Exams
Exams यानि परीक्षा … अक्सर परीक्षा देने के बाद , परीक्षा अच्छी होने के बावजूद नम्बर कम आते थे तो हम यही बात करते थे कि टीचर घर से लड के आई होगी. या गुस्से मे पेपर चैक किया होगा इसलिए नम्बर कम आए है. पर आज जब एनडीटीवी पर यूपी की खबर देखी तो होश उड गए. उसमे दिखाया गया था कि बोर्ड के पेपर चैक हो रहे हैं और पेपर चैक करने वाले चपडासी या ऐसे लोग है जिन्हे अंग्रेजी का ज्ञान तो दूर लिखना पढना तक नही आता. ऐसे लोग बच्चो का भविष्य तय कर रहे हैं. बहुत बच्चे तो नतीजे आने पर हीन भावना से ही ग्रसित हो जाते है और कुछ आत्महत्या तक कर लेते है … बहुत गम्भीर विषय है ऐसे विषयो पर डिबेट होनी चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो को पता लग सके और वो इसके खिलाफ आवाज उठा सकें और सरकार को जागाए .. निसंदेह … बेहद दुखद !!!
एशिया के सबसे बड़े माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड के 65 लाख छात्रों का भविष्य खतरे में दिखाई दे रहा है, क्योंकि इन बच्चों के एग्ज़ाम की कॉपियां चपरासी और बाबू जांच रहे हैं।
दरअसल, इस वक्त यूपी में 2015 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की पांच करोड़ कॉपियों को जांचने का काम तेजी से चल रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि बोर्ड की तरफ से मूल्यांकन परीक्षक बनने का नियुक्ति पत्र चपरासियों और बाबुओं तक को जारी कर दिया गया है, लेकिन खबर का खुलासा होने के बाद कुछ जगहों पर तो इन्हें कॉपी चेक करने से रोक दिया गया है…
यहां अंग्रेजी के टीचर से एनडीटीवी ने सवाल किया, Who is the VicePresident Of India?
टीचर का जवाब कुछ इस तरह से था, ‘Indian is a very famous Vice President in our justice of our Knowledge of a India Population in coming for civilization- come for Education’
उल्लेखनीय है कि अभी पिछले महीने बिहार में भी 12वीं कॉपियां जांचने वाले शिक्षकों की काबिलियत पर सवाल उठे थे, जब एनडीटीवी संवाददाता आलोक पांडे सहरसा के एक सेंटर पर पहुंचे थे। जब उन्होंने कॉपी जांच रहे शिक्षकों से बात की तो शिक्षकों की जानकारियां हैरान करने वाली थीं। अंग्रेजी की कॉपी जांच रहे शिक्षक को ‘शेक्सपियर’ की स्पेलिंग तक नहीं पता थी। Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे… First Published: अप्रैल 13, 2015 10:35 AM IST टैग्स:यूपी में परीक्षा, यूपी बोर्ड, 10वीं परीक्षा, शिक्षकों की योग्यता, चपरासी कर रहे हैं पेपर चेक
ऐसे में हम क्या उम्मीद लगाए और किससे उम्मीद लगाए … क्या होगा देश का… बच्चों का … सोच कर ही टेंशन हो जाती है…