Hike Salary of MLA
Hike Salary of MLA
सावधान .. अगर आप भी किसी विधायक के घर जा रहे हैं तो कृपया करके चाय वाय पी कर जाए अन्यथा … !!!! क्योकि विधायकों का कहना है कि खर्च की तुलना में वेतनमान बेहद कम मिलता है, इसके अलावा महंगाई बहुत ज्यादा है। दिनभर मेल-मुलाकातों के दौरान चाय-पानी पर काफी खर्च आ जाता है। ऐसे में हमें बेहद दिक्कत पेश आती है। हम इमानदारी से काम करने वाले लोग हैं, इसलिए वेतनमान में इजाफा होना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि आप सरकार वेतन बढ़ाने की मांग पर कार्रवाई कर सकती है।
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नई दिल्लीः घर चलाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के कई विधायकों ने वेतन बढ़ाए जाने की मांग की है। विधायकों का कहना है कि उनको जो भी वेतनमान मिलता है वह उनके दफ्तर और उससे संबंधित व्यवस्थाओं में ही खर्च हो जाता है, ऐसे में वह अपना घर खर्च कहां से चलाएं। वेतन बढ़ाने के लिए कुछ इसी तरह के तर्क देकर आम आदमी पार्टी के बीस से अधिक विधायकों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखे हैं। इन विधायकों का कहना है कि खर्च की तुलना में वेतनमान बेहद कम मिलता है, इसके अलावा महंगाई बहुत ज्यादा है। दिनभर मेल-मुलाकातों के दौरान चाय-पानी पर काफी खर्च आ जाता है। ऐसे में हमें बेहद दिक्कत पेश आती है। हम इमानदारी से काम करने वाले लोग हैं, इसलिए वेतनमान में इजाफा होना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि आप सरकार वेतन बढ़ाने की मांग पर कार्रवाई कर सकती है See more…
AAP MLAs demand a hike in their salaries from Arvind Kejriwal | Latest News & Updates at Daily News & Analysis
A delegation of 20 Aam Aadmi Party legislators on Friday met Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal demanding a hike in their salaries. Taking a clue from Parliamentarians in Lok Sabha and Rajya Sabha seeking 100 percent hike in their salaries, the AAP MLAs also decided to approach both Delhi CM and his deputy Manish Sisodia for a similar raise.
While speaking to dna AAP MLA Nitn Tyagi said that a team of 20 legislators had approached the CM, all the legislators unanimously agree that salaries must be raised.
“We get 53,500 in hand and it might sound a lot but we are not able to save a penny for ourselves. In fact I personally have on many occasions used money from my personal savings to work for the people of my constituency,” Tyagi said.
He added that not only him but other MLAs as well end up paying for the office, salaries of helpers, stationeries and so on, and that most of the previously lawmakers would also own business so had not much to rely on government salary.
“This is not the case with us. In a day, dozens of people from my constituency come to meet me with their problems. The people have to be served water, tea or snacks. This is basic courtesy but given the current salary even being courteous is turning out to be expensive for us.” dnaindia.com
तो इसमे गलत ही क्या है अभी नही कर सकते इतना खर्चा इसलिए तो अपने घर के बाहर बोर्ड लगा दिया है jee …