से दूं. मेरे बीते दस सालो की तो भरपाई कभी हो ही नही पाएगी पर…. आपको…. जानकारी के अभाव में पीछे नही रहने दूंगी.
जिंदगी बेहद कीमती है और इसका पल पल मायने रखता है. इसलिए आप भी अपने भीतर दबी इच्छाओं को…. अपनी क्षमताओं को बाहर निकाले और ब्लाग बना कर उसे नया आसमान दें.
और खासतौर पर महिलाएं… प्लीज…. अपने आप को किसी से कम नही समझिए और ये भी नही सोचिए कि अब तो बच्चें बडे हो गए अब क्या करना… बस ठीक है कट रही है जिंदगी…जो जैसा चल रहा है…यही चलता रहेगा… पर अब समय आ गया है कि आप अपनी सोच बदले और नए जमाने के साथ कदम मिलाकर चले…. आप सोच भी नही सकतीं कि आपके अनुभव, आपके ज्ञान से से ना सिर्फ किसी को प्रेरणा मिल सकती है बल्कि किसी की जिंदगी में बदलाव भी आ सकता है… और आपको जो नई दिशा के साथ साथ भरपूर मनोबल मिलेगा उसकी तो आपने कल्पना भी नही कर सकती.
और अगर आप लेखक हैं तो फायदे ही फायदे हैं. सम्पादक की तरफ से रचना का धन्यवाद सहित वापिस आना कितना कष्टदायी और दुखदाई होता है मेरे से बेहतर और कौन जान सकता है…. कल ही मेरी कहानी सरिता पत्रिका से धन्यवाद सहित वापिस आई है … कल्पना कीजिए कि अगर रचनाए ऐसे ही वापिस आती रहती तो शायद लिखने का हौंसला भी टूट जाता .. अब रचना धन्यवाद सहित अगर वापिस आती है तो ब्लॉग जिंदाबाद…!!!
अगर हम ब्लाग पर लिख कर अपनी रचनाए डालते रहेंगें तो न सिर्फ हमारा मनोबल बढेगा बल्कि लेखन में भी सुधार होता जाएगा हमें हमारी कमियां पता चलती रहेंगीं और एक ना एक दिन हमारे ब्लाग को देख कर हमारे लेखन को देख कर सम्पादक खुद ही हमारे लेख लेना चाहेंगें…
बातें तो बहुत हैं बताने को पर समय को ध्यान मे रखते हुए मैं बस इतना ही कहना चाहूगी कि ये तो है मेरा अनुभव जो मैने आपसे शेयर किया…इतनी बाते आपसे शेयर करने का बस एक ही कारण है कि मैं आपको प्रेरित करती रहू… टोकती रहूं ताकि आप बैठे न रहें कुछ करें.
वो कहते भी है न कि
काम करो ऐसा कि पहचान बन जाए ,
हर कदम चलो ऐसा कि निशान बन जाए ,
जिँदगी तो सभी… जिँदगी तो सभी …..काट लेते है यहाँ
जिँदगी जियो ऐसे कि मिसाल बन जाए
दस साल पीछे रहने का दर्द जो मैने झेला है उससे आपको बिल्कुल नही गुजरने दूंगी ……. आप अपने भीतर टटोलिए तो सही…अपनी क्षमताओं को पहचान तो दीजिए…
मंजिल मिले या न मिले ये तो अलग बात है हम कोशिश भी न करें ये तो गलत बात है…
तो अगर आपके मन में…. अभी कुछ बातें चल रही हो… और आप जानना चाहते हैं तो मुझसे कभी भी सम्पर्क करके जानकारी ले सकते हैं या SetUpMyBlog पर क्लिक कर सकते हैं
अगली मुलाकात में….. ब्लॉग के बारे में ढेर सारी जानकारी होगी …
तब तक के लिए… बिना time waste किए जुट जाईए अपनी खूबियों को पहचानने में.. 😎
Photo by crdotx
Photo by a dreamer, named emely.
By Monica Gupta
एक पाती प्यार भरी – बेटे का पत्र मां के नाम – एक खूबसूरत रिश्ता , रिश्ता प्यार भरा , एक अच्छी किताब 100 दोस्तो के बराबर होती है पर एक उत्साहित करने वाला दोस्त तो पूरी की पूरी लाईब्रेरी होता है
और आप मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो ….. (एक पाती प्यार भरी)
पिछ्ले संडे हमारे पडोसी की बिटिया की शादी थी… वैसे तो इतना आना जाना नही था पर पर जब भी मिलते स्माईल एक्सेंज होती और उसके जाने के बाद एक खामोशी सी है….
ऐसा ही होता है और यही है जिंदगी … हर माता पिता की जिंदगी मॆं ये लम्हा जरुर आता है जब बच्चा पढने के लिए या नौकरी के लिए उनकी आखों से ओझल होता है … हम सभी को उसे सकारात्मक लेना है और बच्चॉं के सामने कमजोर नही पडना ….मुझे याद आया एक आर्टिकल जो इसी बारे मे मैने लिखा था और आज आपसे शेयर कर रही हूं ये उन मममियों को समर्पित है जो बच्चो को याद करके सारा समय रोती रहती है ये एक बेटे ने लिखा है अपने मम्मी पापा के नाम … जब उसने पहली बार अकेले घर से बाहर कदम रखा
प्यारी सी माँ,
कैसी हो? कल मैने पहली बार 17 साल के बाद घर से बाहर होस्टल मे जाने के लिए कदम निकाला है. मां, मै चोरी चोरी निगाहो से आपकी आँखे देख रहा था जब आप अपने आंसूओ को मुस्कान मे छिपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी. पता है, मै भी बहुत ज्यादा उदास था पर मैने खुद को पक्का किया हुआ था कि कुछ भी हो जाए आपके सामने कमजोर नही दिखूगा. आपका राजा बेटा हू ना और आपने ही तो कहा था कि जो राजा बेटा होता है वो कभी नही रोता.
माँ, आप बैग से सामान निकाल कर मेरे होस्टल की अलमारी मे लगा रही थी और मै सोच रहा था कि आपके जाने के बाद मैं कैसे रहूगां.कौन मुझे सुबह सुबह बालों में हाथ फेरते हुए उठाएगा. कौन मेरे लिए नाश्ते पर इंतजार करेगा. मेरे तैयार होने के बाद और वापिस लौटने पर कौन गेट पर खडा रहेगा.
मेरे लिए यह मुश्किल होगा पर मुझे विश्वास है कि आपका राजा बेटा सब कर लेगा. बस आप मेरी चिंता मत करना. पिछ्ले दस दिनो से देख रहा था जब से आप मेरे लिए पैंकिग कर रही थी कि बात बात पर आप उदास हो जाती थी. मेरा सामान पैक करते करते दस मिनट बाथरुम मे लगाती और वहाँ से ऐसे बाहर निकलती मानो कुछ हुआ ही ना हो. मै सब देखता रहता था. कई बार आपकी और पापा की बाते भी सुनता जब पापा आपको समझाते हुए कई बार नाराज भी हो जाते थे.
मैने पापा की हिम्मत को देखा है और मै आज आप दोनो के प्यार और विश्वास से जिंदगी मे बडा आदमी बन कर दिखाउगाँ. आपने जो संस्कार मुझे दिए है वो अब बहुत काम आएगें. हो सकता है शुरु शुरु मे मेरा मन ना लगे. ये भी हो सकता है कि मै जल्दी जल्दी घर के चक्कर लगाऊ या ये भी हो सकता है कि कई बार आप मेरा मोबाईल मिलाओ और वो बंद आए. आप किसी भी हालत मे फिक्र नही करना. आपका राजा बेटा खुद को मजबूत बनाएगा ताकि हर हालात का सामना कर सके और पढाई के साथ साथ अन्य गतिविधियो मे भी अव्वल आए जैसे स्कूल मे आया करता था.
बस, चार साल की तो बात है इंजीनियरिंग की पढाई तो पलक झपकते पूरी हो जाएगी और फिर तो हमने हमेशा ही साथ रहना है .. है ना माँ.
आप अब मेरी चिंता छोड कर अपना और पापा का ख्याल रखना. आप अपनी दवाई और कैलशियम हर रोज लेना और दूध पीना तो बिल्कुल मत भूलना और बासी रोटी और सब्जी छोड कर ताजी रोटी ही खाना और खुश रहना. अगर आप खुश रहोगे तो समझ लेना मै भी खुश हू और अगर आप रो रहे होंगे तो समझ लेना कि मै भी …
याद है ना आप मेरे लिए हमेशा कहा करती थी कि सीढियाँ उनके लिए बनी है जिन्हे छ्त पर जाना है ….. आसमान पर जिनकी नजर है उन्हे अपना रास्ता खुद बनाना है … बस माँ, मै रास्ता बनाने ही निकला हूँ आपके आशीर्वाद के साथ.
आज मुझे भी आपके लिए दो लाईने कहनी है मैने पढी थी…. एक अच्छी किताब 100 दोस्तो के बराबर होती है पर एक उत्साहित करने वाला दोस्त तो पूरी की पूरी लाईब्रेरी होता है
और आप मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो और मुझे बहुत खुशी है कि भगवान जी ने इतने प्यारे मम्मी पापा दोस्त रुप मे दिए हैं सच मे , मुझे अपने पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है. अच्छा, अब पत्र लिखना बंद करता हू शायद डिनर का समय हो गया है.
अच्छा…. अपना ख्याल रखना और रोना रोना नही करना… याद है ना …
आपका राजा बेटा
हर माता पिता की जिंदगी मॆं ये लम्हा जरुर आता है जब बच्चा पढने के लिए या नौकरी के लिए उनकी आखों से ओझल होता है … हम सभी को उसे सकारात्मक लेना है और बच्चॉं के सामने कमजोर नही पडना …. !!!
एक पत्र दुल्हनियां के नाम – Monica Gupta
एक पत्र दुल्हनियां के नाम …. बचपन मे घर घर खेलने वाली देखते ही देखते इतनी बडी हो गई कि आज अपना ही घर बसाने पिया के घर जा रही है.जहां read more at monicagupta.info
कैसी लगी आपको ये पाती … जरुर बताईएगा !!!
By Monica Gupta
Samsun – Glimpses – Hamse Achha Kaun इसके अंर्तगत ढेरों कार्यक्रम बनाए गए और बच्चों को अपनी प्रतिभा निखारने का पूरा मौका दिया गया. जब बच्चे टीवी पर आते और उनके मित्र और अविभावक उन्हे देखते तो उनकी अपनी खुद की पहचान बनती चली गई …. 🙂
https://monicagupta.info – Monica Gupta – Glimpses of TV programs by Samsun Creations under talent search & promotion program of DOST at Sirsa, Haryana.
By Monica Gupta
Samsun – Glimpses – Janamashtami
Samsun creations के अंतर्गत ढेरों कार्यक्रम बनाए गए .. जिसमे ये है एक झलक जमाष्टमी स्पेशल कार्यक्रम की … जिसमे बच्चों ने अपने तरीके से मनाया 🙂
https://monicagupta.info – Monica Gupta – Glimpses of TV programs by Samsun Creations under talent search & promotion program of DOST at Sirsa, Haryana.
Samsun – Glimpses – Janamashtami
By Monica Gupta
Samsun – Glimpses – Kuchh Tum Kaho
इसमें आप देखेंगें सैमसन क्रिएशनस दारा बनाए गए कुछ कार्यक्रमों की झलक… पहली झलक मे बहस इस बात पर है कि टयूशन होनी चाहिए या नही … बच्चों पर ट्यूशन कितना असर डालती है
https://monicagupta.info – Monica Gupta – Glimpses of TV programs by Samsun Creations under talent search & promotion program of DOST at Sirsa, Haryana.
Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]
GST बोले तो – चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या ? क्या ये सही कदम है या देशवासी दुखी ही रहें … GST बोले तो Goods and Service Tax. The full form of GST is Goods and Services Tax. […]
सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing – Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]