छोटे बच्चों की परवरिश के तरीके – Chote Baccho Ki Parvarish Ke Tarike – Parenting Tips छोटे बच्चों को अच्छा माहौल दें – बच्चों की परवरिश इन हिंदी- बच्चों की परवरिश कैसे करें . अकसर सभी माता पिता चाह्ते हैं कि अपने बच्चे को ऐसा माहौल दें कि वो खुश रहे … चिडचिडा न रहे … और जब वो बडे हो अपने बचपन को याद करे तो एक खुशी का अहसास हो …!!
छोटे बच्चों की परवरिश के तरीके – Chote Baccho Ki Parvarish Ke Tarike
कुछ दिन पहले मौसम अच्छा था तो हम लोग पार्क में सैर कर रहे थे … बहुत सारे बच्चें खेल रहे थे इस पर एक सहेली ने कहा कि मन करता है फिर से बच्चे बन जाएं.. इस पर एक दूसरी सहेली ने कहा कि बच्चा … अरे नही … मैं तो भूल कर भी नही बनना चाहती बच्चा. तनाव सा हो जाता है बचपन का नाम सुनकर …
हमनें बहुत पूछा इसने कुछ नही बताया पर इतना तो पक्का था कि कुछ जरुर ऐसा हुआ है कि जिसे वो याद नही करना चाहती इसलिए बहुत सोचने की बात है कि बच्चों को ऐसा माहौल दें कि वो बडे होकर न सिर्फ उसे याद करें बल्कि अपने बचपन को फिर से जीना चाहें …
मैं सोचती हूं कि कुछ एक बातें …
जैसाकि मार पिटाई , गुस्सा न करें … ये बात आप जानते ही हैं पर मानते नही है … इसे मानिए भी ..
समय दें …
इस समय के बीच में मोबाईल भी न आएं … ज्यादातर पैरेंटस क्या करते हैं कि हां भई … बच्चों के साथ हूं समय दे रही हूं घर पर जरुर है पर मोबाईल के साथ … इसलिए समय दें … क्वालिटी टाईम … ये भी नही होना चाहिए कि जब कोई प्रोब्लम आएं तभी बात करें … हर रोज आधा घंटा तो जरुर दें … चाहे वो डिनर टाईम हो या सुबह का समय हो ..वो आप पर है ..
तुलना न करें … एक मेरे पास मैसेज आया कि मेरा बेटा तीन साल का है वो टयूशन नही जाना चाह्ता जबकि उसकी उम्र के सारे बच्चे जाते हैं … देखिए यही है तुलना … दूसरे बच्चों से नही कई बार घर के भाई बहन से ही तुलना करने लगते हैं ऐसे में बच्चे को कॉम्प्लेक्स भर जाता है और ईर्ष्या की भावना आने लगती है …
बच्चों को ईमानदार बनना सीखाएं इसकी महत्ता बताए
बच्चों को बात बात पर प्रोत्साहित करें … बजाय ये कहने केे तुम नही कर सकतेे… ये कहिए तुुुुम क्योंं नहीं कर सकते … Give them encouragement along with constructive criticism. मान लीजिए आपने एक पौधा लगाया है उसे बोलिए कि इसका ख्याल रखो समय समय पर पानी दो इसमे जब फूल आ जाएगें हम पार्टी करेंगें …या चिडिया के लिए पानी रखना .. या किसी बहुत गरीब की मदद करना … एक परिवार हमेशा अपने अपने जन्मदिन पर वृद्धाश्रम जाता है वही बात वही गुण बच्चे में भी आ गए ..वो स्कूल में भी टोफी देता और वृद्धाश्रम ओल्ड एज होम भी जाता..
बच्चों को कभी ज्यादा समय के लिए नौकर या ड्राईवर के भरोसे न छोडे. इन पर पूरा ख्याल रखें या सीसीटीवी लगवा लें … ये खासकर उन महिलाओं के लिए है जो ज्यादातर किटी पार्टी में अपना सोशल स्टेटस बनाने में व्यस्त रहती है और बच्चे की ओर जरा भी ध्यान नही देती
Be the role model .. बच्चों के साथ बच्चा बन जाएं … उसके साथ जीए … समय गुजरते देर नही लगती … बच्चे अगर अच्छे और प्यारे माहौल में पला है तो हमेशा याद करेगा और बचपन में जाना चाहेगा … नही तो … !!! ???
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